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दानव द रिस्की लव - 16

….Now on ………




अदिति : भैय्या.....

आदित्य : अदि phone देख आज Monday है ……

अदिति : हां है तो पर मुझे लगा आज Sunday है …… आप विवेक के यहां चले गए

तक्ष : (मन में) ये ज्यादा सवाल कर रही है... कही आदित्य को शक न हो जाए ……अदिति के दिमाग को वश में करता है है …बस अब मत पुछना आज Monday है और तुझे काॅलेज जाना है ……

आदित्य : अदि तू भी तो कल गई थी ….!

अदिति : हां भाई मैं जा रही हूं ……!

आदित्य : रुक ….मैं जाऊंगा छोड़ने ….!

अदिति : ठीक है ……(मन में) पता नही क्या अजीब अजीब सा लग रहा है....

…………in college ………….

श्रुति : लो अदिति आ गई ……!

कंचन : कहां गुम हो गई ….?

अदिति : नही कही नही ……!

विवेक : तुम अभी भी ठीक नहीं हो अदिति ….या कल कि बात के लिए मुझसे नाराज हो ….!

अदिति : किस बात के लिए …कल तो कुछ नही कहां ….!

विवेक : अदिति मुझे लगता तुम्हारी तबियत ठीक नहीं हैं.. तुम आराम करती फिर

अदिति : stop it विवेक तबियत खराब है तबियत खराब है …… जब कल हमारी बात ही नहीं हुई तो किस बात के लिए नाराज हुंगी ….तुम भाई दोनों को पता नही क्या हो गया है ……!

विवेक : (मन में) ये अदिति को क्या हो गया ….कल खुद अजीब लग रही थी....आज इसकी बातें....अदिति एक मिनट ….!

अदिति : बोलो क्या बात है ……?

विवेक : कल जब तुम घर आई थी न तो मां ने तुम्हारे लिए ये लड्डू बनाये थे पर तुम अचानक चली गई ….!

अदिति : विवेक मैं तुम्हारे घर नही. … आह ! (तब अचानक)

विवेक : अदिति क्या हुआ ….?

अदिति : मेरा सिर दर्द ...

विवेक : अदिति यहां बैठो ....श्रुति पानी दो ….!

श्रुति : हां ……लो अचानक क्या हुआ अदिति ….?

अदिति : पता नही क्या हुआ …..अब ठीक हूं.... क्या कह रहे थे विवेक ……!

विवेक : कुछ नही ….…(मन में) ये क्या हो रहा हैं तुम्हें अदिति. …!

कंचन : चलो class में ……!

…….after class ……

……in canteen ………

हितेन : श्रुति तुम कुछ बता रही थी...हमे ……?

विवेक : क्या.....?

श्रुति : अरे ! हां ….दोस्तो तुमने news नही देखी ….!

विवेक : कैसी news ……?

श्रुति : तुम्हें पता murder mistry ….!

कंचन : क्या गोल गोल घुमा रही है...?

श्रुति : पता है …… हर रात को कोई न कोई अपने घर से लापता हो रहा हैं , या कोई suspicious condition में road पर पड़ा हुआ मिल रहा हैं ....!

हितेन : कैसी condition ….?

श्रुति : किसी के गले पर बड़े नाखुनो के निशान है , किसी के कमर , किसी के मुंह पर ….और क्या बताऊं..!

कंचन : city में कोई जानवर तो नही आ गया ……!

विवेक : हो सकता है ……!

श्रुति : पर अभी तक किसी ने देखा नही है ……

तभी विवेक की call आती हैं जिसे सुनकर विवेक घबरा जाता है ……

अदिति : क्या हुआ विवेक किसका phone था ….!

विवेक : कुछ नही अदिति …!

अदिति : बताओ तो सही ….!

विवेक : अदिति …. निशांत का phone था वो बता रहा था rose valley में जो अघोरी हमसे मिले थे न ….उन्हें किसी जानवर ने मार दिया ……क्यूंकि वो बहुत बुरी तरह जख्मी मिले हैं ….पूरे शरीर पर नाखुनो के निशान है ……!

अदिति : विवेक ..sorry पर कौन अघोरी ….?

अदिति कि ये सुनकर विवेक ने उसे हैरानी से देखा…

विवेक : कौन‌ अघोरी मतलब …अरे ! अदिति जो हमे rose valley में मिले थे परसो ……!

अदिति : विवेक मुझे किसी अघोरी के बारे में नही पता ……तुम पता नही किसकी बात कर रहे हो ….वैसे जो भी हो उनके साथ अच्छा नही हुआ …मैं अभी आती हूं ……library से book लेकर …(चली जाती हैं)

विवेक : (मन में) ये अदिति को क्या हो गया.. कल कि बात भी ध्यान नही , परसो की बात भी ध्यान नही ….!

श्रुति : क्या हुआ विवेक क्या सोच रहे हो ….?

विवेक : पता अदिति को क्या हो गया है अजीब अजीब बात कर रही है...कल घर आई थी वो भी याद नही ……परसो घुमने गये थे याद नही ….!

श्रुति : ये अघोरी कि क्या बात है ……?

विवेक : सही याद दिलाया श्रुति ….(मन में) अदिति अचानक सबकुछ कैसे भूल गई जरूर कोई बात है ……!

श्रुति : किस सोच में खो गये विवेक ……?

विवेक : कुछ नही श्रुति ….वैसे तुम्हें पता चले कौन सा जानवर रात को हमला कर रहा हैं तो मुझे भी बताना ….!

श्रुति : हां हां क्यूं नहीं .……पर दोस्तों carefully रहना कही भी रात को मत जाना ……!

हितेन : हम क्यूं जाएंगे.... मरना है क्या ….!

श्रुति : हां सबसे पहले वो तुम्हें ही पकड़ेगा. ……!

हितेन : ओए ! वो कोई भी हो हितेन नही डरता ….!

कंचन : वो तो पता है कितने बड़े पहलवान हो कल देख लिया उस dog के सामने ……!

हितेन : वो तो बस (अदिति आती है)

अदिति : क्या हुआ ….?

हितेन : देखो न अदिति ये मेरा मजाक बना रहे है ……!

कंचन : अच्छा ….तू book ले आई ……!

अदिति : हां.....!

विवेक : (मन में) एक से और सवाल पुछता हूं ………अदिति ……!

अदिति : हां.. …!

विवेक : अदिति ….तक्ष का साथ दोगी तुम ….!

अदिति : हां विवेक ….उसके साथ कितना गलत हुआ है ….बेचारे को जादुगर बताकर गांव से निकाल दिया ….तुम उसका साथ दोगे न ..…!

…vivek shocked …

विवेक : ह हां ……

श्रुति : (मन में) ये विवेक घबराया हुआ क्यूं लग रहा हैं.…(धीरे से) तुम अदिति की बात सुनकर घबरा क्यूं गये ….!

विवेक : कुछ नही ….(मन में) अदिति क्या हो गया तुम्हें अघोरी कि बात सुनकर तो तुमने तक्ष का साथ देने से मना कर दिया था , फिर अचानक क्या हुआ..मैं इसका कारण पता करके रहूंगा .…आखिर तक्ष की कहानी भी झुठ बताई…!

कंचन : अदिति ये तक्ष कौन है ….?

श्रुति : हां अदिति हमे भी बता कौन है ये तक्ष ….?

अदिति : हां ….(तभी विवेक उसे टोकता है) ….

विवेक : अदिति तुम रहने दो मैं बता दूंगा अभी घर चलो ….ok guys see you tomorrow ….




………to be continued …….