ziddi ishq - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

ज़िद्दी इश्क़ - 5

माहेरा जब केफे से घर आई तो सोफ़िया उसे कहि नही दिखी, उसे लगा कि वोह मार्किट गयी होगी इसीलिए वोह भी जा कर अपने रूम में लेट गयी और देखते ही देखते वोह नींद की वादियों में उतर गई।

जब उसकी आंख खुली तो रात के आठ बजे रहे थे।

वो जल्दी से उठ कर बाहर गयी तो देखा की सोफ़िया अभी तक घर नही आई है।

उसने परेशान होते हुए सोफ़िया को कॉल की, लेकिन सोफ़िया ने उसका फ़ोन नही उठाया।

"यार सोफ़िया फ़ोन क्यों नही उठा रही हो।" माहेरा ने बड़बड़ाते हुए दोबार उसका नंबर डायल किया।

आखिरकार दो तीन रिंग के बाद सोफ़िया ने फ़ोन उठा ही लिया।

"हेलो! सोफ़िया तुम कहा हो?" माहेरा परेशान हो कर बोली।

"वोह,,,,,,वोह माहेरा कॉलेज का एक लड़के मेरी कुछ फ़ोटो को एडिट करके मुझे ब्लैकमेल कर रहा था, इसीलिए मैं उस से बात करने आई हूं।"

सोफ़िया ने परेशान होते हुए माहेरा से कहा।

"तुम पागल हो गयी हो तुमने मुझे क्यों नही बताया।" माहेरा गुस्से से बोली।

"उन लोगो ने कहा है अगर मैं ने किसी को भी कुछ बताया तो वोह मेरी फोटोज इंटरनेट पर डाल देंगे।"

सोफ़िया ने रोते हुए कहा।

"तुम चुप हो जाओ! पहले यह बताओ तुम कहा हो?"

माहेरा ने अपने बालों को मुट्ठी में जकड़ते हुए कहा।

"दी नॉस्टेरा कॉस्ट क्लब।" सोफ़िया ने उसे जल्दी से बताया।

"तुम वही रुको मैं अभी आती हु।" माहेरा ने अपनी जैकेट और पर्स उठा कर बाहर निकलते हुए सोफ़िया से कहा।

..........

दी नॉस्टेरा कॉस्ट क्लब:

"ऐ लड़की तुम यहाँ क्या कर रही हो?"

सोफ़िया जो उस लड़के से छुपते हुए माहेरा की कॉल पिक करने आई थी अपने पीछे से एक लड़के की आवाज़ सुनकर डर से कांपने लगी।

"मुझे इस रूम में जाना है।" यह देख की वोह वोह सिक्योरटी गार्ड है सोफ़िया नर एक कार्ड दिखाते हुए कहा।

"यह प्रिवेट रूम दूसरी तरफ है आप सिक्योरिटी रूम में जा रही है।" सिक्योरटी गॉर्ड ने कार्ड देखते हुए कहा।

"ओके।" सोफ़िया ने कहा और उस तरफ चली गयी।

सोफ़िया भीड़ से गुजरती हुई प्रिवेट रूम में चली गयी।

वोह रूम के पास पहोंची तो पहले ही वोह लड़का रूम के बाहर खड़ा उसका इंतेज़ार कर रहा था।

वोह जो खड़ा हो कर सिगरेट और शराब पी रहा था सोफ़िया को देख कर अपने पीछे अंदर आने का इशारा किया।

सोफ़िया उसकी हालत देख कर ही डर गई जिसकी आंखे शराब पीने की वजह से लाल हो गयी थी।

वोह डरते हुए उसके पीछे गयी जबकि अंदर की हालत देख उसे ऐसा लग जैसे आज वोह ज़िंदा ही नही बचेगी।

अंदर चार लड़के बैठे शराब पी रहे थे।
.........

