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दृष्टिकोण - 1 - CHOICE

 

"An intelligent person will open your mind, but a gentle person will open your heart." - मेने कही सुना था... और मेरा सवाल है की "बनना ही है हम  intelligent gentleman क्यू ना बने ?" 

 

CHOICE...  

 

जब भी हम कोई बड़ा या महत्वपूर्ण फैंसला लेते है तो उस वक्त हम क्या सोचता है ?? -

यही की इसमें रिस्क कितना होगा .. मतलब ये हुआ की हम सोचने लगते है की हम ये काम करे या ना करे.. .? 

chioce सब की कॉमन समस्या है। .. नॉर्मल है। .. मगर ये याद रखना भी उतना ही जरुरी है की - जिंदगी choice पर ही चलती है... 

 

कपडे पसंद करना, - ट्रेडिशनल की वेस्टर्न 

छुट्टियों की चॉइस - फेमिली गेधरिंग या फिर आउटिंग 

Weekend Fun - मूवी या मॉल 

ऐसे छोटे छोटे सवालों से भी हम चीड़ जाते है.. तंग भी आ जाते है कभी कभी... 

 

पढाई की पसंदगी - सायन्स या आर्ट्स ?

प्यार की पसंदगी - ये या वो ? 

करियर का चुनाव - डॉक्टर या इंजीनियर ? 

हिल जाते है हम... 

 

जब कभी "बीवी या माँ..??" जैसा चुनाव सामने आ जाए तब सच में यकीन हो जाता है की जिंदगी सच में Choice पर ही चलती है। .. इंसान थक जाता है जब थोड़ी भी difficult choice का सामना करना पड़े तो... 

 

जॉब नहीं मिल रही, या फिर अंबानी जैसे पैसेवाले नहीं है, या फिर किसी मिल के मालिक नहीं है,... जब इस तरह की बाते हमें इरिटेट करने लगे तब ये भी सोचना चाहिए की हम दहाडी पर जीने वाले मजदूर भी नहीं है... उतने गरीब भी नहीं है और जिँदगीने हमे वैसी चॉइस भी नहीं दी है की हमें किसी से मांग के खाना पड़े...  

 

जरा सोचो - 

1.  अपाहिज पति के पास क्या चॉइस हो सकती है अपनी अनपढ़ बीवी और दो बच्चो को पालने के सिवाय ?

2.  आख़िरी स्टेज़ के कॅन्सर के मरीज जो अनाथ है उसके पास क्या चॉइस होगी अपनी एकलौती जवान बहन को संसार में अकेला छोड़ने के सिवाय ?

3.  एक यंग विधवा औरत के पास क्या चॉइस होगी - जिसके पति के मरने के बाद हर fake रिश्तो को सँभालते हुए अपने बच्चो को बड़ा करने के सिवाय ? 

4.  सब से बुरा हाल तब होता है जब बीस साल की लड़की को ये कहना पड़े की - मेरा रॅप हुआ है और में प्रेगनेंट हु - मुझे क्या चुनना चाहिए - बच्चा रखू या ड्रॉप कर दू ?        

यहाँ बताई गयी अलग अलग choice वो है जो मेरी जानकारी में आयी थी.. कितने किस्से होंगे जो दर्ज ही नहीं हुए होंगे.. या फिर जिसको न्यूज़ चेनल ने अभी तक कवर नहीं किये हुए है.. हजारो वैसे किस्से होंगे दुनिया में...   

 

जरा सोचो - 

हम किसी की बुरी नजर को बर्दाश्त नहीं कर सकते, बुरा स्पर्श और रेप सोच भी नहीं सकते.. उनकी हालत क्या होती होगी जो इन सब से गुजरते है.. किस्मतवाले है हम की एक्सट्रीम लेवल की choice करने की नौबत हमारी नहीं आयी है.. 

 

मेरा ये मतलब बिलकुल नहीं है की आप की तकलीफों की कोई वेल्यू नहीं है.. में ये कहेना चाहती हु की संसार में कोई भी ऐसा नहीं है जिसको सब कुछ वैसे ही मिल जाता है... without any choice... मुमकिन ही नहीं है...  - जिंदगी choice पर ही चलती है... और इसीलिए हमारी चॉइस बैलेंस्ड और संतुलित होनी चाहिए..

 

अपने लक्ष्य और मूल्य के सुसंगत सारी जानकारी हासिल कर के नीतिमत्ता गंवाए बिना की हुई चॉइस ही बैलेंस्ड चॉइस होती है.. 

 

एक बार सोचना और खुद को ही जवाब देना की - 

कभी ऐसा हुआ है की आपने रात को सोने के वक्त मोबाईल के बदले ईश्वर को थेंक-यु कहा हो.. एक दिन ज़िंदा रखने के लिए.. ये भी एक चॉइस ही है.. 

 

विश्व में तकरीबन ३ लाख लोग वैसे है जो रात को सोते तो है मगर सुबह उठ नहीं पाते.. आँखे खुलते ही "शीट,.. आठ बज गए.." बोलने के बदले ये बोलने वाले कितने है की - "WOW,.. एक और दिन जीने को मिला है.. - नया दिन जैसे की नया जीवन.." 

 

वैसे देखो तो "Shit या Wow" भी एक चॉइस ही है..   

 

Let's make a choice in 2023 that we will acknowledge every smallest happiness or achievement and celebrate it to make more beautiful memories in life..

 

HAPPY NEW YEAR 2023