Ziddi Ishq - 22 books and stories free download online pdf in Hindi

ज़िद्दी इश्क़ - 22

माज़ ने आस पास देखा लेकिन माहेरा कहि नही थी। वोह गुस्से से चलते हुए रामिश के पास आया और बोला।

"माहेरा कहा है?"

रामिश ने उसकी बात सुनकर हैरानी से उसे देखा और फिर अपने आस पास देखते हुए बोला।

"यार अभी तो यही बैठी थी। मुझे मास्टर ने बुलाया था मैं उनकी बात सुनने गया था तब भी वोह मुझे यही बैठी दिख रही थी।"

"रामिश अगर माहेरा को कुछ भी हुआ तो मैं तुम्हे छोडूंगा नही।.........अब मेरा मुंह क्या देख रहे हो जाओ जा कर ढूंढो उसे, मैं पहले मेंशन के अंदर देख लेता हूं।"

माज़ गुस्से से दहाड़ते हुए रामिश से बोला जो पहले ही परेशान हो गया था।

माज़ रामिश से कहने के बाद मेंशन के अंदर आया तो उसे माहेरा की चीखें सुनाई दी और वोह उसे सीढ़ियों से गिरती हुई नजर आयी। उसे गिरते देख माज़ भागते हुए उसके पास गया।

.............

थोड़ी देर पहले............

माज़ के जाने के बाद माहेरा टेबल पर बैठी बोर होते हुए अपने सामने खड़े बातें करते रामिश को और शेर खान को देख रही थी तभी एक वेटर उसके पास आ कर बोली।

"मैम आपको माज़ सर सेकंड फ्लोर के थर्ड रूम में बुला रहे है।"

माहेरा ने उसकी बात सुनकर हैरानी से उसे देखा और पूछा।

"क्यों बुला रहा है, वोह अभी यही पर तो था। मुझ से झूठ बोल रही हो।"

माहेरा की बात सुनकर वोह वेटर उसकी आँखों मे देखते हुए बोली।

"मैम मुझे सर ने आपको बुलाने के लिए भेजा है मैं आपसे झूठ क्यों बोलूंगी। आपको नही जाना है तो आपकी मर्जी।"

माहेरा उसकी बात सुनकर मुंह बनाते हुए अपनी जगह से उठी और माज के गुस्से के बारे सोच कर मेंशन के अंदर चली गयी।

वोह उस वेटर की बताई हुई जगह पर गयी तो कमरा खाली था।

माज़....माज़......

उस ने माज़ को आवाज़ दी।

लेकिन कमरे में बिल्कुल सन्नाटा था।

"येह माज़ भी ना!"

माहेरा बड़बड़ाते हुए वापस आ ही रही थी। वोह सीढ़ियों पर पहोंची ही थी कि तभी किसी ने उसे पीछे से धक्का दे दिया।

माज़ भागते हुए उसके पास आया तो देखा माहेरा के सिर से खून निकल रहा था।

"माहेरा......माहेरा अपनी आंखें खुली रखना।"

माज़ ने उसके गाल थपथपाते हुए उसे अपनी बाहों में उठाया और उसे ले कर बेसमेंट में जाने लगा।

रामिश जो माज़ को येह बताने आया था कि माहेरा बाहर नही है। उसे माहेरा को अपनी बाहों में उठते देख वोह उसके पास आ ही रहा था कि माज़ ने चीखते हुए कहा।

"डॉक्टर स्टेला को फौरन बेसमेंट में ले कर आओ।"

रामिश जल्दी से बाहर चला गया क्योंकि डॉक्टर स्टेला उनकी फैमिली डॉक्टर की बेटी थी इसलिए वोह भी इस पार्टी में मौजूद थी।

वोह उसे ले कर बेसमेंट में चला गया।

डॉक्टर को बेसमेंट में छोड़ कर रामिश वापस शेर खान के पास आया और उन्हें सब कुछ बता दिया।

शेर खान ने उसे सब लोगों को संभलने के लिए कहा और खुद माज़ के पास चले गए।

रात काफी हो गयी थी सब लोग जाने लगे थे।

रामिश बाहर खड़ा था जब एक सिक्योरिटी गार्ड उसे एक लिफाफा दे कर गया जिस पर माज़ का नाम लिखा था।

