Ziddi Ishq - 21 books and stories free download online pdf in Hindi

ज़िद्दी इश्क़ - 21

माज़ किसी से फोन पर बात कर रहा था जब रोज़ी उसके पास आ कर बोली।

"सर मैडम ड्रेस नही पहेन रही है कह रही है आप से बात करनी है।"

माज़ जो फोन पर बिजी था रोज़ी की बात सुनकर उसे माहेरा पर बहोत गुस्सा आया। वोह गुस्से से अपने कमरे की तरफ चला गया।

वोह कमरे में आया तो उसके कान में माहेरा की आवाज़ गयी।

"मैं येह ड्रेस नही पहेनुगी। तुम ले कर जाओ इसे।"

माहेरा ने गुस्से से कहा।

उस पागल को नही पता था वोह सोये हुए वहशी के गुस्से को और हवा दे रही है। जो कब से खुद को कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा था।

उसने माहेरा के मुंह को दबोच कर दीवार से लगाया और अपनी पकड़ मजबूत कर दी।

"आह।"

माहेरा की दर्द से चीख निकल गयी।

क्योंकि माज़ ने उसकी गर्दन पर अपने दांत गढ़ा दिए थे।

वोह उसके कान पर अपने होंठ रख कर धीरे से बोला।

"डॉल फेस अगर मैं कुछ कह नही रहा है तो तुम्हे मेरी शराफत रास नही आ रही है। लगता है पहले वाली सज़ा याद नही है।"

कहते साथ ही उसने माहेरा पर अपनी पकड़ और मजबूत कर दी।

उसकी पकड़ मजबूत होने की वाजह से उसकी आँखों से आंसू गिरने लगे थे।

"ओह डॉल फेस अब तुम्हे अपनी गलती का अहसास हो रहा है।"

माज़ उसकी आँखों से आंसू गिरते देख अपनी पकड़ ढीली करते हुए बोला।

माहेरा ने उसकी पकड़ ढीली होते देख उसे धक्का दिया। वोह उसे थोड़ा दूर तो हो गया लेकिन अभी तक उसे आज़ाद नही किया।

माज़ ने थोड़ा पीछे हो कर उसके ऊपर झुक कर उसकी आँखों मे देखते हुए कहा जहाँ अभी भी नमी थी।

"अगर दोबारा मुझे "तुम" कहा तो अभी तो सिर्फ तुम्हे चेहरे पर मेरी उंगलियों के निशान है अगली बार अगर गलती की तो......."

वोह उसके चेहरे पर उभरे अपनी उंगलियों के निशान पर हाथ फेरते हुए बोला।

"तुम्हरी कैंची की तरफ चली ज़ुबान को काट कर जैकी को खिला दूंगा।"

उसकी बातों में कितनी सच्ची थी येह उसके सीरियस चेहरे से ही पता चल रही थी।

लेकिन माहेरा ने उसे कुछ भी रिस्पॉन्स नही दिया और चुप चाप उसकी आँखों मे देखती रही।

"येह ड्रेस लो और जल्दी से पहेन कर आओ।"

माज़ ने उसे बेड पर से एक ड्रेस उठा कर उसे दिया।

माहेरा ने गुस्से से उससे वोह ड्रेस लिया और वाशरूम में चली गयी।

उसने सारे ड्रेस पहले ही देख लिए थे। वोह सारे ड्रेस स्लीवलेस और डीप नैक वाले थे।

इसी वाजह से माहेरा ने उसे माज़ को बुलाने के लिए कहा था ताकि वोह उससे बात कर सके।

मगर उसने तो उसकी बात सुने बिना ही अपना सारा गुस्सा उस पर निकाल दिया।

माहेरा को ड्रेस देने के बाद वोह अपने बाल में हाथ फेरते हुए रूम में चक्कर लगा कर अपना गुस्सा कम करने की कोशिश कर रहा था।

वोह अपना गुस्सा पहले ही माहेरा पर निकाल चुका था लेकिन फिर भी उसका गुस्सा कम नही हुआ था।