माज़ और रामिश इस वक़्त नॉस्टेरा कॉस्ट क्लब में लुएक के साथ बैठ कर शिमेंट के बात कर रहे थे।

"तुमने डेरिक को मार कर अच्छा नही किया माज़! वोह मेरा राइट हैंड था। अगर वोह शिपमेंट तुम्हे नही मिली तो अगली शिपमेंट का इंतेज़ार कर लेते तुम्हे उसे मारने की क्या ज़रूरत थी। अगर मैं शहर में नही था तो इसका यह मतलब नही की तुम मेरे आदमियों को मारते फ़िरो।"

लुएक ने गुस्से से माज़ से कहा।

.............

माहेरा क्लब में पहोंची और सोफ़िया की भेजी हुई लोकेशन पर जाने लगी तभी वोह जैकसन से टकरा गई।

वोह इस वक़्त बस सोफ़िया के ही बारे में सोच रही थी इसीलिए वोह जैक्सन पर ध्यान दिये बिना ही उसे सॉरी बोलते हुए तेज़ी से प्रिवेट रूम के अंदर चली गयी।

...........

"मुझे लगा था तुम्हारे पास इतनी ताक़त और अक्ल ज़रूर होगी कि तुम असल वजह का पता लगा लो मगर.......अफसोस तुम्हारे खुद के आदमी तुम्हारे वफादार नही है। वोह हमारी शिपमेंट थी डेरिक ने हमें डबल क्रोस किया और वोह शिमेंट दुगने पैसों में जैक को देदी और मेरे आदमियों को भी मार दिया। मैं हरगिज़ धोखा बर्दाश्त नही कर सकता फिर वोह चाहे मेरा अपना ही क्यों ना हो यह तो फिर भी पराया था। अगर मुझे मालूम ना होता कि तुम्हे इन सब के बारे में
पता नही है, नही तो तुम मेरे सामने नही बल्कि ज़मीन के नीचे होते।"

माज़ ने सिगरेट का कश लेते हुए कोल्ड आवाज़ में कहा।

"मुझे इन सबके बारे में नही पता था माज़ वरना मैं खुद उसे अपने हाथों से मारता, तुम फिक्र मत करो तुम्हारी शिपमेंट तुम्हे मिल जाएगी और जिन लोगो ने मुझे धोखा दिया है उन्हें मैं अच्छा सबक सिखाऊंगा ताकि दोबरा कोई मुझे धोखा देने की हिम्मत ना करे।"

लुएक ने माज़ की आंखों में देखते हुए कहा जहाँ सिर्फ कोल्डनेस थी जिसको देख कर वोह डर गया था।

माज़ अभी उसे जवाब देने ही वाला था कि दरवाज़ा खोल कर जैकसन अंदर आया और रामिश के कान में कुछ कहा जिसे सुनकर रामिश ने हाँ में अपना सिर हिलाया।

"केफे वाली दोनो लड़कियों को जैकसन ने एक एक प्रिवेट रूम के अंदर जाते देखा है। उस रूम में पहले से ही चार पांच लड़के मौजूद है, जैकसन के कहने के मुताबिक वोह दोनो एक साथ तो नही गयी है लेकिन दोनों के चेहरे पर परेशानी थी।"

माज़ ने रामिश के कान में झुक कर कहा।

"लुएक हमे इसी हफ्ते शिपमेंट मिल जानी चाहिए अब एक दिन की भी देरी मैं बर्दाश्त नही करूँगा।
मुझे एक ज़रूरी काम है फिर मुलाक़ात होगी।"

माज़ ने अपनी बात पूरी की और उठते हुए कहा।

"ठीक है फिर मिलेंगे।"

लुएक ने माज़ और रामिश से हाथ मिलाते हुए कहा।

दोनो बाहर आये तो रामिश ने जैक्सन से उस प्रिवेट रूम के बारे में पूछा जिसमे माहेरा और सोफ़िया गयी थी।

...........

