Love by ️️Duty Singham Series 3 - Part 33 in Hindi Love Stories by Poonam Sharma books and stories PDF | Love by ️️Duty Singham Series 3 - Part 33

Love by ️️Duty Singham Series 3 - Part 33

अभय ने अपना फोन बजते हुए सुना जब अभी भी अंधेरा था। वोह हड़बड़ा कर जल्दी से अपने फोन तक पहुँचा और देखा की कॉल देव का था।
“देव सब ठीक है?“

“हाँ, मुझे माफ करना मैने तुम्हे इतनी जल्दी उठा दिया। हमे बस अभी अभी इमेजिंग पर एक क्लू मिला है।” देव बहुत एक्साइटेड था।

“क्या हमे वोह मिल गया?“

“अभय, कंप्यूटर के हिसाब से वोह वोही है। मैने तुम्हे वीडियो क्लिप भेजा है।

अभय हड़बड़ा कर बैड से उठ गया और जल्दी से अपना कंप्यूटर देखने लगा। उसने कई बार अपनी पलके झपकाई जब तक वोह वीडियो क्लिप डाउनलोड हो रही थी। उसने गहरी सांस ली और वीडियो प्ले कर दिया। उसने एक लंबा सा आदमी देखा जो लगभग बीस साल के आस पास होगा, वोह एक लड़की के लिए गाड़ी का दरवाज़ा खोल रहा था और फिर खुद ड्राइवर सीट पर बैठ गया।

“देव, यह कब का है? और कौन सी जगह है?“ अभय ने वीडियो फिर से प्ले करते हुए पूछा।

“एक हफ्ते से भी कम दिन पहले का है और वहां से बहुत पास है जहां तुम इस वक्त हो।”

“एक मिनट रुको,” अभय एकदम से बोला।

“क्या?“

“यह लड़की.....इस वीडियो में जो लड़की है वोह नर्मदा सेनानी है,” अभय ने कहा।

“क्या?“

“देव, तुम इसे कैसे मिस कर सकते हो?“

“अभय, मैने उस लड़की पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। तुम जानते हो मैं बार बार यह वीडियो देख रहा था। मैं नही जानता था की यह वोही है। वोह कर क्या रही है....राणा के साथ?“ देव उस जवान लड़के की पिक्चर को ज़ूम कर देखने लगा।

“देव, यह वोही है, यह सच में वोही है।” अभय अपनी खुशी कंट्रोल ही नही कर पा रहा था।

“फाइनली, कुछ तो मिला.....“ देव भी जोर से हँसने लगा।

“देव, यह हमारे हाथ से ना निकल जाए। फुटेज में ब्लू स्पोर्ट्स कार है उसे ट्रैक करो,” अभय ने इनस्टक्शन दिया।

“अभय, मुझे अभी भी यकीन नही हो रहा है।”

“काम करते रहो जब तक की वोह हमे मिल नही जाता, देव। मुझे वोह सारी फुटेज भेजो जिसमे वो कार है,” अभय ने आदेश दिया।

“सही कहा। मैं एक टीम तैयार करता हूं जो उस एरिया के हाइवे से सारी फुटेज निकाल कर देगी।”

“जिस होटल में राणा देखा गया था वोह यहाँ से ज्यादा दूर नहीं है। मैं अगले दो घंटे में वहाँ के लिए निकल रहा हूं। मुझे उसी लीड को फॉलो करना है, देव।

“हाँ, और तुम्हे शायद होम मिनिस्टर से मिलकर बात करने की जरूरत पड़े उस पुलिस ऑफिसर के बारे में।”

“इतना मुश्किल क्यों है उस पुलिस ऑफिसर के बारे में इनफॉर्मेशन निकालने के लिए?“ अभय हैरान था।

“उस पुलिस ऑफिसर ने एक बहुत बड़े नेटवर्क का खुलासा किया था, और उसकी फैमिली अब पुलिस प्रोटेक्शन के अंदर है।”

