Ziddi Ishq - 35 books and stories free download online pdf in Hindi

ज़िद्दी इश्क़ - 35

माज़ माहेरा को ले कर मेंशन में आया। वोह उसे बहो में उठाये हुए मेंशन के अंदर आया और सलाम हैरानी से आंखे खोले उसे ही देख रहा क्योंकि आज से पहेले उसने माज़ को किसी भी लड़की के करीब नही देखा था।

माज़ ने माहेरा को सोफे पर लेटाया और डॉटर स्टेला को बुलाया। उसने सोफिया के घर से निकलते ही स्टेला को कॉल करके सब कुछ बता दिया था इसलिए वोह भी वहां पहोंच गयी थी।

उसने माहेरा को चेक किया और फिर उसे इंजेक्शन लगा कर माज़ से बोली।

"आप फिक्र ना करे येह बिल्कुल ठीक है आपको इनका बहोत ज़्यादा ख्याल रखना होगा क्योंकि ज़्यादा वीकनेस की वजह से इनकी जान को खतरा भी हो सकता है क्योंकि इनका ज़्यादा खून बह चुका तो इनका खास ख्याल रखना होगा।

स्टेला ने उसे बताया।

जबकि माहेरा के ठीक होने की बात सुनकर माज़ का चेहरा खुशी से चमक ने लगा लेकिन वही उसकी जान की खतरे की बात सुनकर वोह थोड़ा परेशान भी हो गया।

"ओके..मैं समझ गया।"

उसने स्टेला से कहा तो वोह मुस्कुराते हुए वह से चली गयी।

"माज़ तुम माहेरा को ले कर रूम में जाओ हम माहेरा के होश में आने के बाद बात करते है।"

शेर खान ने माज़ से कहा।

उनकी बात सुनकर माज़ ने माहेरा को अपनी बाहों में उठाया और वहां से चला गया।

माज़ ने माहेरा को बेड पर लेटाया और खुद उसके पास बैठ गया।

.............

आधे घंटे बाद..........

माहेरा को होश तो अपने सामने माज़ को देख कर वोह रोने लगी।

माहेरा जल्दी से उठ कर उसके गले लग गयी।

"उन....उन्हों ने....स...सबको मार दिया माज़। म....मैं अब कभी वापस इंडिया नही जाउंगी।"

वोह अब हिचकियो के साथ रोते हुये माज़ को बता रही थी कितनी मुश्किल से वोह वहां से निकल कर एयरपोर्ट आयी थी मगर जब वोह फ्लाइट में बैठी तब कहि जा कर उसे सुकून मिला।

माज़ तो उसे इतनी बुरी हालत में देख कर परेशान ही हो गया वोह उसके कांपते जिस्म को खुद में भीचते हुए उसे शांत करने की कोशिश करने लगा।

माज़ ने उसे खुद से अलग करके उसके आंसू साफ किये और साइड से गिलास उठा कर उसे पानी पिलाया।

माहेरा पानी पी कर थोड़ा शांत हुई तो माज़ बोला।

"माहेरा तुम्हारे साथ येह किस ने किया?? तुम तो अपने पेरेंट्स से मिलने गयी थी ना??"

"म...माज़ उन्होंने ने डैड और मम्मा को मार दिया।"

वोह जो इतने दिनों से खुद को कंट्रोल किये बैठी थी अब फुट फुट कर रोने लगी।

"म...मैं...घर मे गयी तो....हर तरफ खून था...और...उनकी सांसे नही चल रही थी...उन्हें गोली मारी...गयी थी।"

वोह हिचकियो से रोते हुए बोल रही थी माज़ को अब सब कुछ समझ आ गया था।

उसने माहेरा के माथे पर किस किया और बाहर जा कर रोज़ी से माहेरा के लिए नाश्ता लाने के कह कर वापस अंदर आ गया।

..........

