Koun hai wo - 4 books and stories free download online pdf in Gujarati

कौन है वो? - 4

मा-पापा भी ना कुछ भी बोलते हैं की फोन में भुत है। कुछ भी तो नहीं है। और खुशी हस पड़ी।..... अब आगे...
खुशी फोन लेके कुए कि ओर जा रही है। खुशी के पापा भी खुशी के पीछे पीछे जा रहे हैं। वो कुएं के पास पहोंची उसे डर लग रहा था। पर उसने अपनी आंखें बंद कर के भगवान का नाम लेते हुए फोन को कुएं में डाल दिया। और खुशी भाग के पापा के पास आ गई।
खुशी के पापा: खुशी डरो मत बेटा अब शायद सब कुछ ठीक हो जाएगा।
खुशी : शायद? आप ऐसा क्युं बोल रहे हैं पापा?
खुशी के पापा: क्युं की मैं नहीं जानता वो क्या था? अगर उसकी कोई इच्छा अधूरी है तो वो नहीं जायेगा बेटा। जो होगा देखा जायेगा। अभी चलो हम घर चलते हैं। घर पर तुम्हारी मां इन्तज़ार कर रही होगी।
खुशी घर आई। बहुत रात हो गई थी। वो अपने कमरे में जाकर सो गईं।
करीब रात के बारह बजे उसे फ़ोन की घंटी सुनाई दी। वो तुरंत बैठ गई। ईधर-ऊधर देखने लगी पर उसे फ़ोन नहीं मीला। वो बहुत डर गई। जोर जोर से चील्लाने लगीं। पर उसकी आवाज़ किसीको सुनाई नहीं दे रही थी। उसने दरवाज़ की तरफ देखा और वो दरवाजे कि तरफ भागने जा रही थी कि अचानक दरवाजा बंद हो गया। अचानक खुशी के कमरे कि बत्ती (लाईट) चली गई। और फीर से बत्ती आ गई तो खुशी ने देखा कि उसके बिस्तर पर वहीं फोन पडा है जो फोन बो कुएं मैं डाल कर आईं थीं।। और उस में से घंटी बज रहीं थी।
अब खुशी और ज्यादा डर गई थी। और गुस्से में रोते हुए बोली: कौन हो तुम? क्यों मेरे पीछे पड़े हो? आखिर तुम चाहते क्या हो मुझसे? प्लीज़ बताओ.... प्लीज़.....
फोन में से आवाज आई: मैं तुम्हें चाहता था, चाहता हूं, और तुम्हे ही चाहता रहुंगा।

मेरा नाम सुनील है। शायद तुम मुझे नहीं जानती। लेकिन मैं तुम्हें अच्छी तरह से जानता हूं। जब तुम स्कूल में पहली बेंच पे बैठती थीं मैं भी तुम्हारे साथ पठता था लास्ट बेंच पे। और तभी से मैं तुमसे प्यार करता हूं। मैं ने बहुत बार सोचा कि मैं तुम्हें बता दूं, लेकिन कभी हिम्मत नहीं हुई तुम्हें बताने की। बस फोन में तुम्हारी फोटो देख कर ही जीता था। और फिर मैंने तय कर लिया कि अब तुम्हें मेरे दिल की बात बता दूं।

उस दिन मैं बहुत खुश था। लग रहा था कि अब तुम्हें मुझसे कोई नहीं छीन सकेगा। और मैं तुम्हारे घर आ रहा था। मेरा दोस्त फोन पर मुझे यकीन दिला रहा था कि तुम हा कर दोगी। कि अचानक तेज रफ्तार कार मेरी और आ रही थी। मैं कुछ करूं इससे पहले तो पुरी कार मेरे उपर से गुजर गई और मैं वहीं गीर पड़ा। मेरे फ़ोन तुम्हारी फोटो थी। मैं चाहता था कि मरने से पहले आखरी बार मैं तुम्हें देखकर मरूं। और मैंने अपने फोन में से तुम्हारी फोटो देख कर दम तोड़ा। खुशी मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं और मैं तुम्हारे लिए ही वापस आया हूं। मैं तुम्हें अपने साथ ले जाने आया हूं। चलोगी न मेरे साथ खुशी?.............