Adhuri Kahani - 7 books and stories free download online pdf in Hindi

अधूरी कहानी - 7

सना शॉपिंग के वजह से काफी थक गई थी। वह शॉपिंग के लिए कभी आती ही नहीं। पर उसकी दी ने उसे निवेदन किया था । तो वह मना नहीं कर पाई पर अब वह खुद को कोश रही थी । वह बाकी लड़कियों की तरह शॉपिंग पे जाना पसंद नहीं करती । बहार जाके समय बर्बाद करने के बजाय वह घर बैठे ही ऑनलाइन शॉपिंग ज्यादा पसंद करती है । वह बस यूंही सारी चीजें ले ली या नहीं ये सोच रही थी। की तभी जय कार की ओर जाते हुए उससे कहता है ।

जय: तो सना...।
सना: जी ??
जय: किस सोच में पड़ी हो। जो हम मोल से कार तक आ गए फिर भी तुम्हे पता नहीं चला ।
सना: ( जय ने जो कहा वह समजते हुए। ) ओह!! सोरी सर वो में ऐसे ही बेकार की बाते सोच रही थी और पता ही नही चला।
जय: नो नो .. ऑफैंस । आई एम जस्ट क्यूरियस । धेट्स इट डोंट बी सीरियस।
सना: हमम । ( कार में बैठते हुए ।)
जय: ( कार ड्राइव करते हुए। ) सना...।
सना: ( जय की ओर देखते हुए ) जी सर।
जय: कहा पे जाना चाहोगी लंच के लिए।
सना: पता नहीं सर। आगे जो भी रेस्टोरेंट आए वहीं चले जाते हैं । वर्ना में समय पर ऑफिस पहुंच नहीं पाउगी।
जय: ( सना की ओर देखते फिर जोर जोर से हंसते हुए।)

आहहाहाआहा...!। सीरियसली सना !! में तुम्हारा बॉस तुम्हारे साथ हूं । तुम्हे समय पर ऑफिस जाने की चिंता है। और दूसरी बात तुम जानती हो कि जब किसी को मेरे साथ लंच या डिनर करना होता है । तो लोग अपॉइंटमेंट के लिए इंतजार करते हैं कि कब में हा कहूं। और तुम यहां!!! ।


सना: ( मुस्कुराते हुए जय की ओर देखते हुए।) पहली बात सर आप मेरे साथ है इसका मतलब ये तो नहीं कि मुझे समय का गलत इस्तेमाल करने का हक है । जो नियम बाकी सबके लिए लागू होते हैं । वहीं मेरे लिए भी है तो चिंता करना जायज है। दूसरी बात ( बड़ी सी मुस्कान के साथ ) मुझे पता है उन सारी लड़कियों के बारे में जो आपसे मिलने के लिए तरसती है । पर गलत भी तो नहीं है आप है ही इतने हेंड...( सना को समझ आता है वह क्या बोलने जा रही थी ।) ।


जय: ( सना की ओर देखते हुए शैतानी मुस्कुराहट उसके चहेरे पे आ जाती हैं ।) मै क्या??।


सना: ( इधर उधर देखते हुए ) अम्म... । मुझे लगता है हमे जल्दी करनी चाहीए। काफी समय पहले ही बर्बाद हो चुका है।


जय: ( शैतानी मुस्कुराहट के साथ।) सना...।


सना: ( खिड़की में से बहार देखते हुए।) हमम।


जय: लुक एट मी!!!


सना:

( सना जय की ओर नहीं देखती वह अभी भी खिड़की में से रास्ते की और देख रही थी ।)


जय: ( सना की ओर देखते हुए।) फाईन। जब तक तुम अपनी बात पूरी नही करोगी। तब तक में कार स्टार्ट नहीं करुगा।


सना: ( जय की ओर आश्चर्य में देखती है।) क्या मतलब?