रोज़ी नाश्ता ले कर आई तो माज़ ने उसे अपने हाथों से खाना खिलाने लगा। माहेरा भी चुप चाप उसके हाथों से खाना खाने लगी।

माज़ उसे नाश्ता कराने के बाद लेटाने लगा तो माहेरा अपनी जैकेट निकालने लगी तब उसकी नज़र माहेरा के गर्दन पर लगे कट पर पड़ी।

उसने अपने गुस्से को कंट्रोल करते हुए उसकी गर्दन पर किस किया और उसके माथे पर किस करके अपनी बाहों में ले कर लेट गया।

माहेरा भी खामोशी से इसके सीने पर लेटी हुई माज़ का स्पर्श अपने बालों में महसूस करते हुए सो गई।

.........................

माहेरा ने अपनी आंखें खोली तो सबसे पहले उसकी नज़र अपने साथ लेटे माज़ पर पडी।

उसने माज़ को ध्यान से देखा तो उसकी आंखों के नीचे डार्क सर्किल थे। उसे अचानक माज़ की बिना बताए इंडिया जाने की बात याद आ गयी।

उसने अपना हाथ उठा कर माज़ के चेहरे पर फेरा और अपनी उंगलियों के पोरों को माज़ की आंख के नीचे फेरने लगी।

उस ने मदहोशी में माज़ के चेहरे पर झुक कर उसकी आँखों को चूम लिया।

माज़ जो माहेरा के हाथ फेरने से उठ गया था अपनी आंखों पर माहेरा का स्पर्श महसूस करते ही उसके चेहरे पर खुद ही स्माइल आ गयी।

"आह........माज़....."

माहेरा ने माज़ के मुस्कुराते हुए होंटो को देख कर झूठी दर्द भरी कर्राह निकली।

माज़ ने झट से अपनी आंखें खोली और परेशान हो कर माहेरा से बोला।

"क्या हुआ माहेरा कहि दर्द हो रहा है तो डॉटर को बुलाऊँ।"

"कहि दर्द नही हो रहा है। मैं तो बस तुम्हे तंग कर रही थी।"

माहेरा उसकी परेशानी भरी आवाज़ सुनकर मुस्कुराते हुए बोली।

"अगर तुम ठीक हो फिर भी डॉटर थोड़ी देर बाद मेंशन में आएगा और मैं तुम्हारा फूल चेकउप कराऊँगा इसीलिए तुम फ्रेश हो जाओ।"

माज़ ने प्यार से उसका चेहरा छूते हुए कहा।

"तुम किसी से मेरे कपड़े मंगवा दो।"

माहेरा ने माज़ से कहा।

"अच्छा ठीक है तुम शावर ले कर मेरे कपड़े पहेना लो तब तक मैं किसी को भेज तुम्हारे लिए कपड़े मंगवाता हु।"

वो माहेरा की बात सुनकर अपनी जगह से उठता है बोला और उसके माथे पर किस करके कमरे से बाहर चला गया।

उसके जाने के बाद माहेरा अपनी जगह से उठी और ड्रेसिंग रूम में जा कर माज़ की वाइट शर्ट ले कर वाशरूम में चली गयी।

शावर लेने के बाद उसने माज़ की शर्ट पहनी जो उसके घुटने तक आ रही थी और अपनी ब्लैक जीन्स पहेना कर जैसे ही वोह वाशरूम से बाहर आई उसी वक़्त माज़ कमरे में आया और उसे अपने कपड़ों में देख कर मुस्कुराने लगा।

उसे मुस्कुराते देख माहेरा को लगा वोह उसका मज़ाक़ उड़ा रहा है। वोह मुंह बिगाड़ते हुए सोफे पर बैठ गयी।

"मैं ने जैक्सन को भेजा है वोह थोड़ी देर में तुम्हारे कपड़े ले कर आ जायेगा......वैसे मेरी शर्ट में तुम बहोत क्यूट लग रही हो।"

माज़ बोल कर मुस्कुराते हुए वाशरूम की तरफ बढ़ गया।

"देखना एक दिन मैं तुम्हे अपना ड्रेस पहनाऊँगी।"

माहेरा चिल्लाते हुए बोली तो माज़ हस्ते हुए वाशरूम में चला गया लेकिन जवाब देना ना भुला।

"अपने सपनो में।"

"कमीना इंसान....."

