Ziddi Ishq - 20 books and stories free download online pdf in Hindi

ज़िद्दी इश्क़ - 20

"माज़ क्या तुम्हें गंजी लडकिया पसंद है?"

"नही क्यों? अपने बाल कटवाने के बारे में सोचना भी मत मुझे लम्बे बाल वाली लडकिया बहोत पसंद है।"

माज़ उसकी अजीब सी बात सुनकर उसकी तरफ देख कर कुछ सोचते हुए बोला।

"मुझे अपने बाल बहोत पसंद है लेकिन मुझे लगता है तुम्हे गंजी लडकिया पसंद है। वरना क्यों जब देखो तुम मेरे बालो में हाथ डालते हुए खींचते? अभी मैं ने अपने बालों में कंघी की है मेरे इतने ज़्यादा बाल झड़े है। मुझे पूरा यकीन है जब तक तुम्हे इन खीजना नही छोड़ोगे जब तक मैं गंजी ना हो जाओ।"

माहेरा ने माज़ को देखते हुए मुंह बना कर जवाब दिया।

माज़ उसकी बात सुनकर अपनी हँसी रोकते हुए उसकी कमर में अपना हाथ डाल कर उसे खुद के करीब किया।

"मिसेज़ खान तुम मुझे गंजी भी बहोत प्यारी लगोगी।"

माज़ अपनी हँसी कंट्रोल करते हुए सीरियस टोन में बोला और माहेरा को देखा जो उसे घूररही थी।

"छोड़ो मुझे जो किसी गंजी लड़की से शादी करलो मुझे मेरे बाल बहोत प्यारे है।"

माहेरा खुद को उसकी पलड़ा ने निकालने की ना काम कोशिश करते हुए बोली।

"हम्म्म्म....इस बरे में सोचना पड़ेगा लेकिन फिलहाल जो मेरे पास है उसी से मुझे काम चलाना पड़ेगा।"

माज़ उसकी गर्द पर किस करते हुए बोला।

माहेरा उसके दहकते स्पर्श को महसूस करते हुए उसकी गिरफ्त में मचलते हुए उसके सीने पर मुक्का मारते हुए बोली।

"छोड़ो मुझे।"

माज़ ने अपनी पकड़ और मजबूत करते हुए उसके होंठो पर अपने होंठ रख दिये।

माहेरा ने मजबूती से उसकी शर्ट को अपनी मुट्ठी में जकड़ लिया।

"म.....माज़ प्लीज..."

माहेरा की धीरी आवाज़ उसके कानों में पड़ी तो माज़ ने उसे छोड़ दिया और उसके लाल चहेरे को देखते हुए उसके गालो पर किस करके कमरे से बाहर चला गया।

माहेरा माज़ के जाने के बाद खुद को नॉर्मल कर रही थी कि तभी रोज़ी दरवाज़ा नॉक करके अंदर आयी।

माहेरा ने खुद नो नॉर्मल किया और रोज़ी के साथ लॉन में चली गयी।

...............

"जैक सर....माज़ की तरफ से इंवेटेशन आया है कल वोह अपनी बीवी से सबको मिलवाने वाला है।"

जैक के खास आदमी जॉन ने कहा।

ह्म्म्म...वोह मेरी सोच से भी ज़्यादा होशियार और चालक है। वोह उसको बचाने की पूरी कोशिश कर रहा है। कल हम उस पार्टी में ज़रूर जाएंगे। देखते है आखिर वोह उसे कब तक बचा सकता है।"

जैक ने कहा और हाथ के इशारे से उसे जाने के लिए कहा।

........

रामिश एक हफ्ते से बिजी था इसिल सोफ़िया से नही मिल पाया था। आज वोह सोफ़िया से मिलने उसके घर आने वाला था।

सोफ़िया रामिश के लिए डिनर बना रही थी और साथ ही उसके आने का इंतेज़ार कर रही थी। वोह अब तक डिनर बना लेती लेकिन वोह सो गई थी।

बेल की आवाज़ पर सोफ़िया ने अपने बाल ठीक किये और गैस का फ्लेम लो करके दरवाज़ा खोलने चली गयी।

दरवाज़ा खुलते ही रामिश ज़ोर से उसे खुद में भींच लिया और उसके माथे पर किस करके बोला।

