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ये इश्क न था

मैं कल मोहल्ले में राकेश की शादी में व्यस्त था।
हम सब अपने अपने कामों में व्यस्त थे।
मैं भी खाना खाने की तैयारी में था,तभी मैंने मोहल्ले की लड़की छाया को देखा जो पहले मेरे साथ 8वी क्लास में पढ़ी हुई थी,
मैंने देखा कि इतनी खुशी के मौके पर भी उसकी आंखे नम थी,उदास लग रही थी वो।
मुझे भूख लग रही थी,लेकिन पता नहीं क्यों उसका चेहरा बार बार मेरी नजरो के सामने आने लगा ।
मैं पूछना चाहता था कि क्या कारण हैं,तुम उदास हो,लेकिन इतने लोगो के बीच पूछने कि मुझमें हिम्मत नहीं हुई।
अब मन में एक ही सवाल आ रहा था कि उससे बात कैसे की जाए और पुछु क्या कारण हैं कि तुम उदास हो।अब मैं उदास था।
जब वो वहां से घर जाने लगी तो रास्ते में उसको मेरी छोटी बहन ने रोक लिया और कहा कि छाया तुम काफी दिनों बाद आई हो, चाय पी कर चले जाना और मैं भी उसे चाय पीने के लिए फोर्स करने लगा ।पहले तो उसने मना किया लेकिन बाद ने मान गई,अब मुझे भी बहाना मिल गया उससे कारण पूछने का
घर आने के बाद अंशु चाय बनाने चली तो मैंने उससे पूछा कि छाया तुम उदास क्यों हो,तुम्हारी पलके भी नम हैं तो उसने कहां कि नहीं तो, मैं तो ठीक हूं,ऐसी कोई बात नहीं है।
मैंने उसे डांटा और कहां कि फिर तुम्हारी आंखें नम क्यों है,तो वह असहज होने लगी।
फिर वह थोड़ी देर बाद रोने लगी, मैं उसे शांत करना चाहता था,लेकिन वह 2,3 मिनट तक रोती रही,फिर जाकर वो चुप हो गई।
तभी अंशु चाय ले कर आ गई और हम चाय पीने लगे और अंशु राकेश के घर चली गई ।
इसके बाद वह अपनी स्टोरी बताने लगी
बात तीन साल पहले की है


जब मैंने 10th क्लास पास करने के बाद 11th art में नई स्कूल बी आर शिक्षण संस्थान सीकर ज्वाइन कर ली।
मैं स्कूल में गांव के लड़के कुलदीप की स्कूल वैन में आया जाया करती थी।
लगभग 3 महीने हो गए और मुझे कुलदीप से प्यार होने लगा था, मैं उससे बात करना चाहती थी लेकिन मेरे पास फोन नहीं था ।
इसलिए एक दिन मैंने हिम्मत करके उसके नाम एक पत्र लिखा और उसे देने के लिए बहाने से जल्दी से आ गई और उसे दे दिया ।
फिर काफी दिनों तक हमारी थोड़ी बहुत बात होने लगी और वो पापा से पैसे लेने या अन्य किसी काम से मेरे घर आ जाया करता था,जिससे मैं उसके और भी करीब आ गई थी ।
हमने 5,6 बार घर या वैन के किस भी किए थे
4,5 महीने ऐसे ही चलता रहा और हम एक दूसरे से बेइंतहां प्यार करने लगे।
एक दिन उसने मुझे कहां कि मैं तुमसे अकेले में मिलना चाहता हूं तो मैं एक दिन अपनी दोस्त के मिलने के बहाने से शाम तक के लिए घर से निकल गई
कुलदीप मुझे लेने आ गया और हम विकास के खेत में चले गए
विकास के खेत में कोई आता जाता नहीं था जो मेरे गांव के पास के गांव में था
मैं और कुलदीप एक कमरे में चले गए और मैंने मेरी लाइफ में उस दिन सबसे बड़ी गलती की
कुलदीप ने मुझे चूमा ,मैंने उसे चूमा और काफी दिनों की मोहब्बत के साथ ही हमने एक दूसरे के साथ शारीरिक संबंध स्थापित कर लिए ।
इसके बाद हम 11th पास करने से पहले लगभग 7,8 बार सम्बन्ध स्थापित किए।
जब गर्मियों की छुट्टियां शुरू हो गई तो एक दिन मैं कुलदीप के साथ होटल में चली गई वो, ,उस दिन हमने काफी समय साथ में बिताया ,
उसने मुझे चूमा और कहां कि आज मैं हमारे सेक्स का वीडियो बनाना चाहता हूं तो मैंने पहले तो मना कर दिया लेकिन जब उसने कहां कि घर जाकर डिलीट कर दूंगा तो मैंने हां भर दी।
लगभग हमने 30मिनट का वीडियो बनाया और फिर साथ में देखा भी था और फिर उसने मेरे सामने ही डिलीट कर दिया था।।
कुछ ही दिनों बाद मैंने नई स्कूल में एडमिशन ले लिया और अपनी पढ़ाई में बिजी रहने लगी
अब मैंने कुलदीप से मिलना बन्द कर दिया था और 12th,85% से पास कर ली और घर वालों ने मेरी सगाई भी कर दी थी।

