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मिठाईया

मिठाईया

  • खसखस का हलवा
  • बोम्बे-कराची हल्वा
  • बेसन का हलवा
  • पेठे का हल्वा
  • ब्रेड का हलवा
  • मूंग दाल का हलवा
  • सूजी का हलवा
  • चमचम
  • स्पंज रसगुल्ले (बंगाली रसगुल्ले)
  • मावा जलेबी
  • जच्चा के लिए पंजीरी
  • मीठे शकरपारे
  • पेठा मिठाई
  • गुलाब जामुन
  • मोदक
  • बाजरे का मलीदा
  • 01 खसखस का हलवा

    खसखस - 3/4 कप ( 100 ग्राम)

    चीनी - 3/4 कप (100 ग्राम)

    दूध - 1 कप (250 ग्राम)

    देसी घी - 1/3 कप (70 ग्राम)

    छोटी इलाइची - 4-5

    बादाम - 5-6

    इस हल्वे को बनाने में 400 ग्राम यानि 2 कप पानी का इस्तेमाल करना है. थोडा सा पानी लेकर उसमें कार्न फ्लोर को घोल लें. ध्यान रहे कि सारी गुठलियां अच्छे से खत्म हो जाएं. अब इसमें पानी की कुल मात्रा 1 ¼ कप डाल कर मिला लें. चीनी को पैन में डाल कर उसमें ¾ कप पानी डाल कर चीनी घुल कर चाशनी बनने तक पका लें.

    तैयार चाशनी में कार्न फ़्लोर वाला घोल मिला दें. गैस धीमी करके इसे लगातार चलाते हुए पकाएं. 10-12 मिनट में ये घोल गाढा होने लगेगा. इसे धीमी आँच पर यूं ही लगातार चलाते हुए पकाते रहें. धीरे-धीरे हल्वा पारदर्शक होने लगेगा. अब इसमें आधा घी डालें और पहले की तरह ही चलाते हुए पकाते रहें. बाकी बचे घी को धीरे-धीरे चम्मच से डालते जाएं और हल्वे को तब तक चलाते हुए पकाते रहें जब तक पूरा घी एब्ज़ोर्ब ना हो जाए.

    जब हल्वे में चमक आ जाए तो इसमें कलर डाल कर अच्छे से पका लें. अब काजू और इलायची का पाउडर डाल कर पका लें. इसे 5-7 मिनट तक या तब तक पकाएं जब तक इसकी कंसिसिटेन्सी जमाने लायक ना हो जाए.

    कराची हल्वा तैयार है. इसे किसी ट्रे या थाली में डाल कर जमने के लिए रख दें. उपर से पिस्ता डाल कर चम्मच से चिपका दें. ठंडा होकर जम जाने पर इसे अपनी पसंद के टुकडों में काट लें.

    इसे आप तुरंत भी खा सकते हैं और एअर टाईट कंटेनर में भर कर भी रख सकते है. इस हल्वे की सेल्फ़ लाईफ़ काफ़ी अच्ची होती है. इसे फ्रिज़ में ना रखकर बाहर ही रखे.

    ध्यान दें:

    हल्वा अच्छे से पकाएं. कम पका हल्वा स्वाद में ज़्यादा अच्छा नहीं लगता और ना ही रबर जैसा टच देता है.

    अगर हल्वा कम पका लगे तो कढाई में 1 चम्मच घी डालकर इसे फिर से लगातार चलाते हुए पिघला लें और पकाएं. जब लगे कि ये पूरी तरह तैयार है इसे फिर से ट्रे में निकालकर जमा लें.

    हल्वे को ज़्यादा तेज़ आँच पर मत पकाएं. इससे हल्वा ज़्यादा सख्त हो सकता है.

    02 बोम्बे-कराची हल्वा

    कार्न फ्लोर - 1 कप (100 ग्राम)

    चीनी - 2 कप ( 450 ग्राम)

    घी - 1/2 कप (125 ग्राम)

    काजू - आधा कप (छोटे छोटे कटे हुये)

    पिस्ते - 1 टेबल स्पून (बारीक पतले कटे हुये)

    टाटरी (टार्टरिक एसिड)- 1 /4 छोटी चम्मच पाउडर (2 मटर के दाने बराबर)

    छोटी इलाइची - 4-5 (छील कर पाउडर बना लें)

    इस हल्वे को बनाने में 400 ग्राम यानि 2 कप पानी का इस्तेमाल करना है. थोडा सा पानी लेकर उसमें कार्न फ्लोर को घोल लें. ध्यान रहे कि सारी गुठलियां अच्छे से खत्म हो जाएं. अब इसमें पानी की कुल मात्रा 1 ¼ कप डाल कर मिला लें. चीनी को पैन में डाल कर उसमें ¾ कप पानी डाल कर चीनी घुल कर चाशनी बनने तक पका लें.

    तैयार चाशनी में कार्न फ़्लोर वाला घोल मिला दें. गैस धीमी करके इसे लगातार चलाते हुए पकाएं. 10-12 मिनट में ये घोल गाढा होने लगेगा. इसे धीमी आँच पर यूं ही लगातार चलाते हुए पकाते रहें. धीरे-धीरे हल्वा पारदर्शक होने लगेगा. अब इसमें आधा घी डालें और पहले की तरह ही चलाते हुए पकाते रहें. बाकी बचे घी को धीरे-धीरे चम्मच से डालते जाएं और हल्वे को तब तक चलाते हुए पकाते रहें जब तक पूरा घी एब्ज़ोर्ब ना हो जाए.

    जब हल्वे में चमक आ जाए तो इसमें कलर डाल कर अच्छे से पका लें. अब काजू और इलायची का पाउडर डाल कर पका लें. इसे 5-7 मिनट तक या तब तक पकाएं जब तक इसकी कंसिसिटेन्सी जमाने लायक ना हो जाए.

