True story of life.... books and stories free download online pdf in Hindi

जीवन की सच्ची कहानी ....

एक गांव में एक आदमी रहता था, भगवान् का बहुत बड़ा भक्त था, हमेशा पूजा पाठ किया करता था, मंदिर उसने जाना कभी नहीं छोड़ा था, एक फसल थी जिससे गुज़ारा चल जाता था, उसके एक लड़का था,

उसका लड़का बहुत ही आज्ञाकारी था, वह अपने पिता की बात कभी नहीं टालता था, Because वह  अपने पिता की हर बात सुनता था वह जनता था उसके पिता ने बहुत दुःख झेला है जब जाकर उसको पाला है, उस एक घर में बेटा और उसके पिता ही थे, उसके पिता एक दिन अचानक ही बीमार पड़ गए थे,


बहुत इलाज हुआ but कुछ भी नहीं हो रहा था, बेटा बहुत परेशान हो गया था, बेटा इतना बड़ा भी नहीं था की वह हर काम को कर सके, अपने पिता को बीमार वह देख नहीं सकता था, वह नहीं जनता था की एक दिन जीवन में ऐसा भी आएगा, उसके पिता ने भी बहुत कुछ सोचा था, पर बीमार हो जाने से वह अब कुछ नहीं कर सकता था, बीमारी ने उसे घेर लिया था, वह अब ज्यादा चल भी नहीं सकता था,

 

हर रोज उसके पिता भगवान् से यही कहते थे की अब मुझे जल्दी ठीक कर दे नहीं तो

मेरा बेटा बहुत परेशान हो जाएगा, पर यह तो कोई भी नहीं जनता है की

समय कब बदलेगा, समय बदलता जरूर है पर कब ये पता नहीं होता है,

एक दूसरे गांव से आदमी आया और उसने बताया की उनके गांव में एक साधु जी आये है

जो सबका भला करते है,


अगर तुम्हारी भी कोई परेशानी हो तो तुम उनके पास जा सकते है, जब यह बात लड़के को पता चली तो वह साधु जी के पास गया और अपने पिताजी की बीमारी को ठीक करने का उपाए पूछा, साधु ने उस लड़के की लगन को पहचान लिया था, वह समझ गए थे, की लडक बहुत ही अच्छा है और अपने पिता की सेवा करता है, साधु जी ने उसे जंगल से एक फूल लाने को कहा जिसके बाद वह ठीक हो जाएगा, 

 लड़का अपने पिता के लिए वह फूल लेकर आया जिसको लाने में उसे बहुत परेशानी उठानी पड़ी थी, सब मुश्किल को हल करके वह फूल को ले आया और अपने पिता को वह फूल दिया जिसके बाद वह ठीक हो गए थे, अब उसके पिता समझ चुके थे की उनका बेटा बहुत प्यारा है जो उनके लिए सब कुछ कर सकता है, जीवन में हम जो सोचते है वो पूरा हो या न हो, but हमारे पास बहुत कुछ  होता है इसलिए समय से पहचान करे.


उसने जब से घर छोड़ा है. तब से वह अपने घर नहीं गया था. अभी भी उसके माता पिता इंतज़ार कर रहे थे. यह बहुत समय की बात है. अब तो उसकी उम्र भी बढ़ने लगी थी. उसके माता पिता बूढ़े हो गए थे वह गांव में रहते थे. वह लड़का जो की अपनी मर्जी से शादी करके चला गया था. अभी तक वापिस नहीं आया था. बहुत समय बीत गया था. वह इंतज़ार कर रहे थे.


मगर उनका लड़का अभी भी नहीं आया था. उस दिन की बात थी. जब वह शादी करके घर आया था. उसके पिता ने पूछा भी था की तुमने हमे बताया भी नहीं था. लड़का कहता है की अगर में आपको बता भी देता तो शायद मेरी शादी नहीं होती है. क्योकि मुझे लगता है की आपको यह बात पसंद नहीं आती. इसलिए हमने बिना बताये ही यह फैसला ले लिया था. उसके बाद भी पिताजी को लगता था. शायद वह अच्छे से रह सकते है मगर शायद उसे उस जगह पर अब रहना नहीं था. वह शहर चला जाता है.

 

क्योकि उसे लगता था. अगर वह उनके साथ में रहता है तो हर रोज यही बात होगी उसके बाद भी उन्हें जाना पड़ सकता है. उस दिन के बाद बहुत समय से वह नहीं आया था. यह उसके जीवन की सच्ची घटना है. इसलिए जब समय बीत जाता है हमे बहुत बातों का अहसास होता है मगर यह अहसास हमारे समय को वापिस नहीं कर सकता है यह समय एक बार निकल गया तो वापिस नहीं आता है. आज वह अपने घर आ गया था. आज वह बूढी आँखे उन्हें देखती है अब उन्हें ठीक से नज़र नहीं आता है. मगर अब समय निकल गया था.

 वह वापिस जरूर आये थे. मगर अब वह समय वापिस नहीं आएगा. उनका यह फैसला ठीक नहीं था. वह बात कर सकते थे. मगर शायद उन्हें यह जरुरी नहीं लग रहा था. यह जीवन की सच्ची कहानी हमे सिखाती है. हम कोई फैसला ले उसके बारे में बहुत बार सोचे क्योकि जब फैसला लिया जाता है बहुत कुछ पीछे रह जाता है. जिसे आप कभी भी बदल नहीं सकते है.