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जिन्नजादी - भाग 2

नवाज हुसैन की दोनों बेटियां अब शादी के काबिल हो चुकी थी।
नवाज उसे अपने बेटे युसूफ अली को
दोनों बहनों की शादी की बात कहता है।
नवाज हुसैन और युसूफ अली
फरजाना और यास्मीन के लिए
रिश्ते तलाश करने लगते है।

थोड़े दिनों में फरजाना और यास्मीन के लिए अच्छे रिश्ते मिल जाते हैं।
युसूफ अली बड़े धूमधाम से अपने दोनों बहनों की शादी करवाता है।
दोनों बहने विदा ले कर चली जाती है।
युसूफ अली की बहुत बड़ी जिम्मेदारी खत्म हो जाती है।

युसूफ अली अपना पूरा ध्यान अब तंत्र सीखने में लगाता है।
युसूफ अली तंत्र के बहुत सारे विद्या में माहिर हो जाता है।
उसका सिर्फ एक ही लक्ष्य होता है।
भूत प्रेत के तंत्र में महारत हासिल करना।

एक रोज की बात है
युसूफ अली अपने चाचा बिलाल के साथ
एक गांव में जाता है।
उस गांव की एक लड़की को
एक शैतान ने पूरी तरीके से अपनी एक काबू में किया होता है।
बहुत सारे तांत्रिक उस लड़की को उस शैतान के चंगुल से छुड़ाने की कोशिश करते हैं।
लेकिन किसी को भी कामयाबी नहीं मिलती।
हर एक तांत्रिक के हक में सिर्फ हार ही आ जाती है।

लड़की के मां बाप ने बिलाल और यूसुफ का बहुत नाम सुना था
इसलिए उन्होंने मदद के लिए इन्हें बुलाया था।
बिलाल और यूसुफ लड़की के घर पहुंच जाते हैं।
दिल वालों को ऐसी चीजों में महारत हासिल थी।
लेकिन यूसुफ को इन चीजों की ज्यादा जानकारी नहीं थी।
वह यहां अपने चाचा का साथ देने आया था।

बिलाल लड़की के घर में दाखिल होते ही
वह लड़की बहुत शोर मचाने लगती है।
मारने के लिए बिलाल और युसूफ के की तरफ जाने लगती है।
10 से 15 लोग लड़की को पकड़े हुए होते हैं।
फिर भी वह लड़की इन सब पर भारी थी।

वह लड़की सबको ढकेल कर युसूफ की और जाती है।
पास में पड़ा डंडा उठा कर वह लड़की युसूफ के सर पर मारने वाली ही होती है
तभी बिलाल उस लड़की का हाथ पकड़ लेता है।
कुछ मंत्र पढ़कर लड़की पर दम करता है।
लड़की वहीं पर बेहोश होकर गिर जाती है।

बिलाल लड़की के मां-बाप से कहता है।
लड़की को बिस्तर पर सुला दो
जब तक मैं नहीं कहूंगा तब तक यह लड़की नींद से नहीं जागेगी
डरने की कोई बात नहीं।
लड़की के मां-बाप लड़की को बिस्तर पर सुला देते हैं
और बिलाल से आकर पूछते हैं क्या हुआ है हमारी बेटी को।

बिलाल कहता है अभी तो मैं कुछ बता नहीं सकता
मुझे क्या हुआ है जानने के लिए थोड़ा वक्त चाहिए।
बिलाल लड़की के पास जाता है
उसके सर पर हाथ रखकर कुछ मंत्र पड़ता है।
घंटे भर तक मंत्र पढ़कर वह लड़की पर दम करता रहता है।

कुछ समय बाद बिलाल बाहर आकर लड़की के मां-बाप से कहता है।
आपकी बेटी का क्या नाम है ?
लड़की के मां-बाप कहते है
हमारी बेटी का नाम सायरा है। बिलाल कहता है कबसे आपकी बेटी सायरा को यह तकलीफ है।