    कराची हल्वा तैयार है. इसे किसी ट्रे या थाली में डाल कर जमने के लिए रख दें. उपर से पिस्ता डाल कर चम्मच से चिपका दें. ठंडा होकर जम जाने पर इसे अपनी पसंद के टुकडों में काट लें.

    इसे आप तुरंत भी खा सकते हैं और एअर टाईट कंटेनर में भर कर भी रख सकते है. इस हल्वे की सेल्फ़ लाईफ़ काफ़ी अच्ची होती है. इसे फ्रिज़ में ना रखकर बाहर ही रखे.

    ध्यान दें:

    हल्वा अच्छे से पकाएं. कम पका हल्वा स्वाद में ज़्यादा अच्छा नहीं लगता और ना ही रबर जैसा टच देता है.

    अगर हल्वा कम पका लगे तो कढाई में 1 चम्मच घी डालकर इसे फिर से लगातार चलाते हुए पिघला लें और पकाएं. जब लगे कि ये पूरी तरह तैयार है इसे फिर से ट्रे में निकालकर जमा लें.

    हल्वे को ज़्यादा तेज़ आँच पर मत पकाएं. इससे हल्वा ज़्यादा सख्त हो सकता है.

    03 - बेसन का हलवा

    बेसन - 1 कप

    दूध - 1 कप

    चीनी - 1 कप

    घी - 1/3 कप (लगभग 70 ग्राम)

    छोटी इलाइची - 4

    पिस्ते - 1 टेबल स्पून

    बेसन को दूध में डाल कर घोल लें. इसे अच्छे से चिकना कर लें और फिर 5 मिनट के लिए ढक कर रख दें.

    पिस्ते को बारीक और पतला-पतला काट लें. इलायची को छील कर इसे पीस लें और पाउडर बना लें.

    एक पैन लेकर उसमें घी गरम करें. पैन अगर नानस्टिक का हो तो ज़्यादा अच्छा रहेगा. सारा घी इस पैन में डाल दें बस एक छोटी चम्मच बचा कर रख लें. जब घी पिघल जाए तो इसमें दूध में घुला हुआ बेसन डाल दें. इसे 2 मिनट तक नीचे से हल्का ब्राउन होने तक सेक लें.

    हल्का सिकने पर बेसन को पलट दें. इसे चिल्ले की तरह रखने की ज़रूरत नहीं है. दूसरी सतह को भी हल्की सिकने दें. अब एक कलछी की मदद से इसे मैश करें और धीमी और मीडियम आँच पर लगातार चलाते हुए भूनें. जब बेसन ब्राउन दिखने लगे और इससे अच्छी महक आने लगे तो आपका बेसन भुन कर तैयार है. इसमें लगभग 12-15 मिनट का समय लगेगा.

    बेसन भुन गया है. इसमें एक कप पानी और चीनी डाल कर मिला लें. इसे कलछी से चलाते हुए तब तक पकाएं जब तक ये गाढा होकर बर्तन का तला ना छोड़ दे.

    बेसन का हलवा तैयार है. इसे प्याली में निकाल कर उपर से बचाया हुआ घी डाल दें. पिस्ता डाल कर सजाएं और परोसें. गरम-गरम बेसन के स्वादिष्ट हलवे को मज़े से खाएं.

    ध्यान दें:

    इलायची इस हलवे में डालने के लिए काफ़ी है पर आप अपनी पसंद से कोई भी ड्राई फ्रूट इसमें डाल सकती हैं.

    04 - पेठे का हल्वा

    पेठा - 1 किग्रा

    चीनी - 250 ग्राम (1 1/4 कप)

    घी - 50 ग्राम (1/4 कप)

    मावा - 250 ग्राम (एक कप)

    काजू - 2 टेबल स्पून (एक काजू के 5-6 टुकडे़ कर लें)

    नारियल - कद्दूकस किया हुआ (2 टेबल स्पून)

    पिस्ते - 1 टेबल स्पून(बारीक काट लें)

    बादाम - 1 टेबल स्पून (बारीक काट लें)

    छोटी इलाइची - 6-8 (छील कर कूट लें)

    पेठे को मोटा-मोटा छील कर इसका छिलका उतार दें. इसमें से सारे बीज और स्पंजी गूदा निकाल कर सख्त गूदे को बडे-बडे टुकडों में काट कर कद्दूकस कर लें.

    एक बर्तन में कद्दूकस किए पेठे के डूबने लायक पानी भर लें. इसमें कद्दूकस किया कद्दू डालें और इसे अच्छे से 2 बार डुबा कर धो लें. अब इसे अच्छे से निचोड़ लें.

    एक कढाई में घी गरम करें और उसमें निचोडा हुआ पेठा डाल कर भून लें. जब पेठे का रंग बदलने लगे तो इसमें चीनी डाल कर मिला लें. अब इसे धीमी आंच पर बीच-बीच में चलाते हुए पकाएं.

    एक अलग कढाई में मावा डाल कर इसे हल्का गुलाबी होने तक भून लें.

    पेठे और चीनी में बिलकुल पानी ना रहने पर इसमें भुना हुआ मावा डाल कर मिला लें. इसे 3-4 मिनट चलाते हुए भूनें. अब थोडे से कटे हुए सूखे मेवे बचा कर बाकी सारे मेवे हल्वे में डाल दें. गैस बंद कर दें और हल्वे में इलायची पाउडर डाल कर मिला लें.

    पेठे का स्वादिष्ट हल्वा तैयार है. इसे किसी बाउल में निकाल लें और बचाए हुए मेवे डाल कर सजाएं. ताज़ा-ताज़ा और गरम-गरम हल्वे को मज़े से खाएं. बचे हुए हल्वे को आप फ्रिज़ में रखकर 7 दिन तक आराम से खा सकते हैं.

    आप पेठे के हल्वे को जमने लायक कंसिसटेन्सी तक पका कर किसी थाली को चकनी करके इसे थाली में डाल कर जमा लें और फिर टुकडों में काट कर पेठे की बर्फ़ी भी तैयार कर सकते हैं.