"सोफ़िया।" माहेरा दरवाजे पर खड़ी हो कर तेज़ आवाज़ में बोली।

वोह लड़का जो सोफ़िया को हाथ लगाने ही वाला था दरवाज़े पर खड़ी माहेरा को देख कर रुक गया, भला वोह कैसे उस लड़की को भूल सकता था जिसने कॉलेज पहले ही दिन सबके सामने उस पर हाथ उठाया था।

"ओह आज किस्मत भी मुझ पर मेहरबान है, आज तो हम पूरी रात मज़े करेंगे।"

उसने लड़के ने माहेरा को ऊपर से नीचे तक देखते हुए हस कर अपने दोस्तों से कहा।

"अपनी बकवास बंद करो।" माहेरा ने गुस्से से चीखते हुए कहा।

"हाहाहा।" उसकी बात सुनकर वोह लड़का ज़ोर ज़ोर से हँसने लगा और सोफ़िया के पास से हट कर माहेरा की तरफ चला गया और उसके सामने खड़े हो कर गुस्से से बोला।

"आज मैं तुमसे अपना पुराना हिसाब चुकता करूँगा।"

कहते साथ ही उसने माहेरा के कंधे पर हाथ रख दिया, उसकी आँखों की हवस माहेरा को साफ नजर आ रही थी।

माहेरा ने अपने कंधे पर रखे उसके हाथ को पकड़ा और एक ही पल में उसे मोड़ दिया।

वोह जो कब से हस रहा था एक ही पल में पूरे कमरे में उसकी चीख गूंज गयी।

यह देख कर उसके दोस्त जो शराब पी रहे थे गुस्से से उसके पास आये।

"माइक को छोड़ दो।" उन में से एक ने माहेरा को देखते हुए गुस्से से कहा।

"तुम पहले सोफ़िया को छोड़ो।" माहेरा ने माइक का हाथ और मोड़ते हुए कहा।

"उस,,,,उसे छोड़ दो।" माइक ने दर्द भरी आवाज़ में चिल्ल्ला कर कहा।

उसके कहने के बाद वोह लोग सोफ़िया के सामने से हट गए और सोफ़िया भगति हुई माहेरा के पीछे खड़ी हो गयी।

"तुम बाहर जाओ।" माहेरा ने सोफ़िया से कहा।

"नही,,मैं तुम्हे छोड़ कर कहि नही जाउंगी।" सोफ़िया ने माहेरा की आंखों में देखते हुए कहा जहाँ इस वक़्त कोई इमोशन नही था।

आज माहेरा उसे माहेरा रोज़ से बहोत अलग लग रही थी।

"सोफ़िया बाहर जाओ।" माहेरा ने कोल्ड आवाज़ में कहा।

उसकी आवाज़ सुनकर सोफ़िया जैसे ही मुड़ी उस मे एक लड़के ने उसकी तरफ बेयर की बोटल फेंकी, माहेरा ने माइक का हाथ छोड़ा और फौरन सोफ़िया को कवर किया।

सोफ़िया को बचाने के चक्कर में वोह बोटल माहेरा के हाथ पर लगी और उसके हाथ से खून बहने लगा।

तभी दरवाज़ा खुला और माज़, रामिश और जैक्सन अंदर आये।

उन्हें देख कर सोफ़िया का रंग उड़ चुका था।

"कौन हो तुम लोग यह रूम हमने बुक किया है जाओ यहां से नही तो सिक्योरिटी से कह कर बाहर फेंकवा दूंगा।" उनमे से एक लड़का रामिश और माज़ को देख कर बोला।

"यह लोग मेरी कुछ तस्वीरें एडिट करके मुझे ब्लैकमेल कर रहे है प्लीज मेरी मदद करे सर।" सोफ़िया ने रामिश को देख कर कहा।

उसकी बात सुनकर रामिश गुस्से से आग बगुला हो गया।

माज़ ने माहेरा की तरफ देखा जिसके हाथो से खून निकल रहा था।

माहेरा उन दोनों को नज़र अंदाज़ करते हुए वापस माइक के पास गई और गुस्से से उसे उंगली दिखाते हुए बोली:"आज के बाद अगर तुमने दोबारा सोफ़िया को परेशान करने की कोशिश की तो मुझसे बुरा कोई नही होगा, मुझे पता है तुम्हारे पास कोई फ़ोटो नही है इसीलिए तुम्हे छोड़ रही हु।"

