Adhuri Kahani - 10 books and stories free download online pdf in Hindi

अधूरी कहानी - 10

जय ऐसे ही पागलों कि तरह हंस रहा था । और विशाल का गुस्सा इस वजह से ओर भी बढ़ रहा था । वह आखरीबार लता की ओर गुस्से मै देखता है और लता के करीब जाते हुए कहता है ।

विशाल: ( गुस्से में लता को अपनी ओर खींचते हुए) मार्क माय इच एंड एवरी वर्ड मिस लता चौधरी .....! अगर मैंने तुम्हारी लाईफ बद से बदतर ना बनाई तो मेरा नाम भी विशाल सिंघानिया नहीं । तो खुद को बचा सकती हो तो बचा लो। लेकिन आज से बल्कि अभी से तुम्हारी लाईफ में क्या होगा और क्या नहीं ये अब में डिसाइड करूंगा। एंड वेन आई सेड धेट बिलीव मी आई विल डू इट सो रन इफ यू कैन बिकोज योर व्होल लाईफ इस नाउ ऑन माय फिंगरटिपस ।
लता: ( विशाल को धक्का देते हुए ) ओह फ**क यू व्हू ध हेल डू यू थींक यू आर। भगवान हो जो तुम मेरी किस्मत ओर मेरी जिंदगी को काबू करोगे हां? फ**किंग इडियट...!
विशाल: ( गुस्से में ) शहह!!! शांत बिल्कुल शांत क्योंकि एक बार ओर अगर तुम्हारे मुंह से गाली निकली तो मुझे नहीं लगता जो रिज़ल्ट आएगा वह तुम्हे पसंद आएगा । तो बेहतर होगा कि तुम अपना ये मुंह है वो सोच समझकर खोलो।
लता: तू... म ..!!!
सना: ( लता की बात को काटते हुए ) लता आई मीन मिस चौधरी प्लीज आप मेरे साथ चलिए!!!? ( लता का हाथ पकड़ते हुए ) ।
विशाल: (गुस्से में ) जय अपनी रिसेप्शनिस्ट को यहां से के जाओ यह मेरे ओर मेरी असिस्टेंट की बीच की बात है । एंड आई डोंट थिंग सो यू गायस आर अलाउड टू इंटरफेर इन अवर मेटर...! ( चिल्लाते हुए ) सो आऊट राइट नाउ।
सना: ( विशाल को इतने गुस्से में देख कर डर जाती हैं । तभी जय उसका हाथ पकड़ते हुए उसे बहार ले जाता है । )
विशाल: ( प्रोजेक्टर रूम का दरवाजा बंद करते हुए ) सो!!!
लता: ( अपने डर को छुपाते हुए ) किसने कहा मै तुम्हारे लिए काम करूगी । इससे अच्छा मै मर जाऊ पर तुम जैसे जाहिल ओर गलीज़ इंसान के लिए तो कभी भी काम नहीं करूंगी । और तुम्हे क्या लगता है तुम्हारे चिल्लाने से में डर जाऊंगी हां!! सच में !! एक बार बता ही दो की समझते क्या हो तुम खुद को हां!! यह इक्कीसवीं सदी है यहां पर कानून नाम कि कोई चीज होती हैं । अगर तुम भूल गए हो तो मै याद दिला दू।
विशाल: ( मुस्कुराते हुए ) हो गया तुम्हारा या कुछ और भी बाकी है।
लता: ( गुस्से में ) तुम अजीब किस्म के इंसान हो यहां पर में चिल्ला रही हूं ओर तुम मुस्कुरा रहे हो ? दिमाग ठिकाने पे तो है ना तुम्हारा!!? या फिर लेम्मी गेस किसी गधे का दिमाग दिया है तुम्हे भगवान ने !! ओह सॉरी मैंने बिचारे गधों की बेइज्जती कर दी ।
विशाल: ( चैर पे बैठ ते हुए लता कि ओर देख रहा था ) ...
लता: ( और भी ज्यादा गुस्से मै ) ऐसे क्या देख रहे हो गलीज इंसान क्या कभी लडकी को नहीं देखा जो ऐसे देख रहे हो !!?
विशाल: ( जोर जोर से हंसते हुए ) हनहाहाहाहाहा!!!? सीरियसली!!...
