Memories in Hindi Short Stories by Suresh Chaudhary books and stories PDF | यादें

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यादें

आखरी पैग को उठाते ही कानों में,, जेम्स अब बस भी करो यह तुम्हारा सातवां पैग है,,।
,,This is Last पैग, जैनी,,। बड़बड़ाया जेम्स, फिर अधखुली आंखों से कमरे में चारों ओर देखा, किसी को अपने पास न देख,, मैं किससे बात कर रहा हूं यहां तो कोई भी नही है, और फिर जैनी यहां कैसे हो सकती है, उसे तो बिछड़े हुए लगभग पच्चीस वर्ष हो गए हैं, फिर मुझे किसने रोका था,,। बड़बड़ाते हुए आंखों में आसूं आ गए। पैग उठा कर एक ही सांस में गटक लिया, लेकीन न जाने क्यों नशा नहीं हो रहा है। मैं धीरे धीरे चेयर से खड़ा हो कर एक अलमीरा के पास तक लड़खड़ाते हुए कदमों से आया और अलमीरा को खोलकर देखा, इस अलमीरा में मै अक्सर अपनी यादगार चीज़े ही रखता हूं। एक एलबम उठाकर वापस चेयर पर बैठ गया।
एलबम में पेज पलटते हुए अचानक एक फोटो को देख कर आंखे ठहर गई,, जैनी आई मिस यू , आई लव यू,,।
,, आई लव यू टू,,। फिर से जैनी की आवाज़ सुनाई दी
अपने मन का बहम मान कर मैने फिर से अपने चारों ओर देखा, लेकीन कोई नजर नहीं आया।
,, ओह जैनी, तुमने कहा था कि मैं वापस लौट कर आऊंगी, कब आओगी, देखो मैंने किसी से शादी भी नहीं की, तुम्हारे माता पिता तुम्हारी शादी किसी अमीर लड़के के साथ करना चाहते थे और कर भी दी थी, मैं मानता हूं कि किसी लड़की की शादी के बाद उससे प्यार करना गलत है, लेकीन क्या करूं मैं, तुम्हें भुला नहीं सकता था और आज तक भी मैं तुम्हें भुला नहीं पाया,,।
,, मैं ही कहां तुम्हे भूल पाई जेम्स,,।
फिर से जैनी की आवाज़ कानों को सुनाई दी, इतनी रात को मेरे रूम में कौन है, जो जैनी की आवाज़ में बोल रही है। मैं हैरान और परेशान हो गया, मैने उठ कर रूम की सभी लाइटें खोल दी। लेकीन रूम में कोई नजर आया।
मैं फिर से अपनी चेयर पर बैठ गया और अतीत की यादों में उतर गया। जब जैनी पहली बार कालेज में जाते हुऐ मिली थी, अक्सर मैं जैनी को कालेज आते जाते देखा करता था लेकीन प्यार जैसी कोई फीलिंग मेरे दिल में नही थी, एक जब जैनी ने पहली बार मुझे कालेज के गेट के पास रोक कर कहा,, जैम्स तुम मुझे अच्छे लगते हो,,। उसके बाद मुझे भी जैनी अच्छी लगने लगी। फिर धीरे धीरे हमारी जान पहचान मुलाकातों में बदल गई। कुछ दिनों में हम जैसे एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते, ऐसा लगने लगा।
,, जैनी अब हमारी पढ़ाई पूरी हो चुकी है अब हमें शादी कर लेनी चाहिए,,।
,, तुम अपने माता पिता से बात करो ना,,। जैनी ने तफाक से कहा।
,, जैनी मेरे माता पिता नही है,,।
,, ओह सॉरी जैम्स,,।
फिर एक दिन जैनी का चेहरा दुःखी दिखाई दिया।
,, क्या हुआ जैनी,,। पूछा मैने
,, अब कैसे कहूं,,।
,, क्यों क्या हुआ,,।
,, जैम्स मेरे मम्मी पापा मेरी शादी किसी अमीर लड़के के साथ करना चाहते हैं,,। दुःखी हो कर जैनी ने कहा
,, ओह तो यह बात है, कोई बात नहीं, क्या हुआ अगर हम शरीरों से एक न हो सके, दिल से तो हम एक ही है,,। मैने जैनी का दिल रखने के लिए कह दिया, लेकीन अंदर ही अंदर मैं पूरी तरह से टूट गया।
,, जैम्स क्या तुम मुझे भूल पाओगे,,।
,, प्रयास करूंगा जैनी,,।
,, चिंता न करो जैम्स, मैं एक दिन वापस तुम्हारे पास लौट कर जरूर आऊंगी,,।
मैं फिर से खड़ा हो कर फिर से अलमीरा के पास गया और एक पुराना खत निकाल कर उस पर लिखा जैनी का एड्रेस देख कर जैनी के पास जाने का मन बनाया।
अगले दिन सुबह ही मैं ट्रेन से जैनी के शहर में उतरा और एक रिक्शे से जैनी के घर पर। डोर बेल बजाने के बाद एक युवा लड़की ने डोर खोला, मैं लड़की को देख कर हैरान हो गया, बिल्कुल जैनी की शक्ल,,।
,, बेटी जैनी है घर पर,,।
,, आप अंदर आइए,,। लड़की से सुरीली आवाज़ में कहा
,, मैं धीरे धीरे एक सोफे पर बैठ गया।
,, अंकल आप जैम्स अंकल है न,,।
,, हां, लेकीन तुम कैसे,,,।
,, मैंने मम्मी के पास आपकी फोटो देखी थी, मम्मी घंटों आपकी फोटो को देख कर रोती रहती,,।
,, अब आपकी मम्मी कहां,,।
,, अंकल मम्मी तो अभी चार माह पहले,,,। इससे आगे मै नही सुन सका और ऐसा लगा जैसे मेरे प्राण मेरे शरीर से अलग हो रहे हो, मैं निर्जीव हो कर सोफे पर ही लुढ़क गया।।