ziddi ishq - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

ज़िद्दी इश्क़ - 2

"पापा अपने पहेली बार मुझसे कुछ मांगा है मैं ज़रूर जाउंगी।"

माहेरा ने अपने पापा को देखते हैए कहा जबकि वोह अपनी माँ और भाईयो की उदास भरी नज़रे खुद पर महसूस कर सकती थी।

"बेगम आप दुखी क्यों हो रही है आपको तो खुश होना चाहिए हमारी बेटी पढ़ने के लिए बाहर जा रही है।"

"और माहेरा आप तैयारी करलो अगले हफ्ते आप इटली जा रही है।"

ज़ाकिर साहब ने पहले अपनी बीवी और फिर माहेरा की तरफ देखते हुए कहा।

माहेरा जो खुश थी कि अभी एक या दो महीने बाद इटली जाएगी अपने पापा की आखिरी बात सुनकर खामोश हो गयी। अभी वोह खुद भी उनके साथ वक़्त गुज़ारना चाहती थी।

"लेकिन आपको इसे भेजने की इतनी जल्दी क्यों है ज़ाकिर।" आरज़ू बेगम जो कब से खामोश थी अब बोल पड़ी। वोह अपनी चंदा को इतनी जल्दी खुद से दूर नही करना चाहती थी।

"अरे भाई आप लोग दुखी क्यों हो रहे है हम भी माहेरा के साथ दो हफ्ते के लिए इटली जा रहे है। ताकि माहेरा वहां अच्छे से एडजेस्ट हो जाये और जल्दी इसीलिए भेज रहा हु ताकि वोह वहा के लोगों और रास्तों से फैमिलियर हो जाये।"

ज़ाकिर साहब ने सबके दुखी चेहरे की तरफ देखते हुए कहा।

"याहू,,,,,,,,,हम भी इटली जा रहे है।" शाहिद और ज़ाहिद ने खुशी से चिल्ला कर कहा।

आरज़ू बेगम और माहेरा उनकी बात सुनकर मुस्कुरा दी।

"चलो अब सब लोग तैयारियां शुरू करो।"

ज़ाकिर साहब ने उठते हुए कहा।

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अलीज़ा ह्यूमेन ट्रैफिकिंग के ज़रिया रोम आयी थी। एक दिन शेर खान एक पार्टी से वापस आ रहा था रास्ते मे उसे एक बेहोश लड़की मिली वोह उसे अपने घर लाये, उसके बाद से अलीज़ा शेर खान के साथ रहने लगी धीरे धीरे उन्हें एक दूसरे मोहब्बत हो गयी और उन दोनों ने शादी करली।

शादी के एक साल के बाद माज़ पैदा हुआ और तीन साल बाद सलमान हुआ।

एक दिन अलीज़ा के साथ ह्यूमेन ट्रैफिकिंग में फसी एक लड़की अलीज़ा को रोड पर ज़ख्मी मिली, उसकी गोद मे चार साल का रामिश था।

रामिश को अलीज़ा के हवाले करके वोह ज़्यादा देर ज़िंदा नही रह सकी।

रामिश माज़ की ही उम्र का था।

शेर खान को वोह डरा सहमा बच्चा बहोत पसंद आया।

इस तरह रामिश शुरू से ही उनके परिवार का हिस्सा बन गया।

मगर माज़ और रामिश कि दोस्ती बेमिसाल थी।

अलीज़ा ने भी कभी उसे उसकी माँ की कमी महसूस नही होने दी।

वक़्त के साथ माज़ बिल्कुल अपने बाप की कॉपी बन गया लेकिन अपनी फैमिली के लिए उसका दिल बहोत नरम था।
वोह अपनी माँ से बे हद मोहब्बत करता था और उसके बाप से उसका रूह का रिश्ता था।
जबकि रामिश और सलमान उसकी ताकत थे और रामिश हर वक़्त साये की तरह उसके साथ रहता था।
वोह दोनो दो जिस्म एक जान थे।
दोनो की जान सलमान में ही बस्ती थी। वोह दोनो सलमान की हर ख्वाहिश पूरी करते थे। उसे बिगाड़ने में इन दोनों का ही हाथ था।