लता: यार तुम सच में ठीक हो ना !! आई मीन मुझे ऐसा क्यों लग रहा है जैसे तुम्हारा दिमागी संतुलन बिगड़ गया है । देखो अगर तुम्हे अच्छे डॉक्टर की जरूरत है । और लकिली मेरी एक दोस्त पागलों कि डॉक्टर है तो मेरे रेफरेंस में वह तुम्हे डिस्काउंट भी दे देगी । मुझे नहीं पता था कि तुम्हे ऐसी प्रॉब्लम है वर्ना में तुमसे इस लहज़े में बात नहीं करती । आई हॉप तुम जल्द से जल्द ठीक हो जाओ ।
विशाल: ( पागलों की तरह हंसते हुए ) हाहाहाहाहा.... आहाहाहाहा!! ओह गॉड माय स्टोमैक हर्ट सो बेड.. बट आई मस्ट से यू आर प्रिटी एंटरटेनिंग... । अभी तुम्हे तुम्हारी फिक्र करनी चाहिए लेकिन तुम मेरी फिक्र कर टू बेड। हां अगर तुमने बदतमीजी ना की होती तो शायद में खुश होता इस बात से पर अभी तुम यह सोचो की तुम्हारा क्या होगा ।
लता: मेरा क्या होगा !!? मै यहां से जाऊंगी ओर फिर कहीं ओर जगह पे जॉब करूगी । फिर ना ही हम दोनों कभी मिलेंगे ना ही कोई समस्या होगी सिंपल!!।
विशाल: बिल्कुल थोडी देर पहले यह सिंपल ही था। पर अब सॉरी धेट्स नोट पॉसिबल ।
लता: व्हाट डू यू मीन !!?
विशाल: वेल व्हाट आई मीन बाय धेट इस धेट यू कांट डिसाइड व्हेयर यू विल वर्क एंड वोट यू विल डू वोट यू शुल्ड नोट टू डू एवरीथिंग आई विल डिसाइड इट ।
लता: एंड तुम्हे एसा क्यों लगता है कि मै तुम्हारी बात मानुगी।
विशाल: बिकोज आई सेड सो!!?
लता: एंड बाय इस धेट सो वू आर यू माय डेड माय ब्रधर माय फ्रेंड माय बॉयफ्रेंड ओर गोड!! हां हो कौन तुम।
विशाल: मै .... अम्म!!! ( सोचते हुए ) तुम्हारी किस्मत लिखने वाला पहला इंसान !!।
लता: आई एम् डन विथ योर क्रेप बाय!!!।
विशाल: ( मुस्कुराते ) तुम कहीं नहीं जा रही हो!!
लता: ( गुस्से में दरवाजा खोलते हुए ) ( लेकिन दरवाजा खुल नहीं रहा था )
विशाल: यह दरवाजा तब तक नहीं खुलेगा जब तक कि मै ना चाहूं तो अगर चाहती हो की तुम्हे घर जल्दी जाना है । तो बात को जल्दी ख़त्म करो । ( लता की ओर देखते हुए ) ओर चिल्लाने के बारे में सोचना भी मत क्योंकि ये रूम साउंड प्रूफ है तो तुम्हारी आवाज़ किसी को सुनाई नहीं देगी )
लता: ( सोचते हुए इसको कैसे पता चला की मै चिल्लाने के बारे में सोच रही हूं ! ).
विशाल: वो क्या है ना तुम्हारा चहेरा पूरी खुली किताब है सो बिल्कुल आसान बात है मेरे लिए तुम्हे पढ़ पाना ।
लता: कुते कमीने गधे कहीं के बदतमीज इंसान ऐसे ही किसी की मन कि बात नहीं पढ़ा करते और रही बात मेरे यहां से जाने की तो यह एक फ़्री कंट्री है यहां मै जैसा चाहूं वैसा कर सकती हूं।
विशाल: अरे!! तारीफ के लिए शुक्रिया और बिल्कुल फ्री कंट्री है !! पर तुम ये बात भूल रही हो कि मै विशाल सिंघानिया हूं अगर मै चाहूं तो मै अभी के अभी बिना किसी वजह के तुम्हे जेल भिजवा सकता हूं । तो बेहतर यही होगा कि मेरी बात मानो और शान्ती से चेयर पर बैठ जाओ । जब हमारी बात खतम हो जाएगी तब चली जाना।
लता: ( गुस्से में ) डरा रहे हो मुझे!!?
विशाल: ( मुस्कुराते हुए ) नहीं बता रहा हूं!! वैसे मै होता कौन हूं तुम्हे डराने वाला पर अगर मेरे अनुसार बात नहीं बनी तो शायद मै कुछ कर सकता हूं। देखना चाहोगी!!!?
लता: कैसे!!!?
विशाल: ए विंग फ्लैट नंबर ३४५ नियर एमजी रोड यही है ना तुम्हारा एड्रेस !!?
लता: तुम्हे कैसे!!!