“और वोह इतिहास का सबसे बड़ा धमाका, बारह साल के एक सिंघम की वजह से हुआ था,” अभय की आवाज़ में गर्व की लहर थी, और देव को भी अपने भाई की आवाज़ में गर्व महसूस हो रहा था।

“मुझे बस इस बात की खुशी है की वोह मंदिर वाले उस भयानक हत्याकांड से बच निकला।” देव के शब्द दुख की वजह से भारी होने लगे थे।

“मुझे शायद ही लगता है की उसे कुछ याद होगा,” अभय ने भी अपने मन में चल रही बात जाहिर की।

“मैं भी यही सोच रहा था। वो बस पाँच साल का था और.....“ देव बोलते बोलते शब्द ही भूल गया जैसे उसे मुश्किल हो रही हो बोलने में उस दिन के बारे में जो उसने खुद अपनी आँखों से देखा था।

“देव, मुझे डिटेल्स भेजो। अगर हम उस पुलिस ऑफिसर के बारे में कोई जानकारी नहीं निकाल सकते तोह शायद यही एक रास्ता है उस तक पहुंचने का।”

“मैं तुम्हे रूट की डिटेल्स एक घंटे में भेजता हूं।”

“मैं होटल पहुँचते वक्त रास्ते में होम मिनिस्टर से बात कर लूंगा।” अभय ने कहा और फिर कॉल काट दी।


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“नील.....तुम्हारा फोन,” नर्मदा नील के गर्म शरीर से थोड़ा अलग हुई।

नील गुर्राया और अपनी पलके झपकाते हुए फोन तक पहुँचा और देखा की जोए फोन कर रहा था। इस वक्त शायद दुपहर हो रही थी, पर वोह दोनो अभी तक सो रहे थे क्योंकि वोह बीती रात और सुबह तक सोए ही नही थे।

“तुम अपने रेगुलर नंबर से फोन कर रहे हो?“ नील को हैरानी हुई क्योंकि यह सिक्योर नेटवर्क नही था।

“फक! मैं इतना परेशान था, की मैं भूल ही गया। रुको, मुझे इसे सिक्योर करना होगा।” जोए काफी असमंजस में लग रहा था।

“जोए, क्या चल रहा है?“

“क्या तुम सुरक्षित जगह पर हो?“

“हाँ, क्या हुआ है, जोए?“

जोए तेज़ सांस अंदर बाहर करने लगा। “सिंघम्स की वजह से, वोह तुम्हारे पीछे हैं। मुझे नही पता की उन्हे लीड कैसे मिली।”

“जोए, शांत हो जाओ।”

“उन्हे बंकर के बारे में पता चल गया है, और वोह उसके अंदर भी घुस गए थे।” जोए की घबराई हुई सी आवाज़ नील के कानो में पड़ी जिस वजह से नील के बदन में कंपकंपी उठने लगी— वोह बंकर जिसमे वो नर्मदा के साथ कुछ दिन पहले था।

“इंपॉसिबल।”

“उनमें से एक सिंघम ने कॉटेज तक का रास्ता ढूंढ लिया था, और हिडेन कैमरा में अपना बिज़नेस कार्ड छोड़ दिया।” जोए की डगमगाती आवाज़ आई।

“उन्हे क्या चाहिए?“ नील गुर्राया।

“कोई आइडिया नही, पर मुझे क्या लगता है, की वोह जानते हैं की तुमने उनके आदमी को शूट किया था, और वोह नर्मदा के पीछे भी हैं। वोह देव सिंघम से शादी करने वाली थी।”

नील को अपने सीने में कुछ कचोटता हुआ सा महसूस हुआ जब उसने जोए की बात सुनी। वोह समझ नही पा रहा था की उन्हें नर्मदा की चिंता है या फिर वोह उसे कोई नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।