जय: वहीं जो तुमने अभी सना । ( सना की आंखो में देखते हुए। )और शुक्रिया मेरी ओर देखने के लिए।


सना: ( मुंह को बिगाड़ते हुए ) सर आपकी तबियत तो ठीक है ना । पागलों जैसी बाते कर रहे हैं आप । प्लीज कार स्टार्ट करे हमे देर हो रही है ।


जय: ( अपनी हंसी को कंट्रोल करते हुए । ) बिल्कुल भी नहीं जब तक तुम अपनी बात कंपलीट नहीं करोगी ना तुम यहां से कहीं जाओगी और ना ही मै ।


सना: ( नजर झुकाते हुए।) आप सचमे काफी अजीब बरताव कर रहे हैं सर । हुआ क्या है आपको ? ।


जय: ( बिना सोचे समझे।) प्यार....!!


सना: ( जय की ओर चौंकते हुए देखती है।) जी???


जय: ( खुद को संभालते हुए ।) मतलब प्यार से अपनी बात पूरी करो उतना ही बेहतर होगा। हम दोनों के लिए।


सना: ( गुस्से में) फाईन । आप रहे अपनी कार में । मै ऑटो या बस से चली जाऊंगी। पागलपंती की भी हद होती हैं । ( कार का दरवाजा खोलते हुए।)


जय: ( कार को लोक करते हुए ) । ओह आई एम सो सोरी स्वीटी ... । पर तुम बात कंपलीट किए बिना नहीं जा सकती।


सना: ( जय की ओर गुस्से में देखते हुए ) सर अब ये कुछ ज्यादा हो रहा है। अगर आप मज़ाक कर रहे हैं । तो फिर में पहले ही बता दू की मुझे ऐसे मज़ाक बिल्कुल भी पसंद नहीं है।


जय: ( सना की ओर देखते हुए।) जब बात तुम्हारी होती हैं । तो मज़ाक करना तो दूर की बात है । मै मज़ाक करने के बारे में सोच भी नहीं सकता। अभी तक मैने जो भी बात कही वह सब सच है ।


सना: ( जय की ओर देखते हुए समझ नहीं पाती की क्या कह रहा है । ) हनन!!


जय: खैर! जल्दी से बात कंपलीट करो । ऑफिस में सब इंतजार कर रहे होगे । और देखो अभी लंच भी बाकी है ।


सना: ( इरीटेट होते हुए ) सर!!!!


जय: हम्म!!


सना: हो क्या गया है आपको। ऐसे तो कभी भी बीहेव नहीं किया आपने । और सबसे बड़ी बात आप ऐसे कभी बीहेव नहीं करते । तो प्लीज क्या प्रॉब्लम है बताए।