वोह मुंह ही मुंह मे बड़बड़ाई।

थोड़ी देर बाद रोज़ी दरवाज़ा नॉक करके अंदर आयी और शॉपिंग बैग बेड पर रख कर मुस्कुराते हुए वहां से चली गयी।

माहेरा ने एक ड्रेस निकली और माज़ क बाहर निकलने का इंतज़ार करने लगी।

जैसे ही माज़ बाहर आया वोह कपड़े ले कर अंदर चली गयी और थोड़ी देर बाद चेंज करके बाहर आई तो माज़ उसे ले कर शेर खान के कमरे की तरफ चला गया।

"हम अंकल के कमरे की तरफ क्यों जा रहे है??"

माहेरा ने पूछा।

"क्योंकि डॉटर डैड के कमरे में है।"

माज़ ने कहा।

"क्यों?? क्या अंकल बीमार है?"

माहेरा परेशान हो कर बोली।

"माहेरा हम डैड के कमरे में जाएंगे तो तुम्हे पता चल जाएगा।"

वोह झुंझला कर बोला तो माहेरा खामोशी से उसके साथ चलने लगी।

वोह दोनो शेर खान के कमरे में गए तो माहेरा ने खाली कमरा देख कर ना समझी से माज़ को देखा जो वर्डरॉब खोल रहा था।

माज़ ने जब दूसरे कमरे का दरवाजा खोला तो माहेरा ने हैरानी से उसे देखा जो अंदर जा रहा था। वोह भी जल्दी से उसके पीछे चली गयी।

उसने हैरानी से पूरे कमरे को देखा और सामने बेड की ओर देखा तो वहां एक औरत बैठी थी। उसके पास शेर खान रामिश और माज़ के ही जैसा दिखने वाला एक लड़का बैठा था।

"माहेरा इधर आओ।"

माज़ ने माहेरा को बुलाया तो वोह जल्दी से उसके पास चली गयी।

"मॉम येह माहेरा है मेरी बीवी। येह कुछ दिनो से यहां नही थी इसीलिए आप इससे नही मिल पाई और माहेरा येह मेरी मॉम है। येह तीन साल से कोमा में थी कुछ दिन पहेले ही इन्हें होश आया है।"

"हाये आंटी!"

"बेटा इधर आओ।"

अलीज़ा ने इशारा करके उसे अपने पास बुलाया क्योंकि शेर खान पहेले ही उसे माज़ की शादी के बारे में बता दिया था और उन्हें इससे कोई प्रॉब्लम नही थी। वोह तो खुश थी कि माज़ ने शादी करली है।

माहेरा मुस्कुराते हुए माज़ के पास से निकल कर अलीज़ा के पास जाने लगी मगर जाते हुए वोह माज़ के पैर पर मारते हुए वहां से गयी।

माज़ ने दर्द बर्दाश्त करते हुए पीछे से माहेरा को घूर कर देखा जो अब अलीज़ा के गले मिल रही थी।

अलीज़ा के गले मिलने के बाद वोह उसके पास ही बैठ गयी।

"और मैं आपके खडूस हस्बैंड का छोटा भाई हु।"

सलमान ने मुस्कुराते हुए कहा।

"हाये...भाभी आपकी वजह से भाई मुस्कुराए तो सही वरना ऐसी सड़ी हुई शक्ल बना कर फिरते थे कि हम इनकी शादी की दुआ करने लगे थे।"

"बस तुम्हारे भाई को मेरे आने से पहेले ज़ुकाम था मैं ने तो बस उनका इलाज किया है ना रामिश भाई।"

वोह माज़ की तरफ देख कर मुस्कुराते हुए बोली।

"बिल्कुल मैं माहेरा की बात का गवाह हु।"

रामिश भी मुस्कुरा कर बोला।

"वैसे माहेरा मैं ने भी तुम्हारी ज़ुबान का बिरयानी से इलाज किया था।"