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फिल्म सड़क-2 की फिल्म समीक्षा

फिल्म... सड़क-2


डायरेक्टर.. महेश भट्ट


IMDB.. 1/10


Cast... आलिया भट्ट, संजय दत्त, आदित्य रॉय कपूर, पूजा भट्ट, गुलशन ग्रोवर etc


जेनर... ड्रामा, थ्रिलर


समीक्षा... NEPOTISM के दम पर कुछ लोग भले ही बॉलीवुड को अपनी विरासत समझते हैं लेकिन उन्हें नहीं पता कि अब भारत बदल चुका है और अब गलत बिना स्टोरी वालीं फ़िल्मों को लोग नहीं देखेंगे


यूट्यूब पर सबसे ज्यादा दिस लाइक पाने वाला ट्रेलर बनने के बाद सड़क-2 अब Imdb पर score में भी सबसे कम score वालीं फिल्म बन चुकी है


Film कितनी खराब हैं इसका पता IMDB Score से पता चल गया है और अगर hotstar पर अगर दिसलाइक का बटन होता तो शायद वहां पर भी वो रिकार्ड बना लेती


आप फिल्म देख कर ये ही सोचेंगे कि Nepotism की माँ की आँख


जिस बॉलीवुड ने Tumbad, जैसी फिल्म दी और सड़क 2 जैसी फिल्म देख लगता है कि आज बॉलीवुड वर्चस्व खतरे में है और साउथ फिल्म इंडस्ट्री व हॉलीवुड दिन पर दिन रिकॉर्ड बना रहीं हैं और बॉलीवुड nepotism की वज़ह से खतरे में आ रहा हैं


स्टोरी.... रवि वर्मा (संजय दत्त) जिसकी पत्नी की मौत होने पर वो सुसाइड करने वाला ही होता है कि तभी आर्या(आलिया भट्ट) आ जाती है जो कि घूमने के लिए आई हैं जिसकी बुकिंग रवि वर्मा की पत्नी पूजा वर्मा (पूजा भट्ट) के समय की होती है जो एक ट्रेवल एजेंसी चलाती थी, जब आर्या आती है तो रवि उसे काशी कैलास घुमाने ले जाती हैं,


और बीच रास्ते से आर्या अपने बॉयफ्रेंड विशाल(आदित्य रॉय कपूर) को साथ ले लेते हैं, आर्या जो फ़ेंक गुरुओं को एक्सपोज करना चाहती है और वो दूसरों तरफ वो अपनी सौतेली मां से भी लड़ रहीं हैं क्योंकि आर्या का मानना है कि उसकी मां नन्दिनी की हत्या उसकी सौतेली मां की है जो कि गुरुओं पर आस्था रखती है


फिर बीच में फैक गुरु गुरुजी ज्ञान प्रकाश की इंट्री होती है जिसका किरदार निभाया है markand deshpande ने


जिसके डायलॉग देख कर आप सुसाइड करने की सो चोगे


और एंड के बारे में तो क्या बताऊँ


मानों आप कोई 80,90 दशक की फिल्म देख रहे हों


Stoy समीक्षा. फिल्म की स्टोरी एक दम बकवास, घटिया हैं जिसे देख आप अपना क़ीमती समय बर्बाद हो मानोगे


क्योंकि जीतने भी किरदार हैं उन सब की back ground


स्टोरी हैं जिसे देख आप सोचने में mjbur हो जाओगे कि डायरेक्टर क्या दिखाना चाहता है एक फिल्म में


स्क्रीन प्ले भी इतना खराब है मानो आपके सामने दो ऑप्शन रखा है या तो आप फिल्म देखो या सुसाइड करों


किरदार... संजय दत्त का किरदार कुल मिलाकर ठीक है


लेकिन आलिया और अन्य किरदार मुझे अच्छे नहीं लगे क्योंकि उनमे फिलिंग नहीं है और डायलॉग भी अच्छे नहीं है जिसकी वज़ह से उनमे दम नहीं है


फिल्म की कमियां....


1 film की स्टोरी बिल्कुल ही खराब और बिना अर्थ की है जिसमें हर एक किरदार की अलग स्टोरी हैं


2 film का background म्यूजिक बहुत ही खराब है


3 फिल्म के डायलॉग अच्छे नहीं है


4 फिल्म में जिन पहलुओं को दिखाने की कोशिश की गई है
उन्हें सही से दिखाया नहीं गया है
5 film को मानों जल्दबाज़ी में पूरा किया गया है क्योंकि फिल्म का Vfx अच्छा नहीं है
6 film में किरदारों को डवलप नहीं किया है
7 film का direction बिल्कुल भी अच्छा नहीं है
8 film में किसी प्रकार का सस्पेंस नहीं है जिससे फिल्म को देखने का मन नहीं करता और आप film को बीच में ही छोड़ना चाहते हैं

मेरी नजर में फिल्म
मेरी नजर में ये फिल्म बकवास या फिर कहो समय खराब करने वालीं हैं जिसे देख कर मैंने अपना समय खराब किया था
मैं उसे 1star देता हूं वो भी संजय दत्त व अच्छे Songs के लिये
अगर मैं कहूं तो ये आपका समय ही खराब करेगी इसलिये ऐसी फ़िल्मों को न देखे और Nepotism का खुलकर विरोध करें

Note... फिल्म hotstar पर available हैं अगर आपको देखनी हैं तो वहां जाकर देख सकते हैं

Note... ये सभी मेरे अपने विचार और अनुभव हैं अगर किसी को ये फिल्म अच्छी लगी हो तो हो सकता है कि उसे ऐसी ही घटिया फिल्म देखनी की आदत हो
अगर कुछ गलती हो तो माफी चाहता हूं