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तू मेरी जिंदगी हैं - भाग - 9

भाग 9

राहुल और मायरा हॉस्पिटल पहुंचे।विशाल आई सी यू में था और अभी बेहोश था।

आई सी यू के बाहर ही इंस्पेक्टर मिल गया।उसे देखकर राहुल ने पूछा - "सर, कुछ पता चला कि एक्सिडेंट कैसे हुआ?"

"अभी विशाल को होश नहीं आया।इसलिए कुछ कह नहीं सकते पर तफ्तीश जारी है।इस केस से जुड़े दो लोगो की मोबाइल लोकेशन बताती है कि वो लोग एक्सिडेंट के समय घटनास्थल के आस पास ही थे।"

विशाल को शाम को होश आया।

"विशाल ,कैसे हुआ ये सब?"इंस्पेक्टर ने पूछा

"सर ,मै मायरा के घर से वापस आ रहा था।तभी सामने से आते एक ट्रक ने अचानक गाड़ी को साइड मार दी।"

"तुम्हे क्या लगता है,ये एक हादसा था या साजिश?"

"कुछ ठीक से नहीं कह सकता।सड़क पर कुछ खास ट्रैफिक नहीं था। मैं अपनी साइड पर गाड़ी चला रहा था।ऐसे में सामने से आते ट्रक का अचानक साइड मारना ,स्वाभाविक भी नहीं है।"

"तुमने ट्रक का नंबर देखा,या ड्राइवर को देखा?"

"नंबर तो नहीं देखा?पर ड्राइवर की एक झलक जरूर दिखाई दी।मुझे लगता है,वो समर था।पर मैं बहुत विश्वास के साथ नहीं कह सकता।"

"कौन समर,वो खुशी के कॉलेज का छात्र नेता?"

"हां,वो ही।पर शाम का समय था।रोशनी कम हो चुकी थी तो मैं बहुत पक्का नहीं कह सकता।"

"वो हम पता लगा लेंगे।आप चिंता ना करो।
आपको बता दू समर पहले ही हमारे शक के दायरे में है।उसकी मोबाइल कि लोकेशन बताती है कि वो एक्सिडेंट के समय घटनास्थल के आस पास ही था।आप आराम करो।जैसे ही कुछ ठोस पता चलता है, मै,आपको बताता हूं।"

कहकर इंस्पेक्टर आई सी यू से बाहर निकल गया।

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राहुल को इंस्पेक्टर का फोन आया।

राहुल - "हेल्लो"

इंस्पेक्टर-" राहुल तुम मायरा को लेकर हॉस्पिटल में विशाल के पास पहुंचो।तुम्हारे लिए एक अच्छी खबर है।"

"अच्छी खबर कैसी अच्छी खबर?"

"खुशी का खूनी पकड़ा गया है। "इंस्पेक्टर ने बताया।

"अच्छा कौन है वो?"राहुल के स्वर में खुशी और हैरानी थीं।

"हॉस्पिटल पहुंचो,सब बताता हूं।"

"ठीक है,मै आधे घंटे में मायरा को लेकर हॉस्पिटल पहुंचता हूं।"

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"राहुल ,इंस्पेक्टर ने बताया कि कौन खूनी है"?मायरा ने उत्सुकता से पूछा

"नहीं...उन्होंने फोन पर यही कहा कि वो हॉस्पिटल आकर बताएंगे।मै भी उन्हीं का इंतजार कर रहा हूं।"

"आ गए आप लोग"...कहते हुए इंस्पेक्टर ने कमरे में प्रवेश किया।

विशाल को अब आई सी यू से कमरे में शिफ्ट किया जा चुका था।

"इंस्पेक्टर साहब,जल्दी बताइए कि खुशी का क़त्ल किसने किया था?कौन है वो बेरहम जिसने मेरी मासूम खुशी की जान ले ली?हमारी ज़िन्दगी बर्बाद कर दी।उसे तो कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।"
खुशी का जिस दिन क़त्ल हुआ ,उस दिन उसकी अपनी सौतेली मां से बहुत बहस हुई... इंस्पेक्टर ने बताना शुरू ही किया था कि विशाल ने टोक दिया

"सौतेली मां?कौन है उसकी सौतेली मां?उसने मुझे कभी अपनी सौतेली मां के बारे में नहीं बताया"?विशाल के स्वर में हैरानी थीं।
"खुशी की अपनी सौतेली मां से पहली और आखिरी मुलाक़ात क़त्ल वाले दिन ही हुई थी।खुशी का शादी के बाद भी अपने पुराने प्रेमी की तरफ झुकाव था।हालांकि उसका प्रेमी अपनी ज़िन्दगी में आगे बढ़ चुका था।वो अब किसी और के साथ शादी करने वाला था।पर खुशी ऐसा नहीं चाहती थी।तभी कहानी में एक नया मोड़ आया ।प्रे

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कहानी अभी जारी है।
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