    05 - ब्रेड का हलवा

    ब्रैड स्लाइस - 10

    दूध - 600 ग्राम (3 कप)

    घी - आधा कप

    चीनी -100 - 150 ग्राम ( 1/2 - 3/4 कप)

    काजू - 12 -14 (छोटे छोटे काट लें)

    बादाम 8-10 (छोटे छोटे काट लें)

    इलाइची - 6-7 (छील कर कूट लें)

    ब्रैड का हलवा बनाने के लिए आप आटे या मैदे, किसी भी तरह की ब्रैड ले सकते हैं. इन दोनों के अलावा आप मल्टीग्रेन ब्रैड भी ले सकते हैं. अलग तरह के ब्रैड से हलवे का टेस्ट भी अलग आएगा.

    एक कढाई में 2 चम्मच तेल डाल कर गरम करें. ब्रैड को छोटे-छोटे टुकडों में तोड़ लें. इन टुकडों को गरम घी में डाल लें. आंच को मीडियम और धीमा रखें. ब्रैड को टुकडों को हमें सुनहरी होने तक भूनना है.

    जब ब्रैड के टुकडे सुनहरी हो जाएं तो इनमें दूध और चीनी डाल लें. सारी चीज़ों को अच्छे से मिलाएं और चलाते हुए पकाएं. साथ ही चम्मच की मदद से ब्रैड के टुकडों को दबाते हुए तोड़ दें. अब इसमें 2 चम्मच घी और डाल लें औए हलवे को अच्छे से चिकना होने तक पका लें. थोडे से काजू अलग बचा लें और बाकी सारे काजू बादाम हलवे में डाल कर मिला लें. इलायची पाउडर भी डालें और मिला लें.

    स्वादिष्ट ब्रैड का हलवा तैयार है. इसे किसी बाउल में निकाल लें. ब्रैड के गरमा-गरम हलवे को देशी घी और काजू डाल कर सजाएं और तुरंत परोस कर इसके ज़ायके का मज़ा लें.

    06 - मूंग दाल का हलवा

    मूंग की धुली दाल - 100 ग्राम (आधा कप )

    घी - 100 ग्राम (आधा कप)

    मावा - 50 -100 ग्राम ( 1/4 - 1/2 कप)

    चीनी - 150 ग्राम (3/4 कप)

    काजू - 20 (एक काजू के 4 टुकड़े कर लें)

    किशमिश - 20

    इलाइची - 4 (छील कर पीस लें)

    बादाम - 5 (लम्बाई में बारीक काट लें)

    मूंग की दाल को अच्छी तरह से धोकर 2-3 घंटे पानी में भिगो दें। दाल को पानी से निकाल कर बिना पानी डाले मिक्सी में अच्छे से पीस लें पर इसे ज्यादा बारीक ना करें। कढाई को गैस पर रखें और उसमें घी डालकर गर्म होने दें। अब इसमें दाल डाल दें और कलछी से चला-चला कर 20-25 मिनट तक मध्यम आँच पर अच्छी तरह भूनें (भुनी हुई दाल कढाई से नहीं चिपकती और घी भी अलग होता दिखता है)। दाल भुनने के बाद इसे किसी प्याले में अलग से निकाल कर रख लें।

    अब कढाई में मावा डालकर धीमी आँच पर भूनें और फिर इसे दाल में मिला दें। एक बर्तन में चीनी और चीनी की बराबर मात्रा में पानी उबाल आने तक गैस पर रखें और 1-2 मिनट पकाकर चाशनी तैयार कर लें।

    इस चाशनी को दाल में मिलाएं और साथ में काजू-किशमिश भी डाल दें। अब धीमी गैस पर हलवे को 5-7 मिनट तक भूनें और फिर गैस बंद कर दें। अब इसमें पिसी हुई इलाइची मिला लें। आप का मूंग दाल का हलवा तैयार है।

    हलवे को किसी प्याले में निकालें और ऊपर से बारीक कतरे हुए बादाम डालकर गरमा-गरम सर्व करें और खाएं. ठंडा हो जाने पर इसे फ्रीज़ में रख दें और अगले 7 दिनों तक इस हलवे का मजा ले सकते हैं।

    समय - 1 घंटा

    4 लोगों के लिये

    07 - सूजी का हलवा

    सूजी - 70 ग्राम (आधा कप)

    देसी घी - 60-70 ग्राम (1/3 कप)

    चीनी - 100 ग्राम (आधा कप से थोड़ी सी अधिक)

    काजू - 10-15

    किशमिश - 10-15

    छोटी इलाइची - 5

    बादाम - 3-4 (यदि आप चाहें )

    कसा नारियल - 2 चम्मच (यदि आप चाहें)

    पानी - 400 ग्राम (2 कप)

    एक कढ़ाई में घी गर्म करिये और उसमें सूजी डाल कर कलछी से चलाते हुए भूनिये। 5 मिनट बाद आप देखेंगे कि सूजी गुलाबी होने लगी है। सूजी को लगातार चलाते रहिये जब तक कि वह ब्राउन न हो जाए। जब वह ब्राउन हो जाए तो समझिये की वह भुन चुकी है।

    सूजी भुनने के बाद कढा़ई में पानी और चीनी डालिये और धीमी आँच पर हलवे को पकने दीजिये।

    जब यह पक जाए तो इसमें काजू और किशमिश (हर काजू के 5-6 टुकड़े कर और किशमिश के डंठल तोड़ कर दोनो को धो लें) डाल कर मिला दीजिये और थोड़ी-थोड़ी देर में चलाते रहिये। कुछ देर बाद इसे गैस पर से उतार लीजिये और इसमें इलाइची पीस कर मिला दीजिये।

    अब इसे प्याले में निकालिये और बारीक कतरे हुए बादाम और नारियल से सजाइये। सूजी का हलवा तैयार है, गरमा गरम परोसिये और खाइये।

