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अधूरा प्यार

कॉलेज का आख़री लेक्चर खत्म करके मानवी स्टाफ रूम में आयी। पानी पिया और अपनी बैग, टिफिन और पानी की बॉटल लेकर पहले माले से सीढिय़ां उतरकर नीचे आयी। व्हिकल पार्किंग से अपनी स्कूटी बाहर निकालकर स्टार्ट की और कॉलेज के गेट से बाहर निकली। और तभी पीछे से एक जानी पहचानी आवाज़ आयी... हाय मन्नू... मानवीने स्कूटी रोककर पीछे देखा और देखकर उसके मन में ख़ुशी की लहर दौड़ गई। वो मानवी का कॉलेज का दोस्त अमन था। अमन को देखकर मानवी के मन में ख़ुशी की लहर दौड़ गई थी। मन तो कर रहा था की अभी स्कूटी से उतरकर अमन को गले से लगा लूं लेकिन वो यह कर नहीं पाई और अपनी स्कूटी बंध करके नीचे उतरी और अमन के पास गई। दोनों ने एकदूसरे से हाथ मिलाया। और कुछ नॉर्मल बातें की। मानवी ने पूछा, अमन तुम तो ऑस्ट्रेलिया गए थे ना जॉब के लिए फिर यहां कैसे??? अमन ने कहा, में यहां अपनी एक चीज़ ढूंढने आया हूं। ख़ैर, में यहां मॉल में शॉपिंग करने आया था और दूर से तुम्हे स्कूटी निकालते हुए देखा और तुमसे मिलने चला आया। ये सुनकर मानवी बहुत ख़ुश हुई। दोनों ने एकदूसरे से मोबाईल नंबर लिए और वापस मिलने का वादा करके अलग हुए। अमन को बहुत ज़रूरी काम था इसीलिए उसने मानवी को मिलने के लिए कहा था। मानवी ने स्कूटी स्टार्ट की और धीरे धीरे घर की और आने लगी। रास्ते में वापस अपने कॉलेज के दिनों में खोने लग गई। अमन, वर्तिका और मानवी ये तीनों बेस्ट फ्रेंड थे। कॉलेज में एकसाथ तीनों ने दाखिला लिया था। वर्तिका को कॉलेज के पहले दिन देखते ही अमन के होश उड़ गए थे। उसने तय किया की वो वर्तिका को ही अपनी लोंग लाइफ पार्टनर बनाएगा। अमन दिखने में बिल्कुल आज के नौजवानों की तरह था। बातों से किसी को भी ललचा सकता था। पढ़ाई में तेज़ और स्वभाव का रंगीन था। उसकी लाइफ स्टाइल आधुनिक थी। बड़े बाप का बेटा था लेकिन बिगड़ा हुआ नहीं था। वर्तिका, मानवी और अमन एक ही डिवीजन में थे। वर्तिका दिखने में बहुत ही सुंदर थी। गोरा रंग, कत्थई आंखें, कमर तक के बाल, और लंबा पतला कद- काठी। किसिके भी मन को भा जाए ऐसी दिखती थी वो। स्वभाव भी उसका बहुत अच्छा था। कॉलेज में आने के बाद वर्तिका की सबसे पहली दोस्ती मानवी से हुई। मानवी भी दिखने में सुंदर थी। लेकिन वो ब्लैक ब्यूटी थी। वर्तिका की तरह गोरी नहीं थी लेकिन वर्तिका से कम भी ना थी। लंबी, पतली कद-काठी, लंबे घने बाल और सुंदर नाक नक्शा। दोनों एकदुसरे की पक्की सहेली बन गई थी। साथ में नाश्ता करना, घूमने जाना, एक ही स्कूटी पे कॉलेज आना और जाना, शॉपिंग करने जाना वगैरा सब एक साथ ही था दोनों का। और इस तरह कॉलेज का एक साल खत्म होने को आया। मानवी और वर्तिका एकदुसरे के काफ़ी पक्के दोस्त बन गए थे। इस तरफ अमन दूर से ही वर्तिका को देखकर मन को तसल्ली देता रहता था और कोई ना कोई बहाने उससे बात करता रहता था। लेकिन उसकी हिम्मत नहीं थी वर्तिका को अपने मन की बात बताने की। कॉलेज के फ़ाइनल एक्जाम्स आ गए थे। सबके सरनेम वाइस नंबर आए थे।