Ziddi Ishq - 39 books and stories free download online pdf in Hindi

ज़िद्दी इश्क़ - 39

"वाह....भाभी आप फिक्र न मरे आप बस मेरी शादी की तैयारियां करे, मैं कल ही उनको इटली बुलाने का इंतेज़ाम करता हु।"

सलमान खुश होते हुए बोला।

माहेरा ने खुश होते हुए माज़ को देखा जो मुस्कुराते हुए उसे देख रहा था।

माज़ के हाथ मे अब दर्द होने लगा था इसीलिए वोह सबको एक्सक्यूज करते हुए वहां से चला गया।

माहेरा ने उसे जाते देखा तो उसे लगा वोह उससे नाराज़ हो गया है। वोह भी थोड़ी देर सबसे बात करने के बाद अपने कमरे में चली गयी और बाकी सब भी अपने कमरे में चले गए थे।

..............

सोफिया रामिश के साथ लेटी हुई थी जब उस ने रामिश से पूछा।

"रामिश आप डैड से हमारे बारे में बात करले वोह कुछ दिनों में वापस आ जाएंगे और फिर हम अन्नू को भी उनसे मिलवा देंगे।"

सोफिया उसके सीने पर सिर रखे उंगलियो से छोटे छोटे सर्किल बना रही थी और रामिश शांति से आंखे बंद किये हुए लेटा था।

"उनके वापस आते ही मैं उन्हें सब बता दूंगा।"

रामिश ने उसके माथे ओर किस करते हुए कहा।

"आप डैड को समझाए ना कि वोह ड्रग्स लेना छोड़ दे। मुझे हर वक़्त उनकी फिक्र होती है लेकिन उन्हें मेरा ज़रा भी ख्याल नही है।"

वोह दुखी होते हुए बोली।

रामिश ने उसका चेहरा अपने चेहरे की तरफ किया और उसके होंठो पर किस करते हुए बोला।

"तुम फिक्र मत करो मैं उन्हें समझा दूंगा।"

उसकी बात सुनकर सोफिया ने लाल चेहरे के साथ अपना सिर हिलाया।

"सोफिया तुम्हरा सलमान और अन्नू की शादी के बारे में क्या खयाल है?"

रामिश ने पूछा।

"जब तक अन्नू खुश है मुझे कोई प्रॉब्लम नही है....मैं तो खुश हूं उसे भी कोई मोहब्बत करने वाला मिल गया।"

सोफिया सुकून से बोली।

रामिश ने मुस्कुरा कर करवट बदली और उसका सिर तकिये पर रख कर झुक कर उसके गालो को चूम लिया।

सोफिया अचानक उसके ऐसा करने पर बौखला गयी।

"र....रामिश"

वोह तेज़ धड़कनों के साथ उसका दहकता स्पर्श अपने चेहरे पर महसूस करते हुए बोली।

रामिश ने उसके कुछ और बोलने से पहेले ही उसके होंठो को अपनी कैद में ले कर उसकी सांसे रोक ली।

...............

माहेरा कमरे में आई तो माज़ गीले बालों के साथ बेड पर बैठ अपने हाथ की पट्टी कर रहा था।

"य.....येह क्या हुआ माज़??? तुम्हे चोट कैसे लगी???"

वोह परेशान होते हुए उसके पास आ कर बोली।

"कुछ नही हुआ है बस गोली छू कर गुज़र गयी है। मैं येह पट्टी नही कर पा रहा हु तुम करदो फिर मुझे तुम्हे कहि ले कर जाना है।"

माज़ ने कहा तो उसने ना समझी से से उसे देखा और उसके हाथ की पट्टी करते हुए बोली।

"तुम पहेले नही बता सकते थे तुम्हे चोट लगी है और तुम दवाई ले कर रेस्ट करो, मुझे कहि नही जाना है।"

"मैं बाद में रेस्ट कर लूंगा लेकिन तुम अभी मेरे साथ जाओगी और अब तुम मुझ से बहेस नही करोगी।"

माज़ ने सीरियस हो कर कहा तो माहेरा मुंह बना कर उसकी पट्टी करने लगी।

माज़ पट्टी करवाने के बाद साइड टेबल पर रखी अपनी दवाई खा कर उठा और माहेरा को अपने साथ ले कर चला गया।

...........

