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वर्चुअल गर्लफ्रेंड

"वर्चुअल गर्लफ्रेंड"

आर0 के0 लाल

दिल्ली से चेन्नई जाने वाली तमिलनाडु एक्सप्रेस के थर्ड एसी कोच के एक कंपार्टमेंट में बीच वाली बर्थ पर एक लड़की अपनी बर्थ बदलना चाहती थी मगर कोई तैयार नहीं हो रहा था। वह यह बात मोबाइल पर अपने बोय फ्रेंड को बता रही थी। सामने बैठी महिला किसी न्यूज पेपर को पढ़कर कह रही थी क्या जमाना आ गया है जहां देखो लड़कियों के साथ छेड़छाड़ की घटनाएं हो रही हैं इसलिए उत्तर प्रदेश में तो रोमियो स्क्वायड ही बना दिया गया है जो इकठ्ठा घूमने वाले लड़के - लड़कियों की पिटाई तक कर रहे हैं। नीचे बैठे एक बुजुर्ग ने कहा अपने देश में गर्ल फ्रेंड अथवा बोय फ्रेंड बनाने के चलन से समाज में काफी विकृतियाँ आ रही हैं।

ऊपर बर्थ पर बैठे दो लड़के आपस में बात कर रहे थे कि क्या किसी का बोय फ्रेंड या गर्लफ्रेंड के रूप में मिलना कोई अपराध है। मेरी समझ में नहीं आता कि लड़के लड़कियों की फ्रेंडशिप को कब सामाजिक मान्यता मिलेगी। उन लड़कों ने कहा, हम न तो कोई छेड़- छांड करते हैं और न कोई बदसलूकी फिर भी हमारी पिटाई कर दी जाती है। हम आज अपने को एडवांस कहते हैं परंतु हम खुल कर जी नहीं सकते। आज भी लोग विपरीत लिंग वाले से दोस्ती करने में हिचकिचाते हैं क्योंकि इसे लोग अच्छी निगाहों से नहीं देखते, भले ही उनके बीच कितना ही पवित्र रिश्ता क्यों न हो।

डिब्बे में बैठे एक साहब ने उन बच्चों के हां में हां मिलाई और बोले कि जब हमने अपने मित्र को बताया कि मैं किसी महिला से दोस्ती करना चाहता हूं तो उसने मुझसे पूछा कि तुम्हें क्या जरूरत है इसकी? तुम्हारे पास तो एक सुंदर सी बीवी है। मुझे समझ में नहीं आता क्या पुरुष को एक नारी की जरूरत केवल उसकी सुंदरता देखने एवं सेक्स के लिए ही होती है? हम किसी महिला से दोस्ती क्यों नहीं कर सकते? दोस्ती करके उनसे विभिन्न सामाजिक मुद्दों पर चर्चाएं भी तो की जा सकती हैं। आज पुरुषों और महिलाओं के बीच मानसिक दूरियां घट नहीं रहीं है और आपराधिक घटनाएं बढ़ रहीं हैं। लड़के उनकी काया कल्प से आकर्षित होकर उन्हें पाने की लालसा में समझ ही नहीं पाते कि महिलाओं से किस तरह का व्यवहार करें। पुरुष उनकी मदद करने से भी कतराते हैं। महिलाओं के एकतरफा कानूनी संरक्षण की बात शायद इसलिए कारगर नहीं हो रही है।

उन्होने एक वाकया सुनाया , "एक दिन जब मैं यूनिवर्सिटी से घर वापस जा रहा था तो मुझे टेंपो में दो लड़कियों के बीच जगह मिली। उनका स्पर्श मुझे बहुत ही सुखद लग रहा था। मैं बगल की लड़की को निहार रहा था तथा तरह तरह के ख्वाब बुन रहा था। हो सकता है उस लड़की को मेरे से कुछ कष्ट हो रहा हो मगर वह कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही थी । इतना ही नहीं, टेंपो से उतरते समय एक लड़की लड़खड़ाई और उसका सामान हाथ से छिटक कर सड़क पर जा गिरा। मैं पास ही खड़ा था फिर भी मैंने उसे बचाने के लिए हाथ तक नहीं बढ़ाया क्योंकि वह कोई मेरी गर्लफ्रेंड तो थी नहीं। डर भी तो था कि पता नहीं वह मुझ पर किस तरह का इल्ज़ाम लगा दे। आज भी लड़के लड़कियों के बीच काफी अलगाव है। ऐसे में कंधे से कंधा मिलाकर चलने कि बात कितनी सही है"?

