Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 16 books and stories free download online pdf in Hindi

Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 16

इंजन की गड़गड़ाहट ने उस के दिल को तेज़ धड़का दिया और उस की पुरानी यादें ताज़ा हो गई जब वोह नील के साथ थी, पढ़ाई करते वक्त, प्रोजेक्ट पर काम करते वक्त,— जो की उस की पूरी जिंदगी का सबसे अच्छा समय था।

नील ही था जिसने उसे यह दिखाया था की एक दोस्त होने का क्या मतलब होता है, एक दोस्त जिसके साथ आप सबकुछ शेयर कर सकते हो। पर जितनी ज्यादा खुशियां नील ने उसे दी थी, उस से दस गुना ज्यादा उसे दर्द भी दिया था, और वोह एक मोमेंट था जिसमे नर्मदा ने अपनी जिंदगी से उसका सफाया करने का सोच लिया था और उसके बारे में अब कभी भी नही सोचेगी।

नर्मदा ऊपर आसमान में अंधेरा देख रही थी और साथ ही अपने आंसुओं से लड़ने की कोशिश कर रही थी जब उसे यह रियलाइज हुआ की नील ही है जिसके कारण वोह आज तक किसी और लड़के से क्लोज नही हो पा रही थी। लगभग चौबीस साल की उम्र में नर्मदा ने किसी से भी शादी करने से इंकार कर दिया था क्योंकि उसे अपने खुद के दिल पर ही भरोसा नही था की वोह कभी किसी और के लिए धड़क पाएगा। किसी तरह उसने अपने दिल को टूटने पर और अपने सीने से निकल फेंकने पर मजबूर कर दिया था पर उसका पागल दिल आज भी नील के लिए धड़कता था।

“रुको,” नर्मदा रोते हुए चिल्लाई जब वोह और ज्यादा दर्द बर्दाश्त नहीं कर पाई।

नील ने सड़क से साइड में रेतीले लाइन पर बाइक रोकी और स्टैंड लगा दिया। उसने इंजन बंद कर दिया उसे देखने के लिए क्योंकि तब नर्मदा बाइक से उतर चुकी थी। “अब क्या हुआ?“

नर्मदा ने अपने बालों में अपनी उंगलियां फेरी, उसका चेहरा नील की तरफ से पलटा हुआ था।

“नर्मदा, क्या हुआ है? मुझसे बात करो।”

नील के आखरी तीन शब्द नर्मदा को अपने सिर में किसी सूई की तरह चुभे। “सच में? मुझे तुमसे बात करने की जरूरत है? फॉर अ चेंज तुम ही मुझसे क्यों नहीं बात करना शुरू कर देते?“

नील ने गहरी सांस ली और बाइक से उतर गया। उसने बाइक की लाइट्स बंद की और कुछ कदम नर्मदा की ओर बढ़ा दिए। “तुम क्या और किस बारे में बात करना चाहती हो?“

“तुम मुझे छोड़ कर क्यूं गए?“ नर्मदा उसे बचने का कोई मौका नहीं देना चाहती थी इसलिए उसने सीधा सवाल पूछा और नील जनता था की नर्मदा किस बारे में बात कर रही है।

“मेरे पास और कोई रास्ता नही था।”

“तुम जाने से पहले एक बार गुड बाय भी कह कर नही जा सकते थे?“ नर्मदा ने जवाब मांगा।

“नर्मदा, अब इन सब बातों का क्या मतलब है? अब क्या जरूरी है? यह छह साल पुरानी बात है, हम उस वक्त बहुत छोटे थे कुछ भी समझने के लिए। हम बस एक दोस्त थे।”

“झूठे,” नर्मदा चिल्लाई।

“जैसा की मैने कहा कि हम बस अच्छे दोस्त थे और अगर हमें लगा की यह दोस्ती से बढ़ कर कुछ था....तो वो बस..... इनफैटुएशन था।” नील ने इस तरह से जवाब दिया जैसे उसकी तरफ से कुछ नही था।

