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दानव द रिस्की लव - 21

….Now on…….




विवेक : ये मुझ क्यूं मारना चाहता है …इसका पता तो करना पड़ेगा …

विवेक ऐसे ही सोचते सोचते सो जाता हैं …

……Aditi ' s house ……

……taksh room ……

तक्ष गुस्से में अंदर आता है...

उबांक : आप बहुत जल्दी आ गये दानव राज….क्या आपने उस लड़के को मार दिया ….

तक्ष : नही उबांक नही ….पता नही उसके पास कौन सी सुरक्षा शक्ति है जो मुझे एकदम से झटक दिया…

उबांक : दानव राज आपके गले पर किसी चीज के निशान है

तक्ष : हां उसके पास जाने से ही मुझे ये निशान लगा होगा …?

उबांक : अब आपको और सावधान रहना होगा दानव राज....

तक्ष : हां उबांक.....

…….Next Day ……

…..in dinning table ….

आदित्य : अदि ….तू college जाएगी ….?

अदिति : हां भैय्या ….मैं ठीक तो हूं....

आदित्य : हां …. तू मानती कब है ……तक्ष नाश्ता करो ….

तक्ष : हां …. क्या मैं कही पर काम कर सकता हूँ …

आदित्य : वैसे तुम हमारे मेहमान हो तुम्हें काम की जरुरत नहीं हैं ….

तक्ष : फिर भी

आदित्य : ठीक है देखता हूँ ….बबिता तुम कैसे परेशान सी

लग रही हो …

बबिता : साहब ……मैं आपको कुछ बताना चाहती हूं....

आदित्य : हां बोलो फिर ……

(तभी विवेक आता है.)

विवेक : good morning …

आदित्य : विवेक ….तुम

विवेक : हां भैय्या ….अदिति you fine ….

अदिति : i'm fine.… but why did you come , you should have rested , didn't you…

विवेक : relax aditi i'm fine ….

आदित्य : no vivek aditi ' s right ….

विवेक : क्या भैय्या आप भी ….

आदित्य : चलो कोई बात नही …नाश्ता कर लो ….

विवेक : नही भैय्या …मैं पहले ही बहुत over हो चुका हूँ …

अदिति : जूस तो ले लो ….

विवेक : ठीक है....

अदिति : ताई …विवेक को जूस दे दो ….

बबिता : जी …

आदित्य : विवेक पता चला कौन था जिसने तुम पर हमला किया था ….?

विवेक : अभी नहीं भैय्या …बड़े पापा ढूंढ लेंगे उसे ….!

अदिति : जिसने भी हमला किया है उसे तो (बीच में टोकता है)

आदित्य : (हंसकर ) जिसने भी हमला किया होगा न अगर सामने आ गया तो अदिति से नही बचेगा …

अदिति : भैय्या …

विवेक प्यारी भरी नजरों से अदिति को देखता है …… क्यूंकि आदित्य की बात से अदिति चिढ़ जाते है ……

विवेक : (मन में) अदि तुम्हारा प्यार ही तो मेरी ताकत है …… हर खुशियां तुम पर कुर्बान है मेरी …my sweet heart …

विवेक की नजर तक्ष कि गर्दन पर पड़ती हैं जहां पर ओम का निशान था …अपनी तरफ विवेक को देख तक्ष नजरे चुरा लेता है ……

विवेक : तक्ष तुम्हारे गले पर ये निशान किस चीज का है …क्या मैं देख सकता हूँ. …

अदिति : कैसा निशान.…?

आदित्य : दिखाओ तक्ष …

तक्ष : (मन में) ये जासूस ………कुछ नही ये तो मेरे जन्म से है ……

अदिति : तक्ष दिखा दो विवेक को..

आदित्य : हां ….

तक्ष : (मन में) अदिति मुझे नहीं दिखाना ये निशान .सब से मना कर दो …
अदिति : रहने दो मत दिखाओ ….भैय्या रहने दो …तक्ष तुम जाओ ….

तक्ष : हां ….

अदिति. के अचानक मना करने से आदित्य और विवेक उसे हैरानी से देखते है ……

विवेक : अदिति तुमने अचानक क्यूं मना कर दिया …

अदिति : जब उसे अच्छा नहीं लग रहा दिखाना तो क्यूं force करे उसे …

आदित्य : right …

विवेक :(मन में) ये तक्ष के गले पर मेरे लाकेट का निशान …कही ये ही तो नही है… नही मुझे पूरी जानकारी लेनी होगी .……ये सब छोड़ो भैय्या .…मां ने बताया अदिति की तबियत ठीक नहीं हैं क्या हुआ था इसे ….?

आदित्य : इसे ….तुम्हारा college का time नही हुआ है क्या.. …?

विवेक : हम पहुंच जाएंगे.... आप बताओ तो सही ….!

