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दानव द रिस्की लव - 19

……Now on ………




आदित्य : संभलकर बैठो अदि……!

अदिति : हां …. भैय्या..... (Sit पर सिर टिकाकर बैठ जाती हैं )…

……in aditi ' s house ……

आदित्य : अदि चल बाहर ….अदि ….

अदिति : हां ….भैय्या

आदित्य : क्या हुआ ……?

अदिति : कुछ नहीं

आदित्य : तू रुक ….मुझे पकड़कर चल ….

अदिति : हां …. (बाहर आते ही लड़खड़ा जाती हैं)

आदित्य : अदि ….तेरी तबियत ठीक नहीं हैं …. मैं doctor को बुला लेता हूँ ……(गोद में उठा लेता है)

अदिति : भैय्या.....

आदित्य : मैं.. मेरी sweety को नही उठा सकता...

अदिति : हां …. मेरे प्यारे भैय्या.....(मन में) मुझ से ज्यादा कोई इतना lucky नही है …भैय्या जो मेरा इतना ध्यान रखते हैं और विवेक जो मुझे कभी परेशान नही होने देता.. ……

आदित्य : किस सोच में खो गई …अदि

अदिति : मैं सोच रही हूं आपने कभी मुझे किसी चीज की भी कसर नहीं होने दी …you are the best ….

……in house .…

….aditi's room ….

बबिता : अदिति दी ….क्या हुआ इन्हे... मालिक ….?

आदित्य : तुम यहां लेटो ….तबियत ठीक नहीं हैं इसकी ….बबिता doctor आऐंगे वही बताऐंगे. …

तक्ष अंदर आता है….

तक्ष : आप आ गये ……क्या हुआ अदिति को..?

आदित्य : तबियत खराब है इसकी ….!

उबांक : दानव राज आपने कुछ ज्यादा ही शक्ति उपयोग कर दी ….अगर इसे अभी कुछ हो गया तो आपकी अभिलाषा खत्म हो जाएंगी ….!

तक्ष : तुम ठीक कह रहे हो उबांक ……अभी वश कम करना होगा ……आदित्य क्या मैं देख सकता हूँ इन्हे. ….

आदित्य : तुम रहने दो ….!

….door bell ring. …

आदित्य : बबिता देखो doctor आए होंगे ….!

बबिता : जी वही है …… आइऐ ….!

तक्ष : ( मन में ) अब ये doctor ,कुछ न बोल दे

आदित्य : doctor please check my sister...!

अदिति : भैय्या आप भी मैं ठीक हूं....

आदित्य : चुप कर ….

आदित्य : आप check up किजिए ….!

तभी विवेक का phone आता है... आदित्य call cut कर देता है ……

डाक्टर : sure ….(after check up )…देखिए mr आदित्य …इनका ध्यान रखिए ….ये medicine तीन time इन्हे. दे देना ….!

आदित्य : इसे हुआ क्या है ……?

डाक्टर : मैंने इन्हे. नींद का injection दिया है …… आप ध्यान रखिए इनके mind पर pressure न पड़े …stress के कारण ये mentally weak हो रही है... इनका खास ध्यान रखिए …और किसी काम के लिए इनपर pressure मत डालिएगा ……नही तो ये out of control हो जाएंगी ….अपने mind से अपना control खो देंगी ….!

आदित्य : आपने इतनी सारी बातें बता दी पर अदि किस चीज के लिए अपने mind पर pressure डाल रही है...thanks doctor ……चलिए आप को बाहर तक छोड़ देता हूँ ….

डाक्टर : thanks ….!

तक्ष : ये डाक्टर भी सब कुछ बता ही गया …पर अच्छा है आदित्य को कुछ समझ नहीं आया ….!

आदित्य : बबिता ….!

बबिता : जी ……!

आदित्य : बबिता अदि का ध्यान रखना इसे time पर ये दवाई दे देना ….मेरा office जाना जरुरी है ……(तभी आदित्य के phone पर विवेक की call आती हैं)….ये विवेक भी न ……हेलो !

विवेक : भाई ये अदिति phone नही उठा रही है...college गई क्या..?

आदित्य : नही उसकी तबियत (तभी चुप हो जाता हैं)

विवेक : क्या हुआ अदिति को ….?

आदित्य : कुछ नहीं वो सो गई है कल रात को जागी थी इसलिए सो गई ….!

विवेक : सच भाई ….ऐसा क्यूं लग रहा हैं भाई .… जैसे आप कुछ छिपा रहे हो ….

आदित्य : एक बात बताओ तुम्हें और अदि को कुछ ज्यादा ही ऐसा नहीं लगता कुछ छिपा रहे हो ….मैं झुठ बोल रहा हूँ ….!

विवेक : ऐसी बात नही है भाई ….आपकी आवाज में कुछ परेशानी लग रही है... इसलिए पुछा ….!

आदित्य : तुम ज्यादा बात मत करो और आराम करो ……अभी ठीक नहीं हो तुम ….!

विवेक : ok भाई ……!

After call …….

आदित्य : ये दोनों भी न पता नहीं कैसे जान लेते है मैं कुछ छिपा रहा हूँ ….!

बबिता : मालिक ये तो दोनों का प्यार है जो बिना कहे एक दूसरे की बात जान लेते है ……

आदित्य : दोनों बचपन से साथ रहे हैं ……कभी झगड़ते थे कभी मनाते थे ……वैसे विवेक अच्छा लड़का है.... उस जैसा दोस्त अदि को नही मिल सकता …

बबिता : आपने सही कहा ……आप बेफ्रिक जाईए ….!

आदित्य : हां बबिता मैं शाम को जल्दी आ जाऊंगा ….!

आदित्य चला जाता हैं ….बबिता अदिति के पास चली जाती हैं ….

उबांक : दानव राज …आप शांत रहिए ….अब थोड़े दिनों तक इसपर हावी मत होना ….नही तो आप अपनी आजादी से दूर हो जाएंगे....

तक्ष : तू ठीक कह रहा हैं …. उस डाक्टर को खत्म

उबांक : नही दानव राज …उसे मत मारना ….आप क्रोध में सब कुछ खत्म कर देंगे थोड़ा सोचिए ….अदिति को सिर्फ ये ही ठीक कर सकता है …… और अगर उसे मार दिया तो कही आदित्य को शक न हो जाए …..

तक्ष : ठीक है...

*************

…..in choudhary ' s mansion ……

……in vivek room ….

मालती : विवू ….उठ गया..

विवेक : आओ मां ….कहां गई थी आप ….?

मालती : मैं मंदिर से आई हूँ ….भगवान से प्रार्थना की है तुझे हर बला से बचा कर रखे ….इतने बड़ी आफत से बचा है …ये रक्षा सुत्र दिया पंडित जी ने …ला हाथ दे बांध दू ..!

विवेक : मां ….मुझे इसकी जरुरत नहीं हैं तुम काफी हो मेरे लिए ….!

मालती : मैं क्या भगवान हूं....

विवेक : क्या मां कहते है न मां बाप भगवान होते है ……

मालती : चुप कर ….जब देखो तब मजाक ला हाथ दे …(कलावा बांध देती हैं) ….

विवेक : मां वैसे इसकी जरुरत तो अदिति को भी है फिर …

मालती : तू ठीक कहता है …… उसे भी दे देना ….तूने सही याद दिलाया उससे बात करती हूं ….!

विवेक : क्यूं मां सुबह ही तो गई है ……

मालती : अरे ! उसकी तबियत ठीक नहीं थी ….

विवेक : अभी …फिर भाई ने फिर क्यूं नही बताया ….?




………to be continued …….