सायरा के मां बाप कहते हैं 4 साल हो गये
तब से उसे तकलीफ है।
बहुत तांत्रिकों के पास लेकर गए
बहुत ही इलाज करवाया
लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
अब बस सारी उम्मीदें आपसे ही है।
आप कुछ भी कर के हमारी बेटी सायरा को बचा लो।
हम जिंदगी भर आपके एहसानमंद रहेंगे।
और वह दोनों रोने लगते हैं।

बिलाल उनको कहता है
रोना बंद कीजिए यह रोने का वक्त नहीं है।
सायरा की जान खतरे में।
अब वक्त हाथ से जा चुका है
उसे बचाना बहुत मुश्किल है।
उसके जिस्म में एक बहुत खुखार शैतान रह रहा है।
उसने पूरी तरीके से सायरा को अपने काबू में कर रखा है।
आप सायरा को बचाना नामुमकिन के बराबर है।
सायरा को मारकर वह शैतान उसे अपने साथ लेकर जाएगा।

उस शैतान ने सायरा का जिस्म अंदर से पूरी तरह खोखला कर दिया है।
अगर मैं तंत्र मंत्र का सहारा लेकर
वह शैतान को सायरा के जिस्म से बाहर निकालने की कोशिश करूंगा
तू सायरा का जिस्म मंत्रों की मार सही नहीं पाएगा
और हो सकता है सायरा बर्दाश्त ना कर पाकर दम तोड़ दिया।
अब सायरा को बचाया नहीं जा सकता

मेरे सारे तंत्र उस खूंखार शैतान के सामने
फेल है।
मैं चाह कर भी सायरा की मदद नहीं कर सकता।
अगर मैं उस खूंखार शैतान का सामना करने की कोशिश करूंगा
तो मेरे प्राण भी संकट में पड़ जाएंगे।
मुझे मेरी जान की कोई फिक्र नहीं
लेकिन यह सब करके भी सायरा को बचाया नहीं जा सकता।
मुझे माफ कर दो मैं आपकी कोई मदद नहीं कर सकता।

बिलाल की यह बातें सुनकर
सायरा के मां बाप बहुत जोर जोर से रोने लगते हैं।
उनको अपनी बेटी सायरा मरने वाली है
यह खबर सुनकर बहुत गहरा सदमा लग जाता है।
उन पर गमों का पहाड़ गिर पड़ता है।
रो-रो कर उनका बुरा हाल होता है।

वह दोनों बिलाल के सामने गिर गिर आने लगते हैं।
अपनी बेटी की हिफाजत के लिए
मिन्नतें मांगने लगते हैं।
बिलाल के पैर पकड़कर
उसे मदद की गुहार लगाने लगते हैं।

बिलाल को उनका यह हाल देखा नहीं जाता।
बिलाल उनकी मदद करना चाहता था
लेकिन वह बहुत मजबूर था।
वह चाह कर भी उनकी मदद नहीं कर सकता था।

फिर भी बिलाल उनको हौसला देते हुए
कहता है
मैं आपको कोई झूठी तसल्ली नहीं दूंगा।
लेकिन इतना यकीन दिलाता हूं।
मैं आपके साथ हूं।
सायरा को बचाने की हर मुमकिन कोशिश में करूंगा।

आप फिक्र मत करो
खुदा ने चाहा तो सब ठीक होगा।
बस खुदा पर यकीन बनाए रखो।
बस खुदा से दुआ करते रहो
हमें सायरा को बचाने में कामयाबी हासिल हो।

सायरा की मदद करने के लिए
हमें यह जानना बेहद जरूरी है
वो खूंखार शैतान कौन है ?
कहां से आया है ?
उसने सायरा को अपने काबू में क्यों कर रखा है ?
आखिर उसका मकसद क्या है ?
हमें इन सब सवालों का जवाब ढूंढना है।
तभी हम सायरा की कुछ मदद कर पाएंगे।

बिलाल सायरा के मां-बाप से पूछता है
आपको कुछ याद है
सायरा की हालत कब से है ?
किस जगह हो गई थी
जिसकी वजह से उसकी आज हालत है ?
उस खूंखार शैतान के बारे में आप कुछ जानते हो ?
कभी उस खूंखार शैतान ने अपने बारे में कुछ बताया ?
इन 4 सालों में सायरा ने कभी उस खूंखार शैतान के नाम का जिक्र किया ?
कभी कोई जगह का नाम लिया ?
कहीं जाने की जिद की ?
आपको जो भी पता है साफ साफ मुझे बता दो
ताकि मैं जल्द से जल्द सायरा को मदद करने की कोशिश करूंगा।