आदित्य : डाक्टर कह रहे थे ….ये कुछ ज्यादा ही अपने mind पर pressure डाल रही है...ये लड़की कभी नहीं मानती मैंने कितनी बार कहा है …… free mind रहा कर किसी बात पर बहुत ही deeply हो जाती हैं ….

अदिति : नही भैय्या मैं अपने mind पर burden नही डालती ….!

विवेक : ऐसा नहीं हैं भैय्या सच कह रहे हैं ….

अदिति : तुम भी …मैं bag लेकर आती हूं …(चली जाती हैं) …

आदित्य : विवेक …तुम इसका ध्यान रखना मुझे डर है कही अदि out of control न हो जाए. …

विवेक : आपको ऐसा क्यूं की है वो out of control हो जाएंगी. …!

आदित्य : डाक्टर ने कहा था ……

विवेक : भैय्या …मां ने कहा है... वो डाक्टर से consult‌ करेंगी …अदिति को मां पर छोड़ दो आप और ज्यादा tension मत लो आप …क्या पता उस डाक्टर ने गलत कहा हो..!

आदित्य : तुम्हारी बात सच हो विवेक ….बबिता तुम कुछ बता रही थी …

बबिता : (हड़बड़ा कर ) नही ……

आदित्य : ठीक है मैं change करके आता हूं …

विवेक : ok भैय्या..... ताई अदिति आपको ताई ही बोलती है ना

बबिता : जी ये तो उनका बड़प्पन है ……

विवेक : आपसे एक बात पुछ सकता हूँ. …

बबिता : हां जरूर ……

विवेक : क्या आपको कभी इस तक्ष पर शक हुआ है ……

बबिता : ह ह हां परसो मुझे अजीब लगा ……जब मैंने (तभी अदिति आती हैं)….

अदिति : विवेक …चले …

विवेक : हां …. अदिति …

अदिति : क्या हुआ ताई आप कुछ कह रही थी …

बबिता : नही अदिति दी ….मैं काम कर रही थी …(चली जाती हैं)

अदिति : ये ताई को क्या हुआ हड़बड़ा क्यूं गई….

विवेक : कुछ नहीं हुआ अदिति चलो ….!

अदिति : भैय्या हम जा रहे हैं ….

आदित्य : ठीक है ध्यान रखना अपना ….

…….in college ……

श्रुति : हाय ……अदिति विवेक ….कहां थे दोनों ….?

कंचन : why not come to college ……!

अदिति : vivek was injured ….!

हितेन : what ….but how….?

विवेक : relax yr ….i'm fine.…

श्रुति : लेकिन कैसे injured हुए तुम ….?

विवेक : चोर कि करामात है ये .…!

हितेन : इतनी security के बाद ……?

विवेक : हो जाता हैं …. तू बता ….

श्रुति : हम तो college function के बारे में discuss कर रहे थे ……

अदिति : अरे ! हां …. तो क्या decide किया.. …?

कंचन : बाकि की discussion बाद में करना ……

विवेक : ok ….

अदिति. : it's time to study .…a nerd tell us …

सब हंस जाते हैं ….

कंचन : हां बोल ले (चिढकर) ….

अदिति. :chill…I was joking ….you are my besty

कंचन : ok ok. …

………After class ……

अदिति : तो अब बताओ …क्या decide किया..

श्रुति : हम तुम्हारा ही तो wait कर रहे थे …तुम बताओ ……!

कंचन : वैसे हम सोच रहे थे एक horror drama create करे ….तुम बताओ ….!

अदिति : horror ……you mean spirit ….!

श्रुति : of course ….

विवेक : story क्या हो ……?

कंचन : एक पुराना बंगला जहां बंद है एक spirit सब को मना किया जाता हैं वहां के से जाना के लिए … क्यूंकि वो unsatisfied spirit चाहती है (कंचन के story बताने से अदिति उसे रोक देती हैं)

अदिति : नही ….कंचन ये story नही please ….

विवेक : अदिति क्या हुआ ….इस story में क्या खराबी है ……

अदिति : नही मतलब नहीं ….मेरा सिर इतना क्यूं दर्द कर रहा हैं ……ओह !

विवेक : अदिति क्या हुआ तुम्हें अचानक ….संभाल अपने आप को ….श्रुति पानी देना …

श्रुति : हां ….

अदिति को पुराने किले की घटना धुंधली सी दिखने लगती …तक्ष ने उसकी याददाश को कमजोर किया है खत्म नहीं किया था …इसलिए वो बेसुध सी हो जाती है …

कंचन : i'm sorry अदिति... मुझे नहीं पता था तुम्हें ये अच्छा नही लगेगा..…

विवेक : इसमें तुम्हारी गलती नही है कंचन ….

अदिति : वि……विवेक ……वो …तक्ष ……पि…पिशाच …….(इतना ही कह पाती है बेहोश हो जाती हैं) ….

विवेक : अदिति …(मन में) ये क्या मैं अदिति का ध्यान नहीं रख पाया ……

अदिति के बेहोश होते ही तक्ष झटके से उठता हैं ….




…….to be continued ……