First Love - 4 in Hindi Love Stories by Mr Rishi books and stories PDF | फर्स्ट लव - 4

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फर्स्ट लव - 4



तभी वहा उसके टीचर आते हुए उससे कहते है"राज घंटी की आवाज तुमने नहीं सुनी जाओ अपने क्लास में जा कर बैठो।"राज उदास मन से जा कर अपने क्लास में बैठ गया।टीचर सामने पढ़ा रहे होते है पर राज का ध्यान दरवाजे के बाहर ही था। की कब अमीषा उसके क्लास के बाहर से गुजरेगी पर देखते ही देखते एक पीरियड खतम हो गया और अब दूसरे टीचर आ गए। अब राज समझ गया की अमीषा आज स्कूल नही आएगी और तो और उसे गलत गलत ख्याल भी आने शुरू हो गए को आखिर क्या वजह हुआ होगा जो अमीषा स्कूल नही आई।वो जल्दी से जल्दी स्कूल से भागने के फिराक में लग जाता है।अपने दोस्त राहुल को सारी बात बता देता है की वो इसी टाइम स्कूल से बंक यानी छूटी मारना चाहता है।राज अपना बैग लेकर नही भाग सकता था इसी लिए अपना बैग राहुल के बैग में रख देता है।और पानी पीने के बहाने क्लॉस से बाहर निकल आता है।और दीवार फान कर स्कूल से भाग जाता है।

वो छिपते छिपाते अमीषा के घर पहुंचता है,अमीषा के घर का दरवाजा खुला हुआ होता है,वो जल्दी से अंदर जाता है तो देखता है।अमीषा बिस्तर पर लेटी हुई है और वही नीचे में उसका कपड़ा पड़ा हुआ है जिसमे खून लगा हुआ है।राज ये देख कर डर जाता है और अमीषा के पास आते हुए कहता है"अमीषा तुम ठीक तो होना??"

राज को वहा देख कर अमीषा चौकते हुए पुछती है"राज तुम यहां? स्कूल नही गए?"राज अमीषा को चुप होने को कहता है"मैं स्कूल गया था पर तुम्हे नहीं देखा तो मुझे लगा तुम शायद किसी प्रोब्लम में न हो और स्कूल से बंक मारकर यह चला आया।"ये सुनते ही अमीषा उससे कहती है"तुम पागल हो क्या मैं ठीक हू ।"

तभी राज कहता है,"अच्छा तुम ठीक हो?तो ये कपड़ा पर खून कैसा है?"अमीषा अब राज से कहे तो कहे क्या यही सोच रही थी कि तभी वहा उसकी दोस्त सिमरन आती है और और राज को वहा देखा कर कहती है"अरे राज आज तुम भी स्कूल नही गए क्या यार आज मेरा बहुत मन था जाने का पर अमीषा के महावारी आने के कारण मैं भी नही गई।"

"महावारी ये क्या होता है??"राज सिमरन से पुछता है, सिमरन हँसते हुए अमीषा के पास खाना रख कर वहा से हँसते हुए झट से भाग जाती है।तभी राज अमीषा के तरफ देखते हुए कहता है"क्या यार इसमें हँसने वाली क्या बात है ?"अमीषा स्माइल करते हुए कहती है"नहीं नहीं इसमें हँसने वाली कोई बात नही है एक्चुअली होता ये है की हम लडकियों में ये सिर्फ होता है हमारे शरीर में जो खून गंदे होते है वो बाहर निकल जाते है। बस उसे ही महावारी कहते है।"

राज उसकी बात सुन कर ज्यादा कुछ नही कहता और उसका हाल पूछते हुए कहता है"अच्छा ये बात है ,वैसे अब तुम कैसी हो??"अमीषा अपने पेट पर एक गर्म कपड़ा रखे हुए कहती है"अभी तो मेरे पेट में हल्का दर्द है,बिस्तर से उठने का मन नहीं कर रहा है।"

तभी राज कहता है "हां तो तुम्हे उठने को बोल कौन रहा है?आराम से बिस्तर पर ही लेटी रहो समझी?"राज के इतना कहते ही अमीषा कहती है"यार ये कपड़ा ठंडा हो गया इसे गर्म करना है वरना मेरा पेट दर्द से दम घुट जाएगा।"

राज अमीषा के तरफ घूरते हुए देख कर कहता है"ऐसे बोल रही हो जैसे यहां मैं हू ही नही लाओ कपड़ा मैं गर्म कर के लता हू।"राज ये कहते हुए अमीषा के हाथ से वो कपड़ा ले लेता है तभी अमीषा कहती है"तुम रहने दो वैसे भी तुम मेरे लिए स्कूल से आए वही बहुत है अब मैं ठीक हू तुम जाओ।"

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