Bhooto ka Dera - 5 in Hindi Horror Stories by Rahul Kumar books and stories PDF | भूतों का डेरा - 5

भूतों का डेरा - 5

"नहीं, दूर नहीं है, "दुकान के नौकरों ने जवाब दिया
वे लोग झोले को उठा कर लोहार की दुकान तक ले आये | सिपाही ने लोहार से कहा, " अच्छा भाई जरा इस झोले को अहरन पर रखकर जोर जोर से हथौड़े तो चालाओ, इस झोले पर

लुहार और उसके हेल्परों ने झोले को अहरन पर रखकर धड़ाधड़ घन ओर हथौड़ा चलाना शुरू कर दिया ।

उन भूतों का क्या हाल हुआ होगा यह तो आप खुद ही सोच सकते हैं ।


"हम पर दया करो भैया हमारी जान बख्श दो !"

वे सब एक साथ एक आवाज में चिल्लाये।

लेकिन लुहार अपना हथौड़ा चलाता ही रहा सिपाही उनको बढ़ावा देता जा रहा था

,"खूब पितो , खूब मरम्मत करो उनकी आज इन्हे मालूम हो जाना चाहिए कि दूसरों को कैसे तंग किया जाता है।"

"अब हम जब तक जिंदा रहेंगे कभी उस मकान में पैर नहीं रखेंगे"

भूत चिल्लाए ,"इतना ही नहीं ,दूसरे सब भूतो से भी कह देंगे कि तुम्हे बहुत सा इनाम देंगे ।

"अब अक्ल आयी ठिकाने ! लगता है अब किसी सिपाही से टक्कर लेने की हिम्मत नहीं करोगे ।

सिपाही ने लुहार से कहा कि हथौड़ा चलाना बंद कर दें फिर उसने झोले के फीते ढीले किये ओर सारे भूतो को एक एक करके बाहर निकल जाने दिया बस अकेला भूतों का सरदार उसमे रह गया ।

फिर सिपाही ने कहा "
"इसको तब छोडूंगा जब तुम इनाम ले आओगे। "सिपाही ने कहा उसके सिगार का तम्बाकू अभी खत्म नहीं हुआ था कि एक भूत एक पुरानी झोली हाथ में लटकाये। हुए आता दिखाई दिया ।

"लो, यह रहा तुम्हारा इनाम ।" भूत ने पास आकर कहा ।

सिपाही ने झोली हाथ में ली पर वह बहुत हल्की मालूम हुई उसने उसे खोलकर अंदर देखा तो उसे बिल्कुल खाली पाया ।

"मुझे बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हो ?"सिपाही ने भूत पर भड़कते हुए कहा । "ठहरो जरा , तुम्हारे सरदार के सिर पर जब दो हथोड़े ओर पड़ेंगे तो सारी अक्ल ठिकाने आ जायेगी।

यह सुनकर भूतों का सरदार झोले के अंदर से चिल्लाया ,"मुझे ओर मत पिटवाओ । मेरी बात सुनो गुरुजी यह झोली देखने मै जैसी लगती है , असल में वेसी है नहीं यह बड़ी अदभुत है हर इच्छा पूरी करने वाली है दुनिया में ऐसी दूसरी झोली नहीं मिलेगी मन में किसी भी चीज की इच्छा करके झोली के अंदर देखो , फौरन तुम्हारी इच्छा पूरी हो जायेगी।

मान लो तुम कोई चिड़िया पकड़ना चाहते हो या कोई और चीज हासिल करना चाहते हो बस झोली को हिलाकर कहो ," चल अंदर ! और वह चीज झोली के अंदर पहुंच जायेगी।"

अच्छा , अभी देख लेते हैं कि तुम सच बोल रहे हो या झूठ ।" सिपाही ने कहा ।

इसके बाद उसने अपने मन में इच्छा की मै चाहता हूं कि मेरी

To be continue


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