    08 - चमचम

    "दूध - 1 लीटर ( 5 कप )

    नीबू का रस - 2 -3 टेबल स्पून लगभग 2 नींबू

    चीनी - 2 कप (450 ग्राम)

    अरारोट - 1 टेबल स्पून

    स्टफिंग के लिये:

    मावा 1/4 कप - 60 ग्राम

    चीनी पाउडर - 2-3 टेबल स्पून (30 ग्राम)

    इलाइची - 3 - 4 छील कर पिसी हुई

    पिस्ते - 7-8 (पतले बारीक कटे)

    केवड़ा एसेन्स - 2-3 बूंद

    पीला कलर - 1 पिंच से कम

    "छैना बनाएं:

    एक बर्तन में दूध उबाल कर इसे हल्का (20% तक) ठंडा कर लें. अब जितना नींबू का रस है उसमें उतना ही पानी डाल लें. (जैसे 1 चम्मच रस में 1 चम्मच पानी डालें). अब नींबू पानी के इस घोल को थोडा़-थोडा़ करके गर्म दूध में डालें. ऎसा करने से दूध फ़टने लगेगा और जैसे ही दूध फ़ट जाए नींबू का रस डालना बंद कर दें.

    अब किसी पतले मलमल के कपडे़ को एक छलनी में रखकर किसी बर्तन पर रख लें. इसमें से तैयार छैने को छान लें. सारा छैना कपडे़ में आ जाएगा. और बाकी पानी नीचे निकल जाएगा. छैना के उपर ठंडा पानी डालकर इसे वाश कर लें. ऎसा करने से ये ठंडा भी हो जाएगा और इसमें से नींबू की खटास भी निकल जाएगी.

    अब कपडे़ को सारे कोनों से पकड़ कर एक पोटली की तरह बना लें और हाथों से दबा कर छैना का सारा पानी निकाल दें. छैना को किसी बर्तन में निकाल लें और हाथों से 4-5 मिनट मसलकर चिकना करने के बाद अरारोट मिला कर अच्छे से मिक्स कर लें. आधे छैना में पीला रंग मिला लें.

    चमचम को उबालें:

    एक कूकर में 2 कप चीनी और 4 कप पानी डालकर उबालने के लिए रख दें. अब सफ़ेद और पीले दोनो छैना में से 4-4 पीस चमचम के आकार के बना लें. इन्हें लड्डू की तरह हाथों से दबाकर ओवल आकार के बनाएं. अब उबाल आए पानी में एक-एक करके इन तैयार चमचम को डाल कर कूकर बंद करके 1 सीटी आने तक पकाएं. और इसके बाद आंच को इतना कम कर दें कि सीटी ना आये और 6-7 मिनट तक चमचम को ऎसे ही उबलने दें.

    निश्चित समय के बाद गैस बंद कर दें और कूकर को नल के नीचे रखकर पानी चलाकर सारी भाप निकाल दें. अब इसे खोलकर चमचम को चाशनी समेत किसी दूसरे बर्तन में निकाल लें. और ठंडा होने के लिए रख दें.

    स्टफिंग बनाएं और चमचम में भरें:

    मावा को अच्छे से मैश करके उसमें इलायची पाउडर और चीनी पाउडर डाल कर मिक्स कर लें. चमचम में भरने के लिए स्टफिंग तैयार है.

    अब ठंडे हुए चमचम (3-4 घंटे बाद) को चाशनी से निकाल लें. चमचम की लंबाई के अनुसार उसमें पूरा कट लगाएं. ध्यान रखें कि हमें इसके दो टुकडें नहीं करने हैं बल्कि केवल एक तरफ़ कट लगान है. दूसरी तरफ से चमचम जुडे़ रहने चाहिएं. अब एक हाथ मे चमचम लेकर दूसरे हाथ से उसमें थोडी़-थोडी़ स्टफिंग भरें और उपर से कटे हुए पिसता लगा कर सजाएं.

    स्वादिष्ट चमचम तैयार हैं. चाहें तो अभी खा लें या फ्रिज़ में रखकर ठंडा-ठंडा सर्व करें.

    ध्यान दें:

    स्टफिंग के लिए मावा को हल्का भून लें. चाहे तो 1 मिनट के लिए माईक्रोवेव में रख दें. इससे मावा का टेस्ट और सेल्फ लाईफ दोनो बढ़ जाएंगे.

    आप अपनी पसंद के अनुसार अंजीर का पेस्ट, मलाई, काजू, बादाम जैसे ड्राई फ़्रूट डालकर भी स्टफिंग तैयार कर सकते हैं.

    फ्रिज़ में रखकर आप इन चमचम को 7 दिन तक खा सकते हैं."

    09 - स्पंज रसगुल्ले (बंगाली रसगुल्ले)

    फ़ुल क्रीम दूध - 1 लीटर (5 कप)

    चीनी - 300 ग्राम (1. 5 कप)

    नीबू - 2 का रस

    साफ़ बर्तन में दूध डाल कर उबाल लें. जब दूध में उबाल आ जाए तो इसे गैस से उतार लें. दूध को 80 % तक गरम रखते हुए हल्का ठंडा कर लें. अब नींबू के रस में उसी की मात्रा के बराबर का पानी मिला लें. अब चम्मच से नींबू का रस धीरे-धीरे दूध में डालें और मिलाते रहें, जब तक दूध अच्छे से ना फ़ट जाए. जब दूध फ़ट जाए तो नींबू का रस डालना बंद कर दें.

    अब एक सूती के कपडे़ को किसी छलनी पर रख लें और छलनी की नीचे कोई बर्तन रख लें. फटे हुए दूध कोप इस कपडे़ पर डाल कर छान लें. दूध से सारा पानी निकल कर नीचे रखे बर्तन में आ जाएगा और छैना कपडे़ में रह जाएगा. छैना पर 2-3 चम्मच ठंडा पानी डाल कर उसे धो लें. इससे छैना से नींबू की खटास भी निकल जाएगी और छैना ठंडा भी हो जाएगा. कपडे़ के सारे कोनों को पकड़कर इसे पोटली की तरह बनाते हुए दबा-दबा कर छैना से सारा पानी निकाल लें. नरम-नरम छैना बन कर तैयार है.