“मुझे उसे यहाँ से लेकर जाना होगा। मैं कुछ दिनों में यहाँ पहुँच जाऊंगा, पर मुझे लगता है की मुझे कल निकालना चाहिए।” नील ने पलट कर अपने पास सो रही उस लड़की को देखा और बस उसे हमेशा हमेशा के लिए पाने की चाहत हुई।

“वैसे तो तुम जहां हो वोह सबसे सुरक्षित जगह है पर...“

“मैं उसे ले जा रहा हूं। मैं तुम्हे मैसेज भेजूंगा। उस मैसेज को कोमल को दे देना और कहना की कल सुबह यहाँ आ जाए।”

नील ने फोन कट कर दिया और घर के चारो ओर जा कर चैक करने लगा और उसे और भी ज्यादा सिक्योर करने लगा। उसने खिड़की से नीचे सड़क पर चहल पहल देखी और किसी खतरे को कोई आशंका को भांपने की कोशिश करने लगा। उसने जोए को कुछ इंस्ट्रक्शन देते हुए मैसेज किया और फिर वापिस बैड रूम में चला गया।

“क्या बवाल मचा हुआ है यहाँ इतना?“ नर्मदा बैड पर बैठी हुई थी और अपनी आँखें मसल रही थी।

“घबराने की कोई बात नही है, पर हमें यह जगह छोड़नी होगी।” नील उसे बैड पर रोल होते हुए देख रहा था और वोह चलते हुए नील के पास आई, उसका शरीर चादर में लिपटा हुआ था।

नर्मदा नील के पास आई और होंठ बाहर की ओर करके मुंह बनाते हुए बोली, “तुम कुछ भूल नही रहे हो?“

नील मुस्कुराया और नर्मदा को अपनी बाहों में खींच लिया। नर्मदा अपने पंजों पर खड़ी हुई और नील के होंठों पर अपने होंठ रगड़ने लगी। “मैं नही चाहती की यह वक्त कभी खत्म हो।”

“यह कोमल का घर है, और वोह कल सुबह आ रही है हमे अपने घर से बाहर निकालने के लिए।”

“यह कोमल कौन है?“ नर्मदा को एक जलन सी महसूस हुई जिस तरह से नील ने कोमल के बारे में बताया। उसकी बातों में लगाव महसूस हो रहा था।

“मेरी दोस्त है वोह.... अनाथाश्रम से।”

नर्मदा ने नील की टी शर्ट उठाई और गले में डाल ली।

“तुम मेरी टी शर्ट के अलावा भी कुछ पहनोगी?“

“नही... ओह, मैं सोच रही थी की तुम्हे उस टैटू के बारे में क्यूं याद है?“

“और?“ नील ने उसे ठीक से टी शर्ट पहना दी और मुस्कुराने लगा।

“पिछले कुछ दशकों से जिस जगह से मेरे पूर्वज हैं वहाँ काफी उथल पुथल मची हुई है। बहुत सारे सेनानी वोह जगह छोड़ कर जा चुके हैं एक अच्छी जिंदगी के लिए। क्या यह हो सकता है की तुम उन गुंडों के ग्रुप में से किसी को जानते हो जिसके ऊपर यह टैटू बना हो?“

“नही, मुझे हर एक क्षण याद है जब मुझे जब मुझे उस वेयरहाउस में ले जाया गया था।”

“फिर तो, बस एक ही पहलू बचता है की वोह आदमी जिसके गर्दन पर टैटू था वोह तुम्हारा कोई रिश्तेदार हो सकता है,” नर्मदा ने कहा।

“मेरा कोई रिश्तेदार नही है।”

“रिश्तेदार जो तुम जानते.....तुमने अपना लास्ट नेम क्या बताया था?“

“मेरा लास्ट नेम नही है।”

“करेक्शन, तुम्हे पता नही है।”

“ठीक है, मुझे पता नही है।” नील ने अपना सिर हिलाया, उसे यकीन नही हो रहा था की यह बातचीत किस दिशा में मुड़ रही है।

