Devil's Sundar wife - 2 books and stories free download online pdf in Hindi

Devil's सुंदर wife - 2 - सेट अस फ्री ...

एपिसोड 2 ( सेट अस फ्री )
गंभीर आवाज़ में .. अभी कपूर बोलता है | “व्हेन आर यू कोम्मिंग ?” तो फ़ोन की दूसरी तरफ से कोई लड़की बोलती है | “मैं ट्रैफिक में फस गई हूँ ... तुम तब तक कोफी आर्डर करो .. मैं आती हूँ |” अभी ने अपने हरे-भरे काले बालों में अपनी उंगलियां फिराईं और नीरसता से जवाब दिया, "ठीक है" फिर उसने अपने लिए एक कप कैप्पुकिनो ऑर्डर करने के लिए हाथ उठाया। एक फॉर्म फिटिंग सूट में उसकी दुबली उंगलीयां गरिमापूर्ण लग रही थी | और वह निश्चित रूप से इस कैफे में कुछ अलग लग रहा था । ऐसा लग रहा तह ... की वो वहां बैठे हद आदमी से कई हज़ार गुना दोमिनेटिंग था |
अगर उसकी बहन ने उसे यहाँ मिलने के लिए नहीं बुलाया होता .... तो अभी इस वक्त यहाँ कबी नहीं बैठा होता | उसकी गहरी और शांत एम्बर रंग की आँखें लापरवाही से इस शुरुआती औतं सिजन में कोट और मोटे कपड़ों में राहगीरों को कांच की खिड़की से देख रहीं थीं। उसकी आँखें फोकस्ड नहीं थीं, वास्तव में, वह अपनी ही दुनिया में खोया हुआ लग रहा था | जब अचानक हंगामे की व्ज्झ से वो परेशान हो गया | उसकी सूक्ष्म भौहों का मध्य भाग थोड़ा मुड़ा हुआ था। जैसे ही उसने सुना, "सिर्फ इसलिए कि तुम अमीर हो इसका मतलब यह नहीं है कि तुम मेरे प्रेमी को मुझसे चुरा सकती हो"। उसने पता लगाया कि कौन सा नाटक चल रहा है। इत्तेफाक से, यह सारा तमाशा उसके ठीक पीछे हो रहा था और वह सब कुछ सुन सकता था | लेकिन वह बाकि गोसिप करने वालों की तरह नहीं था और देखने के लिए कभी पीछे नहीं मुड़ता था |
उसने बहुत सी अमीर महिलाओं को दो प्रेमियों के बीच कलह बोने या दूसरे पुरुष को बहकाने के लिए पैसे का इस्तेमाल करने की कोशिश करते देखा था। ओर इस एलीट सर्कल में यह आम बात थी | जहां कुछ भी संभव था। यहां तक कि सबसे असंभव भी संभव था। उसने सोचा कि यह सिर्फ एक और महिला है जो किसी के प्रेमी को चुराने की कोशिश कर रही है, इसमें कोई नई बात नहीं है। शायद इसीलिए वह इस दृश्य से वास्तव में प्रभावित नहीं हुआ था ।
या कम से कम, उसने सोचा कि वह तब तक प्रभावित नहीं होगा जब तक...
"प्यार और त्याग, लोग इन शब्दों का इस्तेमाल केवल दूसरों को बेड़ियों में डालने के लिए करते हैं, प्यार के नाम पर अपराध बोध के पिंजरे में कैद करने के लिए"।( fvo )
यह आवाज सुखद-मधुर और मनमोहक लगी।
जैसे ही वे शब्द उसके कानों में पड़े, उसका सारा अस्तित्व अकड़ गया। उसके मस्तिष्क में असंख्य स्मृतियाँ उमड़ पड़ीं, जिससे वह मुट्ठी भींचता रहा, जब तक कि उसके पोर सफेद नहीं हो गए। उसने यह देखने के लिए अपना सिर घुमाया कि ये शब्द किसने कहा था, लेकिन उसने केवल एक लड़की की पीठ देखि जो अपने बालों को झटकती हुई वहां से जा रही थी और बिना पीछे देखे चली गई थी। उसके ठंडे, सख्त जबड़े की रेखाएँ खिंची हुई थी | उन शब्दों ने उसे .... उस दर्द की याद दिला दी जिसमें वह भी था। किसी ने ये शब्द उससे भी कहे थे...
