Ziddi Ishq - 40 - Last part books and stories free download online pdf in Hindi

ज़िद्दी इश्क़ - 40 - हैप्पी एंडिंग

सैम साहब कुछ दिन पहेले ही रोम वापस आ गए थे और वोह अन्नू से मिल चुके थे। उन्हें अभी तक यकीन नही हो रहा था अन्नू ज़िंदा है।

फिर शेर खान ने उन्हें धमका कर ड्रग लेने से मना भी कर दिया था और साथ ही सोफिया की शादी का बता कर अन्नू का भी हाथ मांग लिया था जिसके लिए वोह फौरन तैयार हो गए थे।

आज कल माहेरा बाकी सबक साथ शॉपिंग में बिजी थी। उसेवपता चला था शाहिद और ज़ाहिर के पेपर होने वाले है इसीलिए वोह इटली वापस नही आ सकते जिसे सुनकर वोह उदास हो गयी थी। वोह तेन सालों से उन दोनो से नही मिली थी मगर माज़ ने उससे वादा किया था कि वोह उसे उन दोनों से मिलवाने ले जाएगा जिसे सुनकर वोह खुश हो गयी थी और अब सबक साथ ज़ोरो शोरों से शादी की तैयारी कर रही थी।

दो दिन बाद सलमान की शादी थी और उसके अगले दिन तीनो का रिसेप्शन था।

इस वक़्त सोफिया और अन्नू सैम साहब के घर पर रह रहे थे और उनकी हिफाजत जैक्सन कर रहा था और कुछ गार्ड उनके घर के बाहर और अंदर भी थे।

माज़..........

माज़..........

माहेरा शॉपिंग करके थकी हुई घर आई थी और आते ही सोफे पर बैठ कर माज़ को आवाज़ देने लगी।

माज़ जो अलीज़ से मिल कर अभी उसके कमरे से बाहर निकला ही था हाल से अति माहेरा की आवाज़ सुनकर मुस्कुराते हुए हॉल में चला गया।

"माज़ मुझे प्यास लगी है। प्लीज मुझे एक गिलास पानी दे दो।"

वोह माज़ को देख कर मासूम सा मुंह बना कर बोली।

माज़ उस चालाकी समझ कर अपना सिर हिलाते हुए किचन में चला गया और गिलास में पानी ले या कर उसके पास बैठ गया। माहेरा जैसे ही उससे गिलास लेने वाली थी माज़ ने गिलास अपने होंठो से लगा लिया और पूरा पानी पी गया।

"छी...छी...माहेरा येह पानी तो में पी गया हूं अब तुम्हे पानी पीने के लिए खुद ही किचन में जाना होगा।"

वोह झूठे अफसोस के साथ बोलते हुए माहेरा का मूड खराब कर गया।

"रोज़ी......"

"रोज़ी प्लीज मेरे लिए एक गिलास पानी ले कर हाल में आओ।"

माहेरा मुंह बना कर रोज़ी को बुलाने लगी जो उसकी आवाज़ सुनकर फौरन किचन से पानी ले कर हाल में आई।

माहेरा ने गिला स पकड़ा और थोड़ा पानी पीकर गिलास इस तरफ छोड़ा की सारा पानी जा कर माज़ के कपड़ो पर गिर गया।

माज़ ने उसे खूँखार नज़रो से घूरते हुए उसके चले से स्टॉलर निकाल कर अपनी पैंट पर गिरा पानी साफ करने लगा।

माहेरा ने अपनी पसंद दीदा स्टॉलर से माज़ को अपनी पैंट साफ करते देखा तो गुस्से से उससे स्टॉलर लेना चाहा लेकिन माज़ उसका इरादा भांपते हुए स्टॉलर और मजबूती से पकड़ लिया।

"माज़ मेरा स्टॉलर छोड़ दो वरना में तुम्हे गंजा कर दूंगी कमीने इंसान।"

माहेरा ने गुस्सा से उसे घूरते हए कह।

उसकी बात सुनकर माज़ ने मुस्कुराते हुए स्टॉलर को और कस के पकड़ लिया।

माहेरा ने इस बार गुस्से से खड़े हो कर स्टॉलर को ज़ोर लगा कर खींचा तो वोह बीच से फट गया।

माहेरा ने आंखे फैला कर फ़टे हुए स्टॉलर को देखा जिसे माज़ अब छोड़ चुका था।

"माज़.........मैं तुम्हे छोडूंगी नही अब तुम मुझसे बच कर तो दिखाओ।"

माहेरा चीखते हुए माज़ से बोली जो पहेले ही जल्दी से उठ कर कमरे की तरफ भागते हुए चला गया था।

माहेरा उसे जाते देख जल्दी से उसके पीछे भागी।

माज़ माहेरा को आते देख जल्दी से वाशरूम में चली गयी।

माहेरा ने उसे वाशरूम में जाते देख कर अपना पैर जमीन पर पटकते हुए किचन में चली गयी।