नर्मदा को अपने दिल में नील की बात सूई जैसी चुभी और उस का दिल उसे जलता हुआ महसूस हुआ। वोह जलन और ज्यादा बर्दाश्त नही कर पाई और उसका हाथ उठ गया नील को थप्पड़ मारने के लिए, पर नील इतना फास्ट था की उसने बीच में ही नर्मदा का हाथ पकड़ लिया।

“बंद करदो अब अपना यह ड्रामा,” नील गुर्राया और बिना किसी दबाव के वोह उसका हाथ पकड़े रहा।

“यह ड्रामा नही है.....मुझे जानना है। मुझे जानना है की तुमने मेरा दिल क्यूं तोड़ा।” नर्मदा के शब्द नील के सीने पर चाकू की तरह वार कर रहे थे, निंजा नाइफ की तरह।

नील खुद को अंदर ही अंदर कोस रहा था, नही जानता था की वोह अब क्या कहे, अब कोई छुपने की जगह नही थी। नर्मदा ही की लौती इंसान थी जिससे वोह बात कर सकता था— बल्कि उससे उसे बात करनी चाहिए थी।

“मैं इसलिए चला गया था क्योंकि मेरा काम पूरा हो चुका था।”

“कौनसा काम? मेरा फेक फ्रेंड बनने का या फेक बॉडी गार्ड बनने का?“ नर्मदा ने तुरंत सवाल किया।

“नर्मदा, मुझे तुम्हारा बॉडीगार्ड बनने के लिए हायर किया गया था क्योंकि तुम अपने रोज़ के सिक्योरिटी के साथ कॉलेज जाने से इंकार कर रही थी। मैने यह नाटक किया था की मैं तुम्हारा बॉडीगार्ड नही हूं, पर तुम्हारा दोस्त होने का कोई झूठा नाटक नही किया था।” नील की आवाज़ धुंधली होती नज़र आई।

नर्मदा ने नील का चैप्टर अपनी जिंदगी से बंद कर दिया था जब वो उसे बिना बताए गायब हो गया था। वोह ही उसका पहला दोस्त था जब वो न्यूयॉर्क से वापिस आई थी, और वोह फ्रेंड बाद में उसका बॉडीगार्ड निकला था जो हायर किया गया था। उसे बहुत गुस्सा आया था जब उसे सच्चाई का पता चला था पर बाद में उसे यह भी रियलाइज हुआ था की उसकी दोस्ती सच्ची थी।

“तो, तुम क्यों छोड़ कर चले गए थे? मैं तब भी तुम्हारी दोस्त बनी रहना चाहती थी जब मुझे तुम्हारे बॉडीगार्ड होने का पता चला था,” नर्मदा ने तर्क करते हुए कहा।

“यह असली वजह नही थी मेरे वहाँ होने की।”

“क्या तुम्हारा काम मिस्टर रेड्डी को मारना था?“ नर्मदा के शब्द नील के कानों में घंटी की तरह बजने लगे। नील को पता ही नही था की नर्मदा जानती है की उसने ही रेड्डी को मारा था।

“तुम्हे कैसे...?“

नर्मदा की बात सुनकर नील स्तब्ध रह गया था। “मैने तुम्हे देखा था जब तुमने किया वोह.....तुम्हारा चेहरा बिल्कुल वैसा ही था जब तुमने उसे मारा था जिसने मुझ पर अटैक किया था, नील।”

नील को अपने कानों पर विश्वास ही नहीं हो रहा था। उसके हाथों पहला खून बदले के लिए हुआ था, उसके बाद नफरत की वजह से और उसके बात जिम्मेदारी की वजह से...जिसका कोई गवाह नही था, कम से कम अब तक तो वोह यही समझता था।

“तुम जानती थी, और तुमने कुछ नही कहा, और तुम तब भी मुझसे दोस्ती रखना चाहती थी?“ अब नील की बारी थी सवाल पूछने की।
















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कहानी अगले भाग में अभी जारी रहेगी...
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