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अभिव्यक्ति.. - 10 - मेरी रामायण और मेरे सवाल ..

समय के उस काल में  .... अगर में .... सीता होती 

 

1.   तो राम को ये सवाल पूछती की - अधर्मी रावण के वहां मेने अपने आपको बिना आपके संभाला ही था तो धार्मिक अयोध्या में उस धोबी के एक सवाल के सामने आपके होते हुए मै अकेली क्यों पड गयी ?

 

2.   कौशल्या माँ को ये जरूर पूछती की राजा बनकर अपनी ही पत्नी का भरोसा नहीं करने वाले राजा का भरोसा अयोध्या की प्रजा किस तरह कर पाएगी ? 

 

3.   सुमित्रा माँ को समजाती की आपके बेटे का कोई कसूर नहीं है, उन्हें समझाइए की मेरी बहन उर्मिला को छोड़कर अपने भाई की सेवा करने वन में वो ना आए। 

 

4.    कैकेयी से कहती की - १४ साल राम के साथ बेवजह वनवास करवाने के प्रायश्चित के रूप में उस धोबी की बात को अनसुनी करवा कर मेरा दोबारा अकेले वन में जाना रुकवा कर दिखाए। 

 

5.   मंथरा से पूछती - हमने सिंहासन मांगा नहीं था.. षड्यंत्र की बजाए भरत को राम से ज्यादा समर्थ बनाने के लिए कैकेयी माँ को उगसाती तो भरत की काबिलियत का कुछ तो श्रेय पाती .. 

 

6.   अपनी माँ सुनयना से कहती - जिस घर में मुझे ब्याह के भेजा है वहांसे बच्चो को जन्म देने केलिए मायके नहीं जंगल में भेजते है.. वो भी शक की बुनियाद पर। बेटी ब्याहने से पहले कुछ तो देख लिया होता  ... !

 

7.   अपने पिता से कहती - राम के साथ १४ साल जंगल मे जाने का मेरा अपना फेंसला था इसका मतलब ये कभी नहीं था की आप राम को मेरा त्याग करने पर कोई सवाल ना पूछो.. अगर में धरती में से पैदा हुई ना होती आपकी अपनी बेटी होती तब भी आप मेरे साथ होता अन्याय बर्दाश्त कर लेते ? और पतिव्रता का धर्म निभाते हुए १४ साल जंगल में राम का साथ देने के बावजूद जो मेरे साथ हो रहा है उसे होने देते ?   

 

8.   राजा दशरथ की राज्यसभा में ये सवाल करती की -  राजा दशरथ ने वो किया जो रानी कैकेयी ने कहा .. और रानी कैकेयी ने वो कहा जो नौकरानी मंथरा ने कहा,.. मतलब ये हुआ की एक नौकरानी भी राजा को हिला सकती है ??   

 

9.   राज्य की सुरक्षा प्रशासन से भी ये जरूर पूछती की - मंथरा के मन को पढ़ना इतना तो कठिन नहीं हो सकता था, और मंथरा के इतने बड़े मनसूबे को इतने बड़े राजमहल में कोई नहीं पहचान पाया ? आखिरी दिन तक ? सुरक्षा प्रबंध इतना कमजोर की रातोरात इतना बड़ा फेंसला बदल दिया जाए और कोई कुछ न कर पाए .. किसी से कुछ न हो सके . ! 

 

10.              अयोध्या की जनता से ये पूछती की - आपके महान राजा राम को अगर मुझे जंगल में वापस ही भेजना था तो उस रावण से छुड़ानेको, वानरों की फ़ौज बनाकर, उत्तर भारत से चलते हुए दक्षिण भारत जाकर भरी लंका का नाश कर के मुझे वापस ले आने की क्या जरुरत थी ? तब वो मुझसे प्यार जता रहे थे या संसार को अपना पराक्रम दिखा रहे थे ?  

 

11.              जिस धोबी की बात को मान कर महल त्याग करने का आदेश था उस धोबी को मिल कर उसकी आँख में आँख डाल कर उसे इतना एहसास जरूर करवाती की में रावण जैसे शक्तिशाली राजा जो महान शिवभक्त था उसके सर्वनाश का कारण बन सकती हु तो मेरे चारित्र्य पर बिना वजह ऊँगली उठाने वाले एक इन्सान का क्या हाल कर सकती हु ??