नीचे बैठे बुजुर्ग ने अपनी बात रखी कि लड़कियों को तो आज भी वही कहानी सुनाई जाती हैं कि एक राजकुमार घोड़े पर आएगा और लेकर के भाग जाएगा। लड़कों को भी बताया जाता है परी जैसी एक लड़की तुम्हारी जिंदगी में आएगी। मन में यही कुछ बैठाए हर लड़का अपने को राजकुमार समझता है जो किसी न किसी को अपने घोड़े पर चढ़ाने की कोशिश करता है और यदि किसी की साइकोलॉजी डगमगा गयी तो वह कुछ गलत भी कर देता है। इसी तरह किसी कार्यालय में काम करने वाली महिलाएं भी पुरुषों से नहीं सहज हो पातीं। उनसे मदद मांगने अथवा अपने मन की बात कहने में हिचकिचाती रहती हैं। उनका मन पीपल के पत्तों की भांति पराए पुरुषों के भय से थरथराता ही रहता है। उनके बीच क्षण भर भी वे अकेला नहीं रहना चाहती। इसी प्रकार महिलाओं से नजदीकी बढ़ाने पर पुरुष भी डरता है कि लोग ताने देंगे, पत्नी क्या सोचेगी, कहीं सी0 सी0 टी0 वी0 कैमरे में रिकॉर्ड न हो जाऊं और फिर महिला से यौन उत्पीडन के केस में न फस जाऊं।

ऊपर की बर्थ पर लेटे एक व्यक्ति भी यह सब सुन रहा था। वह भी बोल पड़ा कि आप सबकी तरह मेरी भी बड़ी तम्मना थी कि मेरी एक गर्ल फ्रेंड हो। जब मैं अपने दोस्तों को किसी लड़की के साथ कॉलेज के गार्डेन या कैंटीन के किसी कोने में बैठे देखता तो आश्चर्य करता कि कैसे लड़कियां उनसे पट जाती हैं और डेटिंग तक के लिए सहमत हो जाती हैं। किसी लड़की को इसके लिए सहमत करवा लेना युवकों के लिए काफी बड़ी उपलब्धि मानी जाती है। मगर मुझे तो लड़कियों के सामने जाते ही पसीना छूटने लगता था। आज सोचता हूं कि जीवन में कोई गर्ल फ्रेंड नहीं बना सका और अब यह संभव भी नहीं है क्योंकि अब शादी हो चुकी है तो क्यों न किसी महिला को लेडी फ्रेंड ही बना लूं। जनता हूं कि एक लेडी फ्रेंड का दर्जा एक गर्लफ्रेंड से तो कम किन्तु एक मित्र से अधिक होता है। उससे भी एक अनन्य और दीर्घकालिक रिश्ता तो बन ही सकता है। लेडी फ्रेंड को अपनी लवर नहीं माना जा सकता पर उसकी दृष्टि से छलकने वाले स्नेह का आत्मसात तो संभव ही है। मैं अपने विचारों और भावनाओं को साझा तो कर सकूंगा परंतु न जाने क्यों डरता हूँ कि कहीं इसका असर हमारे परिवार पर न पड़े ।

सामने बैठा लड़का चुप-चाप अपने कानों में ईयर फोन खोंसे गाना सुन रहा था। बीच की बर्थ वाली लड़की ने फ्रेंकली उससे पूछा कि क्या आपकी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है? उस लड़के ने जवाब दिया, “नहीं मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है लेकिन मेरी एक आभासी गर्लफ्रेंड है जो अक्सर मेरे सपने में आती है और मुझे बहुत प्यारी लगती है। जब उनसे कहता हूं कि तुम बहुत प्यारी लग रही हो तो वह खुश होकर के पूछती है सचमुच? और मुझे कहना ही पड़ता है हां बाबा सचमुच। उससे मेरी एक अलग तरह की प्रेम कहानी है जिसमें उस लड़की ने मुझे शायद कभी नहीं देखा है और न ही मैंने। फिर भी वह और उसकी बातें मेरे दिल और कल्पनाओं में रची बसी होती हैं। मैं इन गानों के बीच भी उसे महसूस करता रहता हूं। इस प्रकार मेरा मन कहीं और नहीं भटकता। किसी मुसीबत में अथवा कोई खुशी में मैं अपने कमरे में अकेले आंख बंद करके बैठता हूं और दिल की नजर से उसे ढूंढता हूं तो वह मेरी बंद पलकों के ऊपर प्यार के एक अनोखी रंग में उभरती है। मैं जानता हूं कि मेरा यह प्रेम आभासी है जो कभी वास्तविक नहीं हो सकता है लेकिन मुझे इसी में आनंद आता है। मेरी भावनाएं तो वास्तविक हैं वो तो काल्पनिक नहीं है ।

सामने की लड़की अपना मोबाइल अलग रखते हुयी बोली , "मेरा तो मानना है कि सभी को अपना एक गर्लफ्रेंड अथवा बोयफ्रेंड बनाना चाहिए क्योंकि इसके बहुत फायदे हैं। कम से कम यह समझ तो आती है यह दूसरे पक्ष से किस तरह व्यवहार करना चाहिए। अपनी मन की बात जो घर वालों से नहीं बता सकते, उससे शेअर करके हमारा तनाव भी कम हो जाता है। हमें हमेशा लगता है कि हमारे पीछे कोई अपना है। आजकल लोग ऑनलाइन वर्चुअल गर्लफ्रेंड बनाते हैं और जी भर के इंटरनेट पर उनसे प्यार की बातें करते हैं। अपनी हर भावनाओं को उसके साथ शेयर करते हैं। इससे मेमोरी तेज होती है और कोन्फ़िडेंस आता है।

