Neem Tree (Part 9) in Hindi Short Stories by Kishanlal Sharma books and stories PDF | नीम का पेड़ (भाग9)

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नीम का पेड़ (भाग9)

29--मुद्दा
"शर्माजी आज शाम को रिटायरमेंट की पार्टी है आपको आना है"
मैं पिछले साल सेवानिवृत्त हो चुका था।रिटायर होने के बाद भी लोग भूले नही थे और मुझे बुलाया था।मैं स्टेशन जा पहुंचा।
आज अजय और विनोद रेल सेवा से सेवानिवृत्त हो रहे थे।दोनो एक ही आफिस पार्सल कार्यालय से रिटायर हो रहे थे। इसलिए उनका विदाई समारोह भी एक साथ रखा गया था।अजय पार्सल इंचार्ज के पद से जबकि विनोद मारकर के पद से रिटायर हो रहे थे।इसलिए उनका विदाई समारोह भी एक साथ रखा गया था।अजय मुख्य पार्सल प्रेवक्षक के पद से जबकि विनोद क्लास फोर्थ के पोर्टर पद से रिटायर हो रहा था।दोनो के पदों के बीच का अंतर पार्टी में साफ नजर आ रहा था।
अजय को गुलाब के फूलों की मालाएं पहनाई जा रही थी।जबकि विनोद को गेंदे के फूलों की।अजय को सूटकेस गिफ्ट किया गया था जबकि विनोद को बेग
एक ही मंच से हो रही पार्टी में हो रहे भेदभाव को देखकर मैं सोच रहा था।अजय जाटव और विनोद ब्राह्मण था।इसलिए कोई मुद्दा नही बना।अगर दोनों की जाति उल्टी होती तो मुद्दा बनता
30---चेहरा
"बेटी बोझ नही है।बेटा बेटी में कोई फर्क नही है।बेटियां भी माँ बाप का खूब नाम रोशन कर रही है।कन्या भ्रूण हत्या पाप है"।
नेताजी ने कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ जबरदस्त अभियान चला रखा था।गोष्टी,सभा करके वह लोगो को कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ लोगो को जागरूक कर रहे थे।अखबारों में रोज उनके फोटो के साथ उनके भाषण छपते।एक दिन नेताजी अपनी पत्नी को लेकर एक डॉक्टर के पास पहुंचे।डॉक्टर उनका चित्र व भाषण अखबारों में पढ़ता रहता था।इसलिये उन्हें देखते ही बोला,"आज कैसे कष्ट किया?"
"पत्नी के पेट मे लड़की है।गर्भपात कराना है।"
डॉक्टर चोंक कर बोला,"आप तो कन्या भ्रूण हत्या के खिलाफ लोगो को जागरूक कर रहे है और स्वंय ही कन्या भ्रूण हत्या की बात कर रहे हैं?"
" भाषण और असल जिंदगी में बहुत अंतर होता है।मेरी माँ पोती नही चाहती।मैं भी बेटे का बाप बनना चाहता हूँ।"नेताजी बोले,"आप गर्भपात कर। दीजिए।"
"कन्या भ्रूण हत्या कानूनन अपराध है।"
"मैं जानता हूँ,"नेताजी बोले,"आप चाहे जितने पैसे ले ले।"
"सौरी," डॉक्टर बोला,"मैं यह गेरकानूनी काम नही करूँगा"
"कोई बात नही,"नेताजी बोले,"मुझे किसी दूसरे डॉक्टर्ड के पास जाना पड़ेगा।'
"यह गैरकानूनी काम दूसरे डॉक्टर को भी नही करने दूंगा।"
"आप कैसे रोकेंगे", नेताजी बोले,"मुँह मांगे पैसे लेकर कोई भी डॉक्टर यह काम कर देगा"।
"मैं ऐसा नही होने दूंगा,"डॉक्टर बोला,"मैं अभी मीडिया को बुलाता हूं।मीडिया जब आपका दोहरा चरित्र जनता को दिखायेगा
डॉक्टर की बात सुनकर नेताजी के चेहरे का रंग उड़ गया।
31-- अहं
'बहु से नौकरी छोड़ने के लिए क्यों कह रहे हो"?सरला बोली,"तुम ही तो नौकरी करने वाली लड़की को पत्नी बनाना चाहते थे।"
"माँ सोनाली का प्रमोशन हो गया है।मैं जिस ऑफिस में बाबू हूं।उसी में वह अफसर बनकर आ रही है"
"यह तो बहुत अच्छी बात है,",बेटे की बात सुनकर सरला खुश होते हुए बोली,"अभी तुम यहाँ हो और बहू बरेली में।वह यहाँ आ जायेगी तो पति पत्नी एक जगह हो जाओगे।अलग नही रहना पड़ेगा।साथ रहोगे।"
"माँ मैं पति हूँ।ऑफिस में मुझे सोनाली के मातहत रहना पड़ेगा।उसका हुक्म मानना पड़ेगा।उसे मैडम कहना पड़ेगा।"
पवन की बात सुनकर सरला समझ गयी।उसका बेटा नही मर्द होने का अहं बोल रहा था।