Pehchan - 16 books and stories free download online pdf in Hindi

पेहचान - 16 - confusion

अभिमन्यु देखता रहा, पीहू bridge के नीचे चली गयी ।

अभिमन्यु सोचने लगा, उसे नीचे जाकर देखना चाहिए.. ......या नहीं , उसे अजीब भी लगा की क्य एक लड़की के पीछे एसे जाना सही होगा ?

आखिर मैं उसने ये तय किया की,इतना दूर आ चुका हूँ ...तो,जाकर देख ही लेता हूँ कहते हुए ,नीचे जाने लगा.......

जैसे ही वो नीचे गया वो एक दम shock हो गया!और बोला- what the hell! ये सब क्या है ?
ये psycho यहाँ एसे कैसे रह रही है...... वो भी अकेले, इस बदबूदार जगह पे , did this girl just lost her mind! एसे ही बहुत कुछ बड़बड़ाने लगा........ .

फिर बोला wait,ये भी तो हो सकता है, इसे मेरे यहाँ आने के बारे मैं पता चल गया हो........इसलिए एसे बीचारि बनने का नाटक कर रही हो?
उसने कुछ सोचा और
फोन से मेसेज करके driver को गाड़ी ले जाने को बोला........
Message करने के बाद, एक तिरछी smile देते हुए कहा- अब मैं भी देखता हूँ तुम मेरे साथ कोनसा game खेलना चाहती हो ? आखिर देखें तो तुम जीतती हो या मैं ? वो वंही खडा रहा..... जैसे जैसे रात बढ़ती गयी थंड का कहर बढ़ता गया....... अभिमन्यु मन ही मन कहने लगा , है भगवान ये लड़की क्या खेल, खेल रही है? कंही मुझे थंड से मारने का इरादा तो नहीं है इसका?

अभिमन्यु का सबसे बड़ा पागलपन यही था की जब वो कुछ सोचले तो उसे पुरा किये बिना पीछे नहीं हटता, तो बस और क्या, उसने अपने कमर कस लिये और वंही एक जगह पर बैठ गया . . . . . . बैठते बैठते कब उसे नींद आगया उसे पता ही नहीं चला.....
जेसे ही उसकी आँख खुली वो चौकते हुए घडी मैं वक़्त देखने लगा...... सुबह के 5 बज रहे थे, वो पीहू की तरफ देखने लगा तो पीहू वहाँ नहीं थी, वो इधर उधर पीहू को ढूंढने लगा....... और बोला ये लड़की अब कहाँ गयी, वो भी इतनी सुबह?

वो ब्रिज के ऊपर की तरफ आगया और अफसोस के साथ एक पत्थर को लात मारते हुए बोला oh shit! How can I sleep..... सचमे ,मैं एक duffer हूँ, भला मैं सो कैसे गया अब कहाँ ढूँढूँ इस लड़की को.......... एसे ही चिड़ते हुए जब उसने अपनी नज़र पीछे की तरफ किया ,तो पीहू को जाते हुए देखा.....

उसके खुशी का ठिकाना नहीं रहा,वो इतना खुश हुआ मानो उसे खोया हुआ खजाना मिल गया, उसने देरी न करते हुए पीहू जिस तरफ थी उसी के, पीछे पीछे चलता गया करीब 1 घंटे बाद वो एक जंगल के बीचो बीच जा पहुँचा..........

