Pehchan - 22 books and stories free download online pdf in Hindi

पेहचान - 22 - What the hell

पीहू बोलना शुरू की......
पहली बात तुम मुझपे भरोसा करोगे .....
दूसरी बात तुम मुझे जज नहीं करोगे मतलब अगर तुम्हे कभी भी लगा की मैं गलत हूँ तो तुम मुझे सीधे सीधे पूछोगे...
तीसरी बात तुम मुझपे गुस्सा नहीं करोगे.....

अभिमन्यु कुछ सोचा और फिर बोला हाँ मंजूर है...
(अभिमन्यु था तो गुस्सेल् मिजाज का पर वो भी, अच्छे दिल का था, जो गलती उसने पहले पीहू पे भरोसा न करके किया था उसको सुधारना चाहता था ... )
तभी पीहू बोली मेरी और एक request है..

अभिमन्यु बोला क्या?

पीहू बोली पहली बात की अभी मैं जहाँ जहाँ काम करती हूँ वहाँ मुझे बोलना पड़ेगा और जितना पेमेंट है उसे क्लीयर करना पड़ेगा.....
दूसरी बात मैं तुम्हारे साथ रहने को तैयार हूँ पर मैं नही चाहती ये बात कोई और जाने मतलब तुम्हारे करीबी... मुझे ये न्यूज़ मे नहीं रहना और न ही तुम्हारे चाहने वालो मैं शामिल होना है.....
अभिमन्यु बोला अरे बोलना क्या है और तुम पैसे क्लीयर करने के झमेले मैं क्यों पड़ती हो मुझे बोल देना मै दे दूंगा.....
पीहू एक गुस्से भरी आवाज़ मे बोली देखो तुम्हारी तबियत खराब है इसलिए मैं तुम्हारे साथ चलने को तैयार हूँ पर एक बात याद रखलो मेरी life को कंट्रोल करने की कोसिस मत करना....
तुम्हारे पास पैसे हैं तो तुम सोचते हो तुम सब कर सकते हो..... एक बात दिमाग मैं अच्छे से डाल देना तुम्हारे पैसे देखके कोई change होता होगा पर मैं नहीं...
मैं काम की हूँ, तो मुझे वो पैसे ,हक से चाहिए
So don't interfere in my decision..
ये सब सुनने के बाद अभिमन्यु के पास कुछ था ही नही बोलने को.....
पर वो भी एक बात समझ नही पाया भला जब हर कोई उसके करीब रहकर मीडिया का सहारा लेकर famous होना चाहता है ये लड़की सबसे छुपना चाहती है . . . . .
छोड़ो मुझे क्या....

आज जैसे मानो उल्टी गंगा बह रही थी , जो अभिमन्यु एक दिन पीहू को अपने घर मे रखने के लिए सर्तो की पुरी लिस्ट बना कर बैठा था वो आज पीहू की हर बात मानने को तैयार था...

अभिमन्यु और पीहू उस घर से निकल गए......... कुछ समय बाद एक रास्ते पर चलते चलते पीहू ने सोचा की अब उसे अभिमन्यु को उसके कंपनी मे हो रहे problems के बारे मैं बता देना चाहिए... तो उसने अपना गला साफ करते हुए कहा . .. .
देखो मैं तुम्हारे घर का रास्ता जानती हूँ तो मैं अकेले जा सकती हूँ , मेरे खयाल से अब तुम्हे अपने ऑफिस जाना चाहिए ..

अभिमन्यु रुक गया और एक serious tone मे बोला देखो मैं तुम्हारे सारे सर्तो पे हामी भरी है इसका मतलब ये नहीं की तुम मुझे कंट्रोल करोगी की मुझे क्या करना चाहिए क्या नही !

पीहू अपने गुस्से को रोकते हुए उसे समझाने की कोसिस की पर अभिमन्यु बिना उसकी बात सुने उसे पकड़ते हुए घर की तरफ चलने लगा.....

अब पीहू की सटक गयी वो मन ही मन बोली अब तो इस खड़ूस को मैं कुछ नही बोलने वाली जो होगा अब घर जाके ही होगा....

रास्ते मैं एक फूलो का दुकान पड़ा तो पीहू अभिमन्यु को बोली रुको थोड़ा मुझे एक माला खरीदना है...
अभिमन्यु बोला माला पर क्यों क्या तुम पूजा करने वाली हो..?

पीहू बोली मेरी मर्जी मैं जो करूँ तुम्हे उससे क्या थोड़ी न मैं इस माला के पैसे तुमसे मांग रही हूँ...
अभिमन्यु बोला क्या तुम्हे सीधे मुँह जवाब देने मैं मौत आती है?

पीहू बोली मौत तो नहीं पर उल्टी जरूर आती है कहो तो डेमो दिखाऊँ क्या?

अभिमन्यु बोला नहीं रहने दो...

माला खरीदने के बाद दोनो घर पहुंचे अभिमन्यु बोला तुम तो यहाँ के बारे मैं सब जानती हो सो बताने की जरूरत नही तुम अपने कमरे मैं चली जाओ मैं फ्रेश होकर आता हूँ बोलकर वहाँ से चला गया . .. ...

अभिमन्यु जैसे ही फ्रेश होकर नीचे आया नीचे का नजारा देख उसकी बोलती बंद होगयी उसने एक शॉक और जोरदार आवाज़ मे कहा what the hell ! ये सब क्या है?