Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 18 in Hindi Love Stories by Poonam Sharma books and stories PDF | Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 18

Love by ️️Duty Singham - Series 3 - Part 18


“यह मिनी लंदन आई की तरह है, यूरोप का सबसे बड़ा और ऊंचा फेरिस व्हील।” नर्मदा ने हँसते हुए कहा।

“मुझे नही पता....पर यह लंदन नही है। मैं कभी भी इंडिया से बाहर नही गया।”

“तुम कहां पले बड़े हुए हो?“

“जहाँ तक मुझे याद है, मैं अनाथ आश्रम में ही पला हूं जो चर्च के द्वारा चलाया जाता था, और फिर उसके बाद एक कुत्ते ने मुझे किलर में बदल दिया, और फिर बाद में एक इंसान मेरी जिंदगी में आया जो मेरी जिंदगी में मेरे लिए पिता के ही समान थे। मैं मारना बंद कर दूंगा जब मुझे वोह आखरी इंसान मिल जायेगा, और वोह इनफॉर्मेशन राज के पास है।” नील के बोलते हुए जबड़े भींच गए।

“इस पूरी दुनिया में वोही कैसे वोह इंसान है जिसके पास इनफॉर्मेशन है और उसे कैसे यह पता?“

“मैं उसे अपने इन्ही हाथों से जान से मार दूंगा अगर वोह मुझसे उलझ रहा होगा तो,” नील गुर्राया और आगे कहा, “मुझे भी उस पर यकीन नही है, पर मैं कोई चांस नहीं ले सकता। उसका बस एक ही सोर्स है की उसके माफिया के साथ कनेक्शंस हैं।”

“उस बेवकूफ आदमी के माफिया के साथ कनेक्शंस हैं।”

“उसके इतने नाम मत रखा करो, वोह तोह तुमसे शादी करने के सपने देख रहा है।”

नर्मदा ने पीने के लिए जो पानी मुंह में भरा था वोह साइड में उगल दिया। “उससे शादी करने से पहले में उसे मार डालूंगा।”

“आई लाइक डैट।” नील हँसने लगा।

“व्हाट?“

“तुम ने कहा ना की तुम उसे मार दोगी, खुद को नही,” नील ने उसे छेड़ते हुए जवाब दिया।

“मैं एक सेनानी हूं। और सेनानी मरने से पहले मारते हैं।” नर्मदा न गर्व से कहा।

“मुझे तुम पर यकीन है।”

“बेहतर है की तुम्हे यकीन है। मेरे पास पूरा रिसर्च पेपर है मेरे दादाजी की कसिन के बारे में, जो उस जेनरेशन की इकलौती औरत थी.....वो सच की एक योद्धा रानी थी।”

“क्या यह तुम्हारा इतिहास के ऊपर रिसर्च है?“

“हाँ, और संभावित रूप से मेरी किताब उस जगह के परिवारों के बारे में है।” नर्मदा गर्व से फूल गई।

“कैसी जगह?“

“मेरे ग्रैंडपा का एस्टेट, ऐसी जगह जहां उसकी खुद की ही कहानी है।” नर्मदा की आवाज़ में अभी भी गर्व का एहसास हो रहा था।

“इंटरेस्टिंग।”

“तुम्हारी क्या स्टोरी है, नील?“

दोनो के बीच एक पल की शांति छा गई।

नील ने बात टालते हुए कहा, “वैसी ही जैसे सबकी स्टोरी होती है।”

“नही....तुम डिफरेंट हो। तुम्हारी आँखें कहती हैं की तुमने सब अपनी आँखों से देखा है....जैसे कुछ भी धुंधला नही है।” नर्मदा जवाब जानने के लिए नील की आँखों में देखने लगी।

नील ने मुस्कुराते हुए अपना सिर हिला दिया। “एक हिस्टोरियन अब साइकोलॉजी में बदल रही है।”

“तुम सच में क्या काम करते हो?“ नर्मदा ने प्यार से पूछा।

“मैं मारता हूं। मैं जान से मारता हूं पैसों के लिए।”

एक सनसनी सी दौड़ गई नर्मदा के बदन में जब उसने यह कड़वी सच्चाई सुनी नील के मुंह से।