जब वोह थोड़ा शांत हुआ तब जा कर उसे अहसास हुआ कि उसने माहेरा के साथ क्या कर दिया था।

माहेरा रेड कलर का स्लीवलेस गाउन पहने खड़ी खुद को शीशे में देख रही थी। वोह येह ड्रेस पहेन कर पार्टी में नही जाना चाहती थी।

लेकिन माज़ के गुस्से के बारे सोचते हुए वोह वाशरूम से बाहर आ गयी।

माज़ जो कमरे में चक्कर काट रहा था माहेरा पर नज़र पढ़ते ही उसे समझ आ गया वोह येह ड्रेस क्यों नही पहेनना चाह रही थी।

माहेरा येह ड्रेस पार्टी में पहेना कर जाएगी येह सोच कर ही उसे गुस्सा आ रहा था।

उसने ड्रेस अपने एक जानने वाले दोस्त से मंगाया था और कहा भी था वोह ड्रेस ज़्यादा फैशनेबल ना हो। उसे तो अब ड्रेस भेजवाने वाले पर गुस्सा आ रहा था।

"फौरन जाओ येह ड्रेस चेंज करके आओ।"

माज़ की गुस्से से भरी आवाज़ उसे सुनाई दी जो नज़रे झुकाए खड़ी थी। उसकी आवाज़ सुनते ही वोह वापस वाशरूम में चली गयी।

माज़ अपने पहले की हरकत याद करके शर्मिंदा हुआ और दोबारा ड्रेस मंगवाने के लिए उसने अपने दोस्त को कॉल की और कमरे से बाहर निकल गया।

........

माज़ ने माहेरा के लिए नया ड्रेस उसके कमरे में भेज दिया था। यह रेड कलर का लांग फ्रॉक था। माहेरा ने ड्रेस लिया और चेंग करने के लिए वाशरूम में चली गयी।

ड्रेस चेंग करने के बाद उसने अपने बालों को खोल कर उन्हें कर्ल कर लिया था और हल्का सा मकेउप भी कर लिया था। वोह तैयार हो कर माज के आने का इंतेज़ार कर रही थी और साथ ही उससे बदला लेने के बारे में सोच रही थी।

माहेरा बेड पर बैठी अपनी टाँगे हिला रही थी और माज़ से बदला लेने के बारे में सोच रही थी कि तभी माज़ अंदर आया।

माज़ माहेरा को तैयार देख अपनी जगह रुक गया और धीरे से चलते हुए उसके करीब आया। माज़ को अपने करीब देख कर माहेरा ने अपना मुंह फेर लिया।

माज़ ने नीचे झुक कर माहेरा के माथे पर किस किया और बोला।

"सॉरी.......कुछ परेशान था और उसकी वाजह से मैं ने गुस्सा तुम पर निकाल दिया।"

माहेरा माज़ को ऐसे इग्नोर किया जैसे उसने कुछ सुना ही नही है।

"माहेरा शायद मैं ने तुमसे कुछ कहा है।"

माज़ उसे खुद को इग्नोर करते देख झुंझला कर बोला।

उसे कुछ ना बोलते देख माज़ ने उसके माथे पर किस किया और उसे बाद में मनाने का सोच कर तैयार होने के लिए चला गया।

माज़ ब्लैक कलर का अरमानी सूट पहेन कर आया और माहेरा को अपने साथ चलने के लिए कहा।

कमरे से बाहर निकलते ही माज़ ने उसकी कमर में हाथ डाल कर उसे अपने करीब किया और लॉन में ले कर जाने लगा जहाँ पार्टी चल रही थी।

माहेरा ने उसकी पकड़ से निकल ने कोशिश की तो माज़ ने झुक कर उसके कान में कहा।

"चुप चाप मेरे साथ चलो और एक बात याद रखना किसी से कुछ ले कर पीना मत और ना ही मेरी नज़रों से दूर जाने की कोशिश करना। यह लोग तुम्हारी सोच से भी ज़्यादा खतरनाक है।"

माहेरा ने उसकी बात सुनकर उसे देख और गुस्से से बोली।

"तुम पागल हो गए हो मुझे मेरे कमरे में छोड़ कर आओ मुझे किसी पार्टी में नही जाना है।"

"श.....श....... चुप चाप चलो वरना....."