सायरा के मां बाप कहते हैं।
हमें इस बारे में कुछ भी नहीं पता।
वह खूंखार शैतान कौन है ?
कहां से आया है ?
क्यों आया है ?
उसका मकसद क्या है ?
हम कुछ नहीं जानते।
ना कभी सायरा ने ना ही कभी उस खूंखार शैतान अपने बारे में कुछ बताया।
हमने सायरा से जानने की बहुत कोशिश की
लेकिन सायरा ने कभी कुछ नहीं बताया।

बिलाल कहता है
ऐसे तो हम सायरा की कोई मदद नहीं कर सकते।
आप सोचो दिमाग पर जोर डालो
कोई ना कोई बात आपको याद आएंगे।
कोई ना कोई कड़ी मिल जाएगी।
जिसके जरिए हम उस खूंखार शैतान की असलियत तक पहुंच सकते हैं।

सायरा के मां बाप बहुत सोचते हैं
लेकिन उन्हें कुछ याद नहीं आता।
वह बिलाल से कहते हैं
हमें कुछ याद नहीं आ रहा।
हां लेकिन पास की ही एक गांव में
सायरा की बचपन की सहेली रहती है।
सायरा अपनी सारी बातें उसे बताती है।
शायद उसे कुछ पता हो ।

बिलाल को उम्मीद की एक किरण नजर आने लगी।
बिलाल सायरा की सहेली के बारे में सायरा के मां बाप से पूछता है।
वह कहते हैं उसका नाम सारा है।
वह पास ही के गांव में रहती है।

बिलाल सारा का पता लेकर
युसूफ अली के साथ वहां से निकल पड़ता है।
दूसरे दिन और सारा के गांव में जाते हैं।
बिलाल और युसूफ अली सारा के घर पहुंच जाते हैं।
बिलाल सारा को सारी बात बता दिया था।
और पूछता है
इस बारे में तुम्हें कुछ पता है क्या ?

बिलाल का यह सवाल सुनकर
सारा घबरा जाती है।
वो घबराते हुए बिलाल से कहती है
मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता।
मैं कुछ भी नहीं जानती।
बिलाल सारा का डर भांप लेता है।
बिलाल सारा को भरोसा दिलाते हुए कहता है

डरो मत तुम्हें कुछ भी नहीं होगा।
सायरा की जान मुश्किल में है
अगर सायरा को बचाना हो
तुम जो जानती हो वह मुझे बताना होगा
तभी शायद हम सायरा को उस खूंखार शैतान से बचा पाएंगे।

सारा खुद को संभालते हुए कहती हैं।
मैं उस खूंखार शैतान के बारे में
ज्यादा कुछ नहीं जानती।
लेकिन इतना जरूर जानती हूं
उस खूंखार शैतान ने कहां और कैसे काबू किया ?

सारा की यह बात सुनकर
बिलाल को एक उम्मीद नजर आती है।
वह सारा से कहता है
सायरा के साथ क्या हुआ मुझे बताओ ?
सारा कहती है हम दोनों सहेली
दूर के गांव में घूमने गए थे
वहां घूमते घूमते वहां हमें पास के गांव का पता चला
वह गांव बहुत सालों से बंद था।
उस गांव में कोई आता जाता नहीं था।
वह गांव भूतिया गांव के नाम से प्रसिद्ध था।

हमने उस गांव के बारे में लोगों से पूछताछ की
जिस से भी हम पूछते वह डर के मारे भाग जाता।
बहुत सारे बुजुर्गों ने हमें उस गांव से दूर रहने की हिदायत दी।
लेकिन हमें उस गांव के बारे में जानने की उत्सुकता थी।

