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Good bye stress

GOOD BYE STRESS
आज के समय में तनाव (stress) लोगों के लिए बहुत ही सामान्य अनुभव बन चुका है, जो कि अधिसंख्य दैहिक और मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं द्वारा व्यक्त होता है।
WHAT IS STRESS ?
Stress is a feeling of being under abnormal pressure. This pressure can come from different aspects of your day to day life.
WHAT IS STRESS MANAGEMENT ?
Stress management is a wide spectrum of techniques and psychotherapies aimed at controlling a person's level of stress, especially chronic stress, usually for the purpose of and for the motive of improving everyday functioning.
तनाव की पारंपरिक परिभाषा दैहिक प्रतिक्रिया पर केंद्रित है। हैंस शैले ( Hans Selye) ने 'तनाव' (स्ट्रेस) शब्द को खोजा और इसकी परिभाषा शरीर की किसी भी आवश्यकता के आधार पर अनिश्चित प्रतिक्रिया के रूप में की। हैंस शैले की पारिभाषा का आधार दैहिक है और यह हारमोन्स की क्रियाओं को अधिक महत्व देती है, जो ऐड्रिनल और अन्य ग्रन्थियों द्वारा स्रवित होते हैं।शैले ने दो प्रकार के तनावों की संकल्पना की-
(क) यूस्ट्रेस (eustress) अर्थात मधयम और इच्छित तनाव जैसे कि प्रतियोगी खेल खेलते समय
(ख) विपत्ति (distress/डिस्ट्रेस) जो बुरा, असंयमित, अतार्किक या अवांछित तनाव है।
युवानी मे 15 से 35 की उम्र मे अलग अलग प्रॉब्लेम्स होते है और उन परेशानिया का हल भी अलग रहेते है,युवानो का स्ट्रैस अलगअलग तरह के रहता है।
*तनाव के कारकों को व्यापक रूप : और उनके उपाय :
1. जीवन की मुख्य घटनाएं और बदलाव : इस में किसी व्यक्ति की जिंदगी से जुड़ी कोई महत्वपूर्ण घटना , जो उसके जीवन पर चिरस्थायी प्रभाव डालती है। जैसे विवाह, सेवा-निवृत्ति या तलाक।
उपाय : प्रभु मैत्री : प्रभुमे विस्वास के साथ हर घंटे के बाद प्रभु का आभार मानो । हमारी क्षमता से ज्यादा ईश्वरने हमे बहोत ज्यादा दिया है।
2. रोजमर्रा की परेशानियां : ये वह परेशान करने वाली, निराशापूर्ण व दुखद आवश्यकताएँ होती हैं,जैसे वस्तुओं को गलत जगह पर रख देना या उन का गुम हो जाना, निर्धारित तिथि के अनुसार कार्य संपूर्ण करने की जिम्मेदारी, वाहनों के जाम में फँस जाना, पंक्ति में इंतजार में खड़े रहना।
3. दीर्घकालिक भूमिका से तनाव : जैसे की वैवाहिक जीवन में मुश्किलों का सामना करना, विकलांग बच्चे को संभालना या गरीबी में रहना।
4. अभिघात : ये अनपेक्षित, भयंकर, अत्यन्त अशांत कर देनेवाली घटनाएं होती हैं जो हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव छोड़ जाती है। जैसे आणविक हमला, बम फटना या प्रिय व्यक्ति की मृत्यु।
2,3,4 प्रकार की परेशनीय से बचने के उपाय : relax,take it easy,slow डाउन
*व्यवहारात्मक प्रतिक्रियाएं: डर/फोबिया, अशांत निद्रा,निकोटीन या कैफीन को अधिक मात्र में लेना,बेचैनी, भूख न लगना या आवश्यकता से अधिक खाना,चिड़चिड़ापन ,कीसीकी बात अच्छी नहीं लगती, आक्रामकता, समय का कमजोर प्रबन्ध,कार्य स्थान से अत्यधिक अनुपस्थित रहना, बारबार रोना
उपाय :Imotional unbalance दूर करने का सबसे अच्छा और Relexation करना है (जिसे शरीर मैत्री या वात्सल्य मैत्री भी कहा जाता है):पैर से लेकर मस्तिष्क तक observation करके शरीर के साथ मन शांत करना चाहिए । अष्टांग योग मे 8 प्रकार के steps सारी परेशानी का हल है ।
*कल्पनात्मक प्रतिकृया : असहायता ,एकाकीपन/अकेला रहना, नियंत्रण खोना,दुर्घटना/चोट, असफलता, अपमान/शर्मिन्दगी,मृत्यु या आत्महत्या 8 शारीरिक या यौन उत्पीड़न, स्वयं के प्रति बुरी धारणा
उपाय : यह सबसे बचने के लिए स्वजन मैत्री और परिवार मैत्री उत्तम उपाय है परिवार के साथ रहकर,सबके साथ sharing करना बहोत जरूरी है,सब मे विश्वास, सबके लिए प्यार,मैत्री रखना जरूरी है सब साथ मे बैठके प्रार्थना करे,अपने इष्टदेव के मंत्र जाप करे,जिससेआंतरिक चेतना जागने से negativity दूर होती है,मन स्वस्थ रहेता है। याद रखना चाहिए कि परिवार से बड़ा कोई धन नहीं,पिता से बड़ा कोई सलहकर नहीं,माँ कि छाव से बड़ी कोई दुनिया नहीं,भाई से बड़ा कोई भागीदार नहीं, बहन से बड़ा कोई शुभ चिंतक नहीं,इसिलिए कहा गया है कि ‘परिवार के बिना कोई जीवन ही नहीं ।
*संतुलित आहार :अपने आपको स्वस्थ रखने के लिए जरूरी है कि आप एक संतुलित आहार लें। संतुलित आहार का मतलब ये है कि जो डाइट आपको पूरी तरह से सभी पोषक तत्वों की पूर्ति करा दे॥ आपको इसके लिए एक तरीके से ये ध्यान रखना होगा कि आपके शरीर को दिन में कितना पोषण चाहिए होता है जिससे आप अपने आपको फिट महसूस कर सकें। अच्छे पोषण के बिना, आपके शरीर में बीमारी, संक्रमण, थकान और खराब प्रदर्शन का खतरा होता है।जिनसे stress से लड़ने की शक्ति भी कम हो जाती है।उम्र,काम और hight, weight के हिसाब से चार्ट रहता जिससे आपको पता चलता है कि आपको कितनी केलरी की जरूरत है। सभी पोशाक तत्वो मे फल और सब्जियो के अलावा आपको इन चीजों को भी अपनी डाइट में जरूर करना चाहिए शामिल, भरपूर मात्रा में आपके शरीर को मिलेंगे पोषक तत्व।
Stress से बचने के लिए सबसे जरूरी बात है; मैत्री,क्योकि मित्रता की परिघी से संसार की समस्त जीवसम्पदा आ जाती है,और शत्रुता ही खतम हो जाती है,और जब शत्रु ही नहीं तो विरोध कौन करेगा ? और संसार मे विरोध ही नहीं तो stress ही खतम। तो चलो अभी शुरू करे नया जीवन, प्यार,करुणा,मैत्री से भरा जीवन,all is well वाला जीवन,ACCEPT AND ADJUST वाला जीवन.... तभी हम कहे शकेंगे ..... I CAN DO IT,,,BYE BYE STRESS...