    छैना को एक प्लेट में निकाल लें और उंगलियों से 5-6 मिनट तक मसलते हुए नरम और चिकना बना लें. अब इस छैना को 10-12 भागों में बांटकर हर एक भाग को हाथ से दबाते हुए पहले बाइंड करें और फिर गोल आकार देकर चिकना कर लें. सारे गोले ऎसे ही तैयार करके एक प्लेट में रख लें.

    रसगुल्ले को पकाने के लिए ज़्यादा तापमान की ज़रूरत होती है. इसलिए इन्हें किसी भगोने की बजाए कूकर में उबाल कर बनाएं. कूकर में चीनी और 4 कप पानी डाल कर उबाल लें. उबाल आने पर इसमें छैना से तैयार किए गोले 1-1- करके डाल लें. कूकर का ढक्कन बंद करके एक सीटी आने दें और फिर आंच को मीदियम करके 7-8 मिनट इन्हें ऎसे ही पकने दें. अब गैस बंद कर दें.

    कुकर को ठंडे पानी में रखकर या खुले नल के नीचे रखकर ठंडा करें ताकि इसकी भाप खत्म हो जाए और ढक्कन आसानी से खुल जाए. कुकर का ढक्कन सावधानी से खोलें और रसगुल्ले और चाशनी को निकाल कर किसी प्याले में डाल लें. इन्हें 5-6 घंटे के लिए ठंडा करें. रसगुल्ले मीठे और स्वादिष्ट हो जाएंगे.

    ठंडे होने पर इन्हें परोसें और स्पंजी रसगुल्लों को मज़े से खाएं. इन्हें फ्रिज़ में रखकर 7 दिन तक आराम से खाया जा सकता है.

    ध्यान दें:

    छैना बनाने के लिए दूध को ठंडा ज़रूर कर लें. चाहें तो आधा कप पानी मिलाकर भी

    10 - मावा जलेबी

    मावा - 1 कप या 200 ग्राम (क्रम्बल किया हुआ)

    मैदा - 1/4 कप - 1/3 (30 ग्राम - 50 ग्राम)

    चीनी - 1 या1/2 कप (300 ग्राम)

    केसर - 20- 25 पंखुडि़यां

    घी - जलेबी तलने के लिये

    जलेबी के घोल के लिए मैदा में थोडा़-थोडा़ पानी डालकर उसे तब तक घोलते रहें जब तक मैदा की सारी गांठें खत्म ना हो जाएं. ज़रूरत के अनुसार थोडा़ और पानी डालकर जलेबी की कनसिसटेन्सी का घोल तैयार कर लें और 4-5 मिनट तक अच्छे से फैंट कर लगभग 1 घंटे के लिए किसी गर्म जगह पर ढंक कर रख दें.

    अब चूरा किए मावा को 2-3 टेबल स्पून दूध डालकर, हाथों से अच्छी तरह से मसल कर नरम कर लें और फिर इसे भी 1 घंटे के लिए ढंक कर रख दें.

    निश्चित समय के बाद मावा और मैदा दोनों को मिला कर तब तक फैंटें जब तक वो एकसार ना हो जाएं .अब आपकी जलेबी के लिए मिश्रण तैयार है.

    चाशनी बनाएं:

    केसर को 1 चम्मच पानी में भिगो दें ताकि वो अपना रंग छोड़ दे. अब किसी बर्तन में चीनी डालकर 1 कप और 2 टेबल स्पून पानी मिलाएं और चीनी घुलने के बाद 2-3 मिनट के लिए पकाएं. चाशनी सही बनी है या नहीं ये देखने के लिए उसका एक ड्रोप किसी बर्तन में गिराकर, अंगूठे और उंगली के बीच चिपका कर देखें. अगर वो शहद की तरह चिपकती है तो आपकी चाशनी तैयार है. केसर पानी डाल कर गैस बंद कर दें.

    जलेबी बनाएं:

    किसी मोटे तले की चौडी़ कढा़ई में तेल गर्म करें. अब एक पोलिथिन के कोने में थोडा़ सा मिश्रण डाल कर उसके कोने को थोडा़ सा काट दें ओर अब इस कोन को किसी गिलास के उपर खोल कर रखें. फिर चम्मच की मदद से कोन में और घोल डाल लें. अब कोन को उपर से पकड़ कर लो मीडियम घी में गोल-गोल जलेबी बनाएं और गोल्डन ब्राउन होने तक धीमी आंच पर पकाएं. एक बार मे जितनी जलेबी कढा़ई में आ सकें उतनी डाल कर बना लें. सारी जलेबी तलने के बाद उन्हें 2-3 मिनट के लिए चाशनी में डूबो दें और फिर निकाल कर गर्मा-गर्म परोसें.

    ध्यान दें:

    अगर हो सके तो बट्टी मावा की जगह नरम मावा लें क्योंकि वो मसल कर जल्दी चिकना हो जाएगा.