सलमान अन्नू के साथ बाहर लॉन में वाक कर रहा था और साथ मे थोड़ी बहोत बातें कर रहा था।

सलमान अचानक एक जगह रुका और अन्नू के सामने आते हुए बोला।

"तुम जानती हो मैं तुमसे मोहब्बत करता हु लेकिन फिर भी तुम्हारे सामने इज़हार करना चाहता हु। तुम्हारे साथ वक़्त गुज़रना मुझे बहोत पसंद है। जब तुम मेरे साथ नही होती ना मेरा दिल करता है मैं तुम्हारे पास पहोंच जाऊं। जब तुम मेरी नज़रो से दूर होती हो तो मेरा दी बेचैन हो जाता है। मैं तुमसे बेहद और बेपनाह मोहब्बत करता हु। क्या तुम मुझ से शादी करके मेरी ज़िंदगी को और खूबसूरत बनाओगी??"

सलमान बात करते करते आखिर में घुटने के बल बैठ गया और रिंग उसके सामने करते हुए बोला।

अन्नू ने उसकी बात सुनकर अपनी भीगी आंखों के साथ चेहरे पर मुस्कुराहट लाते हुए अपना सिर हाँ में हिलाया।

सलमान ने खुशी से उसके हाथों को थाम कर उसमे अंगूठी पहेना दी।

सलमान खड़ा हुआ और मुस्कुराते हुए अन्नू को देख कर उसने चुटकी बजायी तो वहां छोटे छोटे जुगनू उड़ने लगे। उन जुगनुओं को देख कर अन्नू के आंखे खुशी से चमकने लगी।

सलमान ने उसका हाथ थाम कर एक जुगनू उसके हाथ पर बिठा दिया तो वोह खुशी से सलमान की तरफ देखने लगी जो आंखों में मोहब्बत लिए उसे ही देख रहा था।

उसे खुद को देखते देख अन्नू ने अपनी नज़रे झुका ली।

.............

वोह माहेरा को ले कर बेसमेंट के सेल में आया और सेल के सामने खड़े गार्ड से दरवाज़ा खोलने के लिए बोला।

गार्ड ने जल्दी से दरवाज़ा खोला तो वोह माहेरा को ले कर अंदर गया। माहेरा खामोशी से उसके साथ चली गयी क्यूंकि अब उसे पता चल गया था कि अंदर कौन है।

वोह माज़ के पीछे अंदर गयी तो उसकी नज़र कुर्सी पर बंधे रॉय पर पड़ी।

"तुम्हे पास येह पहेला और आखिरी मौका है। तुम इसको जितना चाहो नुकसान पहोंचा सकती हो लेकिन उसे जान से नही मार सकती क्योंकि अभी मुझे भी उससे हिसाब बराबर करना है।"

वोह माहेरा की तरफ चाकू बढ़ाते हुए बोला जो गार्ड ने अभी उसे ला कर दिया था।

माहेरा ने चाकू पकड़ा और नफरत से रॉय को देखा जिस पर गार्ड ने ठंडा पानी डाल कर होश दिलाया था।

उसने धीरे धीरे अपनी आंखें खोल कर अपने सामने खड़े माज़ और माहेरा को देखा और कुर्सी से खुद को छुड़ाने की नाकाम कोशिश करने लगा।

क्योंकि रॉय के मुंह पर टेप लगा हुआ था इसीलिए वोह बोल नही पा रहा था।

वोह माहेरा के हाथ मे चाकू देख कर और उसे अपनी तरफ बढ़ता देख कर मुंह पर टेप लगी होने के बावजूद बोलने की कोशिश कर रहा था।

माहेरा ने आगे बढ़ कर चाकू की नोक से उसके राइट गाल पर कट लगाया।

फिर धीरे धीरे वोह चाकू उसकी गर्दन की तरफ लायी और उस पर बड़ा सा कट लगाया और फिर उसके सीने पर कट लगाया।

रॉय दर्द से चिल्ला रहा था लेकिन टेप लगे होने की वजह से उसकी आवाज़ किसी को सुनाई नही दे रही थी।

माहेरा खोये हुए अंदाज़ में उसके बाज़ू पर कट लगा रही थी इस वक़्त उसके सामने उसके पेरेंट्स की खून से लथ पथ तस्वीरे नज़र आ रही थी।

"मुझे नमक चाहिए।"

वोह अचानक रुक कर बोली तो माज़ ने गार्ड से नमक लाने के लिए कहा।

वोह मुस्कुराते हुए सेल की दीवार से टेक लगाए खड़ा माहेरा को देख रहा था।

उसे ऐसी ही बुद्धिमान और बहादुर बीवी चाहिए थी जो उसके साथ कदम से कदम मिला कर चल सके।

गॉर्ड ने नमक ला कर दिया तो माहेरा ने मुस्कुराते हुए नमक उठाया और रॉय के ज़ख्मो पर छिड़कने लगी।

रॉय के ज़ख्मो पर नमक लगते ही वोह बिन पैनी की मछली की तरह तड़पने लगा।

माहेरा ने इस बार उसके हाथो पर कट लगाया और उस पर नमक छिड़क दिया।

रॉय दर्द की वजह से और कमजोरी की वजह से बेहोश हो गया।

माहेरा ने उसे बेहोश होते देख कर अपनी टांग ज़ोर से उसके पेट मे मारी और माज़ कि तरफ मुड़ी जो मुस्कुराते हुए उसे ही देख रहा था।

माज़ ने आगे बढ़ कर माहेरा के हाथ से चाकू ले कर गार्ड को दिया और उसे ले कर सेल से निकल गया।

"एक बात बताओ?"

