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जिन्नजादी - भाग 9

जिन्नजादी 9

क्या आप मुझसे शादी करके
मुझे अपनी शरीके हयात बनाओगे ?

थोड़ी देर के लिए हर तरफ खामोशी छा जाती है।
युसूफ अली हिना से कहता है
मुझे अपनी जिंदगी आपके साथ बांटने में बहुत खुशी होगी।
मैंने पिछले जन्म में कुछ अच्छे कर्म किए होंगे
इसलिए इस जन्म में आप मुझे मिल रही हो।
मैंने सपने में भी नहीं सोचा था
आप जैसी इतनी खूबसूरत , हसीन ,सुंदर
लड़की जिसका जिस्म देखकर परिया भी शर्माती होगी।
जिसमें खुदा ने सारी खूबसूरती भर दी हो।
वो लड़की मुझसे प्यार करेगी।
मेरी हमसफर बनेगी।
मुझसे शादी करेंगी।
मुझे अब भी यकीन नहीं होता
यह सब बस एक ख्वाब की तरह लग रहा है।

हिना कहती है
आपको यकीन नहीं हो रहा
अभी आपको यकीन दिलाती हूं।
युसूफ अली कहता है
कैसे यकीन दिलाओगी आप ?
हिना कहती है
बताती हूं बताती हूं
थोड़ा सब्र करो ।
इतना कहकर युसूफ अली के करीब आ जाती है।
हिना की सांस युसूफ अली के सांस से टकराने लगती।
हिना कहती है
आप आया यकीन।
युसूफ अली
ना मैं गर्दन हिला देता है।
हिना अपने होंठ युसूफ अली के फोटो होंठो के बेहद करीब ले जाती है।
और धीरे से प्यार भरी आवाज में कहती है।
अब आया यकीन।
युसूफ अली की बोलती बिल्कुल बंद हो जाती है।
उसकी सांसे थम जाती है धड़कन रुक जाती है।
पसीने से उसका पूरा बदन भीग जाता।
होठ थरथरा ने लगते हैं।
युसूफ अली की हालत देखकर
हिना मुस्कुरा देती है।
और अगले ही पल अपने होंठ
युसूफ अली के होंठो पर रख देती है।
युसूफ अली हिना को अपनी बाहों में भर लेता है।
और हिना के होंठ अपनी होंठो में लेकर
किस करता है।
दोनों एक दूसरे को कसकर अपनी बाहों में भर लेते हैं।
ऐसा लग रहा था कि दो जिस्म एक जान हो गए।
दोनों सारी बंदिशे तोड़कर
एक दूसरे में समा जाते हैं।
वह अपनी सारी हदें पार कर देते।
कई दिनों तक रोमांस में खो जाते हैं।
एक दूसरे के पूरे जिस्म से रूबरू होते हैं।

जोश में उनसे वह सारी चीजें होती है
जो पति-पत्नी में जायज है।
कई हफ्तों तक उनका रोमान चलता।
जब वह होश में आते हैं।
तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हो जाता है।
हिना को अपनी गलती पर बहुत अफसोस होता है।
वह रोने लगती है
युसूफ अली सीना को संभालते हुए कहता है
जो होना था हो गया
हम अभी शादी करते हैं
तब जाकर हमारी गलती सही होंगी।
हिना मान जाती है।
उसी वक्त वह दोनों पास के गांव में जाकर
शादी के पवित्र बंधन में बंध जाते हैं।
दोनों अब पति पत्नी हो चुके होते हैं।
अब उन्हें किसी बात का डर नहीं था।
शादी करके वह दोनों वापस अपनी जादुई गुफा में आ जाते हैं।
वहां आने के बाद
फिर वह एक दूसरे की बाहों में समा जाते हैं।
पागलों की तरह एक दूसरे को किस करने लगते हैं
रोमांस करने लगते हैं।
काफी महीनों तक वह गुफा में ही रहते हैं।
हिना अपनी जरूरत का सारा सामान
वहीं पर हाजिर करती
युसूफ अली को कभी भनक नहीं लगी
आखिर यह सामान कब और कहां से आता है।
जब भी कभी उसे कोई चीज चाहिए होती है
वह चीज उसके सामने हाजिर हो जाती है।
लेकिन यूसुफ अली ने इन बातों पर कभी ध्यान नहीं दिया।
उसी अब हिना का प्यार मिल चुका था
हिना के प्यार के सामने उसे कोई भी चीज दिखाई नहीं देती।
हर चीज पर वह आंख मूंदकर भरोसा करता।
उसने यह जानने की कभी कोशिश नहीं की
आखिर इतनी सारी शक्तियां
हिना के पास कैसे आई।
क्योंकि जो जो चमत्कार हो रहे थे
वह किसी इंसान के बस की बात नहीं थी।
फिर भी युसूफ अली ने इस बात पर कभी शक नहीं जताया।
ना ही कभी हिना को इस बारे में बताने की
जोर जबरदस्ती की।
वह आंख बंद कर हीना की हर बात मानता।
उसे हिना पर खुद से भी ज्यादा भरोसा हो गया था।
उसे पूरा यकीन था चाहे कुछ भी हो जाए
हिना कभी उसके साथ कोई बुरा नहीं करेंगी।
ना ही कभी उसका भरोसा टूट नहीं देंगी।
इसलिए उसने कब हिना पर शक नहीं किया।

क्रमशः