माहेरा एक बाउल आटा ले कर जल्दी से वापस रूम में आई और माज़ का इंतेज़ार करने लगी।

माज़ कमरे में कोई आवाज़ ना सुनकर मज़े से वाशरूम से बाहर निकला।

माहेरा जो दीवार से टेक लगाए खड़ी थी उसके बाहर आते ही माहेरा ने आटे का बाउल उस पर फेंक दिया जिससे माज़ पूरा आटे से भर गया।

माज़ के हाथ मे मौजूद टॉवल जो आटे से भर गया था उसने उसे माहेरा के ऊपर झाड़ दिया।

माहेरा जो उसकी हालत देख कर हंस रही थी अब बुरी तरह खांसने लगी थी।

माज़ मुस्कुराते हुए उसके ऊपर झुका और माहेरा को अपने करीब खींच कर उसके कान में बोला।

"अब तुमने गलती की है तो सज़ा के लिए भी तैयार रहना।"

"आह।"

माज़ ने माहेरा की गर्दन पर काटते हुए कहा और वापस वाशरूम में घुस गया और वापस शावर लेने लगा।

"माज़.....वाज़........कमीने इंसान अब मुझ से बात मत करना।

माहेरा उस पर चिल्लाते हुए मुंह बना कर सोफे पर बैठ गयी और उसके बाहर आने का इंतज़ार करने लगी ताकि खुद भी शावर ले सके।

...........…..........
दो दिन कैसे गुज़र गए पता ही नही चला।

आज अन्नू और सलमान का निकाह था।

सोफिया और अन्नू इस वक़्त मेंशन में ही थी क्योंकि फंक्शन मेंशन के लॉन में रखा गया था इसीलिए उन लोगो को पहेले ही बुला लिया गया था।

अन्नू को पालर वाली तैयार कर रही थी जबकि सोफिया खुद ही तैयार हो रही थी।

माहेरा अपने कमरे में तैयार हो रही थी। माज़ उसे थोड़ी देर के लिए ज़रूरी काम कह कर गया था और अब तक वापस नही आया था।

माहेरा ने लाइट पिंक कलर का गाउन पहेना हुआ था लाइट मेकअप और पिंक लिपिस्टिक के साथ वोह कोई गुड़िया लग रही थी।

मगर येह सिर्फ माज़ ही जानता था येह छोटा पैकेट बड़ा धमाका है जो देखने मे नाज़ुक सी लगती है मगर अपनी शरारतों और बुद्धि से लोगो को पागल कर सकती थी।

वोह माज़ का वेट कर रही थी ताकि वोह उसे तैयार होते देख सके और अपनी तैयारी उसे दिखा सके लेकिन वोह था कि आने का नाम ही नही ले रहा था।

वोह बेचैनी से माज़ का इंतेज़ार कर रही थी लेकिन वोह इस वक़्त सेल में उस इंस्पेक्टर को टॉर्चर कर रहा था। उसने इंडिया में अपने एक दोस्त की हेल्प से सारी फाइल्स मीडिया को दे दी थी जिससे सब पकड़े गए थे।

मगर माज़ के प्लान के मुताबिक वोह इटली में था इसीलिए वोह पकड़ा नही गया था।

माज़ ने कल ही अपने आदमियो को पकड़वाया था क्योंकि अब अगर वोह उसे मार देता तो बजी किसी को पता ना चलता।

कल उसका रिसेप्शन था और उससे पहेले ही वोह उस इंस्पेक्टर का काम तमाम करना चाहता था।

उसने बिल्कुल माहेरा की गर्दन पर लगे कट की तरह ही उस इंस्पेक्टर की गर्दन पर भी कट लगाए थी और उसका चेहरा थप्पड़ों से सुजा दिया था और बाकी की रही सही कसर उसके मुक्के और लात घूसों ने पूरी कर दी थी। माज़ इंस्पेक्टर का काम तमाम करके शांति से सेल से निकल गया था एयर बेसमेंट में मौजूद कमरे में ज कर अपने कपड़े बदल कर मेंशन में चला गया।

माहेरा माज़ का इंतेज़ार करते हुए अब तक कर बाहर जाने लगी थी तभी दरवाज़ा खोल कर माज़ अंदर आया और माहेरा को तैयार देख अपनी जगह रुक गया।

वोह मोहब्बत भरी नज़रो से माहेरा को देख रहा था। उसने दरवाज़ा बन्द किया और छोटे छोटे कदम उठा कर माहेरा के पास गया।

वोह माहेरा के करीब जा कर उसके माथे पर किस करते हुए बोला।

"मिसेज़ खान आज मेरी जान लेने का इरादा है क्या??"