अब मैं शहर में कॉलेज करने लगी और साथ में ही अपने मंगेतर से बात करने लगी थी ।
जब एक दिन मुझसे कुलदीप मिला तो उसने मुझसे मेरा नंबर मांगा और कहां कि हम फिर से वहीं सम्बन्ध बना सकते हैं तो मैंने मना कर दिया
मैं लगभग कुलदीप को भुला चुकी थी
लेकिन कुछ दिनों बाद कुलदीप मुझसे फिर मिला और मुझे एक वीडियो और कुछ फोटोज दिखाई ,जो वहीं वीडियो व फोटोज थी जो हमने होटल में बनाई थी,ये सब देख कर मुझे चक्कर आने लगे और मैं सोचने लगी कि ये सब तो हमने डिलीट कर दिए थे ना।
कुलदीप ने मुझसे कहा कि अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो मैं ये सब तुम्हारे भाई व सोशल मीडिया पर डाल दूंगा
ये सब सुनकर मैं रोने लगी व अपने आप को कोसने लगी कि मैंने इससे प्यार किया , मैं मर जाना चाहती थी,कुलदीप मुझे अपना नम्बर दे कर चला गया ।
ये सब बताते ,बताते छाया रोने लगी तो मैंने उसे पानी दिया और कुछ समय बाद वो चुप हो गई और बादमें मुझे आगे बताना शुरू किया

फिर मुझे कुलदीप से बात करनी पड़ी वो मुझसे अश्लील बात करता और मुझे बलैकमेल करने लगा
वो अक्सर मेरे शरीर के साथ खेलने लगा ,वो मेरे साथ जबरदस्ती करने लगा
मैं जब उससे बात नहीं करती तो वो मुझे गाली ,धमकी देता और मैं चाह कर भी कुछ नहीं कर सकती थी
अब मेरी पढ़ाई पर भी मन नहीं और मैं अक्सर अकेले में रोती रहती थी,यहां तक कि मुझे मेरे जिस्म से भी घृणा होने लगी थी

छाया ने कहां कि कुलदीप हमेशा मेरे साथ अकेला ही जबरदस्ती करता था लेकिन जब मैं पिछले सप्ताह उसके साथ होटल में गई तो मैंने पाया कि उसके दो दोस्त विकास व सुभाष पहले से ही रूम में मौजूद थे,ये सब देख कर मेरे तो होश ही उड़ गए, मैं वहां से भाग जाना चाहती थी लेकिन कुलदीप ने पहले ही रूम बंद कर लिया था,अब मै उसके सामने हाथ जोड़ने लगी लेकिन उन्होंने मेरी एक नहीं सुनी और तीनों ने मेरे शरीर को जानवरो की तरह नोचा
लगभग एक घंटे वे सब मिलकर मेरे साथ जबरदस्ती करते रहे, मैं एक घंटे में जिंदा लाश बना गई , मैं बेहोश हो गई थी और जब मैं होश में आई तो वहां सिर्फ कुलदीप ही मौजूद था,मेरा शरीर दर्द के मारे चिला रहा था तो मैंने कुलदीप से दर्द की दवा लाने के लिए हाथ जोड़ा तो उसने कुछ टेबलेट का दी और कुछ पलो के लिए मैं सो गई
अब भी दर्द था और ये दर्द जीवन भर रहेगा