माज़ ने डॉक्टर स्टेला को कमरे में आते देखा तो उसके पास जा कर बे बसी से बोला।

"स्टेला देखो इसके सिर से खून निकल रहा है। मैं खून रोकने की कोशिश कर रहा हु लेकिन रुक नही रहा है।"

स्टेला जल्दी से उसके पास गई और उसे चेक करने लगी।

उसने माहेरा के जख्म को साफ करके उस पर टाके लगा दिए।

माज़ ने उसे होश में ना आते देख परेशान हो कर पूछा।

"येह होश में क्यों नही आ रही है? इसके सिर पर तो इतनी गहरी चोट नही लगी है?"

"सर येह तो मुझे भी समझ नही आ रहा है। मैं आपको एक मैडिसन लिख कर दे देती हूं आप उसे ले कर आये।"

स्टेला ने प्रोफेशनल अंदाज़ में जवाब दिया तभी दरवाज़ा खोल कर शेर खान आये।

उसने स्टेला से कुछ कहा और शेर खान के पास आ कर उसे सारी बात बता दी। वोह लोग अभी बात ही कर रहे थे जब रामिश दरवाज़ा खोल कर अंदर आया और लिफाफा माज़ को देते हुए बोला।

"येह सिक्युरिटी गार्ड को एक बच्चा दे कर गया है।"

माज़ ने लिफाफे पर अपना नाम देख कर उसे खोला तो लिफाफे में एक गुड़िया थी। जिसके सिर से खून निकल रहा था और उसके साथ ही एक नोट थी जिस पर लिखा था।

"उम्मीद करता हु पहेला तोहफा तुम्हे पसंद आया होगा।"

उस नोट को पढ़ते हुए माज़ ने गुस्से से अपने होंठ भींच लिए।

.........

बाते करने के बाद वोह दोनो उसे माहेरा के पास छोड़ कर चले गए थे।

वोह माहेरा के पास आया और उसके माथे पर किस करके उसे अपनी बाहों में उठा कर अपने कमरे की तरफ चला गया।

उसने माहेरा को बेड पर लेटाया और एक बार फिर उसके माथे पर किस करके रोज़ी के उसके पास रहने का कह कर कमरे से चला गया।

वोह स्टडी रूम में गया तो रामिश पहले से ही उसका इंतेज़ार कर रहा था।

उसने एक नज़र रामिश को देखा और कुर्सी पर बैठ कर अपना लैपटॉप ओपन करके सीसीटीवी फोटेज चेक करने लगा।

उसने एक कैमरे में माहेरा को सेकंड फ्लोर के थर्ड रूम में जाते देखा और फिर थोड़ी ही देर में वोह बाहर भी आ गयी लेकिन तभी एक आदमी को उसे पीछे से धक्का देते देख माज़ ने गुस्से से अपनी मुठिया भींच ली और रामिश तरफ मुड़ कर बोला।

"मुझे एक घंटे के अंदर येह आदमी सेल में चाहिए।"

रामिश जो उससे बात करना चाहता था मगर माज़ उसकी बात सुने बिना ही कुर्सी से उठ कर स्टडी रूम के बाहर चला गया।

वोह उसी कमरे में गया जहां माहेरा गयी थी। क्योंकि उस कमरे में कोई कैमरा नही था इसलिए वोह खुद चेक करने गया था। उसने पूरे कमरे में देखा लेकिन उसे कुछ भी अजीब नही लगा लेकिन जैसे ही उसने वाशरूम का दरवाज़ा खोला सामने मिरर पर खून से माहेरा का नाम और उस पर क्रॉस का निशान लगा था।

येह देख उसकी आँखों मे खून उतर आया।

उसने शीशे से नज़र हटा कर आस पास देखा तो उसे कोने में एक छोटा सा बॉक्स नज़र आया।

उसने बॉक्स उठा कर खोल कर देखा तो उसमे एक गुड़िया कुर्सी पर बंधी हुई थी और उसके ऊपर खून गिराया गया था।

माज़ ने गुस्से से उस बॉक्स को दीवार पर दे मारा।

वोह उनका संदेश अच्छे से समझ गया था। अगली बार वोह लोग माहेरा को किडनैप करने वाले थे।