उसकी बात सुनकर माहेरा के चेहरे पर एक खूबसूरत सी मुस्कान आ गयी।

"हाये तुम्हारी इस मुस्कान ने तो मुझे तुम्हारा दीवाना बना दिया था।"

माज़ ने उसके होंठो पर हाथ फेरते हुए कहा।

"बिल्कुल नही.....मैं तुमसे नाराज़ हु!...मैं कब से तुम्हारा इंतेज़ार कर रही थी लेकिन तुम्हे क्या तुम्हें बाहर के काम से फुरसत मिले तब तुम्हे याद आएगा ना तुम एक बीवी भी है।"

माहेरा के मुंह मे जो आया वोह बोल गए मगर जब उसे बात समझ आई तो वोह अपनी आंखें फैला कर माज़ को देखने लगी जो शरारती मुस्कुराहट के साथ उसे ही देख रहा था।

"अहां....मेरी याद आ रही थी तो कॉल कर लेती मैं फौरन ही तुम्हारे सामने आ जाता।"

"बाते बाद में करना जाओ जा कर तैयार हो जाओ। अब तक तो सब मेहमान तैयार हो गए होंगे।"

वोह माज़ की बात को इग्नोर करते हुए उसे वाशरूम की तरफ धकेलते हुए बोली तो माज़ हस्ते हुए अपने कपड़े ले कर वाशरूम में चला गया।

........

सोफिया तैयार हो गयी थी और अन्नू के तैयार होने का इंतेज़ार कर रही थी क्योंकि पार्लर वाली उसके मेकअप का आखिरी टच दे रही थी।

उसने ब्लू कलर का गाउन पहेना हुआ था और लाइट मेकअप के साथ वोह किसी भी देखने वाले के दिल को धड़का सकती थी।

वोह शीशे के सामने खड़ी खुद को देख रही थी जब रोज़ी उसके पास आ कर उसके कान में बोली।

"रामिश सर आपको कमरे में बुला रहे है।"

रामिश का नाम सुनकर उसके दिल की धड़कने और तेज़ हो गयी और उसने रोज़ी की बात पर अपना सिर हिला दिया तो वोह वहां से चली गयी।

वोह अन्नू के करीब जा कर बोली।

"मैं बस पांच मिनट में अति हु।"

उसकी बात सुनकर अन्नू ने अपना सिर हिला दिया और सोफिया कह कर कमरे में चली गयी।

......

सोफिया रामिश के कमरे के बाहर नर्वस सी खड़ी अपनी उंगलिया मरोड़ रही थी जब अचानक कमरे का दरवाजा खुला और रामिश ने उसका हाथ पकड़ कर कमरे में खींच लिया।

सोफिया जो इन सब के लिए तैयार नही थी वोह सीधा जा कर उसके सीने से टकराई।

रामिश ने उसे कमर से पकड़ कर गिरने से बचाया और उसे सीधा खड़ा करके थोड़ी दूर होते हुए नीचे से ऊपर तक देखने लगा।

वोह इतनी खूबसूरत लग रही थी कि रामिश ने झुक कर उसके लाल होंठो को चूम लिया।

"व....वोह आपको क्या कहना था??"

सोफिया उसे दूर करते हुए अपनी आंखें झपकाते हुए बोली।

"क्यों क्या मैं किसी काम के बिना तुमसे मिल नही सकता।......हाये.....कितना ज़ालिमा समाज है। माज़ अपनी बीवी के साथ है जबकि मेरी बीवी मुझे लिफ्ट ही नही कराती।"

रामिश मुंह बनाते हुए बोला।

सोफिया अपनी गर्दन झुकाये उसकी बात पर मुस्कुरा रही थी।

"तुम बहोत खूबसूरत लग रही हो...तुम्हे तो पता है मुझे तारीफ करनी नही आती वैसे तो तुम मुझे हमेशा ही खूबसूरत लगती हो लेकिन आज तो मेरा दिल बेईमान हो रहा है इसलिए अगर तुम नही चाहती मैं तुम्हे अभी खा जाऊं तो यहां से भाग जाओ।"

रामिश उसकी आंखों को चूमते हुये अपने मोबाइल पर वाइब्रेशन महसूस करते हुए बोला।

उसकी बात सुनकर सोफिया अपने पंजो पर खड़ी हो कर उसके गाल पर किस किया और रामिश के कुछ समझने से पहेले ही कमरे का दरवाजा खोल कर वहां से भाग गई।

रामिश भी मुस्कुराते हुए अपने मोबाइल पर सलमान का मैसेज देख कर रूम से बाहर निकल गया। वोह बेचारा बेसब्री से उन दोनों का इंतज़ार कर रहा था ताकि उसकी शादी की रस्मे शुरू हो जाये।

..............