"मैं तुमसे प्यार करता हूँ, तुम मुझ पर विश्वास क्यों नहीं करती ?" आभी ने उसे वापस पकड़ने की पूरी कोशिश की थी।
"अगर तुम मुझसे प्यार करते हो, तो मुझे आज़ाद क्यों नहीं करते? प्यार के इस पिंजरे में मुझे क्यों कैद कर रखा है? तुम मुझे कितना भी प्यार करो, यह अभी भी मेरे लिए सिर्फ एक पिंजरा है।"
अभी का दिल दुख रहा था ... लेकिन वो लड़की उसने अभी पर दया नहीं की .... क्योंकि बार-बार उसके शब्दों से अभी के दिल में बेरहमी से छेद हो रहा था ।
"मैं तुम्हें वह सब कुछ देता हूं जो तुम मांगती हो। तुम मेरे साथ क्यों नहीं रह सकती ?"
"उसने व्यंग्य किया, 'तुम मुझे याद दिलाते रहोगे कि तुमने मेरे लिए या हमारे लिए क्या किया। लेकिन चलो इसका सामना करते हैं, तुमने सब कुछ अपने लिए किया। तुमने मुझे ग्लिट महसूस कराने के लिए किया। तुम !"
अभी ने बार-बार न में सिर हिलाया, नहीं, मेरा ऐसा इरादा नहीं था।
उसके सामने खड़ी उस लड़की ने अभी का हाथ पकड़ा ओर नरम आवाज़ में विनती करती हुई अभी से बोली , 'अगर तुम सच में मुझसे प्यार करते हो तो मुझे जाने दो। हमें उस प्यार से फ्री करो जो अब केवल हमें चोट पहुँचा रहा है। प्लीज़ , तलाक के कागजात पर सिग्नचेर कर दो और मुझे जाने दें!
जैसे ही उसने अपनी आँखें खोलीं, उसकी आँखें फिर से काल्म हो गईं। उसकी आँखों से फिर वही चिर-परिचित ठंडा खालीपन झलक रहा था। वह खड़ा हुआ, अपनी बहन का नंबर फिर से डायल किया, जब उसने उठाया .... उसने कहा, "मैं अपने रास्ते पर हूँ, बस थोड़ा धैर्य रखें"
अभी की ठंडी लेकिन नीरस आवाज सुनाई दी, "जल्दी करने की कोई जरूरत नहीं है। अब मुझे कुछ जरूरी काम करना है। इसलिए, मैं जल्दी जा रहा हूं।"
उसने कहा "क्या? तुमने मुझे मिलने के लिए बुलाया और अब तुम मुझे धोखा दे रहे हो? कैसे हो सकता है ....
दूसरी तरफ का व्यक्ति अभी भी जोर से चिल्ला रहा था लेकिन अभी ने बिना किसी परवाह के फोन काट दिया था। उसने अपनी कॉफी के लिए पे किया जिसे उसने छुआ भी नहीं और पार्किंग से अपनी कार लेने चला गया।
" चीफ , आप इस तरह कैसे बाहर निकल सकती हैं?"
जैसे ही अभी अपनी कार के करीब आया, उसने आवाज सुनी और देखा कि पहले की कैफ़े वाली वो लड़की .. लिमिटेड एडिशन बेंटली के पास कड़ी है , ओर वहीँ उसी के साथ कड़ी दूसरी लड़की उसके गहरे लाल साटन ब्लाउज को साफ़ कर रही थी, वो दूसरी लड़की बोली ... , " ये दाग नहीं जायेगा .. लगता है " एक नज़र ही ... लोगों को बता सकती थी कि वो कैफ़े वाली लड़की सिर्फ एक अमीर परिवार से नहीं थी। हालाँकि अभी केवल उसका साइड प्रोफाइल देख सकता था लेकिन यह उसकी सुंदरता दिखाने के लिए पर्याप्त था।
माया ने अपने साटन ब्लाउज को मार्सला पैंट और काले जूते और एक काली बेल्ट के साथ मैच किया था। हालाँकिवो ज्यादा था , लेकिन वह दिखावटी नहीं था । इसने माया को ग्लैमरस बना दिया।
"इस मिस्टर .49 के दिमाग के कुछ पेंच नहीं थे। कोई आश्चर्य नहीं... कि वह एक ब्लाइंड डेट पर आया, भले ही उसकी एक गर्ल फ्रेंड थी। कौन ऐसी पागल गर्लफ्रेंड के साथ रहना चाहेगा।
माया ने अपनी असिस्टेंट की तरफ शॉक होकर देखा ... ओर बोली ... “ क्या ?.. रिया .. यू इवन काउंट माय ब्लाइंड डेट्स ...”