विशाल: वैल वैल लोग बेवजह ही मुझसे नहीं डरते तो रही बात एड्रेस जानने की तो वह मेरे अपना मेटर है अगर तुमने फिर भी मेरी बात नहीं मानी धेन खुद को बिना घर के बिना जॉब के इस शहर में पाओगी!!?
लता: ( विशाल की बात सुनकर गुस्से से आग बबूला हो रही थी ) हाऊ डेर यू हां वोट ध फ**क डू यू थिंक इट्स ए गेम फॉर फ*क सेक इट्स रियल लाईफ डोंट बी चाईलडिश..।
विशाल: वैल आई एम् नोट चाईलडिश केन यू प्लीज टेक ए सीट सो वी केन टोक लाईक एडल्ट!।
लता: ( गुस्से में विशाल की और घूरते हुए उसकी सामने वाली चेयर पर बैठती है।)
विशाल: नाउ यू मोर लुक लाईक मैच्योर पर्सन सो हयर इस ध कोंट्रकट..!।
लता: कोंट्रकट!!?
विशाल: यस कोंट्रकट धेट यू लता चौधरी विल वर्क फॉर मी फॉर सिक्स मंथ एंड यू कांट रिजाइन ओर कवाईट डुरिंग धिस टाइम पीरियड । नो लिव अप्लायऐब्ल सो यू हैव टू वर्क फॉर मी इवेन ऑन वीकेंड एंड आई विल पे यू ३ लाख फॉर सिक्स मंथ सो ६०००० पर मंथ । अगर तुम्हे ओर कुछ एड करवाना हो तो कर सकती हो ।
लता: सीरियसली मै इंसान हू जानवर नहीं जो संडे को भी वर्क पर आऊंगी । यार इटलिस्ट ३०००० सेलरी ओके अकॉर्डिंग टू माय डिग्री एंड एक्स्पीरियंस बट में संडे को वर्क पर नहीं आ सकती ।
विशाल: सीरियसली!! मुझे तो लगा तुम ओर सेलरी की डिमांड करोगी !!?
लता: ( गुस्से में विशाल की ओर देखते हुए ) ....!
विशाल: ओके सॉरी सो साइन इट !!!। मैंने ऑलरेडी साइन कर दिया है कोंट्रेकट!! ( मुस्कुराते हुए मन में सोचता इन छह महीनों में अगर मैंने तुम्हारी हर गलती का बदला नहीं लिया तो मेरा नाम भी विशाल सिंघानिया नहीं एंड आई प्रोमिस यू धेट में तुम्हारी लाईफ नरक से भी बदतर बनाऊंगा )
लता: ( पैन लेते हुए मुस्कुराते हुए मन में सोचती है .. इस छह महीनों में अगर में तुम्हे इतना परेशान करूगी की तुम खुद पछताओगे की तुमने मुझे अपॉइट क्यों किया) शुक्रिया सर साइन करते हुए ।
विशाल: योर मोस्ट वेलकम
लता: प्लेजर इस ओल माय ( हाथ आगे करते हुए )
विशाल: ( हाथ मिलाते हुए ) वेलकम टू सिंघानिया कंपनी आई हॉप सो यू विल एन्जॉय वर्किंग हयर !!।
लता: डोंट वरी सर आई डेफिनेटली विल।
विशाल: लेट्स सी।
लता: यस वी विल सी । नाउ इफ यू डोंट माइंड कैन आई लिव सर !!?
विशाल: ओह!! यस यू कैन सी यू टॉम्मोरो एट शार्प ७ एम डोंट बी लेट ।
लता: डोंट वरी सर आई एम वेरी पंक्चुअल पर्सन वेन इट्स कमस टू माय प्रोफेशन ।
विशाल: ओह धेट्स गुड
लता: हैव ए गुड डे एंड बाय सर
विशाल: सेम टू यू ।

यह कहते हुए विशाल रिमोर्ट से रूम का दरवाजा खोलता है ओर लता आखरी बार गुस्से मै विशाल की ओर देखते हुए प्रोजेक्टर रूम में से बहार चली जाती हैं । विशाल वहीं खड़े खड़े मुस्कुरा रहा होता है। ओर सोच रहा होता है की कल किस तरह से वह लता को परेशान करेगा । वह मन ही मन सोच रहा होता है कि बहुत ही बड़ी मुसीबत में फंस गई हो तुम मिस लता चौधरी अब तुम्हे कोई नहीं बचा सकता मै खुद भी नहीं । यह सोचते हुए वह अपना जैकेट लेते हुए रूम से बहार चला जाता है ।