माज़ का रंग गोरा, ब्राउन बाल, लेकिन दोनों आंखों का रंग अलग था। उसकी राइट आंख नीली और लेफ्ट आंख ब्राउन थी, जिनमे हर वक़्त सेरियसनेस भरी रहती थी, घनी पलकें, तीखी लंबी नाक,पतले होंठ और गालो पर पड़ने वाले डिंपल जो कम ही दिखाई देते थे वोह पचीस साल का हैंडसम और अट्रैक्टिव नौजवान था।

रामिश का रंग गोरा, काले बाल, ब्राउन आंखे, लंबी नाक, भरे भरे होंठ, और काली दाढ़ी में वोह बेहद अट्रैक्टिव लगता था।

सलमान का रंग गोरा, ब्राउन बाल, गहरी नीली आंखे, जिन में हर वक़्त शरारत भरी रहती थी, तीखी लंबी नाक, एयर गालो पर पड़ने वाले डिंपल, वोह बाईस साल का अट्रैक्टिव हैंडसम और नटखट लड़का था।

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सलमान जो रेस करने में बिजी था मोबाइल पर रामिश की काल आते देख उसने अपना ब्लूटूथ न किया।

"यस भाई" सलमान ने काल उठाते हुए कहा।

"सलमान ब्लैक रोज़ मेंशन पर हमला हुआ है और उस हमले में मॉम को मार दिया गया है।"

रामिश ने दिल पर पथर रख कर कहा।

वोह अलीज़ा को अपनी मॉम की तरह ही समझता था। क्योंकि उसने कभी भी उसे उसकी मॉम की कमी महसूस नही होने दी थी।

उस खबर को सुनकर सलमान की पकड़ स्टेरिंग वील पर ढीली हो गयी और गाड़ी आउट ऑफ कंट्रोल हो गयी।

उसकी गाड़ी अभी दूसरी गाड़ी से टकराने ही वाली थी की उसने जल्दी से होश में आते ही गाड़ी को कंट्रोल किया।

"भाई मैं अभी आ रहा हु।"

उसने कहते साथ ही काल कट की और गाड़ी को रेसिंग ट्रैक से उतार कर रोड पर दौड़ दी।

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"मॉम आपको पता है ना अभी मेरा टेड्डी बेयर,शूज़, ओवर कोट भी लेना है।"

माहेरा ने टीवी लाऊंच में आते हुए कहा जहाँ आरज़ू बेगम बैठी कोई ड्रामा देख रही थी।

उसकी बात सुनकर आरज़ू बेगम ने टीवी बंद की और उसे अपने पास बिठा कर बोली:"मेरी चंदा तुम्हे जो लेना है उसकी एक लिस्ट बना लो उससे तुम कुछ भूलोगी नही और यहां जो टेडी बेयर है तुम वोह ले कर चली जाओ।

"मॉम वोह आप लोगो के साथ रहेगा और प्लीज मॉम मुझे काले रंग का टेडी बेयर लेना है।"

माहेरा ने मासूम सा मुंह बना कर कहा।

उसका मासूम से मुंह देख कर आरज़ू बेगम को उस पर बे तहाशा प्यार आ रहा था।

"मेरी चंदा जो कहेगी हम वोह ज़रूर लेंगे और तुम्हारे पापा ने तुम्हारा एकाउंट भी खुला दिया है। तुम्हे जिस चीज़ की भी ज़रूरत होगी तुम वहां से खरीद लेना।"

आरज़ू बेगम ने प्यार से उसके सिर पर हाथ फेरते हुए कहा।

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इटली, रोम:

जब माज़ कमरे आया तो सलमान रामिश और उसके डैड वहां पहले से ही मौजूद थे।

"डैड" माज़ ने शेर खान की तरफ देखते हुए कहा।

उसे देख कर शेर खान ने अपना बाज़ू फैलाया।

माज़ फुरण जा कर उनके गले लग गया।

"डैड मैं मॉम की हिफाज़त नही कर सका।"