"मैं ने इन दिनों तुम्हे बहोत याद किया।"

"मैं ने भी।"

सोफ़िया ने मुस्कुराते हुए कहा।

सोफ़िया ने रामिश से बैठने के लिए कहा और किचेन में आ गयी।

रामिश बैठने के बजाए उसके पीछे किचन में आ गया।

सोफ़िया को खाना बनाते देख उसने पीछे से उसे गले लगा लिया और उसकी गर्दन पर किस किया।

"र....रामिश आप बैठे मैं अभी आपके लिए कॉफी बना कर लेती हूं।"

सोफ़िया ने धीरी आवाज़ में कहा।

"मैं यही ठीक हु, तुम ने पहले खाना क्यों नही बनाया?"

रामिश एक बार फिर उसकी गर्दन पर चूमते हुए बोला।

"वोह...मैं....सो गई थी इसलिए लेट हो गया। आप प्लीज बैठ जाये।"

सोफ़िया उसका स्पर्श महसूस करते हुए काँपती आवाज़ में बोली।

रामिश ने उसकी बात सुन कर उसे छोड़ दिया और किचन में मौजूद कुर्सी पर बैठ गया और उसे घूरने लगा।

खुद को घूरते देख सोफ़िया फिर बोली।

"आप लाउंज में बैठ जाये मैं बस पांच मिनट में अति हु।"

"बिल्कुल नही अब तुम चुप चाप अपना काम करो या तुम चाहती हो मैं तुम्हारे पास आ कर खड़ा हो जाऊं।"

रामिश के कहने पर सोफ़िया चुप चाप अपना काम करने लगी।

खाना खाने के बाद रामिश सोफ़िया के कमरे में बैठ कर उससे बातें कर रहा था। जब अचानक ही उसने सोफ़िया के होंठो को अपनी गिरफ्त में ले लिया। सोफ़िया उसके अचानक ऐसा करने पर बौखला गयी, फिर रामिश का स्पर्श अपने होंठो पर महसूस करते हुए उसने रामिश की शर्ट को अपनी मुठियो में भीच लि और अपनी आंखे बन्द करली।

रामिश भी उसे थोड़ी देर तक ना छोड़ता मगर टीवी लॉन्च सोफ़िया के डैड की आवाज आई।

सोफिया अपना नाम सुनते ही जल्दी से उससे दूर हुई और बोली।

"रामिश लगता है डैड जल्दी घर पर आ गए,अब आप यहां से कैसे जाएंगे?"

अपना नाम दोबारा सुनकर वोह आगे बोली।

"आप यहां पर रुके मैं उनसे बात करके आती हूं।"

अपनी बात पूरी करते कमरे से निकल गई

सोफिया कमरे से बाहर निकली तो उसके डैड सोफे पर बैठे थे।

वोह अपने डैड के पास बैठ गयी जबकि कमरे में रामिश की मौजूदगी का सोच कर उसका दिल जोरो से धड़क रहा था।

"डैड कैसे है आप और आप इतनी जल्दी आ गए? सब ठीक तो है ना?"

सोफ़िया खुद को नॉर्मल करते हुए बोली।

"हाँ मैं बिकुल ठीक हु। मैं एक हफ्ते के लिए तुमसे मिलने आया हु। तुम बताओ किसी ने तुम्हारा पीछा तो नही किया ना?"

उसके डैड ने उसे गले लगाते हुए पूछा।

"मैं बिल्कुल ठीक हु डैड, आप ने कुछ खाया है या नही?"

सोफ़िया उनकी बात काटते हुए बोली।

"नही मैं ठीक हु बस आराम करूँगा। वैसे सोफ़िया येह घर के बाहर गाड़ी किसकी खड़ी है? मुझे लगा कोई मेहमान आया है इसलिए मैं तुम्हे आवाज़ दे रहा था।"

सैम साहब ने कहा तो सोफ़िया जल्दी से हड़बड़ा कर बोली।

"पता नही अगर सुबह तक यही रही तो पुलिस को कंप्लेन कर देंगे।"

सैम साहब ने सिर हिलाया और उसके माथे पर किस करके वह से चले गए।

सोफ़िया उनके जाने के बाद अपने कमरे में गयी तो रामिश बेड पर लेटा था।

वोह उसके पास जा कर बोली।

"रामिश आपको यहां से जाना चाहिए डैड वापस आ गए है।"