जय: ( मुस्कुराते हुए ) प्रॉब्लम!! मेरा दिल है । बोलो कर पाओगी इसे ठीक ।


सना: ( जय की ओर देखते हुए ) हन!!! ( अपने चहेरे को हाथो में लेते हुए।) सर!!! क्यों ऐसे अजीब बरताव कर रहे हैं। आखिर बात क्या है । ( चिल्लाते हुए )वैट..... ओह गॉड.....।
जय: ( सना की ओर देखते हुए। चिंतित होते हुए ) क्या हुआ।
सना: सीरियसली सर!!! मैंने पहले ही कहा था कि मै चली जाऊंगी। लेकिन आप नहीं माने देखिए अब क्या हुआ।
जय: क्या मतलब?
सना: मतलब यही की आज तीन बजे लीजा मैम के साथ आपकी लंच डेट थी । और में कितनी पागल हूं आपको याद भी नहीं दिलाया। और अब आप दोनों के बीच ... आहह!! या खुदा कितनी बेवकूफ इंसान हूं मैं।
जय: ( सना की बात सुनकर उसे गुस्सा भी आ रहा था और खुश भी हो रहा था। गुस्सा इस बात पे की उसे फ़र्क नहीं पड़ता कि जय किसी और लड़की के साथ जाए । और खुश उसकी मासूमियत देखकर ।) सना..।
सना: सर देखिए पहले आप मुझ पर गुस्सा हो इससे पहले ही बता देती हूं। ये बात सच में मेरे दिमाग से निकल गई थी । सब इस शॉपिंग की वजह से। और में मैम को पर्सनली सोरी कह दूंगी । प्लीज आप चिंता ना करे में आप दोनों का रिलेशनशिप को बिगड़ने नही दुगी। और मेरी वजह से तो बिल्कुल भी नहीं।
जय: ( जय का गुस्सा अब काबू में नहीं था। वह खुद को काबू में करने की कोशिश करता है।) सना लुक एट मी!!!
सना: ( जय की ओर नहीं देखती।).....
जय: ( सना के हाथ को पकड़ते हुए अपनी ओर खींचता है।सना चोकते हुए जय की ओर देखती है।) ( गुस्से में ) मै कहूं मेरी और देखो मतलब देखो। मुझे बात को दोहराना अच्छा नहीं लगता । और रही बात लीजा की तो शोर्टी तुम्हे किसी ओर पर इतना ध्यान देने की जरूरत नहीं । क्योंकि मुझे बिल्कुल पसंद नहीं की तुम मेरे अलावा किसी और को इतनी इंपॉर्टेंस दो। तो सिर्फ और सिर्फ मेरे बारे में सोचो । तीसरी बात हमारे बीच किसी और को लाने की कोशिश ना करो ये पहली और आखिरी बार समझ के माफ कर रहा हूं । पर आइंदा एसा हुआ तो तुम जिम्मेदार होगी जो भी होगा उसके लिए। लास्ट मुझे पता है तुम मुझे हेंडसम समझती हो औरतो इसमें कोई शख नहीं है । ( मुस्कुराते हुए ) पर ये जो तुम मुझे इतना सता रही हो ना । सब का हिसाब लूंगा में ।
सना: ( जय की ओर बिना पलके जपकाए देख रही थी । समझ नहीं पा रही थी क्या हो रहा है । अपना हाथ जय के हाथ में से छुड़ाने कि कोशिश करती हैं। ) स..र...
जय: ( गुस्से में ) डोंट.... ( सना के हाथ को ओर भी कसके पकड़ते हुए।) पहले ही कह चुका हूं तुम्हे कपकेक जितनी जल्दी समझ जाओ उतना बहत्तर है हमारे लिए। ( सना के चहेरे को अपनी ओर करते हुए।) एम आई क्लियर ।
सना: ( सिर को हिलाते हुए।) .....
जय: वर्ड.. सना आई वांट इट वर्ड ...।
सना: जी स...र...।

जय सना के हाथ को छोड़ते हुए कार को फिर से ड्राइव करना स्टार्ट करता है। सना की हार्ट बिट मानो आसमान छू रही हो इतनी तेज़ हो गई थी। वह खुद अपने दिल की धड़कन सून रही थी। अभी क्या हुआ उसके समझ से परे था। वह जानती थी जो भी हुआ सब गलत था। और अब वह किसी भी तरह जय से जितनी हो सके उतनी दूरी बना सके इस बारे में सोच रही थी। तभी जय मुस्कुराते हुए कहता है कि रेस्टोरेंट आ गया। सना जय की ओर देखते हुए सोचती है कि क्या ये आदमी पागल हो गया है। अभी थोड़ी देर पहले लीजा के लिए सना को गुस्से में कत्ल करने पे तुला था । अब वो मुस्कुरा रहा है । आखिर हो क्या था है । तभी जय सना के लिए बड़ी सी मुस्कुराहट के साथ दरवाजा खोलता है । जिससे सना बिना कुछ कहे कार में से बाहर आ जाती हैं । और रेस्टोरेंट की ओर जा ने लगती हैं । तभी जय उसकी दूसरी ओर चलते हुए कहता है । एटिट्यूड हां!! बट आई लाईक इट शॉर्टी ( सना की हाइट का मज़ाक उड़ाते हुए ) । सना और भी इरिटेट होकर तेज़ चलने लगती हैं।