तो रिया हस्ते हुए बोली ... “ हा हा हा हा ... पिछले दो सैलून में ,,, आपको इतना सफर करते देखने के बाद .. ये तो मेरी एक हैबिट ही बन गई है ...” फिर रिया थोड़े गुस्से में आगे बोली ... “ पर हद है ... आप उस लड़की को इतनी आसानी से तो जाने नहीं दोगी न ...? उस पागल ने .. सिर्फ आप पर जूस ही नहीं फैंका .. बल्कि सब के सामने आपकी इन्सल्ट भी की ... ओर अब तो मुझे ... इतना तो पता चल ही गया है ... की ऐसे लोग कितने घटिया होते है ... हम इतनी इन्सल्ट सहन नहीं कर सकते ...”
माया बिना किसी एक्सप्रेशन के बोली ... “ मुझे ऐसा क्यूँ लग रहा है .. की मुझसे ज्यादा गुस्सा तो तुम हो ...”
तो रिया लम्बी सांस छोड़ते हुए बोली ... “चीफ ... क्यूंकि पता नहीं क्यूँ ... आपको तो गुस्सा आता ही नहीं है ... आपकी जगह मुझे ये सारे इमोशंस लेकर चलना पड़ता है .. मुझे पता है .. की बदला लेना आपका नेचर नहीं है ... पर इस बार तो हद ही हो गई ... इतनी आसानी से हम ये बात जाने नहीं देंगे ... मुझे पता है .. आप तब तक कुछ नहीं करते हो .. जब तक आपको कोई फायदा न हो ....पर ..”
अहम अहम ...
किसी को इस तरफ खांसते हुए सुन ... रिया ने अपना सर पीछे घुमाया ... ओर उसकी नजरे एक बहुत ही आकर्षित आदमी पर पड़ी ... ओह नो ! उसे उसे सुन्दर कहना भी कम है ... रिया तो उस आदमी पर से अपनी नजरें हटा ही नहीं पा रही थी | वो आदमी बिलकुल रिया के सपनो के राजकुमार की तरफ लग रहा था |
अभी अब ओर टाइम वेस्ट नहीं कर सकता था ... उसने रिया के सामने अपना हाथ घुमाया ... ओर बोला ... “ ये मेरी गाड़ी है , क्या तुम अपनी गाड़ी साइड में कर सकती हो ... ताकि मैं अपनी यहाँ से निकल सकूँ ...”
माया ने उस आदमी की तरफ देखा भी नहीं .. ओर अपनी बेंटली का डोर खोला .. ओर बैठ गई | माया को देख ... रिया भी जल्दी से बैठ गई | रिया ने जल्दी से “सॉरी” बोला ... ओर कार शुरू कर दी | क्यूंकि ... रिया इ ही गलत जगह पार्किंग कर दी थी | जैसे ही गाड़ी वहां से गई ... अभी कुछ को वहां देखने से रोक न सका ... जहाँ वो कार गई थी |
अभी की आँखों मैं बैचनी साफ़ साफ़ देखि जा सकती थी | पिछले 6 सालो मैं ... अभी का जो कोल्ड और था ... अब उसकी जगह ... दर्द था | उसके पुराने .. पर अब ताज़ा हुए ज़ख्मों का दर्द |
ऐसा लग रहा था ... की अभी ने माया को गलत समझ लिया था |