कहते हुए उसने अपनी जैकेट उतार कर सोफ़िया को दी और उसे ले कर बाहर की तरफ जाने लगी।

"तू खुद को समझती क्या है अब मैं भी देखता हूं तो यहां से कैसे बाहर जाएगी!" माइक ने गुस्से से चिल्ला कर कहा।

जबकि उसकी बात को नज़रअंदाज़ करते हुए माहेरा ने सोफ़िया से कहा:"तुम बाहर जाओ मैं अभी आती हु।"

सोफ़िया ने रामिश और माज़ कि तरफ देखा जो अभी भी वही खड़े थे, उन्हें देख कर वोह सुकून की सांस लेते हुए वह से चली गयी।

अभी वोह मुड़ी ही थी कि रामिश ने आगे बढ़ते हुए माइक को मारना शुरू कर दिया।

माज़ माहेरा के पास आ कर बोला:"तुम्हे कैसे पता उसके पास कोई फ़ोटो नही है?"

"अगर उसके पास कोई फ़ोटो होती तो जब मैं ने उस पर हाथ उठाया था तभी वोह उन फ़ोटो को वाइरल करने के लिए कहता लेकिन उसने ऐसा नही किया।"

माहेरा ने अपने हाथ से बेदर्दी से कांच निकालते हुए कहा।

"तुम पागल हो तुम किसी को बिना बताए ही यहां आ गयी अगर तुम्हें कुछ हो जाता तो! अगर हम ना आते तो तुम्हे पता है वोह तुम्हारे साथ........."

माज़ ने गुस्से से उस पर चिल्लाते हुए कहा, वोह उसके आगे के बारे में सोच भी नही सकता था।

"मैं उस वक़्त सिर्फ सोफ़िया के बारे में सोच रही थी।" वोह उसकी आँखों मे गुस्सा देख कर नरम पड़ते हुए बोली।

ना जाने क्यों माहेरा को उसको अपने लिए फिक्र करते देख कर बहोत अच्छा लग रहा था।

माज़ ने रामिश को आवाज़ दी और जैक्सन से कहा।

"इनकी अच्छे से खिदमत करना।"

जैक्सन से कहने के बाद उसने माहेरा का हाथ पकड़ा और वोह चारों क्लब से बाहर आ गये।

जब वोह दोनो बाहर आयी तो घर जाने के बारे में ही सोच रही थी।

क्योंकि माहेरा उन दोनों के साथ घर नही जाना चाहती थी।

लेकिन रामिश ने जब दरवाज़ा खोल कर सोफ़िया को अंदर बिठाने के लिए कहा तो सोफ़िया जल्दी से बैठ गयी, उसके बैठने की वाजह से माहेरा भी चुप चाप गाड़ी में बैठ गयी। उसके हाथ से अब खून बहना बंद हो चुका था।

माज़ फ्रंट सीट पर बैठा तो रामिश ने कार स्टार्ट कर दी।

गाड़ी में बिल्कुल खोमोशी थी। उस खामोशी में बस सबकी हल्दी हल्की सांसो की आवाज़ आ रही थी।

उस खामोशी को माहेरा की फ़ोन की रिंग ने तोड़ा, माहेरा ने स्क्रीन पर नाम देखा तो मुस्कुराते हुए फ़ोन उठाया।

फ़ोन उठाते ही स्क्रीन पर उसे शहीद और ज़ाहिद नज़र आने लगे।

"हेलो सिस्सो।" दोनो ने एक साथ कहा।

"हाये मेरी जान।" माहेरा ने मुस्कुराते हुए कहा।

सोफ़िया भी जल्दी से माहेरा के करीब आ गयी क्योंकि वोह भी उन दोनों को अपने भाइयों की तरह समझती थी।

"सोफी यार तुम तो सिस्सो से भी खूबरसूरत हो गयी हो।" शाहिद ने मुस्कुराते हुए कहा।

सोफ़िया उसकी बात सुनकर ब्लश करने लगी।

जबकि रामिश का गुस्सा सातवें आसमान पर पहोंचा गया।

कहानी जारी है.............