ये सब बताते बताते छाया रोने लगी और रोते रोते कहां कि 4 दिन बाद उन्होंने फिर मुझे बुलाया है
मैं अभी से डर रही हूं
ये सब बताते बताते वो काफी समय रोने लगी और जाते समय बस ये ही कहां कि प्रहलाद तुम ये किसी बताना मत प्लीज

उसके जाने के बाद मुझे भी उन सभी से नफरत होने लगी और मैं सोचने लगा कि मैं भी ऐसे समाज का हिस्सा हूं जहां महिलाओं के साथ ऐसा किया जाता है,मुझे इंसानित से विश्वाश उठ गया ।

छाया के जाने के बाद मैं ये सोचने लगा कि किस तरह छाया को उन दरिंदो से बचाया जाए
इस सिलसिले में मैंने कुछ दोस्तों से सलाह भी बहाने से मांगी ।

फिर मैंने एक दिन हिम्मत करके छाया के भाई कृष्ण को से बात की और ये सारी बात बताई ,ये बात सुनकर कृष्ण को धक्का सा लगा और कुछ समय के लिए तो उसे यकीन भी नहीं हुआ कि कुलदीप ऐसा कैसे कर सकता है
फिर मैंने उनसे कहां कि आप मामाजी से बात कीजिए क्योंकि वो पुलिस में है और हमें अच्छी सलाह देंगे
तो राकेश मामाजी(पुलिस कांस्टेबल) ने कहां कि जब अगली बार छाया को वो बुलाए तो हम उन्हें गिरफ्तार कर लेंगे ,हमने ये सब बाते छाया को नहीं बताई।

सोमवार को जब छाया कुलदीप के पास गई तो हमने उसका पीछा किया और राकेश मामाजी को फोन कर दिया।
कुलदीप छाया को अपने दोस्त की होटल में ले गया ,जिस रूम में वे गए वहां पहले से सुभाष,विकास और एक अन्य लड़का मौजूद था
मामाजी व उनकी टीम ने होटल के रूम से उन सभी को गिरफ्तार करके उन सभी के मोबाइल जब्त कर लिए और उसके मोबाइल से वीडियो व फोटोज डिलीट कर दिए।
फिर छाया कि गवाही ले कर कुलदीप,विकाश,सुभाष व अन्यों पर रेप,ब्लैकमेल,शारीरिक शोषण, जान से मारने की धमकी,महिला अधिकारों का हनन आदि धारा लगा कर उनको गिरफ्तार कर लिया गया।
जब छाया गवाही दे रही थी तो वह इतनी रोई की हमें उसको शांत करने समय लगा ।
वो हाथ जोड़ कर अपने भैया से माफी मांगने लगी
अब छाया उनके जाल से मुक्त हो गई थी ,लेकिन उसकी सगाई टूट गई,वह लोगो की नजर में गिर गई और उसे कानून का सामना करना पड़ा।



ये कहानी पूर्णत काल्पनिक है,और इसके पात्र भी काल्पनिक है
मैं सभी महिलाओं,लड़कियों का सम्मान करता हूं

आज देश में ऐसे बहुत से मामले है जिनमे लड़कियों को ब्लैकमेल किया जाता है इसलिए मैं सभी लड़कियों से निवेदन करता हूं कि ऐसे समय में अपने घर वालो से खुलकर बात करे,या सलाह मांगे