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दानव द रिस्की लव - 22

……Now on……




उबांक : दानव राज क्या हुआ ….?

तक्ष : उबांक ऐसा लगा जैसे मेरा वशीकरण कमजोर पड़ रहा हैं …. नही ऐसा नहीं होना चाहिए ….अगर मेरा वशीकरण टूटा तो मैं यहां नहीं रह पाऊंगा ……मुझे कुछ करना होगा ……उबांक अदिति जहां भी है जाओ उसके खुन की कुछ बुंद लेकर आओ ….!

उबांक : जी दानव राज ……(चला जाता हैं)

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श्रुति : इसे होश क्यूं नही आ रहा हैं ….

विवेक : श्रुति ….पानी कि छिंटे मारो ……!

श्रुति : हां …. (पर पानी की छिंटो से अदिति को होश नही आया बस वो तो कुछ बोल रही थी …जिसे विवेक सुनने की कोशिश कर रहा था ……कुछ देर बाद अदिति के पास एक मधुमक्खी आती हैं …. जो अदिति के गर्दन पर काट लेती हैं ….

विवेक : ये मधुमक्खी ….(भगाता है……पर मधुमक्खी तो अपना काम कर चुकी थी ……)

थोड़ी देर बाद अदिति को होश आता है...

विवेक : अदिति ….(गले से लगा लेता है) अच्छा हुआ तुम्हें होश आ गया ….

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उबांक : दानव राज ….लिजिए ……

तक्ष : तुम बहुत जल्दी आ गये ……?

उबांक : दानव राज ….मैं चील बनकर गया था …

तक्ष : पर तुम्हें इतनी जल्दी उसका खुन मिल गया ….वो भी इतना सा

उबांक : दानव राज ….वो तो बेहोश हो रखी है उसके आस-पास उसके दोस्त थे इसलिए मैं मधुमक्खी बनकर ही उसको काट पाया ……

तक्ष : चल ठीक है... (तक्ष कुछ मंत्र सा पढ़ने लगता है)

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कंचन : तूने तो हमे डरा दिया ……sorry अब हम दोबारा उस story को नही कहेंगे ……

अदिति :its ok …… विवेक …….मुझे तुम्हें एक जरुरी बात बतानी है… मैं तुम्हें कल नही बता पाई……

विवेक : अदिति जो भी बताना है बाद में बताना पहले …ये कुछ खा लो better feel करोगी ……!

अदिति : विवेक सुनो पहले …….वो तक्ष ……एक ..पि..पिशाच.. है

विवेक : अदिति तुम्हें हो क्या गया है ……?

अदिति. : विवेक मेरी बात पर यकिन करो ….वो सही नही है

विवेक : अदिति बस बहुत हुआ ….कभी कहती हो वो अच्छा है …कभी कहती हो वो पिशाच है …कभी उसकी help के लिए yes करती हो कभी नही .....क्या क्या है ये …?…तुम्हारा दिमाग ठीकाने पर है या नही …

विवेक कि बात सुन अदिति की आंखों में आंसू आ जाते है ……

अदिति : सही कहा है... उन अघोरी बाबा ने ….दूर रहो मुझसे …(रोते हुए भाग जाती हैं)

विवेक : अदि

कंचन : अदिति ……रूको

हितेन : ये क्या किया भाई तूने ….उसे रूला दिया ….

कंचन : ऐसे कौन समझाता है ……?

श्रुति : अदिति को हुआ क्या है …?

विवेक : मैं ऐसा नहीं चाहता पता नहीं अदिति को हो क्या गया है ……जो भी हो रहा हैं बहुत suspicious हो रहा हैं ….

श्रुति : ये तक्ष कौन है ……?

विवेक : इसकी लम्बी कहानी है …… एक मिनट मैं सुन नही पाया ….उसने ये कहा था न अघोरी की बात सच है ….?

