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उल्टे पैर - 4

कटे हुए सर से लदे पेड़ से जैसे ही थोड़ी आगे जाते हैं तो वहां।एक नदी मिलती हैं जिसमे और भी सर पड़े हुए थे।
उनमें से एक सर टकटकी लगाए देख रा था और एक दम से बोल पड़ा के आओ मेरे पास आओ।

घबराओ नहीं, ऐसे डर के दूर भागने की कोशिश ना करना वरना उस पेड़ के बाकी लटके सर भी जिंदा हो जाएंगे। ये दृश्य देख के सबके हलक सुख गए। नाना जी दबी आवाज में बोले की तुम बोल सकते हों।

कटा सर बोला के इस जंगल की हर एक चीज बोल सकती हैं, पेड़, पौधे, जानवर। ये सब उस बुढ़िया चुड़ैल की माया का कमाल हैं। तुम लोग इतने भयानक जंगल में क्या कर रहें हों।

नाना जी बोले के तुम भी भूत प्रेत हो ना। कटा सर बोला बहुत दिन से कुछ खाया नहीं हैं। हाथ पैर होता तो पकड़ के खा चुका होता अभी तक। तुम में से कोई मेरे पास आओ ताकि में तुम्हें खा सकू।

इतना सुन के सब डर गए और जल्दी जल्दी में आगे बढने लगे।
कटा सर पानी में बगल में ही साथ साथ बहने लगा क्योंकि नदी के किनारे से ही जंगल का आधा रास्ता तय होगा।

दो तीन बार कटा सर उछल के बुजुर्ग को दांत से पकड़ने की कोशिश भी की पर सफल ना हुआ।

सब नदी से थोड़ी दूर हो गए।
कटा सर बोला तुम लोग अब मेरे सब्र का इम्तेहान ले रहें हों।
मैं अपनी पूरी ताकत के साथ शोर मचा कर सारे सर को उठा देता हूं।

इतने में इसकी बात सुनते सुनते एक गांव वाला पानी में गिर जाता हैं और कटा सर उसे अपने दांतों से पकड़ लेता हैं,

सब उसका पैर पकड़ के खींचने लगते हैं उतने में अपने बड़े दांत से उसका सर चबा लेता हैं। सब डर के पीछे हट जाते हैं और नाना जी पवित्र पानी उसपर मार देते हैं जिससे वो सर वहीं जलने पग जाता हैं और छटपटाने लगता हैं।

सब आगे की तरफ बढ़ते हैं और उस घायल गांव वाले को अपने साथ ले लेते हैं जिसके सर से लगातार खून रिस रहा था जोर से।

बुजुर्ग कहते हैं की हमारे पास कोई रास्ता नहीं हैं। हमें इसे वेद जी के पास ले जाना होगा लेकिन वापस अकेले कौन ले जाएगा।

और ऐसा कहते हुए गमछा उसके सर में बांध देते हैं। तभी उनकी नजर अंधेरे में एक पेड़ पर पड़ती हैं जिस पर एक छोटी बच्ची बैठी हुई रो रहीं हैं।

नाना जी कहते हैं वो कौन हैं। बुजुर्ग कहते हैं छलावा हैं य उस चुड़ैल का, हमें भटकाना चाहती हैं। वो बच्ची चिल्ला चिल्ला के उन्हें बुलाती हैं। आओ ना नाना जी मुझे डर लग रहा हैं, मुझे अपने साथ ले जाओ।

नाना जी को थोड़ी दया आ जाती हैं और वो उसके तरफ पलटते हैं।

बुजुर्ग चिल्लाते हैं खबरदार। अभी हमारे साथी का अंजाम देखा तुमने।

चलो चुपचाप सीधा चालों। वो बच्ची बुजुर्ग को घूरने लगती हैं और उसकी आवाज़ एकदम से ही बदल जाती हैं। कहती हैं की सबसे पहले तेरा मांस ही खाऊंगी बुड्ढे।

बुजुर्ग नाना जी को कहते हैं की देखा तुमने।

ये सब इस चुड़ैल की चाल हैं हमें नुकसान पहुंचाने की।

जब तक हमारे पास पवित्र पानी और माचीस हैं वो हम पर हमला नहीं करेगी।

उतने में बीच जंगल में किसी को जोर जोर से हंसने की आवाज आती हैं।

बुजुर्ग कहते हैं कि चुड़ैल हमें देख रहीं हैं। एकदूसरे से दूर मत होना।

सबसे पीछे चल रहें शख्स के हाथों में मशाल बुझ रहीं थी और उसकी आंख भी लग रहीं थी।

कोई उसपर ध्यान नहीं दे रहें थे। वो सोने की हालत में था।
और उसके पीछे कई विचित्र परछाई उसके मशाल के बुझने के इंतजार में थे।

अगला भाग का इंतजार हैं तो कमेंट में बताइए।