उसने टूटे हुए लहजे में कहा............तो शेर खान ने उसे कस कर गले लगा लिया।

वहां सब लोग उस के दुख को महसूस कर सकते थे, क्योंकि सबका दुख एक सा था।

लेकिन वोह लोग रो नही सकते थे उनके लिए यह उनकी शान के खिलाफ था।

"माज़ मुझे नही पता था कि तुम इतने बेवकूफ हो कि दुश्मनों की चाल को न समझ सको।"

उन्होंने माज़ को खुद से अलग करते हुए कोल्ड आवाज़ में कहा।

जबकि माज़ उन्हें न समझी से देख रहा था।

रामिश और सलमान बस खामोशी से उन दोनों की बात सुन रहे थे।

"उन्होंने इसीलिए हमला किया कि तूमन अपनी मॉम को अपनी ताकत के बाजाए अपनी कमजोरी समझा जबकि वोह यह सब करके तुम्हे कमजोर कर रहे है ताकि तुम खुद को कुसूरवार समझ कर उन्हें मौका दो और वोह दोबार तुम पर हमला कर सके।"

वोह इतनी दूर तक सोच रहे थे, जबकि वह मौजूद हर इंसान उनकी अक्लमंदी से इम्प्रेस हो गया था।

"रामिश मैं ने तुम्हे काल और एक काम करने के लिए कहा था तुमने मुझे अभी तक उसके बारे में कुछ नही बताया।"

उन्होंने पहले माज़ और फिर रामिश को देखते हुए कहा।

"जी मास्टर मैं ने सारी डिटेल्स निकाल ली है, यह हमला अल्बर्टो ने करवाया था और उसे यह बात पता थी कि मैडम आज ब्लैक रोज मेंशन आने वाली है। हमारे ही आदमियों में से किसी ने हमें धोखा दिया है। मास्टर आपको याद होगा पिछले साल किसी ने उसका सारा माल पुलिस के हवाले कर दिया था और किसी ने उस पर हमला किया था और उस हमले में उसकी बेटी मेरी गयी थी।
वोह उन लोगो को ढूंढ रहा है जिस ने उसकी बेटी मारा था।............"

रामिश ने एक नज़र सबको देखा और आगे बोला।

"किसी ने उसे झूठी खबर और झूठे सबूत दिये है कि हमारी गैंग ने उन पर हमला किया था और उसकी बेटी को मार दिया था।"

उसने रुक कर गहरी सांस ली और फिर बोला।

"वोह लोग इस मौके की तलाश में थे जब मास्टर शहर में न हो और माज़ इसके लिए तैयार न हो।
हमारी ही गैंग के ही किसी आदमी ने यह खबर दी और उन्होंने पहले आगे की तरफ हमला किया ताकि हमारा धयन पिछले हिस्से पर न जाये।
वोह पिछले हिस्से से घर मे एंटर हुए और सबसे हैरानी की बात यह है कि उन्हें मैम के रूम के बारे में पहले ही पता था। वोह घर से कब निकली और यहाँ कब पहोंची उन्हें सब खबर थी। जिस ने उन लोगो को मैम की खबर दी वोह स्टेला थी और हमने उसे पकड़ कर टॉर्चर सेल में डाल दिया है।"

"अल्बर्टो को भी हमारे आदमियों ने ढूंढ लिया है और वोह अब उनकी निगरानी में है। वोह इस वक़्त शहर के बाहर अपने एक मेंशन में है उस मेंशन के बारे में उसके कुछ खास लोगो के इलावा किसी को भी नही पता है।"

रामिश ने अपनी बात पूरी करने के बाद अपने मास्टर की तरफ देखा।

"तुमने अच्छा काम किया रामिश, मैं चाहता हु तुम और माज़ कल उस पर हमला करो और उसे आहिस्ता और तकलीफ देह मौत दो, और मैं उस आदमी से मिलना चाहता हु जिसने मेरी बीवी को मारा है। मुझे भी उसे अपनी स्पेशल सर्विस देनी है।"

