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कब्रिस्तान

यह कहानी मेरे साथ घटी सत्य घटना पर आधारित है। कृपा इसको किसी भी प्रकार से कोई कल्पना ना समझें, जिन लोगों को मेरी कहानी पर विश्वास नहीं उन के लिए मैं अंत मे सबूतों के साथ अपनी आत्मकथा की वास्तविकता को सिद्ध करूँगा धन्यवाद।



दोस्तों बचपन से रोमांच और भूतिया रहस्यो के प्रति मेरी रूचि बहुत अधिक रही है,
पता नहीं क्यों जहाँ एक ओर बचपन मे मेरी उम्र के अन्य बच्चों का जुड़ाव कार्टून में होता था मेरा जुड़ाव हॉरर शो मे अधिक था।
अपने इस अजीबो गरीब शोक के चलते कई बार मैं अपने घर वालों से डांट भी खा चूका हु मगर मुझे उन सब से इतना अधिक फर्क नहीं पड़ता था धीरे धीरे मेरा टी वी के हॉरर नाटको से लगाव कम होने लगा, और अब वो मुझे ना तो डरावने लगते थे और ना ही रोमांचक अब मुझे कुछ नया करना था कुछ ऐसा जिस से मेरे अंदर वो बचपन का डर वो खौफ फिर से पैदा हो,

कहने को डर एक बुरी चीज़ है पर डर की एक खासियत ये है की ज़ब हम डर को महसूस कर के उस से उभरते है तो उसके बाद एक अजीब सा सकून मिलता है एक ऐसा सुन्दर एहसास होता है जिसे शब्दों मे बया कर पाना नामुमकिन है। लेकिन इस लेख को पढ़ रहे लोगों ने कभी ना कभी इस रोमांचकारी एहसास का अनुभव जरूर किया होगा और आप अच्छे से मेरी बातो का मतलब समझ रहे होंगे।
सीधी भाषा मे बोलू तो डर किसी नशे से कम नहीं जिसको एक बार अनुभव करने के बाद हम इसके आदि हो जाते है और डरने के बावजूद उन कामों को बार बार करते है जो हमें ये अनुभव प्रदान करता है।
खेर अब असल मुद्दे पर आता हुँ, एक दिन मैंने और मेरे एक दोस्त ने तय किया की एक रात किसी ऐसी जगह पर रुककर कर देखते है जहाँ वाकई मे कोई अलौकिक शक्ति का वास हो और हम स्वयं इसका अनुभव कर पाए, इसलिए हमने दिल्ली में अपने इलाके के आस पास की मशहूर हॉन्टेड जगहों पर जाना तय किया जिनमे से दो जगाहे तो हद से ज़ियादा हॉन्टेड और मशहूर थी एक थी जमाली कमाली मस्जिद जिसके बारे में मशहूर था की वहाँ पर जिन्नातों का बसेरा है जो किसी को भी वहाँ टिकने नहीं देते,
दूसरी जगह थी संजय वन जिसमे लोगों ने रात के समय किसी सफ़ेद साड़ी पहने एक महिला की आत्मा को देखा है, यहाँ तक की कुछ लोगों का ये तक कहना है की वो आत्मा रात को जंगल में आये लोगों को अपने बस में कर उनका खून तक कर देती है,
हम दोनों ने इन दोनों मशहूर भूतिया जगहों के साथ साथ कई और जगहों पर भी रात गुजारी मगर यकीन मानना दोस्तों उन जगहों पर हमें कुछ भी ऐसा नहीं मिला जिसकी हमें तलाश थी,
अब तक हमें लगने लगा था की ये भुत वुत जैसी बातें केवल लोगों द्वारा फैलाया वेहम है वास्तविकता में ऐसी पारलौकिक शक्तियों का कोई भी वजूद नहीं है।
मगर जल्द ही हमारी सोच बदल गई जब हमें एक कब्रिस्तान का पता लगा और हम वहाँ पहुचे शुरू में तो हमें कोई खास अनुभव नहीं हुआ पर जब लगभग रात के 1 बजे थे तो मुझे और मेरे दोस्त को एक पेड़ के पास से किसी बच्चे के पुकारने की साफ आवाज़ आई,
रात के 1 बजे किसी बच्चे का वहां होना असंभव था इस बात को सोच कर हमारे बदन में एक सरसरी सी दौड़ गई।
लेकिन अगले ही पल हमें लगा मुमकिन है कोई छोटा बच्चा वहाँ आ कर फस गया हो और वो मदद के लिए चिल्ला रहा हो और अगर ऐसा है तो वो बिचारा बच्चा बहोत डरा हुआ होगा, और ये सोच कर हम हिम्मत करके उस जगह पर गए जिस तरफ से उसकी आवाज़ आई थी और वहाँ पर पीपल के पेड़ के सिवा दूर दूर तक कोई नहीं था इस बात ने हमें सोच में डाल दिया पर जल्द ही हमने इस को नज़रअंदाज कर आगे बढ़ने का तय किया क्योंकि अभी हम उस जगह नहीं पहुचे थे जिस जगह सबसे अधिक शक्तियों के होने का दावा किया गया था वो एक टीला नुमा जगह थी जहाँ पर सदियों पुरानी कब्रे मौजूद थी।
ज़ब हम उस दिशा में आगे बढ़ने लगे तो पता नहीं क्यों हमें उस जगह को देख कर ही खौफ होने लगा हलाकि हम ऐसी डरावनी जगह पर पहले भी जा चुके थे जहाँ का नज़ारा बिलकुल उस की तरह ही भयंकर था पर बाकि जगहों से अलग उस जगह पर हमारे दिलों की धड़कन बेहद बड़ चुकी थी जैसे हमारा दिल हमें उस जगह पर जाने से रोक रहा हो पर फिर भी हम ना रुके और उस टीले नुमा जगह पर जा पहुचे, उस जगह पर हमारे कदम पड़ते ही हमें किसी के घुर्राने की साफ आवाज़ सुनाई दी जो ना तो किसी जानवर की थी और ना ही किसी इंसान की,
इस बार की आवाज़ ने हमें साबित कर दिया की हम जिस जगह को इतने दिनों से खोज रहे थे आज वो जगह आखिर कार हमें मिल ही गई,
किसी इच्छा के पूरा होने की जो ख़ुशी होती है उस समय वही ख़ुशी हमें भी हो रही थी लेकिन साथ ही उसके खौफनाक नज़ारे से हमें डर भी लग रहा था हमने अपने ज़ज्बातो को थोड़ा काबू कर आगे बढ़ने का फैसला किया और उस जगह का थोड़ा बहोत मुआइना भी किया, पर कुछ खास हाथ नहीं लगा, अंत में हमने फैसला किया की वहा पर अपना एक कैमरा लगा कर छोड़ देते है और खुद उस जगह पर चलते है जहाँ पर हमें बच्चे की आवाज़ आई थी।