रामिश जो सुकून से बेड पर लेटा हुआ था उसकी बात सुनकर मज़े से बोला।

"बिल्कुल नही आज तो मैं यही रात गुजारूँगा।"

"डैड ने आपकी गाड़ी देख ली अगर आप नही गए तो वोह सुबह में पुलिस को इन्फॉर्म कर देंगे। प्लीज आप यहां से जाए, हम फ़ोन पर बार कर लेंगे ना।"

सोफ़िया की बात सुनकर रामिश उठते हुए बोला।

"इस बार जस रहा हु लेकिन अगली बार मैं यही रात गुजरूँगा, तुम येह बात याद रखना।"

उसकी बात सुनकर सोफ़िया ने हाँ में अपना सिर हिलाया तो रामिश उसके होंठो पर किस करके खिड़की की तरफ बढ़ गया जहां से उसे बाहर जाना था। वोह खिड़की से नीचे लॉन में कूद गया और वहां से दीवर चढ़ कर अपनी गाड़ी की छत पर कूद कर वहां से चला गया।

............

माहेरा बेड पर बैठी सामने एलईडी टीवी पर मूवी देख रही थी। माज़ कमरे में आया और आते ही शावर लेने चला गया। उसे माहेरा से कल की पार्टी के बारे में बात भी करनी थी।

माहेरा पॉपकॉर्न खा रही थी जब माज़ उसके पास आ कर बैठ गया।

"माहेरा मुझे तुम से बात करनी है। पहेले मेरी बात सुन लो फिर मूवी देख लेना।"

माहेरा ने माज़ की बात सुनकर एक नज़र उसे देखा फिर अपना रुख मोड़ कर बोली।

"हाँ बोलो मैं सुन रही हु।"

"माहेरा तुम्हे कौनसा कलर पसंद है?"

माज़ ने उसका ध्यान मूवी की तरफ देखा तो पूछा।

"हाँ.....बिल्कुल सही कह रहे हो तुम।"

माज़ ने एक नज़र माहेरा को देखा और अपना सिर ना में हिलाते हुए रिमोट उठा कर टीवी बंद कर दी।

"माज़ तुम ने टीवी क्यों बंद की मूवी का एन्ड चल रहा था जल्दी से मुझे रिमोट दो।"

माहेरा ने टिवी बंद होते देख माज़ की तरफ देखा और उसके हाथ मे रिमोट देख कर गुस्से से बोली।

"पहले मेरी बात सुनो फिर जो करना है करती रहना......मुझे गुस्सा दिलाने की कोशिश मत करो और आराम से मेरी बात सुनो।"

माज़ ने कहा तो माहेरा मुंह बिगड़ते हुए उसकी बात सुनने लगी।

"कल डैड ने तुम्हारे लिए वेलकम पार्टी रखी ताकि वोह सबको बता सके कि तुम अब हमारी फैमिली का हिस्सा हो।"

माज़ की बात सुन कर माहेरा की आंखे चमक गयी और वोह बोली।

"सच्ची....हाये....मुझे सेलेब्रिटीज़ वाली फीलिंग आ रही है।"

माहेरा खुश होते हुए बोली।

माज़ ने उसके आसानी से मान जाने पर सुकून की सांस ली और बोला।

"तुम किसी चीज़ की फिक्र मत करना सुबह तुम्हे नया ड्रेस मिल जाएगा।"

"हम्म...ओके लेकिन खूबसूरत से मंगवाना।"

माहेरा बेड पर लेटते हुए बोली।

"दो तीन मंगवा लूंगा तुम देख लेना तुम्हे जो पसंद आये वोह पहेन लेना।"

माज़ भी बेड पर लेटते हुए उसे अपनी बाहों में लेते हुए बोला।

"ह्म्म्म....सही है अभी पीछे हटो मुझे मूवी का एन्ड देखना है।"

माहेरा उसके हाथों को हटाते हुए बोली।

"नही अभी मेरे साथ लेटी रहो कल देख लेना।"

माज़ ने उसके माथे पर किस करते हुए कहा।
जबकि माहेरा उसकी बात सुनकर सिर्फ मुंह बना कर ही रह गयी और आंखे बंद करके लेट गयी।