शेर खान ने उन दोनों की तरफ देखते हुए कहा।

"डैड मैं भी माज़ भाई और रामिश भाई के साथ जाना चाहता हु।"

सलमान जो कब से खामोश था अपने डैड की बात खत्म होते ही बोल पड़ा।

"मैं भी चाहता हु तुम उनके साथ जाओ अगर वोह तुम्हे अपने साथ ले जाये तो........."
शेर खान ने अपनी इएब्रो उचकाते हुए कहा।

"नही सलमान तुम जानते हो अभी तुम्हारी ट्रेनिंग चल रही है और तुम हमारे साथ उन पर हमला करने के लिए तैयार नही हो, वोह तुम्हे आसानी से टारगेट कर सकते है।"

माज़ ने उसे अपने साथ लगते हुए आगे कहा।

"और तुम डैड की हेल्प कर सकते हो उस आदमी को टॉर्चर करने में इस तरह तुम्हे डैड से सीखने मिलेगा।........और अब तुम्हारी ट्रेनिंग और इस्ट्रिक्ट होने वाली है इस तरह तुम कुछ ही महीने में ट्रेनेड हो जाओगे।"

"माज़ बिल्कुल सही कह रहा है इस तरह से तुम्हे मास्टर से कुछ सीखने मिलेगा।" रामिश भी माज़ की हां में हां मिलते हुए बोला।

"बिल्कुल सही सलमान आखिरकार तुम्हे मेरा डेविल रूप देखने का एक सुनहरा मौका मिला है।"
शेर खान ने उसे देखते हुए कहा।

"हम्म ठीक है फिर मैं डैड की हेल्प करूँगा।"
सलमान ने बड़ी बड़ी उन दोनों को देखते हुए कहा।

क्यों कि वोह जनता था उसका निशाना अभी भी मिस हो जाता था और उसके लिए उसे और प्रैक्टिस करनी थी।

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लखनऊ एयरपोर्ट, इंडिया:

"शाहिद, ज़ाहिद उस आंटी को देखो तो उनकी आंखें कितनी बड़ी बड़ी है और ऊपर चश्मा जैसे मेंढक की आंख पर किसी ने गलती से गिर दिया हो।"

माहेरा जो अपनी फैमिली के साथ एयरपोर्ट पर फ्लाइट का इंतज़ार कर रही थी अब बोर होते हुए अस पास के लोगों का मज़ाक उड़ा रही थी और शाहिद, ज़ाहिद उसका भरपूर साथ दे रहे थे।

"हाहाहा...........सिस्सो उस लम्बे बाल वाले लड़के को तो देखो उसके कान में इयरिंग्स भी है वोह कितना मस्त लग रहा है।" शाहिद ने एक लंबे बाल वाले लड़के की तरफ इशारा करते हुए कहा।

"हाये, उसके बाल कितनी लम्बे और खूबसूरत है। जाओ ज़ाहिद मेरे भाई उससे उसके बालो का राज़ पूछ कर आओ।" माहेरा ने अपने कंधे तक आते बालो को छू कर कहा।

"हाहाहा......सिस्सो तुम भी ना वोह कोने वाले लड़के को देखो कितना पतला और लम्बे है ऐसा लगता है अगर मैं ने हल्की सी फूंक मारी तो उस जाएगा।.......और कपड़े कितने टाइट पहने हैए है उसके हडियॉ वाले ऐप्स को तो देखो, टाइट शर्ट में किन बेबस लग रहे है।" ज़ाहिद ने लम्बे लड़के की तरफ इशारा करते हुए कहा।

उसकी बात सुनकर माहेरा और शाहिद हँसने लगे।

"चलो बच्चो बाद में लोगो पर कमेंट करने फ्लाइट की अनाउंसमेंट हो गयी है।" ज़ाकिर साहब ने उन तीनों के देखते हुए कहा।

माहेरा जो खुशी से अपने भाइयों के साथ चल रही थी उस यह नही पता था इटली पहोंचा कर उसकी जिंदगी में कितना बड़ा तूफान आएगा।

कहानी जारी है...........