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मे और महाराज - ( एक सच )13

रात का वक्त, मौली खाना लेकर शायरा के कमरे मे पोहोची। शायरा अपने हाथो पैरो से कुछ अलग मुद्राएं बना रही थी। मौली ने खाने की थाली मेजर पर रखी, और राजकुमारी की तरफ भागी।

" नहीं राजकुमारी जी ये क्या कर रही है आप। में इस तरह आपको तड़पते हुए नही देख सकती।छोड़िए अपने आप को।" उसने शायरा के हाथो उसका पैर छुड़वाते हुए कहा।

" आर.......। आ। पागल में योगा कर रही हु। अपने शरीर को अच्छा दिखाने मे ये मदद करता है। यहां न टीवी है, ना इंटरनेट रात को करु क्या में यहां। मौली लड़कियों को हमेशा अपने शरीर की चिंता करनी चाहिए। हमेशा याद रखना सब से ज्यादा महत्व शरीर और पैसों का होता है। लोग तभी तुम्हे पूछेंगे जब तुम्हारे पास खूबसूरती होगी या अमीरी। समझी।"
" हा सैम पर अब तुम खाना खा लो।" मौली ने कहा।

" मौली मैने तुम्हे जो काम दिया उसका क्या हुवा ? वो बिस्तर ! मिला तुम्हे।" समायरा ने पूछा।

" सुबह इतना कुछ हो गया फिर भी आपको वो बिस्तर जरूरी है पर में नही।" मौली ने रोते हुए कहा।

" अय्यो। तुम रो क्यों रही हो? क्या हुवा सुबह बताव मुझे ?" समायरा।

मौली ने उसे सुबह हुवा वाक्या पूरा समझा दिया।

" क्या में चाय लेकर गई थी उस राजकुमार के पास।" समायरा सुनकर सुन्न पड़ गई। उसे इस मे से कोई चीज याद नही थी। उस ने घटना को कई बार दौहराया हर तरीके से जब से वो यहां आई थी। " समझ गई।" उसने एक मुस्कान के साथ चुटकी बजाई।

" क्या ? मुझे बताइए।" मौली।

" मैने कहा था ना में तुम्हारी राजकुमारी नहीं हू, पर तुम मानती ही नहीं। जाओ कागज और कलम लेकर आओ।" समायरा । मौली ने जल्द पास मे रखे कागज कलम लाकर उसे दिए। " क्या तुम लोग हिंदी पढ़ सकते हो ? " मौली की हा के साथ उसने खत लिखना शुरू किया।


प्यारी राजकुमारी जी,
में समायरा हू। जो फिलहाल आप के साथ आपका शरीर बाट रही हूं। मुझे खुद पता नही में यहां कैसे पोहोची, लेकिन मेरा इस दुनिया से जाने का रास्ता वो बिस्तर है। मुझे पता है, आप डरी हुई होंगी। में भी थी, जब मैंने अचानक यहां आंखे खोली थी।
मेरे मॉम डैड दूसरी तरफ मेरा इंतजार कर रहे है। अब तक तो मेरा कोई बॉयफ्रेंड भी नही है। प्लीज मुझे यहां संभाल लीजिए। ये बात किसी को पता नही है, आप मेरे और मौली के अलावा। आपसे अच्छे सहयोग की उम्मीद है।


इतना लिख उसने खत मौली के हाथ मे थमा दिया। " ये ले लो। इसे सुबह तुम्हारी राजकुमारी को देना समझी और फिक्र मत करो में तुम्हे उस राजकुमार से बचा लूंगी। ये वादा रहा मेरा।" समायरा ने मौली को निश्चिंत किया।


दूसरे दिन सुबह समायरा के अंदाजे मुताबिक राजकुमारी शायरा उठी। मौली ने जल्द ही समायरा ने लिखा खत उन्हे दे दिया। पूरा खत पढ़ने के बाद, " मौली इसे ऐसी जगह रखना की किसी को पता ना चले।"

" राजकुमारी, क्या आप कुछ समझी ?" मौली।

" बस इतना की अभी इस शरीर के हकदार हम अकेले नहीं है। लेकिन ये बात किसी और को पता ना चलने पाए। पहले ही वो लोग हमे पागल करार करने के लिए तैयार है। अगर ऐसी किसी बात का पता चला तो चुड़ैल के नाम पर हमे जिंदा जला दिया जायेगा। इसे संभाल कर रखो और हमे कागज कलम दो।" शायरा


प्यारी समायरा,
हम आपसे वादा करते है, आपका राज हम तक रहेगा। पर आपको भी हमसे एक वादा करना पड़ेगा, आप ऐसी कोई हरकत नहीं करेंगी जिस से हमे शर्मिंदा होना पड़े। हम इस महल की राजकुमारी है, जिस वजह से आप भी राजकुमारी के सारे नियमों से बंधी हुई है। हम आपकी घर वापसी की दुवा करेंगे। शुक्रिया।
राजकुमारी शायरा।


रात को जब समायरा ने ये खत पढ़ा, " ठीक है। मौली अगर अब में कुछ गलत करु तो मुझे बता देना समझी। और क्या हुवा बिस्तर का तुमने तो कल कुछ बताया ही नहीं ?"

" मुझे माफ कर दो। पूरा महल मैंने देख लिया वहा बिस्तर नही है। बस राजकुमार का कमरा देखना बचा है।" मौली " वहा किसी को जाने की इजाजत नहीं है।"

" अच्छा। पर में तो बीवी हू उसकी मुझे इजाजत की जरूरत नही है। क्या अभी वो कमरे मे होंगे ?" समायरा ने पूछा।

" नहीं राजकुमारी। राजकुमार को राज महल मे महाराज से मिलने आने का न्योता आया था, तो आज वो वही गए है।" मौली।

" अरे वा। यही तो मौका चाहिए था मुझे।" समायरा अपनी जगह से उठी " यही रुको तुम में आती हू कुछ समय मे।"
वो पहरेदारों से छिपती हुई, आखिर राजकुमार के कमरे मे पोहोची।

" वाउ। कितना बड़ा कमरा है। काफी अच्छा डेकोरेशन है। सिंपल एंड ट्रेंडी। इस जगह के दाम अच्छे मिलेंगे।" वो सब देखते हुए वहा से गुजर ही रही थी, के उसे वो दिखा, हा वो इसी कमरे मे था, वो बिस्तर। " Yes! Yes! Yes! मैने तुम्हे ढूंढ़ ही लिया मेरे प्यारे बिस्तर। मॉम डैड मैने आपको बोहोत मिस किया। लेकिन अब में घर वापस आ रही हु। हा में घर आ रही हु।" लेकिन घर जाने से पहले उसने कमरे मे से दो वाज ले लिए यहां हुई तकलीफों के मुआवजे के तौर पर। वो उस बिस्तर पर वाज के साथ आंखे बंद कर लेटी।

" वन टू थ्री" उसने आंखे खोली। " अभी भी यही हू। हा हिंदी मे कोशिश करती हु।"

" तीन, दो, एक।" उसने फिर आंखे खोली
" आ............... आ "