माज़ ब्लैक कलर का थ्री सूट माहेरा को ले कर नीचे आया।

माज़ बाहर आ कर सलमान के पास चला गया जबकि माहेरा अन्नू और सोफिया के पास चली गयी।

सलमान माज़ और रामिश को एक साथ देख उन्हें गुस्से से घूर रहा था।

माज़ और रामिश एक दूसरे से लॉन में मील थे और अब वोह शेर खान से सलमान कि शादी की रस्मे शुरू करने जा कह कर उसके पास ही आ रहे थे जो मुंह फुलाये उन्हें देख रहा था।

माज़ और रामिश ने मुस्कुराते हुए देखा तो वोह गुस्से से फट पड़ा।

"भाई आप दोनों अभी क्यों आ गए, थोड़ी देर और तैयार हो जाते। शादी तो आप लोगो की है ना मैं तो यहां लोगो को खाना खिलाने आया हु।"

"वैसे सलमान तुम इस काम के लिए परफैक्ट हो।"

रामिश ने उसकी गर्दन में बाहे डालते हुए कहा।

"मुझे तो तुम दूल्हे से ज़्यादा खाना खिलाने वाले लग रहे हो।"

माज़ ने मुस्कुराते हुए उसे छेड़ते हुए कहा।

"देखना कल मैं आप दोनों की दुल्हन को ले कर भाग जाऊंगा फि आप यहां बैठ कर लोगो को खाना खिलाना।"

सलमान ने चिढ़ कर कहा।

"ऐसा करने की कोशिश भी मत करना नही तो हम अभी तुम्हारी शादी रुकवा देंगे।"

माज़ ने उसे धमकाते हुए कहा तो वोह मुंह फुलाते हुए शेर खान और अलीज़ा क पास चला गया और पीछे से माज़ और रामिश कि हँसी गूंजी उन दोनों को हस्ते देख वोह भी मुस्कुराने लगा।

कुछ ही देर में सारी रस्मे हो गयी थी और
उन दोनों की शादी हो चुकी थी।

अन्नू को सोफिया और माहेरा लॉन में लायी तो सलमान उसे देख कर खड़ा होगया और अपनी जगह जम गया।

अन्नू ने रेड कलर का गाउन पहेना हुआ था और ब्राइडल मेकअप किया हुआ था।

सलमान ने कभी उसे इतना तैयार नही देखा था इसलिए इस वक़्त अन्नू को देखते ही वोह उसमे खो गया।

माज़ ने उसे कोहनी मार कर होश में लाते हुए कहा।

"कम से कम अपना मुंह बंद करो और आगे बढ़ कर उसका हाथ थाम लो फिर अपने पास बिठा कर उसे आराम से देखना।"

उसकी बात सुनकर सलमान जल्दी से आगे बढ़ा और उसका हाथ थाम कर उसे अपने पास बिठाया।

फिर काफी देर तक फंक्शन चलता रहा और वोह सब एन्जॉय करते रहे।

..............

सलमान बहोत मुश्किल से माज़ और रामिश से पीछा छोडवा कर अपने कमरे में आया था जहां अन्नू बेड पर नर्वस सी बैठी अपनी उंगली मरोड़ थी।

उसे ऐसे नर्वस होते देख सलमान के चेहरे पर स्माइल आ गयी।

सलमान जा कर उसके सामने बेड पर बैठ गया।

अन्नू ने उसे हल्के से मुस्कुरा कर देखा।

"घबरा क्यों रही हो यार??"

सलमान उसके हाथों को पकड़ कर किस करते हुए बोला।

"वोह....ऐसे.....हु...त..तुम तो मेरे पास्ट..."

"श...श....वोह सब पास्ट था मुझे उससे कोई प्रॉब्लम नही अगर मुझे तुम्हारे पास्ट से प्रॉब्लम होती तो मैं तुमसे शादी क्यों करता।"

सलमान उसकी बात काटते हुए सीरियस हो कर बोला और झुक कर उसके माथे पर किस किया।

अन्नू ने उसका स्पर्श महसूस करते हुए अपनी आंखें बंद करली।

वोह जो पहेले परेशान थी सलमान की बात सुनकर शांत हो गयी।

सलमान ने अपने जेब से एक डब्बी निकली और अन्नू को देते हुए बोला।

"अन्नू ने उसे खोल कर देखा तो उसमें नीले रंग का एक खूबसूरत सा नेकलेस था। अन्नू ने धीरे से उस पर हाथ फेरा।

"अगर परमिशन दो तो मैं तुम्हे पहेना दु।"

सलमान उम्मीद भरी नजरों से अन्नू को देखते हुए बोला।

उसकी बात सुनकर अन्नू ने नेकलेस उसकी तरफ बढ़ाया और अपने बाल पकड़ लिए ताकि सलमान को नेकलेस पहनाने में कोई प्रॉब्लम ना हो।

सलमान ने नेकलेस उसे पहनाया और उसका लॉक बंद करने के बाद हल्का सा चूमा तो वोह कांप गयी।

सलमान ने उसका चेहरा अपनी तरफ घुमाया और उसके गाल को चूमते हुए बेड से उठ गया।

"जाओ कपडे चेज करलो फिर आराम करते है सुबह से ऐसे तैयार बैठा कर थक गयी होगी।"

अन्नू प्यार भरी नज़रो से सलमान को देखते हुए उठ गई। वोह अभी इन सबके लिए तैयार नही थी और सलमान येह बात अच्छे से जानता था और वोह अभी उसे वक़्त देना चाहता था।

वोह दोनो कपड़े बदल कर बेड पर लेट गए। सलमान ने उसे अपनी बाहों में लिया तो वोह भी उसके सीने पर सिर रखे आराम से आंखे बंद किये सो गई।

...............