“यह कोई जजमेंट नही है या फिर कोई डिस्क्रिमेंशन नही है, पर मेरे अंदर का हिस्टोरियन कहता है की तुम कोई ऊंचे घर के हो, जैसे कोई रॉयलस।”

“तुम्हे समझ आ रहा है की तुम क्या कह रही हो?“

“मैं जानती हूं, की तुम्हे मेरी बातें अजीब लग रही होंगी, पर तुम जरूर कोई ऐसी फैमिली से हो जो कोई ऊंचे घराने से हैं.....यह हो सकता है की तुम जहां से हो वहाँ से तुम्हे किडनैप कर लिया गया था?“

“बहुत हो गया, मैं इस बारे में आगे और कोई बात नही करना चाहता। तुम बिना किसी प्रूफ के बेकार की बातें कर रही हो।” नील ने कमरे से बाहर निकलने के लिए हल्के से नर्मदा को खुद से दूर किया।

“नील....मुझे छोड़ कर मत जाओ।” नर्मदा ने अपनी बाहें फैला दी।

“अपने लिए और मुश्किलें मत बढ़ाओ। तुम जानती हो की यह बस टेंपरेरी है।”

“हाँ, मैं जानती हूं, और मैं इस समय का हर एक पल खुल कर जीना चाहती हूं।” नर्मदा चल कर और आगे आई जहां नील खड़ा था और अपनी बाहें उसके इर्द गिर्द फैला दी।

नील ने मना नही किया जब नर्मदा नील के गर्म शरीर पर और गर्दन पर हल्के से धीरे धीरे किस करने लगी। नील ने झट से अपना हाथ नर्मदा की टी शर्ट के अंदर कर लिया उसकी ब्रेस्ट को पकड़ने के लिए। उसने ज़ोर से दबाया जिससे नर्मदा कराहने लगी।

“तुमने एक बार और ऐसी आवाज़ निकाली तो मैं बहक जाऊंगा।” नील के कराहने की आवाज़ से नर्मदा को अपने टांगों के बीच अजीब सी तड़प महसूस होने लगी, और बस अब वोह इतना ही चाह रही थी की वोह नील को अपने अंदर गहराई तक महसूस करे।

“मैं जानना चाहती हूं की तुम क्या करोगे जब तुम बहक जाओगे।”

नील फिर कराहने लगा जब नर्मदा ने अपने दांत नील की गर्दन के साइड में गड़ा दिए।

“मत लड़ो खुद से, नील। लेलो मुझे, मैने पहले ही कहा था की मैं तुम्हारी बनना चाहती हूं।”

नर्मदा की सांसे तेज़ हो गई जब नील ने उसकी निप्पल्स पर पिंच किया और फिर हाथ उसके पीछे ले जाते हुए उसे उठा लिया। नर्मदा ने अपनी टांगे नील की कमर पर लपेट दी क्योंकि दोनो के होंठ एक स्मूथ किस के लिए जुड़ चुके थे— वोह किस बहुत सॉफ्ट था और प्यार भरा था। जैसा कि नर्मदा अपने पैरों के बीच महसूस कर रही थी उस हिसाब से इस वक्त वोह एक रफ किस की उम्मीद कर रही थी।

नील के हाथ ने नर्मदा के गाल को पकड़ा हुआ था और अंगूठे से सहला रहा था। “तुम सबसे मीठी चीज़ हो जो मैने आज तक टेस्ट की है।”

नर्मदा नील के होंठों पर ही मुस्कुरा पड़ी क्योंकि नील की बातों से उसे अपने पेट में गुदगुदी सी महसूस होने लगी थी। “आई लव यू, टू।”

“मैने ऐसे कोई शब्द नहीं कहे,” नील ने गुनगुनाते हुए कहा और नर्मदा का निचला होंठ अपने दांतों के बीच में चूसने लगा।

“तुम्हे बोलने की जरूरत नही है....मुझे पता है।”

