Andhera Bangla - 3 in Hindi Classic Stories by Mansi books and stories PDF | अंधेरा बंगला - 3

अंधेरा बंगला - 3

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राजल ने देखा दरवाजा खोल कर की उसके ४ दोस्त आ गए ,वह अमर,समर,रोहन ओर मनीष को देख कर बहुत बहुत ज्यादा खुश हो गया

उसे उसके बचपन के दिन याद आ गए, राजल उसके चारो दोस्तो से जोर से लिपट कर गले मिला ओर कहा अरे ,यारो केसे हो यार बहुत दिनों से हम सब मिले नहीं थे।


चारो दोस्तो मेसे रोहन ने कहा अरे यार तुझे देख कर तो मन हमारा खुश हो गया ,क्यों दोस्तो ... सब ने मिल कर जोर कहा हा सही बात है। राजल चारो को अंदर बुलाता है ओर अपने आलीशान सोफे पर बैठने को बोलता है ,सब लोग बैठ जाते है।

राजल रूही को आवाज लगाता है रूही ,अरे रूही जल्दी नीचे आओ देखो सब मेरे दोस्त आ चुके है।


रूही राजल की आवाज सुनती नहीं है बाथरूम मे होने की वजह से ,राजल कहता है आप लोग रुकिए में रूही को बुला कर आता हूं , अमर ने कहा हा हम तो बैठे है तुम भाभी जी को बुला कर आओ ,राजल फटाफट से सीढिय़ां चढ़ कर उपर अपने कमरे मे जाता है।

जब राजल गया तो चारो एक दूसरे के सामने देखते है जेसे की वह पहले से राजल ओर उसके परिवार को मारने का प्लान बना कर आए हो।


चारो राजल के आलीशान बंगले को ध्यान से देखते है ,समर कहता है याद है ना हमारा प्लान क्या है एक बार इस राजल ओर उसके पूरे परिवार को मार देते है।

फिर इस बंगले को अपने कब्जे मे करते है इसे बेच कर जो पैसा मिलेगा वह हम चारो आपस मे आधा आधा बांट देंगे,सब ने आपस में हाथ मिलाया, तब ही राजल वहा आया।


राजल रूही के साथ वहा पर आया , तब ही रोहन की नजर रूही से हट ही नहीं रही थी , उसकी बुरी नजर रूही पर थी । रूही ने सबको नमस्ते किया ओर कहा केसे है आप सब ,राजल आप सब से मिलने के लिए बहुत उत्सुक था ।

चारो मे से रोहन ने कहा जी भाभी जी हम भी आपसे ओर राजल से मिलने के लिए बहुत उत्सुक थे ,हम आपकी ओर राजल की शादी में भी आ नहीं पाए थे अब मिलकर अच्छा लगा ।


रूही ने कहा जी बिल्कुल आप सब खाना खाने बैठ जाइए खाना तैयार ही है आ जाए सब, राजल ने कहा चलो खाना खा लेते है, सब लोग खाना खाने बैठ गए।

नोकरो ने सारा खाना रख दिया था , चारो ने खाना खाया ओर बोला वाह भाभी जी क्या खाना है ,रूही ने कहा कि धन्यवाद आप लोग आराम से खाइए।


तब ही राजल ने कहा अरे रूही बच्चो को भी लेकर आओ वो भी तो इन सबसे नहीं मिले , रूही राजल की बात सुनकर शिवम ओर शिविका को ले आइ बच्चो ने चारो दोस्त को नमस्ते किया।
मनीष ने कहा अरे वाह बच्चे तो बहुत प्यारे ओर समज़दार है , राजल ने कहा जी वो तो है । फिर बच्चे फिर उपर खेलने चले गए।


रोहन की नजर रूही को ही ताड रही थी , रूही का ध्यान उस पर गया उसे थोड़ा अजीब तो लगा लेकिन फिर उसने सोचा ( नहीं नहीं यह मेरा वहम होगा )

लेकिन फिर उसे सचमे लग रहा था कि रोहन उसे ही देखे जा रहा है, सब लोगो ने खाना खा लिया था अब सब बैठे थे ,रूही सोच रही थी अब यह बात राजल को बोलू तो केसे ,वह इनका दोस्त है राजल मुज पर विश्वास करेंगे की नहीं।


रूही फिर सोचती है अभी रहने देती हु सब चले जाएंगे बाद मे बोलूंगी, अब दूसरी ओर चारो दोस्त मिल कर अपने षडयंत्र को अंजाम देने के लिए इशारे कर रहे थे, चारो ने राजल से कहा अरे राजल अपना यह आलीशान बंगला तो दिखा हमे ,राजल ने कहा जरूर जरूर क्यों नहीं।

कहानी का अगला part जल्द आएगा😊
तब तक सोचिए आगे क्या होगा।

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