पीहू एक घर के अंदर चली गयी..... अभिमन्यु अब रुक गया, वो किसीके घर मे एसे कैसे जा सकता था, वो भी बिना permission के ! तो वो वंही बाहर पीहू का इंतेजार करने लगा ...... उसको भूख भी लगने लगी थी पर क्या करे वहाँ न खाना था, न ही वो अपने जिद से पीछे हट सकता था । उसने अपने आपसे कहा अभिमन्यु just focus on your goal खाना तो बाद मैं खा सकेगा पहले इस पागल से निपटले, झरोके से पीहू घर के अंदर काम करते हुए दिखाई दे रही थी झाड़ू पोछा, फिर सब्जी काट कर खाना पकाना सब........... वो काम खतम कर घर से बाहर आ ही रही थी की अचानक् उसको चक्कर आगया, वंही रखे एक flower vase से वो टकरा गयी , जैसे ही flower vase के टूटने की आवाज़ हुई ,पीछे से एक गुस्से भरी आवाज़ सुनाई दी, तोड़ दिया न! तुमसे एक काम ढंग से हो सकता है क्या भला, उस दिन मेरे कदमो मे गिरके गिदगीड़ाई थी इसलिए अब तक तुम यहाँ हो वरना कब का निकाल चुका होता..... पीहू dr. चंपकलाल को हात जोड़ते हुए बोली sorry sir please इस बार माफ करदो I Promise next time एसी गलती नहीं होगी....... Please

उस बूढ़े इंसान ने कहा, गलती हुई है तो सजा तो मिलेगी उसके बाद sochunga तुम्हे यहाँ रहने देना है या नहीं!

पीहू बोली ठीक है बोलिये क्या करना होगा?
उस बूढ़े इंसान ने कहा बाहर इतने सारे सूखे पत्ते पड़े है उनको साफ करो....... पीहू हामी भरते हुए झाड़ू लेकर बाहर गयी और सारे पत्ते साफ करने लगी..........

अभिमन्यु ये सब एक पेड़ के पीछे छुपे हुए देख रहा था......

जैसे ही पीहू का काम खतम हुआ वो, झाड़ू को उसके जगह पर रखी और तेजी से भागने लगी.....
अभिमन्यु अब और confuse होने लगा भला ये लड़की अब भाग क्यों रही है ?

वो भी बिना वक़्त गबाये पीहू के पीछे पीछे भागने लगा..............

थोड़ी देर बाद अभिमन्यु एक कोयले के खान के आगे जा पहुंचा...... वहाँ भी उसने वही नजारा देखा की कैसे पीहू बड़े बड़े कोयलों को तोड़ने का काम कर रही है..... कई बार तो हतोडा तेजी से मारने के वजह से हात मैं चोट आई पर उसने एक minute के लिए पीहू को रुकते हुए नहीं देखा........

उसके दिल मे एक दर्द सा महसूस हुआ ,उसे नहीं पता कब उसके आँखों से आँसुं टपकने लगे थे.......

एक horn के शोर से अभिमन्यु अपने सोच से बाहर आया उसने अपने आसुँ पोछे और कहा अब और नहीं ये सब रोकना होगा बोलते हुए जैसे ही आगे बढ़ा, उसका फोन बजने लगा, ऑफिस से एक जरूरी call था तो वो side मैं जाकर बात करने लगा....... एक urgent deal final करते करते उसे थोड़ा time लग गया, वो जैसे ही पीहू की तरफ मुडा ,इस बार भी पीहू गायब थी वो तेजी से बाहर की तरफ भागा पर तब तक पीहू वहाँ से जा चुकी थी.......... वो फिरसे अंदर गया और कोयले खदान के मालिक से मिलने की कोसिस की ।

कोयले खदान के मालिक का नाम था इकबाल queresi,
अभिमन्यु ने कहा excuse me ,मुझे आपसे कुछ बात करनी है ! Can I

इकबाल ने कहा जी कहिये क्या बात है . .. ...

अभिमन्यु बोला मुझे यहाँ काम कर रही एक लड़की के बारे मैं कुछ जानना है......

इकबाल बोला देखो भाईजान, कोयले का काम करता हूँ पर अपना जमीन साफ और पाक रखता हूँ इसलिए पहले से बोलता हूँ , सच्चे इरादे से आये हो तो मदत करूँगा वरना आप यहाँ से जा सकते हो......

अभिमन्यु बोला देखिये sir मैं कोई गलत इरादे से नहीं आया हूँ बस मुझे एक लड़की के बारे मैं जानना है , please मदत कीजिये......

इकबाल बोला ठीक है बोलो किसके बारे मैं जानना है ?