अमन और मानवी का नंबर आगेपीछे आया था। अमन के आगे मानवी का नंबर था। और वर्तिका दूसरी क्लास में थी। एक्जाम्स के दौरान अमन और मानवी एकदूसरे को कुछ कुछ पूछते रहते थे। अमन और मानवी अब इस तरह एक्जाम्स खत्म होने तक एकदूसरे के दोस्त बन गए। अब दो सहेलियों के बीच तीसरे की एंट्री हुई थी। अमन बहुत खुश था क्यूंकि उसे वर्तिका के नज़दीक आने का मौका मिला था। और इस तरफ़ समय के साथ साथ मानवी अमन को पसन्द करने लग गई थी। ये बात उसने वर्तिका को बताई। वर्तिका सुनकर बहुत खुश हुई और मानवी को कहा कि उसे जल्द से जल्द ये बात अमन को बतानी चाहिए। तब मानवी ने कहा कि सही समय आने पर वो अमन को अपने मन की बात ज़रूर बताएगी। मानवी सही समय का इंतज़ार कर रही थी। समय बीतता चला जा रहा था। अब बाहर घूमना -फिरना, मूवी देखना, मौज मस्ती सब में ये तीन हिस्सेदार थे। एग्जाम्स की तैयारी भी तीनों साथ में करते थे। और इस तरह कॉलेज का आख़री यर खत्म होने को आया। हर साल की तरह इस बार भी वेलेंटाइन डे आया। मानवी ने ठान ली थी को वो अमन को अपने दिल कि बात बताकर रहेगी। जबकी अमन इस बार भी कश्मकश में था कि वो वर्तिका को कैसे बताए अपने दिल की बात? और अगर वर्तिका ने मना कर दिया तो उसका दिल टूट जाएगा इसी घबराहट में उसने दो साल निकाल दिए थे। अब वेलेंटाइन डे आ गया। सब कॉलेज में बहुत खुश थे। एक्साइटेड थे। सब स्टूडेंट्स रेड और व्हाइट पहनकर आए थे। मानवी, अमन और वर्तिका भी रेड पहनकर आए थे। मानवी अपने दिल की बात बताने अमन के पास पहुंच ही रही थी कि उसने क्लास के बाहर आ रही बात सुनी। जिसमे अमन अपने दोस्तों को वर्तिका को किस तरह प्रपोज किया जाए ये बात पूछ रहा था। ये सुनकर मानवी की आंखें भर आई। उसका दिल टूट गया। ऐसा लग रहा था जैसे अभी गिरकर बिखर जाएगी। उसने अपने आप को संभाला और चूपके से वहां से रोती हुई आंखें लेकर चली गई। इस तरफ वर्तिका मानवी के आने का इंतज़ार कर रही थी। मानवी वर्तिका के पास पहुंच ही रही थी क वर्तिका के मोबाईल की रिंग बजी। मोबाईल रिसीव कर तुरंत ही वर्तिका रोने लग गई। मानवी ने कारण पूछा तब उसने बताया कि उसके पापा की मौत हो गई है। दोनों सहेलियां भागकर एक्टिवा पे वर्तिका के घर की और निकल पड़ी। मानवी ने इस दौरान बहुत ही अच्छी तरीके से वर्तिका को संभाला और सच्ची सहेली होने का उदाहरण पूरा किया। ये सब हो जाने से अमन ने अपने दिल कि बात वर्तिका को नहीं बताई क्यूंकि उसे ये समय ठीक नहीं लग रहा था। अब कॉलेज कि आख़री एक्जाम्स आ गई थी। तीनों ने कॉलेज की आख़री एक्जाम्स पूरी की। अब तीनों एकदूसरे से बीच बीच में मिलते रहते थे। ना अमन ने कुछ बोला, ना मानवी ने कुछ बोला और ना ही वर्तिका कुछ बोल पाई। महीने बीत रहे थे। वर्तिका अभी भी नॉर्मल नहीं हुई थी। इस तरफ अमन के पापा उसे ऑस्ट्रेलिया भेजने की तैयारी करने लग गए थे। एक महीने बाद अमन ऑस्ट्रेलिया चला गया। इस तरफ़ छह महीने बाद वर्तिका ने अपने पापा के दोस्त के बेटे से शादी कर ली। मानवी ने अब भी शादी नहीं की। वो आगे पढ़कर एक कॉलेज में लेक्चरर बन गई थी। अमन को बहुत दुख हुआ जब उसे वर्तिका की शादी का इन्विटेशन मिला। समय बीतता चला गया। तीनों अपनी अपनी लाइफ में जुड़ गए थे। मानवी और वर्तिका अभी भी एकदुसरे के कॉन्टैक्ट में थी। कुछ साल