माज़ ने उसे धमकी दी तो माहेरा ने गुस्से से अपनी हील्स उसके पैर पर दे मेरी लेकिन उसे कुछ फ़र्क़ ही नही पड़ा।

माज़ मुस्कुराते हुए उसे लॉन में लाया। उस लॉन को लाल और काले रंग के गुलाबो से खूबसूरती से सजाया गया था। पार्टी में आये सभी का ड्रेस कोड ब्लैक था।

माज़ उसे ले कर शेर खान के पास आया तो शेर खान को देख कर माहेरा हल्का सा मुस्कुरा दी।

माज़ माहेरा को शेर खान से मिलवा कर सब से मिलने लगा जब उसकी मुलाकात जैक से हुई।

"कैसे हो माज़? मुबारक हो तुम्हारी बीवी तो बहोत ही खूबसूरत है।"

जैक ने माज़ को देख कर माहेरा को ऊपर से नीचे तक देखते हुए कहा।

माज़ ने जैक को ऐसा करते देखा तो माहेरा की कमर पर उसकी पकड़ मजबूत हो गयी। वोह अपने गुस्से को कट्रोल करते हुए ठंडी आवाज़ में बोला।

"अपनी आंखों को काबू में रखो जैक वरना इन्हें बाहर निकालने में मुझे ज़्यादा देर नही लगेगी और येह बात तुम से बेहतर कौन जानता है कि मैं जो कहता हूं वोह करता भी हु।"

"वैसे बड़े अफसोस कि बात है अल्बर्टो ने तुम्हरे घर मे घुस कर तुम्हारी माँ को मार दिया। तुम कितने नाकारा बेटे हो अपनी माँ को नही बचा सके।"

माज़ ने अपनी माँ के बारे में सुनकर अपने होंठ भीच लिए और माहेरा की कमर पर उसकी पकड़ सख्त हो गयी।

माहेरा खोमश से खड़ी थी। उसे अपनी कमर पर माज़ की उंगलिया धंसती हुई महसूस हो रही थी।

"वैसे तुम्हारे बेटे के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ था....पुलिस ने तुम्हारी आँखों के सामने बे दर्दी से मार दिया था....और अफसोस तुम भगौड़े उसे वही मरने के लिए छोड़ आये थे...."

माज़ ने मुस्कुराते हुए जैक के गुस्से से लाल चेहरे को देखते हुए उसके जवाब सुने बिना ही माहेरा को वहां से ले कर चला गया।

वोह माहेरा के साथ टेबल पर बैठ था तभी उसे जैक्सन की कॉल आयी।

उसने इशारे से थोड़ी दूर खड़े रामिश से माहेरा का ख्याल रखने के लिए कहा और वहां से चला गया।

...........

"सर हम पर हमला हुआ है लेकिन आदमी बहोत कम थे इसलिए हमे कोई नुकसान नही हुआ लेकिन हमारे पांच आदमी मारे गए है।"

फ़ोन उठते ही जैक्सन ने कहा।

"इस बारे में हम बाद में बात करेंगे पहले यह बताओ क्या कोई निशान मिला जिससे येह पता चल सके कि कौनसी गैंग ने हमला किया है?"

"नही सर किसी भी गैंग का निशान इन पर मैजूद नही है।"

जैक्सन ने कहा।

"ओह शिट!"

जैक्सन बात सुनकर वोह भगते हुए लॉन में आया लेकिन माहेरा वहां नही थी। उसने अस पास देखा तो माहेरा कहि भी नही थी।

क्या माज़ माहेरा को बचा पायेगा??