उसके होंठो को छोड़ने से पहले नील ने उसे पैशनेट किस किया। “मैं चाहता हूं की तुम नहा लो और अच्छी तरह से खाना खाओ। तुमने दो दिन से ठीक से खाना नही खाया है।”

नर्मदा दूसरी तरफ देखते हुए मुस्कुराने लगी। वोह दोनो अपना ज्यादा से ज्यादा समय बैड पर बिता रहे थे, एक दूसरे के शरीर से जकड़े हुए, और उसे खाने की बिलकुल जरुरत नही थी— उसे चाहिए था तो बस वोह जो उसकी भूख और प्यास को बुझा सके।

“ठीक है।”

“और क्या तुम कुछ और भी पहन सकती हो जो मेरा नही है?” नील ने उसे चिढ़ाते हुए कहा और उसे बेवकूफ जैसे मुस्कुराते हुए शीशे के सामने अपने आप को देखते हुए छोड़ गया।


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नील अपने लिए और नर्मदा के लिए डाइनिंग टेबल पर खाना सर्व कर रहा था जब उसका फोन दुबारा बज पड़ा।

“हंटर,” नील ने अपनी वोही कड़कती हुई आवाज़ में कहा।

“हे, मैं हूं।” जोए ने फुसफुसाती आवाज़ में कहा।

“जोए, क्या हुआ?“ नील जो कर रहा वोह काम रोक दिया।

“बस कुछ ही देर पहले मुझे अभय सिंघम का फोन आया था।”

“क्या? उसने तुम्हे क्यूं फोन किया? वोह तुम तक कैसे पहुँचा?“ नील को झटका लगा।

“वोह अपनी लीड में काफी आगे निकल चुके हैं। जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी निकल जाओ।” जोए की सांसे तेज़ थी।

“जोए, मेरी चिंता मत करो। वोह तुम तक कैसे पहुँचे?“

“वोह बहुत ताकतवर लोग हैं। वोह खुद ही पूरा एक प्रांत चलाते हैं और ऐसा वोह दशकों से करते आ रहें हैं। वोह कानून नही देखते और बहुत ही खूंखार है.....उनके इलाके में कोई पुलिस का हस्तेशेप नही है।”

“जोए.....शांत हो जाओ।”

“ओके।”

“अभय सिंघम ने तुमसे क्या पूछा?“

“वोह तुम्हारा असली नाम जानते हैं, और उन्होंने मुझसे पूछा की तुम कहाँ....“

“तुमने उन्हे क्या बताया?“

“मैने....मैने उसे वोही बताया जो मैं सबसे कहता हूं, की तुम जब सत्रह साल के थे तब घर से भाग गए थे और फिर कभी नही लौटे।”

“बहुत अच्छे, फिर उन्होंने क्या कहा?“

“उसने कहा की जब कभी भी मैं मुझे तुम्हारे बारे में कुछ पता चले या बात हो तो उन्हें तुरंत इनफॉर्म करूं।”

नील ने अपने दिमाग को शांत करने के लिए एक गहरी सांस ली। “उन्हे तुम्हारा नंबर कैसे मिला और उन्हे लिंक कैसे कनेक्ट किया?“

“अभी मैने तुमसे क्या कहा था उसके ताकतवर होने के बारे में? उन्हे होम मिनिस्टर से अप्रूवल मिला मुझे पुलिस कंट्रोल रूम से फोन करने के लिए।”

“जोए, सब ठीक है। बस इस बारे में किसी से बात मत करना, और ऐसे किसी भी फोन कॉल से दूर रहना जब तक की मैं अपने अगले चैक प्वाइंट तक नहीं पहुँच जाता।”


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“देव, हमे आगे की कोई लीड नही मिली, उस पुलिस ऑफिसर से,” अभय दहाड़ा।

“क्या हुआ?“

“मैने डीआईजी के बेटे से बात की थी.....राणा अपने घर सेभाग गया था जब डीआईजी का खून हुआ था उसके बाद।”