हितेन : हां यही कहा था ……

विवेक :पहले अदिति ने पहचानने से मना कर दिया था अब अचानक अघोरी कैैैसे याद आ गये …मुझे अदिति के पास जाना चाहिए ….!

अदिति रोते हुए park में पहुंचती हैँ …

अदिति : आखिर उस रात हुआ क्या था …मुझे ठीक से याद भी नहीं हैं …. और विवेक मेरी बातों पर यकिन करने के लिए तैयार नही है… कोई बात नही मैं विवेक को अपनी वजह से खतरे मे नही डालूंगी….(जैसे ही वहां से जाने के लिए खड़ी होती है विवेक पहुंच जाता है) ……

अदिति : विवेक …जाओ यहां से

विवेक : अदिति

अदिति : मैं अब कुछ नहीं कहूंगी..

विवेक : (embraces)…sorry aditi ……मुझे तुमसे ऐसे बात नही करनी चाहिए थी ……आगे बताओ मैं सुनूंगा

अदिति : कोई बात नही …(हंस जाती हैं)…विवेक हम उन अघोरी बाबा के पास जाएंगे....

विवेक : अदिति अघोरी बाबा तो

अदिति : हां विवेक …वो ही हमारी help करेंगे ……तुम्हे पता है विवेक जब …जब Sunday को तुमने हमे lunch के लिए बुलाया था तब ……तक्ष ….ने (अदिति इतना ही बोल पाती है और अपना सर पकड़ लेती हैं) …

विवेक : तब क्या अदिति ……क्या हुआ..?

अदिति कुछ नहीं बोलती बस वही बैठ जाती हैं ….

विवेक : अदिति ..जो बताना है बाद में बताना पहले चलो तुम्हें doctor के पास ले चलूं ……!

अदिति : न..नही

विवेक : चलो चुपचाप ……!

………in doctor's cavin …….

विवेक : good evening dr . sharma ……

Dr sharma : come in mr vivek …….!

विवेक : thanks ...…

Dr : what I can help you .…?

Vivek : meet my life patner …aditi ….

Dr : hello

Vivek : its not well …….please check ….

Dr : don't worry mr vivek ……(after check up)…mr vivek ये बिल्कुल ठीक है...

विवेक : ऐसे कैसे हो सकता है .…ये कभकभी सबकुछ भूल जाती हैं कभी सब याद आ जाता है , और अब कुछ .बोल ही नही रही है …ऐसे चुप क्यूं हो गई ……dr please check the carefully ……

Dr : आपके according ये अजीब बर्ताव कर रही है....ऐसा लगता हैं ये अपने control में नहीं हैं ….

विवेक : what do you mean …?

Dr : it's like a robot ……

विवेक : robot ….अदिति (झंझोरता हैं)

अदिति को मानो होश आया हो ……

अदिति : ह हां.....विवेक …क्या हुआ..?..... हम यहां क्या कर रहे है विवेक.. …?

विवेक : अदिति ..…तुम्हारी तबियत ठीक नहीं थी इसलिए हम यहां आऐ थे ……!

अदिति : विवेक तुम पागल हो मैं ठीक हूं.... (Time देखती है) ……oo ! सात बज गये ….भैय्या आज जल्दी आ गये होंगे ….विवेक चलो घर ……!

विवेक : (गुस्से में )……जाओ यहां से ….तुम

अदिति : विवेक .….क्या हुआ क्यूं गुस्सा कर रहे हो ….मैंने क्या किया है ……?

विवेक : तुमने कुछ नहीं किया …किया है उस तक्ष ने …छोडूंगा नही उसे ……चलो (जबरदस्ती ले जाता हैं)

********in aditi ' s house ******

विवेक : तक्ष ……(चिल्लाता है) ……

आदित्य : विवेक .…क्या बात है...?

विवेक : आप तक्ष को बुलाओ...?

आदित्य : ठीक है बबिता....तक्ष को बोलो नीचे आने के लिए....!

बबिता : जी साहब ......




..........to be continued.........