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दानव द रिस्की लव - 18

………Now on…….




अदिति : भैय्या..... चलो please ….!

आदित्य : अदि ….सुबह होने दे ….इशान कह रहा था

अदिति : भैय्या..... मुझे कुछ नही सुनना ….आप चल रहे हो या नहीं ….!

आदित्य : ठीक है ….चल change कर ले जल्दी ….!

अदिति : हां ….

आदित्य : बबिता ….हम hospital जा रहे हैं ध्यान रखना ….!

बबिता : जी ……!

…….in hospital ……

इशान : आदित्य …अदिति ….मैंने मना किया था न

अदिति : भैय्या..... विवेक कैसा है ……?

आदित्य : मुझे इसे बताना पड़ा ….ये नही मानी….!

इशान : वो ठीक है ….थोड़ी सी चोट है जल्दी होश आ जाएगा ….!

अमरनाथ : बेटा ! आप घर जाओ ….हम है यहां पर ….!

अदिति : नही. …

इशान : मानेगी कैसे बचपन से साथ है ….अदिति तुम हमारे घर चलो विवेक घर ही आएगा ….वही मिल लेना ….और चाची को भी अच्छा लगेगा ……!

अदिति बेमन से हां करती है …..

इशान : आदित्य घर जाओ.. …रात बहुत हो चुकी है ….!

आदित्य : हां ….!

दोनों चौधरी मेंशन पहुंचते हैं …..

सुविता : मालती ….देखो कौन आया है ……

मालती : अदिति. …(गले लगा लेती हैं)

अदिति : aunty आप रोईए नही विवेक ठीक हो जाएगा ….!

सुविता : यही तो मैं समझा रही हूं ……अदिति बेटा तू ही समझा इसे कबसे रो रही है...

आदित्य : अदिति तुमaunty का ध्यान रखना

अदिति : हां भैय्या.....

सुविता : तुम कहां जा रहे हो आदित्य ….!

आदित्य : मैं hospital जा रहा हूँ uncle को घर भेज दूंगा...

अदिति : हां भैय्या आप जाओ ….aunty आप यहां बैठिए

आदित्य : uncle उसका पता चला जिसने हमला किया था ……!

कामनाथ : नही ये guards किसी काम के नही है …… मुझे ही कुछ करना होगा ….!

आदित्य : हां आप ठीक कह रहे हैं ….मैं चला हूं....(आदित्य चला जाता हैं) …

……….in aditi's house ……

Taksh room ….

उबांक : दानव राज …आप घायल है ……!

तक्ष : हां उबांक उस विवेक ने पता नही किस चीज से वार किया था ……आज तो बच गया पर ज्यादा समय तक नही बचेगा ….!

उबांक : तो उसपर हमला आपने किया था ….

तक्ष : हां ….

उबांक : दोनों बात कर रहे थे कि विवेक को चोट लगी है …… और रात को ही चले गए उसे देखने ….

तक्ष : ओह तो दोनों वहां चले गए ….इस अदिति को ज्यादा उसके पास नही रहने दूंगा... कुछ करना पड़ेगा ….!.

….Next day …

…in vivek ' s house ……

Servant : बड़े साहब ……छोटे मालिक आ गये ….!

सस बाहर आते है ……

मालती : विवू ….

इशान : चाची ..…विवू ठीक है पर अभी इसे आराम कि जरुरत है ….!

विवेक : मां मैं ठीक हूं.... (विवेक कि नजर अदिति पर पड़ती हैं जो परेशान सी उसे देखे जा रही थी...)

कामनाथ : इसे अंदर ले जाओ ….!

इशान : हां पापा.. …(इशान आदित्य विवेक को उसके कमरे में ले जाते हैं)

सुविता : मालती ……मेरे विवू के लिए हल्दी वाला दूध बना दे जल्दी ….!

मालती : हां …. बना दिया है पर पिएगा नही .…
अदिति : aunty आप बुरा न माने तो मैं दे आऊं विवेक को दूध….!

मालती : मैं क्यूं बुरा मानूंगी …जा दे आ तू देगी तो पी लेगा

अदिति. : हां ….

मालती : ….मैं आज ही शिवजी के मंदिर जाऊंगी मेरा बच्चा इतनी बड़ी आफत से बचा है ….!