आज उन तीनों का रिसेप्शन था। माहेरा को पालर वाली तैयार कर चुकी थी जबकि अन्नू और सोफिया अभी तैयार हो रही थी।

माहेरा ने रेड कलर का ऑफ शोल्डर गाउन पहेना हुआ था और उसकी आँखों मे हल्की सी नमी थी। आज वोह अपने पैरेंट्स को बहोत याद कर रही थी और शाहिद और ज़ाहिद के ना आने की वजह से भी वोह दुखी थी।

माहेरा ने सारी सोचो को झटक कर टेबल से माज़ का दिया हुआ ब्रिसलेट उठाया और पहेन लिया।

इंडिया जाते वक्त वोह येह ब्रिसलेट शेर खान को दे कर गयी थी और फिर वापस आ कर उसने वोह ब्रिसलेट वापस ले ली थी।

उसने तैयार हो कर खुद को देखा और सोफिया को देखा जो वाइट गाउन पहेने तैयार हो कर उसी की तरफ आ रही थी।

सोफिया उसके पास खड़ी हो कर शीशे में देखते हुए माहेरा से बोली।

"माहेरा उदास ना हो माज़ ने कहा है वोह तिमहे उन दोनों से मिलाने ले कर जाएगा और आज तुम्हारा स्पेशल डे है और तुम उदास हो रही हो।"

"हम्म्म्म......येह छोडो मैं सोच रही हु तुम्हारी जगह जैक्सन को फ्रॉक पहेना कर रूम में भेज दु।"

माहेरा अपना मूड ठीक करते हुए आंखों में चमक लिए सोफिया से बोली।

"हाहाहाहा......यार उस जैक्सन और मुझ में ज़मीन आसमान का फ़र्क़ है रामिश को तो देखती ही पता चल जाएगा वोह मैं नही हु।"

सोफिया जैक्सन को फ्रॉक पहेने इमेजिन करते हुए हंस कर माहेरा से बोली।

"चलो कोई बात नही मैं किसी और क बारे में सोचती हूं।"

माहेरा हस्ते हुए बोली।

अन्नू के तैयार होते ही वोह तीनो शीशे के सामने खड़ी एक दूसरे से बाते कर रही थी जब दरवाज़ा खोल कर अलीज़ा अंदर आयी।

"तुम तीनो तो बहोत प्यारी लग रही हो!!!"

अलीज़ा बारी बारी तीनो के माथे पर किस करते हुए बोली।

"क्यों कि आज रिसेप्शन है तो तो तुम तीनो अपने अपने हस्बैंड के साथ आओगी। अन्नू पहेले तुम आओगी और फिर सोफिया और माहेरा लास्ट में आएगी।"

अलीज़ा ने कहा तो उन तीनों ने अपना सिर हिला दिया।

अन्नू और सोफिया के जाने के बाद माहेरा कमरे में खड़ी माज़ का इंतेज़ार कर रही थी जो कि आने काम नाम ही नही के रहा था।

थोड़ी देर बाद माज़ अंदर आया। ब्लैक कलर का अरमानी सूट पहने हुए वोह किसी सल्तनत का शहज़ादा लग रहा था।

माज़ माहेरा को देख कर उसके करीब आया और उसके माथे पर किस करते हुए बोला।

"अभी टाइम नही है मैं बाद में अच्छे से तुम्हारी तरीफ करूँगा।

माहेरा ने उसकी बात सुनकर मुस्कुराते हुए माज़ का हाथ थामा और वहां से बाहर चली गयी।

बाहर जाते ही उसका दिल ज़ोरो से धड़कने लगा जब उसने थोड़ी दूर पर खड़े ज़ाहिद और शाहिद को देखा।

उसकी आँखों मे आंसू आ गए थे और उसने मुस्कुराते हुए माज़ को देखा जो मुस्कुराते हुए उसे ही देख रहा था।

माहेरा को उन दोनो के यहां होने की बिल्कुल भो उम्मीद नही थी लेकिन माज़ ने उसे सरप्राइज दे कर खुश कर दिया था।

माहेरा का दिल कर रहा था वोह भागते हुए उन दोनों के पास जाए और उन्हें खुद में भींच ले। वोह उन दोनों से तीन साल बाद के बाद मिल रही और वोह अब काफी बड़े और लंबे भी हो गए थे।

माज़ उसे शाहिद और ज़ाहिद के पास ले गया जिन्होंने माहेरा को देखते ही जल्दी से उसे गले लगा लिया।

"हमने आपको बहोत याद किया।"

शाहिद भीगी आवाज़ में बोला।

माहेरा ने उन दोनों को खुद से अलग किया और दोनो का सिर चूमते हुए बोली।

"मैं ने भी तुम दोनों को बहोत मिस किया।"

"माहेरा तुम इन दोनों से मिल लो तब तक मैं मेहमानों से मिल लेता हूं।"

माज़ ने माहेरा से कहा और वहां से चला गया।

"आप इस शादी से खुश है????"