और हमने ऐसा ही किया कैमरा लगा कर ज़ब हम उस पेड़ के पास पहुचे तो हमें साफ साफ किसी बच्चे की सिसकारियों की आवाज़ आने लगी वो आवाज़ इतनी डरावनी थी जिसको सुन कर हमारी सारी हिम्मत जवाब दे गई हमारी सारी बहादुरी धरी की धरी रह गई और हम अपने कदम आगे बढ़ाने का साहस ना कर सके पर कुछ देर बाद हमने सोचा यदि यहाँ कोई ऐसा व्यक्ति हो जो हमसे मजाक कर रहा हो तो........

इस बात को सोच हमारे भीतर काफ़ी साहस जुट गया और अबकी बार हमने उस आवाज़ के आते ही उसकी ओर दौड़ लगाई पर हमारी पूरी कोशिश के बाद भी हमें वहाँ कोई नहीं मिला लेकिन अब आवाज़ किसी और दिशा से आने लगी, जिसे सुन हम फिर उस ओर भागे पर वहाँ भी कोई दिखाई नहीं दिया हम उस आवाज़ की बदलती दिशा में भागते ही जा रहे थे पर कुछ भी हाथ ना लगा।

वही दूसरी तरफ हमारे कैमरा में कुछ ऐसी चीजे रेकॉर्ड हुई जिस से हम उस समय अनजान थे और उनको देखने के बाद इन चीजों के वजूद पर सवाल उठाना असंभव था


इसके आगे हमारे साथ बहुत कुछ ऐसा हुआ जिसने हमारे होश उड़ा दिए और उन सब को बहोत जल्द अगले भाग में मैं आपके साथ साझा करूँगा,
और रहा सवाल सबूतों और उस कैमरा की रेकॉर्डिंग का तो उसको आप खुद यूट्यूब पर जा कर देख सकते है जिसका लिंक में निचे दे रहा हुँ


https://youtu.be/JRLLpbYo4vQ


साथ ही आप मेरी bite में जा कर भी उस लिंक को पा सकते है।
हमने अपने साथ घटी सभी घटनाओं को रेकॉर्ड कर यूट्यूब पर प्रकाशित किया हुआ है।