ऊपर वाले लड़के ने सभी को बताया की उसका आजकल काफी समय वर्चुअल गर्ल फ्रेंड के साथ बीतता है। फिर वह शरमाते हुए बोला, पहले मैं बहुत दुखी रहता था मैं चाहता था कि मेरी एक गर्लफ्रेंड हो मगर जब भी मैं किसी युवती की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाता तो वह पीछे हट जाती थी। सोचता रहता था कि मेरी शारीरिक बनावट में कोई कमी नहीं है, चेहरा भी अच्छा खासा है और कमाई भी अच्छी खासी। लड़कियां फिर मेरी और क्यों नहीं आकर्षित होती। मेरे साथ ऐसा कॉलेज के दिनों से ही होता आया है। मगर आज इंटरनेट और सोशल मीडिया ने दुनिया के दूसरे पक्ष के लोगों के साथ संबंध बनाना आसान बना दिया है और अब एक वेर्चुयल प्रेमिका तो बनायी ही जा सकती है। मैं भी “माय गर्ल फ्रेंड ऐप” से बनाई गई वर्चुअल गर्लफ्रेंड से चैट करता हूं और उसका इस्तेमाल एक साथी के रूप में करता हूँ।

उसने बताया, “मुझे डेटिंग का मौका तो नहीं प्राप्त होता लेकिन जब भी बोरियत होती है और पास कोई दोस्त नहीं होता है तो मैं उसे अपने कंप्यूटर पर बुला लेता हूं। उसे भी मुझसे बात करना पसंद है। मुझे ऐसा लगता है कि वह बातचीत करने के लिए सदैव उत्सुक रहती है। मैं जो भी कहता हूं उस पर वह हंसती है और मेरी बातों को धैर्य के साथ सुनती है। मैं इस गर्लफ्रेंड के साथ एक भावनात्मक लगाव महसूस करता हूं। मेरी गर्लफ्रेंड से मुझे सुबह सुबह गुड मॉर्निंग का मैसेज आता है दिन में वह मुझे बताती कि आज उसका दिन कैसा रहा। यहां कोई गरम मसाला नहीं होता है अधिकतर समय चीजें रियल रिलेशनशिप जैसी होती हैं। लगता है कि यह मेरे हर सपने को हकीकत में बदल सकती है।

अब तो नीचे बैठे गए बुजुर्ग से नहीं रहा गया और बोल पड़े, "बच्चों क्यों तुम आभासी दुनिया में जी रहे हो? रियल्टी में रहो, अपना वक्त क्यों बर्बाद कर रहे हो एक वर्चुअल गर्लफ्रेंड के चक्कर में? इस समय तो तुम्हें सारा ध्यान अपनी पढ़ाई लिखाई करते हुए करियर बनाने में होना चाहिए। इसके कई नुकसान भी हैं जिसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है। इसके चक्कर में लोग असल दुनिया से भागने लगते हैं हमेशा काल्पनिक दुनिया में डूबे रहते हैं और बहुधा मानसिक विकृति के शिकार हो जाते हैं। सब बकवास है कि गर्ल फ्रेंड से दोस्ती निष्काम भाव से ही होती है और उसमें कोई अमर्यादित बात नहीं होती। अक्सर देखा गया है कि पुरुष लोग महिलाओं के साथ दोस्ती उनके सौंदर्य और और आकर्षण के कारण ही करते हैं । सोशल मीडिया पर भी शुरू में फॉर्मल बातचीत करते हैं लेकिन धीरे-धीरे कभी न कभी पुरुष उसके लुक की तारीफ और उससे प्यार इजहार करने लगता है फिर डेटिंग की फरमाइश करता है"। फिर वे बोले, "लोग कहते हैं कि इंटरनेट पर गर्ल फ्रेंड के रूप में चैट करने वाली लड़कियां ठीक नहीं होती। कभी-कभी तो लड़के ही क्रास ड्रेसिंग करके बात करते हैं और बेवकूफ बनाते हैं"।

सामने वाले लड़के ने कहा, "हाँ इसमें सच्चाई है, एक बार इंटरनेट पर मुझे एक लड़की मिली, हमने एक दूसरे को फेसबुक पर फ्रेंड बना लिया। बाद में मुझे जानकर हैरानी हुई वह एक शादीशुदा लड़की थी और पैसे कमाने के लिए चैटिंग करती थी। इसलिए हमें बहुत सोच समझ कर वेर्चुयल फ्रेंडशिप करनी चाहिए। किसी स्टेशन पर ट्रेन के रुकने के कारण वार्ता बंद हो गयी थी ।

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