ज़ाहिद ने सीरियस हो कर पूछा।

"मैं माज़ के साथ बहोत खुश हु ज़ाहिद। वोह बहोत अच्छा है। मेरा बहोत ख्याल रखता है और मैं चाहती हु तुम दोनों उसकी वैसी ही इज़्ज़त करो जैसे मेरी करते हो।"

माहेरा ने सीरियस हो कर कहा।

"आप फिक्र ना करो बज्जो हम माज़ भाई की आप से कई ज़्यादा इज़्ज़त करेंगे।"

शाहिद माहौल की सीरियसनेस को कम करने के लिए मुस्कुरा कर बोला।

"शर्म करो अभी तक बच्चे हो कब सुधरोगे।"

माहेरा उसके कान खींच कर बोली।

"ले अप्पी अभी तो हम बच्चे है और अभी हमारे बिगड़ने के दिन है।"

ज़ाहिद शरारत से हस्ते हुए बोला।

"बिल्कुल नही मैं माज़ से बोलूंगी तुम दोनों का कॉलेज कंप्लीट होते ही तुम्हारा ट्रांफर इटली में कराले फिर मैं भी देखती हूं तुम दोनों कैसे बिगड़ते हो।"

माहेरा मुस्कुराते हुए बोली।

फिर उन तीनों ने थोड़ी देर और बात की और माहेरा माज़ के साथ मेहमानों से मिलने लगी।

उन दोनों के कल से पेपर्स स्टार्ट हो रहे थे इसीलिए वोह माहेरा से मिल कर आज ही वापस चले गए थे।

..................

सोफिया धड़कते दिल के साथ रामिश का कमरे में इंतेज़ार कर रही थी और अपनी घबराहट कम करने के लिए अपनी उंगलिया मरोड़ रही थी।

रामिश कमरे में अंदर आया और सोफिया को बेड पर बैठ देख मुस्कुराते हुए अपनी कोट उतारने लगा।

कोट उतार कर उसने सोफे पर फेंका और अपना कफ फोल्ड करते हुए सोफिया के पास आ कर बैठ गया और उसका हाथ पकड़ कर किस करते हुए बोला।

"कितनी बार कहा है अपनी उनलिया को ऐसा मत किया करो लेकिन तुम हो कि मेरी बात मानती ही नही हो।"

सोफिया ने उसकी तरफ देखा जो चेहरे पर मुस्कान सजाये आंखों में चमक लिए बोल रहा था।

"वो....वोह बस थोड़ी घबराहट हो रही थी।"

सोफिया ने काँपती आवाज़ में बोली।

"तुम तो मुझे ऐसे घबरा रही हो जैसे में तुम्हे खा जाऊंगा।"

रामिश मुस्कुराते हुए बोला।

"न....नही ऐसी बात नही है।"

सोफिया कंफ्यूज़ हो कर बोली।

"कैसे कोई बात नही है????"

रामिश ने कहा।

"कुछ नही आप मुझे जानबूझ कर तंग कर रहे है ना???"

वोह मुंह बनाते हुए रामिश से बोली जो मुस्कुराते हुए बेड से उठ कर सोफे के पास गया और अपनी कोट की पॉकेट से कुछ निकालने लगा।

वोह दोबारा आ कर सोफिट के पास बैठा और अंगूठी निकाल कर सोफिया का गाठ पकड़ कर उसकी उंगली में पहेना दी।

वोह धीरे से सोफिया के करीब हुआ जो अपना हाथ देख कर मुस्कुरा रही थी।

रामिश उसके माथे पर किस करते हुए उसके कान में बोला।

"अपनी माँ के बाद अगर मैं ने किसी से मोहब्बत की है तो वोह सिर्फ तुम हो और तुम्हारे इलावा मुझे जिस लड़की से मोहब्बत होगी वोह हमारी बेटी होगी।"

सोफिया ने उसका खूबसूरत सा इज़हार सुनकर अपनी नज़रे झुका ली।

"म...मैं ने भी सिर्फ आपको चाहा है और हमेशा चाहती रहूंगी।"

सोफिया धीरे से कहा तो रामिश उसका चेहरा अपने हाथों में ले कर उसके होंठो पर किस करते हुए बोला।

"मेरे ज़िन्दगी में आने और इसे खूबसूरत बनाने के लिए तुम्हारा शुक्रिया।"

वोह सोफिया पर झुकते हुए बोला तो सोफिया ने भी अपनी आंखें बंद करली और खुद को रामिश के हवाले कर दिया।

............