“तुम्हे क्यों मारने की जरूरत पड़ती है?“ एक मासूम सा सवाल पूछ दिया नर्मदा ने।

नील ने तुरंत इसका जवाब नही दिया और नर्मदा को लग रहा था अब फिर से उसके सवाल पर नील चुप्पी साध लेगा।

नर्मदा ने धीरे से टेबल पर रखे नील के हाथ पर अपना हाथ रख दिया। “तुम्हारे पास कुछ नही है खोने के लिए अगर तुम मुझसे कुछ शेयर करते हो।”

“क्योंकि उनमें से एक बेवकूफ की वजह से मेरी जिंदगी पूरी बिखर गई,” नील कराहया।

“क्या हुआ था?“ नर्मदा ने महसूस किया की सालों से नील की जिंदगी में बहुत अंधेरा था, और इसी ने उसे एक मॉन्स्टर, एक किलर, एक हंटर में बदल दिया।

“मैं जब ग्यारह साल का था, तब मुझे लोकल मार्केट भेजा गया था उन गुंडों के दुश्मन की हत्या करने।” नील ने जबड़े भींचते हुए कहा।

“नील, यह गुंडे कौन थे जिसकी तुम इतनी निगरानी करते थे? और उनके साथ तुम्हारा सब खतम कैसे हुआ?“ नर्मदा को याद था की वोह तोह अनाथ आश्रम में रहता था।

“उन गुंडों ने उस अनाथ आश्रम पर हमला कर कब्जा कर लिया जो चर्च चलाता था, पादरी को बहुत मारा, और वहाँ के सारे बच्चों को ट्रक में लोड करके शहर भेज दिया।”

“तुम कितने साल के थे?“

नील ने बात झटकते हुए कहा, “शायद पाँच या उसी के आस पास।”

“तुम अनाथ आश्रम में कैसे पहुँच गए थे?“ नर्मदा अपने परिवार में पली बड़ी थी जबकि उसकी फैमिली इतनी परवाह या प्यार दिखाने वाली नही थी। इसलिए उसने नील से ये सवाल पूछा की उसकी फैमिली का क्या हुआ। कोई बच्चा बिना परिवार के बड़ा हुआ यह बात उसको हज़म नहीं हुई।

“जैसे बाकी के सारे अनाथ बच्चे अनाथ आश्रम पहुँचते हैं। किसी को कोई अनाथ बच्चा मिलता है तो वो उसे अनाथ आश्रम छोड़ देता है।” नील ऐसे बता रहा था मानो ये तो रोज़ का है, जिससे नर्मदा को अपने पेट में दर्द सा होने लगा।

“तुम्हे अनाथ आश्रम कब लाया गया था? तुम्हे वहाँ लाने से पहले का कुछ भी याद है?“

नील ने ना में अपना सिर हिला दिया, पर उसका सपना जिसमे एक औरत एक बच्चे के साथ फाउंटेन के पास जा रही है, जिसके चारों ओर कमल के फूल का तालाब बना हुआ था, बार बार उसके नज़रों के सामने घूम रहा था। वोह नही जनता था की वोह बार बार वोही सपना क्यों देखता था, और बार बार उस सपने वाली औरत के साथ कुछ क्यों हो जाता था।

“वोह गुंडे बच्चों को क्यों उठा ले गए थे?“ नर्मदा खुद पर कंट्रोल नही कर पा रही थी, उसे सब जानने की उत्सुकता हो रही थी।

“यह उनके बिजनेस का हिस्सा है।”

“क्या?“

“हर बच्चे से कुछ ना कुछ काम कराया जाता है, या तो वो सस्ते समान बेचे ट्रैफिक सिग्नल पर, या फिर वोह सारा दिन भीख मांगता रहे और उन्हे पैसे ला कर दे.....लड़कियों को वोह दूसरे कुत्तों को बेच देते थे उनसे धंदा कराने के लिए और...“ नील की आवाज़ बोलते बोलते चोक होने लगी मानो गला ही फस गया हो।

“उन्होंने तुमसे क्या काम करवाया था?“ नर्मदा ने अपनी कांपती आवाज़ में पूछा।
















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कहानी अगले भाग में अभी जारी रहेगी...
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