Andhera Bangla - 7 in Hindi Classic Stories by Mansi books and stories PDF | अंधेरा बंगला - 7 अंधेरा बंगला - 7 660 1.6k भाग 7अब तक अपने देखा की मंजरी आत्मा पर चिल्लाते हुए बोली थी इसलिए गाव वालो को लगा आत्मा अब क्रोधित है गई है, अब आगे देखते है।अब वह गुड़िया को नुकसान पहुंचा सकती है, तब ही वह बुजुर्ग महिला जो गांव में सबसे समजदार थी उसने कहा ,यह तुम क्या बोल रहे हो अभी ही मेने कहा था कि कोई भी आदमी या औरत नकारात्मक बात नहीं करेंगे तो तुम क्यों बोल रहे हो।तब उस आदमी ने कहा अरे अम्मा ,मे मंजरी बहन या यह मोजूद किसी भी सदस्य को डराना नहीं चाहता , मे सिर्फ ओर सिर्फ जो सच है उसे कह रहा हूं आप सब को , की अब वह आत्माएं क्रोधित हो चुकी है अब वह गुड़िया पर हमला कर सकती है।तभी मंजरी कहती है कृपया आप ऐसी बाते मत बोलिए मेरा दिल बैठा जा रहा है , मंजरी बहुत रोती है ओर गुड़िया को आवाज देती है , "ए गुड़िया मेरी बच्ची बेटा क्यों चली गई अंदर, आजा बेटा तेरी मां तेरा इंतज़ार कर रही है।तेरे बिना मे जी नहीं सकती😭 आजा बाहर वह रोते हुए कहती है, सब महिलाएं मंजरी को उठाती है ओर रोना बंध करने को बोलती है। तब गांव के मुखिया कहते है देखो मंजरी बहन ऐसे रोने से गुड़िया बाहर नहीं आने ,वाली हमे कुछ सोच कर गुड़िया को उस आत्माओं के चंगुर से निकालना होगा , तब मंजरी कहती है अब लगता है कुछ नहीं हो सकता ,वह दुष्ट आत्माएं मुझे मेरी बच्ची नहीं देंगी। एक आदमी कहता है हम यह द्वार को वापस तोड़ने की कोशिश करते है क्या पता टूट जाए द्वार,तब सब लोग एक एक लोहे की लाठी लेकर द्वार तोड़ना चालू करते है ,सब लोग लगातार लाठी को द्वार पर मारते है लेकिन द्वार पर लाठियों का कुछ असर नहीं होता उल्टा थोड़ी देर बाद वह लाठी लोहे की होते हुए भी टूट जाती है।तब एक ओरत बोलती है यह वही आत्मा की माया है वरना लोहे की लाठी कभी नहीं टूटती, हमे कुछ ओर तरकीब लगानी होगी । तब एक आदमी कहता है हमे इस द्वार से नहीं कही ओर से बंगले के अंदर प्रवेश करना चाहिए , सब लोग उस आदमी की बात से सहमत होते है।तब मुखिया कहते है जाओ एक आदमी बंगले के चारो तरफ देख कर आओ कहीं कोई अंदर जाने का रास्ता मिल जाय, तब एक आदमी बंगले के चारो तरफ देखने गया परंतु उसे कोई भी अंदर जाने का रास्ता दिखा ही नहीं।वह वापस आ गया ओर बोला ,जी नहीं मुख्या जी अंदर जाने का कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा सब जगह बस ऊंची ऊंची दीवार है ,सब लोग फिर से मायुस हो गए । शाम के सात बज गए थे किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अब क्या किया जाय। तब ही वहा से एक बाबा गुजर रहे थे , इतने लोगो को एक साथ इक्कठा देख उन्होंने पूछा सब लोग यह एक साथ इक्कठा हो क्यों कोई समस्या है क्या?तब गांव के मुख्या ने बोला ,जी बाबा जी मेरा नाम राजवीर सिंह है ओर मे इस गांव का मुख्या हु, हमारे गांव की एक ४ साल की बच्ची गुड़िया खेलते खेलते गलती से इस अंधेरे भूतिया बंगले के अंदर चली गई है क्या आपके पास उसे यहां वापस लाने का कोई उपाय है बाबाजी ।बाबा जी ने ध्यान से सबकी बातो को सुना ओर इस गंभीर समस्या को समझा। तब उन्होंने कहा हम्म बड़ी गंभीर समस्या है यह तो अब इसका एक ही निवारण है , सब लोग पूछते है क्या है निवारण बाबा जी। बाबा जी कहते है कि यह बंगले के अंदर मुझे ४ आत्माओं का आभास हो रहा है ,वह चारो बड़ी खतरनाक है ।मे बच्ची को बाहर निकालने के लिए कुछ मंत्र बोलूंगा उसे शायद वह आत्माएं बच्ची को बाहर भेज दे। बाबा जी कहते है आप सब मेरे पीछे खड़े हो जाइए ताकि वह आत्माएं आपको कुछ नुकसान ना पुहचा सके। बाबाजी द्वार के सामने सबसे आगे खड़े हो जाते है , ओर सारे गाव वाले पिछे खड़े रह जाते है , वह बाबा मंत्रो का जाप करना चालू कर देता है। पहला मंत्र बोलना चालू किया उन्होंने एक के बाद एक मंत्रो के जाप चालू रखा ओर मंत्रो के बीच में उन्हों ने बोला , "ए दुष्ट आत्मा वह मासूम बच्ची को बाहर भेज दे इसे मे तेरी भलाई है वरना मे तुझे एक बोतल में कैद करके समुद्र में फेक दूंगा"इन गाव वालो को परेशान मत कर चली जा इस बंगले को छोड़ कर , चली जा। चली जा वरना तेरे लिए अच्छा नहीं होगा ,तभी कुछ हलचल हुई , हलचल सुन कर सब चुप हो गए शाम के अंधेरे में सन्नाटा सा छा गया था , तभी अचानक से अंदर बंगले का मुख्य दरवाजा खुल गया , सबको लगा बाबा के मंत्रो से आत्माएं डर गई, ओर बच्ची बाहर आ रही है ,तभी बंगले का गेट अपने आप खुला ओर एक अजीब सी शक्ति बाबा जी को खींच कर घसीट कर बंगले के अंदर ले कर चली गई ओर फिर दरवाजे फिर से अपने आप बंध हो गए।कहानी का अगला भाग 8 जल्द ही आयेगा😊तब तक आप सोचिए क्या हो सकता है। ‹ Previous Chapterअंधेरा बंगला - 6 › Next Chapterअंधेरा बंगला - 8 Download Our App Rate & Review Send Review Be the first to write a Review! More Interesting Options Short Stories Spiritual Stories Fiction Stories Motivational Stories Classic Stories Children Stories Comedy stories Magazine Poems Travel stories Women Focused Drama Love Stories Detective stories Moral Stories Adventure Stories Human Science Philosophy Health Biography Cooking Recipe Letter Horror Stories Film Reviews Mythological Stories Book Reviews Thriller Science-Fiction Business Sports Animals Astrology Science Anything Mansi Follow Novel by Mansi in Hindi Classic Stories Total Episodes : 9 Share You May Also Like अंधेरा बंगला - 1 by Mansi अंधेरा बंगला - 2 by Mansi अंधेरा बंगला - 3 by Mansi अंधेरा बंगला - 4 by Mansi अंधेरा बंगला - 5 by Mansi अंधेरा बंगला - 6 by Mansi अंधेरा बंगला - 8 by Mansi अंधेरा बंगला - 9 by Mansi