Internet wala love - 37 books and stories free download online pdf in Hindi

इंटरनेट वाला लव - 37

अरे संतोष बेटा सुनो तो उस रुम से ना आवाजे बन्द नही हो रही है. क्या हुआ है कुच पता लगवाया है क्या?

रामू काका वहा का कुच पता नही लगा है. बट डोंट वरि मे देखता हू.

हेल्लोव इ एएम मुन्नी रॉकेट वेयर आर यू माय क्रिएशन.

《 इन्कमींग ईमेल 》》》

रुको रुको रामू काका ईमेल आगाई है. सर की देख लेते है. लिखा है. डीयर संतोष इस रुम मे एक बहुत ही कीमती चिज है. जो की कोई देख भी नही सकता है. अगर देख लिया तो समश्या मुझे और मेरी उस कीमती चिज को होगी इस लिए आप से विन्नती है. की इस चिज को छिपाने की हमारी समश्या को समझे.

अच्छा मतलब इस लिए साहब ने अंदर नही जाने दिया.

हा रामू काका खैर इस कमरे की सफाई तो बहुत सेफ़ली हो चुकी है. अब कोई फिक्र वाली बात नही है.

ठीक है फ़ीर चलो इस कमरे को छोडो वरना हमारी एक गलती की वजह से कुच हो गया तो साहब गुस्सा हो जायेंगे.

हा चलो अब चलो सब लोग अब दूसरे कमरे की सफाई करदो और फ़ीर निचे चले जाना रामू काका आप चेक कर लेना सब ठीक है हमारी कंपनी के वोर्कर को किसी भी तरह की दिक्कत नही आनी चाहिए

ठीक है बेटा आप निचिन्त रहो सब अच्छे से हो जायेगा.

《 कुच देर बाद... 》》》

सुनो हितेश भाई बुरा ना मनो तो एक बात कहू

अरे समीर भाई इसमे इजाजत लेने की क्या जरुरत है

वो ना दरअसल ये पूछना था की क्या आपने कभी प्यार किया है. मान कोई ऐसा मोमेंट आया जिस्मे आपको इसकी फीलिंग्स आई

नही भाई अभी तक तो नही. उल्टा इस प्यार वाली चिज से तो मे बहुत दुर हू पता नही मन तो करता है लेकिन किस्मत के आगे कोन जा सका है

ओह अच्छा कोई बात नही उपर वाला हर किसिके लिए लिये कोई ना कोई बना के भेजता है सो इंतज़ार करो और क्या

हा वही करना पडेगा सो करेंगे

वैसे भाई वो सब तो ठीक है लेकिन मे क्या बोल रहा था की उस रोबोट के साथ कुच भी हो सकता है इस लिये ना इसको ऑफ़ करदो पूरी तरह से फ़ीर जब जायेंगे तब ऑन कर लेना

हा मे भी यही सोच रहा था क्यू की हम कितनो ऐसे रोक ते रहेंगे. रुको मे अभी बंद करता हू

《 कुच देर बाद... 》》》

अन्नू सुनो हम डेली यहा से जाते है क्यू ना हम एक छोटी गाडी लेले.

हा भूमि आइडिया बुरा नही है लेकिन लेंगे कहा से

यहा के शो रुम मे बेटर कार मिल जायेगी वैसे कौनसी कंपनी की लेंगे

कंपनी का क्या है कंपनी तो कोई भी हो गाडी अच्छी चलनी चाहिए

इस कहानी मे आप लोगो ने अभी तक जाना की संतोष ने उस समश्या को बहुत अच्छे से संभाला लेकिन कमरे के अंदर जो रोबोट की आवाज आ रही थी वो इतनी तेज़ी से आ रही की पूरी कंपनी मे शौर मचा रही थी लेकिन संतोष ने उस आवाज पे ध्यान नही दिया रामू काका के बार बार कहने पर भी कुच जवाब नही मिला क्यू की हितेश का ऑफिशिअल ऑर्डर था.
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