    कोन बनाने के लिए सास की बोटल या प्लास्टिक बैग का भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

    तलने के समय अगर जलेबी फट कर फैल रही है तो तैयार मिश्रण में थोडा़ सा मैदा का घोल बना कर मिला दें

    11 - जच्चा के लिए पंजीरी

    गेहूं का आटा - 1 कप (125 ग्राम)

    सूखा नारियल - आधा कप कद्दूकस किया हुआ

    गुड़ की खांड - 3/4 कप (150 ग्राम)

    देशी घी - 3/4 कप ( 150 ग्राम)

    खाने वाला गोंद - 2 टेबल स्पून

    काजू - 2 टेबल स्पून

    बादाम - 2 टेबल स्पून

    खरबूजे के बीज - 2 टेबल स्पून

    छोटी इलाइची - 5 (छील कर पाउडर बना लें)

    जीरा पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    अजवायन पाउडर - 1 छोटी चम्मच

    सोंठ पाउडर (जिंजर पाउडर) - 1 छोटी चम्मच

    अखरोट - 4-5

    पिस्ते - 1 टेबल स्पून

    कमरकस (Bengal Kino or Butea Frondosa)- 1 टेबल स्पून

    आधा घी कढाई में डालकर गरम करें. इसमें 1 चम्मच गोंद को बारीक और छोटे टुकडों में तोड़कर डालें इसे हल्की आँच पर फूल कर ब्राउन हो जाने पर तल कर अलग प्लेट में निकाल लें.

    अब बादाम को गरम घी में डाल कर 1-2 मिनत तक तल लें. जब ये हल्के ब्राउन हो जाएं तो इन्हें गोंद वाली प्लेट में ही निकाल लें. अब काजू, पिस्ता और अखरोट को भी बारी-बारी 1-1 मिनट के लिए तल कर निकाल लें.

    अब खरबूजे के बीजों को कढा़ई में डालकर किसी थाली से ढक कर लगातार कलछी से चलाते हुए भूनें. जब बीज फूल कर हल्के ब्राउन होने लगें तो इन्हें निकाल कर किसी अलग प्लेट में रख लें.

    कमरकस को गरम घी में डालें. ये तुरंत फूल कर सिक जाता है. इसलिए इसे तुरंत 1 मिनट में ही निकाल लें और एक अलग प्लेट में रख लें.

    अब गैस को बिल्कुल धीमी कर दें और बचे हुए घी में अजवायन पाउडर, सौंठ पाउडर और जीरा पाउडर डाल कर हल्का सा भून लें. ग्रेटेड नारियल को इसमें मिला कर 1 मिनट तक चलाते हुए भून लें. फिर इसे खरबूजे के बीज वाले बर्तन में निकाल लें.

    बचे हुए तेल को कढा़ई में डालकर पिघला लें. इसमें आटा डाल कर चलाते हुए हल्का ब्राउन होने तक और सौंधी महक आने तक मीडियम और धीमी आंच पर भून लें.

    खरबूजे की बीज और मसाले, ग्रेटेड नारियल को छोड़ कर सारे तले ड्राई फ्रूट्स और कमरकस को मिक्सी में बारीक पीस लें. इन्हें पीस कर किसी बडे़ प्याले में निकाल लें. अब खांड, खरबूजे की बीज, मसाले और ग्रेटेड नारियल इसमें डाल कर मिला लें. भुने आटे को डाल कर इन सबको अच्छे से मिला लें.

    न्यू मदर के लिए ताकत से भरी खास पंजीरी तैयार है. इसके 2-3 चम्मच उसे एक बार में खाने को दें. अगर उसे ये खाने में अच्छी नहीं लग रही तो इसका हल्वा बन कर उसे दें.

    पंजीरी का हल्वा बनाएं:

    2 चम्मच चीनी और आधा कप दूध को पैन में डालकर मिलाते हुए गाढा़ होने तक पकाएं. ज़रूरत लगे तो चीनी और थोडा़ देशी घी भी मिला लें. हल्वा तैयार है. इसे जच्चा को खाने को दें.

    ध्यान दें:

    अगर गुड़ की खांड ना मिले तो ब्राउन खांड या चीनी पाउडर भी डाल सकते हैं. अगर कोई ड्राई फ्रूट पसंद ना हो तो उसे ना डालें.

    12 - मीठे शकरपारे

    मैदा - 200 ग्राम (2 कप)

    घी - 50 ग्राम (1/4 कप) मैदा में डालने के लिये

    चीनी = 200 ग्राम ( एक कप)

    घी - तलने के लिये

    मैदे को एक बर्तन में छान लें. मैदे में घी डालें और हाथो की मदद से दोनों को अच्छे से मिला लें. अब पानी से आटे को पूरी के आटे से भी सख्त गूंथ लें. तैयार आटे को 20 मिनट के लिए ढक कर रख दें ताकि ये थोडा़ सैट हो जाए.

    जब आटा सैट हो जाए तो इसे 2 भागों में बांट लें. दोनों से गोल लोईयां बना लें. एक लोई को लेकर चकले पर 1/4 सेंमी. मोटा और 10-11 इंच के व्यास में बेल लें. अब चाकू की मदद से इस पूरी में आधा सेंमी. की दूरी पर कट लगाते जाएं. अब दूसरी दिशा में भी इसी तरह कट लगा लें. दोनों तरफ़ काटने पर चौकोर शकरपारे तैयार हो जाएंगे. अब दूसरी लोई को भी इसी तरह बेल कर, काट कर चौकोर शकरपारे तैयार कर लें.

    एक कढा़ई में घी गरम करें. इसमें जितने शकरपारे आसानी से डाल कर तले जा सकें डाल लें. इन्हें सारी तरफ़ से ब्राउन होने तक पलटते हुए तले और फिर तल कर एक प्लेट में निकाल लें. इन्हें धीमी और मीडियम आंच पर तलें. सारे शकरपारों को तल कर निकाल लें.

    चाशनी तैयार करें:

    पैन में चीनी और पानी डाल कर गैस पर रख दें. इन्हें मिलाते हुए उबाल लें. चीनी को अच्छे से पकाएं और जब ये पक जाए तो चाशनी को चैक करें. इसके लिए चाशनी की क बूंद को किसी प्याले में डाल कर ठंडा करें और फिर इसे अंगुठे और उंगली के बीच चिपक कर देखें. अगर चाशनी से दो तार बन रहीं हैं तो ये पक कर तैयार है. गैस को बंद कर दें.

