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कोरोना के खिलाफ

नमस्कार मित्रो
अभी जो कोरॉना काल चल रहा है उसे हराने के लिए देश के सभी डॉक्टर पुलिस कर्मचारी सब अपनी अपनी ड्यूटी पे युद्ध लड़़ रहे हैं उनकी जान भी खतरे में पड़ सकती है फिर भी वह देश की परवाह करते अपनी जान को खतरे में डालकर अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं और उसकी फर्ज पूरी तरह से अदा कर रहे हैं यह सब डॉक्टर पुलिस कर्मचारी सब के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद जो अपने घर परिवार छोड़कर अपने ड्यूटी बजा रहा है यह कोरोना काल ने हमारे जीवन में बहुत कुछ सिखाया है हमारे देश मेंं कितने सारे लोग हैं जो खाने पीने के लिए तरस रहे हैं.
कोरोना पर एक कविता लिखी है
कोरोना :मुझसे डरोना
कहा से सीखा तुमने रूम स्प्रे,बॉडी स्प्रे पहले तो तुम धूप कपूर आरती लोबान जलाते वही करो ना
कोरॉना: मुझसे डरो ना
शुरू से तुम्हें सिखाया गया अच्छे से हाथ पैर धो कर घर में आओ मत भुलो अपनी सस्कृति वहीं करोना
कोरोना: मुझसे डरो ना
उसने कहा शुरू से ही जानवरों को पाला पोसा प्यार दिया यही है तुम्हारे संस्कृति फिर उसका भकसन मत करोना
कोरोना: मुझसे डरो ना
कल रात मेरे सपने में आया कोरोना
कोरोना: मुझसे डरो ना
बहुत मुश्किल टाइम है संयम बनाए रखना दिन रात जो हमारी सेवा में है उसके लिए घर से बाहर मत निकलना मास्क जरूर पहनना जरूरी डिस्टेंस बनाए रखना कोरोना के खिलाफ हम सब को लड़ना है कोरोना से बचने के लिए बार-बार साबुन से हाथ धोए और कुछ लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर के पास इलाज करवाएं कोरोना वायरस एक संक्रमित रोग है यह रोग इंसान जानवर दोनों में हो सकता है.
एक शायर ने खूब अच्छा लिखा है.
मां बाप के पास बैठने से 2 फायदे होते हैं आप कभी बड़े नहीं होते और मां-बाप कभी बूढ़े नहीं होते
आज मैं मेरी नानी मां के लिए कुछ लिख रही हूं जो अभी इस दुनिया में नहीं है वह कोरोना काल की वजह से कल ही हमारे बीच से हमें छोड़ कर जा चुकी है
बूढ़े हो जाते है मा बाप बेटा और बेटियों की खुशियों के लिए और बेटा बेटी समझती है क्या यह तो मेरे मां बाप की उम्र का असर है
मां का प्रेम तो अंधा होता है बेटा हो या चाहे बेटी मां तो 9 महीने से पहले उसका चेहरे देखे बिना प्रेम करने शुरू कर देती है मा से बड़ा तो इस दुनिया में कोई भी नहीं है
ए जिंदगी अब मुझे रुलाया ना कर अब मुझे चुप कराने के लिए इस दुनिया में मेरी नानी मा नहीं रही सेवा सबकी कीजिए मगर आशा मत रखिए क्योंकि सेवा का सही मूल्य भगवान ही दे सकता है इंसान नहीं
एक बात है कड़वी है मगर बिल्कुल भी सच है
मृत्यु ही जीवन का सत्य है हम सब को यह सच को मानना ही होगा इंसान के जन्म के साथ उसका मृत्यु भी निश्चित ही है लेकिन हमारे जीवन में मेरी नानी से हम लोग इतने करीब से जुड़े हुए थे कि उनके निधन पर हम काफी भावुक हो उठे
यह कोरोना भी क्या बिगाड़ सकेगा तेरा नानी तूने तो मरने की तैयारी खुद से ही कर रखी थी अब मुझे इतना ही कहना है कि भगवान मेरी नानी की आत्मा को शांति मिले. साहेब बंदगी.