Kya sach me tuje aage badhna hai - 1 books and stories free download online pdf in Hindi

क्या सच में तुझे आगे बढ़ना है ... - भाग 1

यदि आप सच में आगे बढ़ना चाहते हैं,तो फिर आपको इस दूनियाँ की कोई ताकत नहीं रोक सकतीं, ये मैं कहती हूँ ! लेकिन, तकलीफ़ यह है कि, इन्सान आगे बढ़ नहीं पाता है ; सिर्फ अपनी ही सोच की वज़ह से ...!! हमें हमारी सोच ही रोक लेती है । नकारात्मकता हावी हो जाएँ तो इन्सान कुछ नहीं कर सकता । सबसे पेहले नकारात्मकता से दूर हो जाओ, जो सोच आपको आगे बढ़ने में बाधा उत्पन्न करे ऐसी सोच को ही दिमाग़ से निकालकर फैंक दो ...!!


जब तक आप सकारात्मकता धारण नहीं करेगे ; नकारात्मकता आपका पीछा नहीं छोड़ेगी ।
अब आपको एसा सवाल हो रहा होगा कि, सकारात्मक बनना तो है ? पर बन नहीं पा रहे हैं । हम बहुत कोशिश भी करते है ; अब कैसे नकारात्मकता को हटाए ? तो आइए जानते हैं :


सबसे पेहले तो आपको अपनी सोच ही बदलनी होगी ।आप कहेंगे कि , वही तो नहीं हो पा रहा है, क्या करें ??
आपको रोज अपने आप से बात करनी होगी। खूद से बात करना सीखो , मैं तो रोज खूद से बात करती हूँ । आपकी जिंदगी में जो भी परेशानियाँ हैं, उन सभी परेशानी के बारे में खूद को बताओं, खूद से सवाल करो और खूद ही जवाब दो, मज़ा
आएगा ..!! फिर अपने आप से पूछों कि ,मेरी जिंदगी में जो भी परेशानियाँ हैं, उसका जिम्मेदार कौन है ? जवाब मिलेगा, मैं खूद ही ...!!

खूद से सवाल करों कि ,मैं जो जिंदगी जी रहा हूँ / या जी रही हूँ , क्या एसी जिंदगी जीने के लिए हम पैदा हुए हैं ? जवाब मिलेगा, नहीं ! तो फिर हम एसी जिंदगी जी क्यो रहें है ? हम एसे नहीं जी
सकते ! हमें कुछ तो करना ही है , कुछ नया, कुछ अलग ! कोई और मेरे बारे में क्या कहेंगे या क्या सोचेगे ये सब मुझे कभी नहीं सोचना है। यदि आपने औरों के बारे में सोचा तो फिर कभी भी आप आगे नहीं बढ़ सकते ...!!


सुबह उठने के साथ ही एक नयी सोच लेकर उठो। अपने ही काम में ध्यान दो , किसी का बूरा कभी न करो न सोचो , किसी के प्रति हृदय में बैर न रखों , किसी की तरक्की को देखकर कभी मत
जलो । अपने स्वार्थ के लिए किसी के साथ कुछ वक़्त के लिए जुड़ना और स्वार्थ खत्म हो जाने के बाद उस इन्सान के प्रति कोई रिश्ता ही न हो, एसा बर्ताव कभी मत करो ....!! भगवान से ये प्राथँना करो कि , मुझे अच्छी , नयी सोच देना ! अच्छी बुद्धि और धैर्य देना , आगे बढ़ पाऊँ उतनी मेहनत करने की शक्ति देना और कुछ मत मांगो ...!!

अपने आप से रोज यह कहो :

१ ) मैं स्वस्थ हूँ ।
२ ) मैं सकारात्मक हूँ ।
३ ) मैं शिक्षित हूँ ।
४ ) मैं प्रभावशाली हूँ ।
५ ) मैं बहुत खूशनसीब हूँ ।
६ ) मैं ताकतवर हूँ ।
७ ) मैं सफल हूँ ।
८ ) मैं भाग्यशाली हूँ ।
९ ) मैं सफल हूँ ।
१० ) मैं समृद्ध हूँ ।
११ ) मैं संपन्न हूँ ।
१२ ) मैं ईमानदार हूँ ।
१३ ) मैं साहसी हूँ ।
१४ ) मैं निर्भय हूँ ।
१५ ) मैं आकर्षक हूँ ।
१६ ) मैं अनंत हूँ ।
१७ ) मैं खूश हूँ ।
१८ ) मैं योग्य हूँ ।
१९ ) मैं रचैता का एक हिस्सा हूँ ।
२० ) मैं वो सबकुछ पा सकता हूँ / या / पा सकती हूँ जो मैं सोचता हूँ या सोचती हूँ ।
२१ ) मैं एक सफल इन्सान हूँ ।
२२ ) मैं एक बुद्धिमान इन्सान हूँ ।
२३ ) मैं अब सबकुछ पाने के लिए तैयार हूँ ।


ये सारी बातें रोज अपने आप से करो । एक सकारात्मक अनुभव , एक सकारात्मक एहसास जरूर होगा ....!!

( अब दूसरे भाग में मेरे बारे मे है , मेरे अनुभव के बारे में ) my own thoughts only....


~PARI BORICHA 📚 👍