बाद एक दिन वर्तिका का फ़ोन आया मानवी पर की वो डिवोर्स ले रही है क्यूंकि उसके पति का अपनी सेक्रेटरी के साथ अफेयर था। और ये बात सुनकर मानवी चौंक गई। मानवी ने वर्तिका को समझाया कि शादी ना तोड़े। तब वर्तिका ने बताया कि वो एक साल से अपने पति को ये समझा रही है लेकिन उसका पति अफेयर तोड़ना नहीं चाहता था। और अब वर्तिका ने आख़री निर्णय ले लिया और दोनों के डिवोर्स हो गए। एक महीना हो गया। ये बात अमन को ऑस्ट्रेलिया में पता चली। दो महीने बाद अमन इंडिया आया। तब उसने मानवी को कॉलेज गेट पर देखा और उसे आवाज़ दी। अब वर्तमान कि देखें तो मानवी अपने घर स्कूटी लेकर पहुंच गई थी। बहुत खुश थी अमन से मिलकर। रात में उसे आज नींद ही नहीं आयी। पुराना समय याद कर रही थी। अब सुबह हो गई थी। आज रविवार था। अमन को मिलना था। इस ख़ुशी में जल्दी से वो रेडी हो गई थी। मन में बहुत कुछ चल रहा था। अमन ने उसे ११ बजे ग्लोरियस होटल बुलाया था। आखिर मानवी होटल पहुंच गई। अमन वहां पहुंच गया था। दोनों टेबल पर बैठे। अमन ने ऑर्डर दिया। शुरुआत में दोनों ने कुछ बातें कि। फिर अमन ने पूछा, मानवी तुम कब शादी करोगी? कोई लड़का ढूंढा नहीं तुमने? अब मानवी कैसे बताती की जिसे ढूंढा वो तुम ही हो और वो किसी और से प्यार करता था। और शायद अमन से सच्चे प्यार के कारण ही मानवी ने शादी नहीं की थी। मानवी ने कहा नहीं... कोई अब तक ऐसा मिला ही नहीं। और उसने तुरंत अमन को पूछा कि तुमने क्यूं अब तक शादी नहीं की?? तब अमन ने कहा कि वो वर्तिका से प्यार करता था कॉलेज के पहले दिन से और आज भी वर्तिका को प्यार करता है। और वर्तिका के डिवोर्स के बारे में उसे पता चला और वो इंडिया अब वर्तिका से शादी करने के इरादे से आया है। और उसे अब इस काम में मानवी की मदद चाहिए थी। ये सब सुनकर मानवी की आंखें आंसुओं से भर आयि। आज उसे वापस कॉलेज का वेलेंटाइन डे याद आ रहा था। आज फ़िर उसका दिल टूटा। लेकिन उसने बिल्कुल अपने चेहरे पे आने नहीं दिया। अपने आपको संभाला और अमन को वादा किया कि वो वर्तिका को बताएगी। और दोनों खाना खाकर अलग हुए। मानवी रोते रोते घर गई। घर जाकर बेड पर बिखर कर रह गई। पूरी रात अपने नसीब को कोसती रही और रोती रही। दूसरे दिन वो वर्तिका से मिली और ये सब बातें बताई। वर्तिका ये सब सुनकर चौंक गई की अमन उसे प्यार करता था और ये सुनकर दुःखी हो गई की मानवी के प्यार के बारे में अमन नहीं जानता था। वर्तिका ने साफ़ मना कर दिया शादी से क्यूंकि वो अपनी सहेली का प्यार पाना नहीं चाहती थी। लेकिन मानवी अमन की ख़ुशी चाहती थी इसीलिए उसने वर्तिका को दोस्ती की और अपनी कसम दी और वर्तिका को शादी के लिए राज़ी किया। अब अमन और वर्तिका की शादी हो चुकी थी। अमन बहुत ख़ुश था। वो वर्तिका को लेकर ऑस्ट्रेलिया चला गया। मानवी ने शादी ना करने का फैसला कायम कर अपनी लेक्चरर की ड्यूटी चालू रखी। वो अकेली थी लेकिन यादों के सहारे ख़ुशी से जी रही थी। उसके लिए अमन की ख़ुशी ज़्यादा महत्व रखती थी क्यूंकि अमन ने भी वर्तिका के प्यार की वज़ह से अब तक शादी नहीं की थी। मानवी सोच रही थी की हर प्यार की मंज़िल मांग के सिंदूर तक पहुंचे ये ज़रूरी नहीं।