माज़ बेसमेंट वाले रूम में आ कर माहेरा से बोला।

"क्या??"

माहेरा अपने हाथ पर लगा खून साफ करते हुए बोली।

"तुमने फाइटिंग सीखी है???"

माज़ ने बेड पर बैठते हुए पूछा।

"हाँ।"

माहेरा ने जवाब दिया।

"क्यों तुम्हे किस्से लड़ना था!"

माज़ मुस्कुराते हुए बोला।

"वोह क्या है ना जब मैं स्कूल जाती थी वहां तुम्हारे जैसे बहोत कमीने लड़के रहते थे उनसे डील करने के लिए मैं ने फाइटिंग सीखी थी लेकिन अब तुम पर प्रैक्टिस ज़रूर करूँगी।"

माहेरा ने उसे घूर कर देखते हुए चिढ़ते हुए कहा।

"अहां....मिसेज खान आपको नही लगता आप कुछ गलत बोल गई।"

"आह"

माज़ ने कहते साथ ही उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा।

माहेरा जो इन सबके लिए तैयार नही थी सीधा आ कर उसकी बाहों में गिर गयी।

"माज़...."

इससे पहले की माहेरा कुछ कहती माज़ ने अपने होंठो उसके होंठो पर रख दिया और उसे पैशनेटली किस करने लगा।

माहेरा उसे खुद से दूर करने के कोशिश कर रही थी लेकिन उसकी पकड़ और मजबूत होती जा रही थी।

थोड़ी देर बाद जब माज़ को लगा माहेरा सांस नही ले पा रही है तब जा कर उसने उसे छोड़ दिया और माहेरा उसे घूरती हुई गहरी गहरी सांसे लेने लगी।

माज़ उसकी हालत देख कर हस रहा था।

माहेरा ने साइड से पिल्लो उठा कर उसे मारना शुरू किया।

माज़ हस्ते हुए उसकी मार खा रहा था लेकिन उसे रोक नही रहा था।

थोड़ी देर बार जब माहेरा उसे मारते मारते थक गयी तब जा कर माज़ ने उसे बेड पर गिराया और खुद उसके ऊपर आ गया।

"माज़ क्या कर रहे हो?? छोड़ो मुझे??"

माहेरा उसे घूरते हुए बोली।

"सुबह मैं ने तुमसे कुछ कहा था तुमने उस बारे में क्या सोचा है।"

माज़ ने उसे देखते हुए पूछा।

"किस बारे में!"

माहेरा अनजान बनते हुए बोली।

उसकी बात सुनकर माज़ के चेहरे पर स्माइल आ गयी और वोह अपने होंठ उसके कान के पास ले जा कर बोला।

"मिसेज खान आप शक्ल से जितनी मासूम दिखती है। उतनी मासूम है नही अगर आप चाहती है मैं आपको याद दिलाऊँ तो मैं बताने की जगह मैं करके दिखा देता हूं।"

माज़ उसके कान की लौ चूमते हुए पीछे हटा और माहेरा को देखा जिसका चेहरा शर्म से लाल हो गया था।

"त...."

"क्या आप दोनों रोमैंस करने से पहेले दरवाज़ा नही बन्द कर सकते!!!!???"

माहेरा की बात पूरी होने से पहेले ही सलमान जो अंदर आ रहा था उन दोनों को देख कर पीछे मुड़ कर बोला।

माज़ जल्दी से माहेरा के ऊपर से हटा तो वोह भी जल्दी से उठ कर खड़ी हो गयी और माज़ को घूरते हुए कमरे से निकल गयी।

"हाहाहाहा....भाई अब मुझे लगता है मैं जल्दी ही चाचू बन जाऊंगा।"

सलमान ने हस्ते हुए कहा तो माज़ ने पिलो उठा कर उसके मुंह पर मारा।

"कबाब में हड्डी बनने की क्या ज़रूरत थी।"

माज़ ने उसे घूरते हुए कहा।

"आप ने भी मेरे साथ थोड़ी देर पहेले कुछ ऐसा ही किया था।"

सलमान हस्ते हुए बोला।