    तले हुए शकरपारों को चाशनी में डाल कर इनपर चीनी की कोटिंग होने तक अच्छे से मिला लें. फिर इन्हें अच्छे से ठंडा होने के लिए रख दें. ठंदे होने के बाद तैयार शकरपारों को एअर टाइट डिब्बे में भर लें और 2 महीने तक आराम से खाएं.

    13 - पेठा मिठाई

    पेठा फल - 1 कि.ग्राम

    चीनी - 700 ग्राम (3 1/2 कप)

    केवड़ा एसेन्स - 4-5 बूंदे (यदि आप चाहें)

    पेठे के फ़ल को छील लें. इसमें से सारे बीज और स्पंजी गूदे को निकाल कर हटा दें. सख्त गूदे को 1 से 2 इंच के चौकर या आयताकार टुकडों में काट लें.

    अब पेठे के टुकडों को किचन फोर्क से गोद लें.

    एक बर्तन में पानी डाल कर उसमें 2 मटर के दाने के बराबर फिटकरी डाल लें. ध्यान रहे कि पानी इतना हो जिसमें पेठे के सारे टुकडे़ आसानी से डूब जाएं. पेठे के टुकडों को पानी में डाल कर 2 घंटों के लिए रख दें.

    2 घंटे बाद पेठे के टुकडों को पानी से निकाल कर एक बार अच्छे से साफ़ पानी से धो लें.

    अब इतना पानी लें जिसमें पेठे के टुकडे़ डूब जाएं. इसे उबलने के लिए रख दें. जब पानी में उबाल आ जाए तो इसमें पेठे के टुकडों को डाल कर इन्हें ढक कर 4-5 मिनट के लिए उबाल लें. जैसे ही इन टुकडों का रंग हल्का बदल जाए तो गैस बंद करके इन्हें छलनी से छान लें और फ़ालतू पानी को अलग कर दें. ध्यान रहे कि हमें पेठे के टुकडों को ज़्यादा नरम नहीं करना है.

    बारी है इनमें चीनी मिलाने की. एक बडा़ बर्तन लें जिसमें इन टुकडों में चीनी डाल कर मिलाई जा सके. अब इस बर्तन में सारे पेठे के टुकडे़ डाल लें. इनमें चीनी डालें और मिला कर आधे घंटे के लिए ऎसे ही ढक कर रख दें. चानी मिलाने के बाद पेठे के टुकडे़ पानी छोड़ देते हैं और चीनी से मिलकर वो पानी चाशनी बन जाता है. इस तरह हमें अलग से चाशनी बनाने या इसके लिए पानी डालने की ज़रूरत नहीं पड़ती.

    पेठे वाले बर्तन को गैस पर रख कर इसे धीमी आंच पर पकाएं. जैसे ही चीनी अच्छे से पिघल जाए तो गैस को मध्यम करके इसे पका लें.

    सूखा पेठा बनाने के लिए इसे तब तक पकाएं जब तक इसकी चाशनी जमने लायक कंसिसटेन्सी तक ना आ जाए. इसे बीच-बीच में चलाते हुए पकाएं ताकि चाशनी या पेठा जले नहीं. जब ये एकदम जमने लायक हो जाए तो गैस को बंद कर दें. पेठे को चाशनी सहित ऎसे ही 6-7 घंटे या पूरी रात के लिए रहने दें. इतने समय में चाशनी पेठे के टुकडों के अंदर तक चली जाएगी.

    चाशनी के बर्तन से निकाल कर पेठे को किसी जाली पर रख लें. अगर आपको एकदम सूखा पेठा पसंद है तो इसे जाली पर ही खुली हवा में या पंखे के नीचे 3-4 घंटे या ज़्यादा समय तक सुखा लें. अगर आपको केवडा़ एसेंस पसंद है तो आप इसे भी पेठे पर छिड़क सकते हैं.

    स्वादिष्ट पेठे की मिठाई तैयार है. इसे सबको खिलाएं और खुद भी खाएं. बचे हुए पेठे को कंटेनर में भर कर 1 महीने तक आराम से खाते रहें.

    पेठा:

    पेठे का फ़ल सफ़ेद रंग का और कद्दू से थोडा़ छोटा होता है. इसके कच्चे फ़ल से सब्ज़ी और पके हुए फ़ल से हल्वा व मिठाई बनती है. इसकी मिठाई बहुत ज़्यादा प्रसिद्ध होने की वजह से ही इसे भी पेठा कहा जाने लगा.

    14 - गुलाब जामुन

    मावा (खोया) - 250 ग्राम (1.1/4 कप)

    पनीर - 100 ग्राम (1/2 कप)

    मैदा - 20-30 ग्राम (2-3 टेबल स्पून)

    काजू - 1 टेबल स्पून (एक काजू को 8 टुकड़ों में काट लीजिये)

    किशमिश - 1 टेबल स्पून

    चीनी - 600 ग्राम (3 कप)

    घी - गुलाब जामुन तलने के लिये

    चाशनी बनाने का तरीका-

    एक बर्तन में चीनी और चीनी की मात्रा से आधा पानी मिलाकर गैस पर पकने रख दीजिये। जब चाशनी में उबाल आ जाए और सारी चीनी पानी में अच्छे से घुल जाए, उसके बाद 1-2 मिनट तक और पकायें। फिर चाशनी के घोल में से 1-2 बूंदे लेकर प्लेट में टपकाएं और अंगूठे व उंगली के बीच चिपका कर देखें। यदि चाशनी उंगली व अंगूठे के बीच चिपक रही हो तो समझिये की वह बन गई है और यदि ना चिपके तो उसे थोड़ा और पका लीजिये। जब यह चिपकने लगे तो ठंडा करके छान लीजिये।

    गुलाब जामुन बनाने का तरीका-

    एक चौड़े और बड़े बर्तन में मावा, पनीर और मैदा डालकर नरम व चिकना आटा गूथ लें। गुलाब जामुन बनाने के लिये मावा तैयार है। अब इसमें से थोड़ा सा मावा ( करीब एक छोटी चम्मच ) उंगलियों की सहायता से निकालिये और उसे हथेली पर रखकर चपटा कर लीजिये। 3-4 काजू के टुकड़े और एक किशमिश उसके ऊपर रख कर मावे को चारों ओर से उठा कर बंद कर दीजिये और दोनों हथेलियों के बीच रख कर गोल करके प्लेट में रख लीजिये। सारे गोले इसी तरह तैयार कर लीजिये।