सुविता : चल मैं भी चलती हूं ….(इशान और आदित्य आते है)

इशान : कहां जा रहे हो मां ….?

सुविता : शिवजी के मंदिर ….!

इशान : अभी रूक जाओ बाद में जाना ….!

सुविता : ठीक है ….अदिति तू जा ….!

अदिति : हां ….

आदित्य : अदि ….मैं जा रहा हूँ ….तुझे इशान छोड़ देगा ….!

मालती : नही …. बेटा तू जा रात से आराम नही. करा ….!

अदिति : ठीक है aunty ये देकर आती हूं विवेक को .…!

मालती : हां ….

……in vivek ' s room. ……

विवेक : कौन ….अदिति तुम हो ….

अदिति : तुम्हें क्या लगा फिर से चोर है ….!

विवेक : (हंसकर ) नही आओ बाहर क्यूं खड़ी हो.. …!

अदिति : हां लो aunty ने हल्दी वाला दूध भेजा है ….!

विवेक : मुझे नहीं पीना ……

अदिति : विवेक जल्दी पी लो इसे ……!

विवेक : अगर तुम पिलाओगी तो ….

अदिति. : ( हंसकर ) तुम भी न लो ….मैने मां किया था विवेक संभलकर जाना ….पर तुम इतने लापरवाह हो …पता है मैं कितना घबरा गई थी ……मैं तुम्हें इस तरह नही देख सकती ……

विवेक कुछ नहीं कहता बस अदिति को देख रहा था ….

अदिति : क्या हुआ ….इस तरह क्यूं देख रहे हो..!

विवेक : तुम मेरी चिंता करती हो ये देख रहा था ….

अदिति : विवेक

विवेक : अदिति तुम्हारे आते ही सब दर्द खत्म हो जाता है...

अदिति : o mr ! जल्दी खत्म करो इसे ……!

विवेक : अदिति अभी एक चीज उधार है मेरी ….!

अदिति : उधार है क्या ….?

विवेक : my sweet heart your kiss ……!

अदिति : विवेक तुम्हें अभी भी मजाक सुज रहा हैं ….!

विवेक : क्या करू तुम ही तो मेरी medicine हो ..…

अदिति : हां जरूर (अदिति पहली बार विवेक को kiss करती है)

विवेक : देखना अब मैं बिल्कुल ठीक हो जाऊंगा ….

अदिति : अच्छा (हंस जाती हैं)

आदित्य की बुलाने की आवाज आती हैं ….

अदिति : अब बस ….कल बात करेंगे मैं चलती हूं भैय्या बुला रहे हे ……(मन में) ये अचानक body में कंपन सी क्यूं होने लगी ……!

विवेक : अदिति ये हाथ में चोट कैसे लगी ….?

अदिति : ये तो छोटी सी चोट है ठीक हो जाएंगी ….तुम अपना ध्यान रखना ……मैं बाद में आऊंगी ….!

विवेक : तुम जा ही क्यूं रही हो ….तुम आज यही रुक जाओ.!

अदिति : (मन में) मुझे क्या हो रहा हैं अचानक चक्कर क्यूं आने लगा ….!

विवेक : क्या हुआ अदिति ….?

अदिति : कुछ नहीं मैं चलती हूं ….(अदिति जाते समय लड़खड़ा जाती हैं जिसके कारण flower vase गिर जाता है)….sorry

विवेक : अदिति क्या हुआ ….?

अदिति : कुछ नही ….(चली जाती हैं)

विवेक : ये अदिति को क्या हुआ ……मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है …..वो नकाबपोश कौन था पहले उसका पता करना पड़ेगा ….?

……….

आदित्य : अदि चल ….

अदिति : हां …भैय्या ….

आदित्य : क्या हुआ अदि तबियत ठीक नहीं हैं ….?

अदिति : भैय्या..... पता नहीं चक्कर क्यूं आ रहा हैं ….!

मालती : अदिति यहां बैठो.. …क्या हुआ इसे आदित्य …?

आदित्य : पता नहीं aunty कुछ दिनों से इसकी तबियत ठीक नहीं लग रही है...

मालती : तो doctor से check up करवाओ ……मैं ले जाऊंगी कल इसे ….

अदिति : भैय्या..... घर चलो ……!

आदित्य : हां

मालती : संभलकर जाना ….!

आदित्य : जी aunty ….




…..……to be continued …….…