शाहिद और ज़ाहिद के जाने के बाद माहेरा उदास हो गयी थी लेकिन फिर येह सोच कर खुश हो गयी थी की अब वोह उनसे मिल सकती थी।

वोह बेड पर बैठी माज़ का इंतेज़ार कर रही थी जो खुद उन्हें एयरपोर्ट छोड़ने गया था।

पहेले उसका इरादा माज़ को तंग करने का था लेकिन फिर माज़ के थके होने के बारे ने सॉग जर अपना इरादा बदल दिया और बेड पर बैठी उसका इंतेज़ार करने लगी। उसका दिल तेज़ी से धड़क रहा था लेकिन वोह खुद को शांत किये बैठी थी।

माज़ अपना कोट बाज़ू पर डाल कर कमरे में आया तो माहेरा को अपना इंतेज़ार करते देख मुस्कुराने लगा।

वोह दरवाज़ा बन्द करके माहेरा के करीब आया और उसका माथा छू कर झूठी हैरानी दिखाते हुए बोला।

"माहेरा तुम ठीक तो हो ना???

माहेरा ने ना समझी से उसे देखा तो माज़ बोला।

"मैं बस हैरान हूं आज तुमने कोई शरारत नही की और इतने प्यार से बैठ कर मेरा इंतेज़ार कर रही हो।"

माज़ मुस्कुराते हुए बोला तो माहेरा मुंह बनाते हुए बेड से उठी और उसके सामने खड़े हो कर ओली।

"अगर तुम्हें इतनी ही हैरानी हो रही है तो अब मैं सोने जा रही हु।"

माज़ ने उसे वाशरूम की तरफ जाते देखा तो अपना कोट बेड पर फेंक कर उसका हाथ पकड़ कर अपनी तरफ खींचा तो वोह सीधा आ कर उसके सीने से टकरा गई।

माज़ उसकी कमर पकड़ते हुए मुस्कुरा कर बोला।

"मैं तो मज़ाक़ कर रहा था मिसेज़ खान। मैं अभी आया हु और तुम कपड़े बदलने जा रही हो। अभी तो मैं ने तुम्हारी तारीफ भी नही की।"

माज़ आखिरी बात गंभीर लहजे में बोलता हुआ माहेरा की धड़कने जो धीरी चल रही थी उसे तेज़ी से धड़का गया।

माज़ माहेरा का चेहरा अपने हाथों में लेते हुए बोला।

Dolcezza۔۔۔۔۔۔۔۔

(स्वीट हार्ट)......

Sono pazzo dei tuoi occhi 😘😘

(मैं तुम्हारी इन आँखों का दीवाना हु)

माज़ माहेरा की आंखों पर किस करते हुए बोला।

Vado pazzo per il tuo nasino 😍😘

(मैं तुम्हारी इस छोटी सी नाक का दीवाना हु)

माज़ उसकी नाक पर किस करते हुए बोला।

Queste tue belle labbra mi hanno privato del sonno, dolcezza

(तुम्हारे इस खूबसूरत होंटों ने मेरी नींद हराम कर रखी है, स्वीट हार्ट)

माज़ उसके होंठो पर किस करते हुए बोला।

"Questo mio cuore è impazzito con te"
💗
"

(मेरा येह दिल तुम्हारा दीवाना हो गया है।)

"मेरा यह दिल तुम्हारे चेहरे पर मुस्कुराहट देख कर ही धड़कता है। जब में ने पहेली बार तुम्हे मुस्कुराते हुए केफे के अंदर आते देखा था तभी मेरा येह दिल तुम पर फिदा हो गया था।"

माहेरा आंखे बंद किये अपने चेहरे और माज़ का स्पर्श महसूस करते हुए उसका खूबसूरत सा इज़हार सुन रही थी।

माज़ अपना माथा माहेरा के माथे से जोड़ कर खड़ा माहेरा की आंखों में देख रहा था जो उसे ही देख रही थी।

"मेरी ज़िंदगी मे जो खालीपन था वोह तुम्हारी वजह से खत्म हो चुका है।"

माज़ माहेरा से दूर होते हुए बोला तो माहेरा अपने पंजो पर खड़ी हो कर उसका माथा चूमते हुए बोली।

"मुझे तुम जैसे पागल और गुस्सैल इंसान से बहोत मोहब्बत है जो हर मुश्किल वक़्त में मेरे साथ खड़ा था। तुम मेरी ज़िंदगी मे आने वाले वोह पहेले इंसान हो जिसने मुझे अपना दीवाना बना लिया। अब मेरा दिल तुम्हारी कैद में गया और हमेशा रहेगा।

