Ulte Pair - 1 in Hindi Horror Stories by Tarkeshwer Kumar books and stories PDF | उल्टे पैर - 1

उल्टे पैर - 1

यह कहानी मेरी कल्पना हैं और काल्पनिक हैं पूरी तरह से। इसका किसी सच्चाई से कोई वास्ता नहीं।

बचपन में अक्सर हम जिद्द करते थे की हमें कहानियां सुनाइए और हमारे बड़े बूढ़े या यूं कहे दादा,दादी, नाना,नानी हमें कहानियां सुनाया करते थे। और हमें ज्यादा रोमांच भूत प्रेत और पिशाच की कहानियों में आता था जब हम डरते डरते उन्हीं के गोदी में सो जाया करते थे कहानी सुनते सुनते।

बहुत साल पहले ऐसे ही भोलू और तारक ने जिद्द की कहानी सुनने की और वो तब बच्चे थे और बहुत शरारती थे। तब कहानी का सिलसिला शुरु हुआ। एक के बाद एक कई कहानियां सुनने के बाद दोनों को डर लगा और वो रजाई में छुप कर सो गए। बच्चे थे तो डर तो लगना ही था। रात हो गई और भोलू को पेशाब लग गई पर डर के मारे किसी को बता नहीं रहा था और गांव का माहौल था सब सो गए थे और चारों और सन्नाटा छाया हुआ था।

धीरे आवाज़ में फुसफुसाते हुए तारक को जगाते हुए बोला के भाई उठ ना मुझे बहुत ज़ोर की लगी हैं पर तारक अपनी नींद में मस्त था। भोलू और तारक शहर से पहली बार गांव गए थे। क्योंकि नानी का घर तो सबको प्यारा होता हैं। भोलू ने एक बार फिर कहां भाई उठ ना लेकिन वो नहीं उठा। भोलू की नजर सामने खिड़की पर थीं जहां से बाहर का घोर अंधेरा दिख रहा था। और भोलू के दिमाग में वो कहानी घूम रहीं थीं जो उसे नाना जी ने सुनाई थी, उलटे पैर वाली चुडैल की कहानी जो बच्चों को उठा के ले जाती थीं और खा जाती थीं।

भोलू और तारक अपने कमरे में थे और गोलू इतना डरा हुआ था की दूसरे कमरे में जाके किसीको जगाए कैसे।
भोलू ने एक बार फिर कोशिश की और तारक की नींद खुली, भोलू बोला भाई में कब से जागा रहा हूं पर तू हैं की उठ ही नहीं रहा। तारक बोला क्या हुआ बोल ना और भोलू ने उसे बताया। तब दोनों उठे और कहानी का असर अभी तक था दोनों पर।

दोनों खिड़की की तरफ एक साथ देखे, बाहर अंधेरा था और सर्दी के मौसम में धुंध भी बहुत था जिससे सफेद धुआं सा भी बना हुआ था बाहर। पेशाब करने के लिए बाहर ही जाना था क्योंकि टॉयलेट घर के बाहर बना हुआ था जो खेत के बेहद क़रीब था।

भोलू उठा और बोला चल भाई वरना बहुत देर हो जाएगी। हां हां चलते हैं तारक बोला और बिना किसी को जगाए घर के दरवाजे पर दोनों चले गए और एक दूसरे को देखने लगे। भोलू बोला किसी को जगा लेते हैं पर तारक बोला नहीं रहने दे नींद खराब हो जाएगी सबकी, और बहादुरी दिखाने के चक्कर में दरवाजा खोलने लगा।

धीमे धीमे आवाज करते दरवाजा खुल रहा था जो अंधेरे को चीरते हुए शोर कर रहा था। दरवाजा खुला और दोनों ने कदम बाहर निकाला और सामने टॉयलेट को देखने लगें और धीमे धीमे क़दम से आगे बढ़े।भोलू दौड़ कर पेशाब करने घुस गया और तारक बाहर अकेले खड़ा चारों और देख रहा था और भयभीत हो रहा था। कुछ देर बाद तारक टॉयलेट का दरवाजा खटखटाते हुए धीरे से बोलता हैं चल ना भोलू जल्दी कर भाई।

इतना बोलते ही वो घबरा जाता हैं और थोड़ा तेज आवाज में बोलता हैं भोलू क्या कर रहा हैं अंदर। पर कोई आवाज़ नहीं आती। तारक टॉयलेट का दरवाज़ा खटखटाता हैं पर कोई आवाज नहीं आती तारक बहुत जाता घबरा जाता हैं।

तारक और घबरा जाता हैं और आनन फानन में पलटता हैं और घर में भागने की जैसे ही कोशिश करता हैं तो पीछे से एक बूढ़ी महिला की आवाज़ आती हैं टॉयलेट में से, मैं अभी आता हूं भाई।

तारक एक पल के लिए सुन्न हो जाता हैं और सामने खिड़की पर देखता हैं की भोलू खड़ा हैं और बोल रहा हैं, भाई तू बाहर क्या कर रहा हैं।

तारक और घबरा के सुन्न हो जाता हैं और भोलू को देखने लगता हैं। टॉयलेट का दरवाज़ा आवाज करते हुए धीरे धीरे खुलने लगता है।
भोलू बोलता हैं भाई पीछे वो सफ़ेद साड़ी में बूढ़ी औरत कौन हैं..............

कहानी अच्छी लगी हों तो कमेंट कर के बताए। जल्दी ही इसका दूसरा भाग लाने की कोशिश करूंगा।

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Vicky 3065

Vicky 3065 2 months ago

Ajit Kumar Gope

Ajit Kumar Gope 8 months ago

Kiya me aap ki es kahani ka animeson video Bana skta hu

Vipul Petigara

Vipul Petigara 8 months ago

RACHNA ROY

RACHNA ROY Matrubharti Verified 8 months ago

Rahul Yadav

Rahul Yadav 9 months ago

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