    कढ़ाई में घी गर्म कीजिये और उसमें 3-4 गोले डाल कर तल लीजिये (गैस धीमी ही रखें और गुलाब जामुन को तलते समय उस पर बार-बार कलछी न लगायें बल्कि उस पर कलछी से गरम गरम घी डालें)। गुलाब जामुन को चारों तरफ से ब्राउन होने तक तलिये और फिर निकाल कर प्लेट में रख लीजिये। ठंडा होने के बाद सभी गुलाब जामुनों को 1-2 घंटे के लिये चाशनी में डाल कर छोड़ दीजिये ताकि गुलाब जामुन सारी चाशनी अच्छे से सोखकर मीठे और स्वादिष्ट हो जाएं।

    गुलाब जामुन तैयार हैं। अब इन्हें गरम गरमा या ठंडा करके परोसिये और खाइये।

    नोट:

    यदि गुलाब जामुन घी में फट रहे हों या फिर ज्यादा नरम बन रहे हों तो थोडा सा मैदा, मावे के आटे में मिलाकर अच्छी तरह मल लें।

    यदि गुलाब जामुन ज्यादा सख्त बन रहे हों तो मावा के आटे में थोड़ा सा ( 1-1 1/2 टेबल स्पून ) दूध मिलाकर अच्छी तरह मल लें।

    अधिक गरम चाशनी में गुलाब जामुन ना डालें।

    15 - मोदक

    छोटा चावल - 300 ग्राम ( 1.1/2 कप )

    चीनी - 100 ग्राम ( आधा कप, बारीक पीस लें )

    दही या दूध - 1 टेबल स्पून

    घी - 2 टेबल स्पून

    तिल - 2 टेबल स्पून

    तलने के लिये - घी

    चावलों को साफ कीजिये और धोकर भिगो दीजिये (इन्हें 3 दिन तक भिगा कर रखना है और हर 24 घंटे बाद पानी बदलना है)।

    अब चावलों को पानी से निकाल कर किसी साफ मोटे सूती कपड़े के पर फैला कर छाया में रख दीजिये। 1 - 1.1/2 घंटे में चावलों का पानी सूख जाता है (ध्यान रखें कि चावल पूरी तरह ना सूखें और थोड़े नम ही रहें)।

    चावल को मिक्सी में पीस कर एक बर्तन में छान लीजिये और इस चावल के आटे में चीनी पाउडर और घी डाल कर अच्छी तरह मिला लीजिये। अब इस मिश्रण में मथी हुई दही या दूध डाल कर सख्त सा आटा गूथ लीजिये और 10 - 12 घंटे के लिये ढक कर रख दीजिये ताकि वह सैट हो जाए।

    कढ़ाई में घी गर्म कीजिये (घी केवल उतना ही डालें जितने में अनरसे अच्छी तरह डूब जाएं)।

    गोल अनरसे बनाने के लिये आटे की छोटी छोटी लोइयाँ बनाइये और उन्हें तिल में लपेट कर कढ़ाई में डाल दीजिये (एक बार में आप 4-5 लोइयाँ कढ़ाई में आराम से तल सकते हैं)। अनरसों को कलछी से पलट-पलट कर ब्राउन होने तक तल लीजिये और जब ये अच्छे से तल जाएं तो इन्हें पेपर नैपकिन लगी प्लेट में निकाल लीजिये। गरमा गरम अनरसे तैयार हैं। सारे अनरसे इसी तरह बना लीजिये।

    चपटे अनरसे बनाने के लिये आटे की छोटी छोटी लोइयाँ बना कर तिल में लपेटिये और फिर हथेली से दबाकर चपटा कर लीजिये। कढ़ाई में घी गर्म कीजिये और 4-5 टिक्कियाँ एक साथ डाल कर तल लीजिये। कलछी से पलट-पलट कर हल्का ब्राउन होने तक तलिये और फिर पेपर नेपकिन लगी प्लेट में निकाल लीजिये। चपटे अनरसे तैयार हैं। सारे अनरसे इसी तरह से बना लीजिये।

    अब इन अनरसों को गरमा गरम खाइये और जो बच जाएं उन्हें ठंडा करके कंटेनर में भरकर रख दीजिये और 15 दिन तक जब दिल चाहे खाइये।

    सुझाव:

    ध्यान रखें कि अनरसे तलते समय ना तो गैस ज्यादा धीमी रहे (धीमी आग पर तलने से अनरसे सख्त हो जाते हैं) और ना ज्यादा तेज़ (तेज आग पर वे अंदर से कच्चे रह जाते हैं)। गैस को मीडियम ही रखें। मीडियम गैस पर तलने से ना तो ये कच्चे रहेंगे और ना ही सख्त होंगे बल्कि बेहद स्वादिष्ट बनेंगे।

    16 - बाजरे का मलीदा

    बाजरे की रोटी - 2

    गुड़ - 50 ग्राम

    घी - एक टेबल स्पून

    सबसे पहले बाजरे की रोटियाँ बना लीजिये और फिर उन्हें हाथ से मींड कर बारीक चूरा बना लीजिये। उसके बाद गुड़ को बारीक कूट कर रोटी के चूरे में मिला दीजिये और साथ ही इसमें घी डाल कर सबको अच्छी तरह मिला लीजिये।

    लड्डू का मिश्रण तैयार है। अब इस मिश्रण से थोड़ा-थोड़ा मिश्रण लेकर गोल-गोल लड्डू बना लीजिये।

    मलीदा तैयार है। अब इसे जितना दिल चाहे खाइये और सबको खिलाइये।