तभी हम दोनों ने मिलकर तय किया
उस भूतिया गांव में जाने का।
मैं बहुत डर गई थी।
मैंने सायरा से कहा
उस भूतिया गांव में जाने का इरादा हम छोड़ देते हैं।
वापस हम अपने गांव लौट जाते हैं।

लेकिन सायरा ने मेरी एक नहीं मानी।
उसके चेहरे पर डर बिल्कुल भी नहीं था।
वह उस गांव में जाने के लिए बहुत उतावली थी।
आखिरकार उसके जीद के आगे मैंने घुटने टेक दिए।
हमने उस भूतिया गांव में जाने का
मन बना ही लिया।

दूसरे दिन पैदल हम उस भूतिया गांव की तरफ निकल पड़े।
शाम हो गई हमें रूस भूतिया गांव तक पहुंचते-पहुंचते।
उस भूतिया गांव में पहुंचने के बाद
मेरी हिम्मत जवाब दे गई।
मैंने सायरा से उस भूत भूतिया गांव के अंदर जाने से साफ साफ मना कर दिया।
लेकिन सायरा का इरादा पक्का था।
वह अकेली ही उस गांव के अंदर चली गई।

मैं सारी रात उस भूतिया गांव के बाहर ही रुकी थी।
सायरा सुबह को बाहर आ गई।
लेकिन वह पूरी तरह बदल चुकी थी।
बकबक करने वाली सायरा बिल्कुल चुप हो गई थी।
मैंने उससे बात करने की बहुत कोशिश की।
लेकिन उसने मेरी कोई भी बात का जवाब नहीं दिया।
मैं बहुत डर गई थी सायरा को कुछ हो गया है।
हम वापस आ गए।
मैं डर के मारे किसी को कुछ नहीं बताया।
आगे क्या हुआ वह सब आपके सामने ही है।

बिलाल बहोत हैरान से सारा से कहता है।
इतनी बड़ी बात तुम्हे छुपानी नहीं चाहिए थी।
और ऐसी भूतिया जगह पर बिल्कुल नहीं जाना चाहिए था।
वहा जाकर आप लोंगो ने मौत को दावत दी हैं।

तुम लोंगो की बेवकूफ़ी की वजह से
सायरा मौत के बिल्कुल करीब हैं
कभी भी वो खूंखार शैतान सायरा को
मार कर उसकी रूह को अपने साथ ले जा सकता है।
बहोत ही बड़ी गलती की आप लोंगो ने।
अब इस गलती की किमत सायरा को
अपनी जान देकर चुकानी होंगी।

वक़्त रहते तुम ने सब को सच्चाई बताई होती तो शायद सायरा बच पाती।
सारा तो अपने किए पर बहोत अफ़सोस होता है।
सायरा बिलाल से कहती है
मुझे माफ कर दो
मैं बहोत ड़र गई थी।
कोई मुझे इन सब का दोषी ना माने
इस ड़र से मैने इतनी बड़ी सच्चाई को
राज ही रखा।
आज मुझे चुप रहने का बहोत
पछतावा हो रहा है।
मुझे सभी को सच बताना चाहिए था।
मुझे माफ कर दीजिए।
मेरी सहेली सायरा की जान बचा लिजिए ।

इतना कहकर सारा बहोत रोने लगती है।
सारा के आखों से निकलने हर आसू में
पछतावा होता है।
बिलाल सारा से कहता है
जो हुवा सो हुआ
देर आये दुरुस्त आये।
ये बताओ इस घटना के बाद
सायरा ने तुम्हे कुछ बताने की कोशिश की।

सारा कहती है सायरा से मै बहोत बार मिली
लेकीन सायरा ने कभी किसी बात का जिक्र नहीं किया।
जब भी मैं उस से पुछती की कोई तुम्हे तख्लिफ़ दे रहा हैं क्या ?
कोई शैतान तुम्हारे साथ हैं क्या ?
ये सुनकर सायरा बहोत गुस्सा हो जाती।
बहोत ही डरावनी हो जाती।
कभी कभी उस ने मुझे बहोत मारा पिटा है।
हैवान की तरह बन जाती है।
बाद में कभी इस बारे में मुझे उस से बात
करने की हिम्मत नहीं हुई।

क्रमशः