माज़ ने उसकी बात सुनकर उसे गले लगा कर खुद में भींच लिया।

माज़ की किस्मत में माहेरा को पहेले ही लिखी जा चुकी थी। तभी किस्मत इतनी दूर माहेरा को इटली लायी थी वरना उसने कभी इटली आने के बारे में सोचा भी नही था।

माज़ ने उसके दुप्पटे की पिन निकाल उसे बेड पर फेंका और उसका जुड़ा खोल दिया। माहेरा के लंबे बाल उसकी कमर पर फैल गए थे।

माज़ ने धीरे से उसका बाल गर्दन से हटा कर अपने होंठ रख दिये और एक लॉकेट निकाल कर उसे पहनाया जो बिल्कुल ब्रिसलेट जैसी थी।

माहेरा लॉकेट छू कर माज़ को देखा जो आंखों में ढेरों मोहब्बत लिए मुस्कुराते हुए उसे ही देख रहा था।

माज़ ने उसे अपनी बाहों में उठाया और बेड पर लेटा कर उसके ऊपर झुकने लगा तो माहेरा ने अपनी आंखें बंद करली।

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पांच साल बाद:

"मॉम...मॉम कहा है वोह छोटी चुड़ैल???"

पांच साल का आहिल गुस्से से सोफिया के पास आ कर बोला।

"बेटा क्या हुआ??? माही (माज़ और माहेरा की बेटी) को क्यों ढूंढ रहे हो?? और तुम्हे मैं ने कितनी बार समझाया है कि उल्टा नाम मत लिया करो।"

सोफिया ने सीरियस हो कर पूछा जो गुस्से से लाल चेहरे के साथ माही को ढूंढ रहा था।

"मॉम आपको नही पता है उसने क्या किया है। उसने मेरी फेवरेट शर्ट रोज़ी से कटवा कर अपनी साइज की बना ली और अब पूरे घर मे उसे पहेने फिर रही है।"

आहिल ने गुस्से से कहा।

"तो इस ने क्या हुआ बेटा वोह तुम्हारी छोटी बहेन है और तुम्हे उसके साथ चीज़े शेअर करनी चाहिए।"

सोफिया ने उसे समझाते हुए कहा।

"मॉम वोह मेरी बहेन नही है वोह सिर्फ इब्राहीम की बहेन है।"

वोह मुंह फुला कर बोलता गुस्से से कमरे से बाहर चला गया।

जबकि माहेरा जो सोफिया के कमरे में आ रही थी आहिल को गुस्से में वहां से जाते देख वोह समझ गयी थी ज़रूर उसकी बेटी ने कुछ तो कांड की है क्योंकि घर मे आहिल को गुस्सा तो सिर्फ माही ही दिला सकती है।

माही हस्ते हुए सोफिया के पीछे से निकल कर बोली।

"थैंक यू सोफिया आंटी।"

वोह सोफिया का गाल चूमते हुए बोली तो माहेरा कमरे में आई और माही को आहिल की फेवरेट शर्ट पहेने देख उसे सारी बात समझ आ गयी।

माही पूरे घर की जान थी क्योंकि वोह घर की एक लौती बेटी थी और बाकी सब लड़के थे।

माज़ और माहेरा के दो बच्चे थे। चार साल की माही और तीन साल का इब्राहीम।

माही बिल्कुल माहेरा की कॉपी थी लेकिन शरारत में उससे चार कदम आगे थी और इब्राहीम बिल्कुल माज़ की कॉपी था खोमश मिजाज़ और शार्ट टेम्पर।

माहेरा अभी भी माज को तंग करती थी और माज़ भी उससे बदला लेना का एक भी मौका नही छोड़ता था। वक़्त के साथ दोनो का प्यार और भी बढ़ गया था।

रामिश और सोफिया का एक ही बेटा था। पांच साल का आहिल वोह बच्चों में सबसे बड़ा था।
घर मे पहेला बच्चा होने की वजह से उसने खूब प्यार बटोरा था जो माही के आने के बाद कम हो गया था।

फिर भी सब उससे प्यार कतरे थे वोह रामिश की तरह हमेशा सीरियस रहता था लेकिन उसे जो चीज़ पसंद आ जाती थी वोह किसी को नही देता था सिवाए माही के क्योंकि वोह उससे छीन लेती थी।

सलमान और अन्नू का एक दो साल का बेटा तैमूर था जो बच्चो में सबसे छोटा था।

वोह सब लोग इटली में सुकून से ज़िन्दगी गुज़ार रहे थे जो दुश्मन थे वोह पहेले ही खत्म हो चुके थे।

वोह सब लोग अपनी ज़िंदगी मे बिजी थे जो चीज़ उन्हें एक दूसरे से जोड़ती थी वोह उनका प्यार था।

अब नई मोहब्बत की दास्तान को जन्म लेना था और फिर से मोहब्बत का सफर शुरू होना था।

..........Happy ending........