“मुझे कुछ समझ नही आ रहा। वोह उस सेनानी के लड़की से कहां कनेक्ट हो गया?“ देव ने अपनी उंगलियां अपने बालों में फिराई।

“हमे उसकी लीड को फॉलो करना चाहिए। हमारा एक मात्र सुराग उस कॉटेज के बारे में जानने का है जो मुझे मिला था,” अभय ने कहा।

“मुझे वोह पिक्चर्स भेजो जो तुमने उस कॉटेज की ली थी। मेरी टीम तुम्हे एक ऐप की लिंक भेजेगी। तुम्हे बस ऐप चलाना है और वोह वहाँ पर सारे वायरलेस कनेक्शन को भांप लगा,” देव ने इनस्टक्ट किया।

“मुझे पक्का यकीन है की वहाँ पर जरूर सैटेलाइट कनेक्शन है और यह बहुत आसान होगा पकड़ने के लिए।”

“तुम्हे लगता है की उस झोपडी के नीचे कुछ होगा?“

“मुझे लगता है की जरूर उस के नीचे कोई स्टक्चर होगा या फिर उस तक पहुंचने के लिए कोई सुरंग होगी। मैने वहाँ गाड़ी के पाइयों के निशान देखें हैं जो गाड़ी उस कॉटेज के आसपास देखी गई थी।” अभय वोह पिक्चर देख रहा था जो उसने गाड़ी के पाइयों के निशान की खींची थी।

“यह तो बहुत अच्छी बात है की तुम्हे वो जगह मिल गई।” देव की आवाज में एक्साइटमेंट थी।

“एक गांव वाले ने मुझे बताया था,” अभय ने आराम से कहा।

“क्या? कैसे?“

“मैंने एक गांव वाले को सड़क पर रोका था और उस बूढ़े आदमी से उस गाड़ी की पिचर दिखा कर पूछा था की यह गाड़ी कहीं देखी है क्या। उसने मुझे देखा और फिर पूछा की क्या मैं हंटर का भाई हूं?“

“हंटर?“ देव असमंजस में अपनी नाक खुजाने लगा।

“मुझे लगता है की कोई कोड नेम होगा। मैने उसे डिजिटली निकाली हुई पिक्चर दिखाई और उसने यह कन्फर्म किया की वोह ही यह है।” अभय ने एक गहरी सांस ली।

“वोह उसे हंटर क्यूं बुलाते हैं?“

“हम जल्द ही पता लगा लेंगे, देव, हम जल्द ही उसे ढूंढ लेंगे।”

“तुम्हे क्या लगता है की उसे हम याद होंगे?”

“मुझे नही पता, देव। वोह हमे ढूंढता अगर उसे कुछ याद होता पर....“

“उस भयानक पल के बारे में उसे कितना याद होगा?“ देव का शरीर कंपकंपा गया बचपन का उस खूनी मंजर को याद करके।

“राणा का पता लगाना ही सबसे जरूरी काम है इस वक्त। हम बाद में सोचेंगे और उस से निपटेंगे की इस वक्त क्या हुआ था,” अभय ने कहा।

“तुम अनिका के पास वापिस घर जाना चाहते हो?“

“नही, देव। वोह ठीक है। वोह खुद चाहती है की मैं यहीं रहूं और राणा का पता लगाऊं।”

“वोह ठीक कहती है,” देव भी इस बात पर सहमत था पर उसे अपने भाई के लिए गिल्टी महसूस हो रहा था की वोह अपनी फूल टर्म प्रेगनेंट वाइफ से दूर है।

“हम उसे ढूंढ लेंगे, देव, बहुत जल्द।” अभय बहुत कॉन्फिडेंट था, वोह बस कुछ ही कदम दूर था अपने सबसे छोटे भाई से।













***
कहानी अगले भाग में अभी जारी रहेगी...
❣️❣️❣️


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