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आभा.…...( जीवन की अग्निपरीक्षा ) - 1


आभा ....( जीवन की अग्निपरीक्षा ) ( भाग - 1 )

एक लड़की हाथों में हिस्ट्री की किताब लिए , एक आर्ट सब्जेक्ट की क्लास की ओर बढ़ गई । लड़की ने अपना आधा चेहरा ढाका हुआ था , जो कि बाएं तरफ का था । उसी बाएं तरफ के चेहरे पर जो थोड़ी बहुत त्वचा दिख रही थी , जो कि कपड़े से कवर नहीं हो पाई थी , उसे उस लड़की ने अपने बालों से ढक लिया था । लड़की क्लास में पहुंची । हाथों में किताब होने के कारण , क्लास के बच्चे उसे अपनी क्लास का स्टूडेंट समझ रहे थे, क्योंकि उसकी हाईट भी छोटी थी, लगभग चार से साढ़े चार फुट के बीच और चेहरे ढाका होने के कारण , कोई भी पता नहीं लगा पा रहा था , उसके प्रोफेशन के बारे में । हाइट के अकॉर्डिंग , सभी उसे स्टूडेंट ही समझ रहे थे । अचानक से , स्कूल सत्र के बीच में आने वाले स्टूडेंट को, कोई भी सीट देने के लिए तैयार नहीं था । जबकि वह क्लास , ग्यारहवीं कक्षा की थी, जहां पर स्टूडेंट्स नॉर्मली ऐसा बिहेव नहीं करते हैं । लेकिन उस क्लास के बच्चे ऐसा कर रहे थें, क्योंकि उनके लिए वो लड़की अंजान थी , ऊपर से स्कूल यूनिफॉर्म में भी नहीं थी । उस लड़की ने दरवाज़े पर खड़े होकर ही सभी के हाव - भाव देखे । और सभी के बने हुए चेहरे को देखकर वह समझ गई , कि सभी के दिमाग में चल क्या रहा है । वह क्लास के अंदर आकर , ब्लैक बोर्ड की तरफ बढ़ने लगी और उस क्लास में उपस्थित स्टूडेंट्स अपनी सीट पर बैठे - बैठे ही , उस लड़की के बारे में कानाफूसी करने लगे । कइयों की आवाज़ , उस लड़की के कानों पर भी पड़ रही थी । लेकिन उसने , बच्चों को नासमझ समझते हुए, अभी कुछ भी कहना ठीक नहीं समझा । क्योंकि उस लड़की ने अभी अपना परिचय ही सभी स्टूडेंट्स को नहीं दिया था , तो बच्चे जानते कैसे उसके बारे में ।

उस लड़की ने ब्लैकबोर्ड के सामने रखी मेज पर , अपने हाथों में पकड़ी हिस्ट्री की किताब रखी । और मेज के सामने आकर , अपने हाथ बांधकर खड़ी हो गई । उसने सभी बच्चो की तरफ देखा , जो अभी भी उसे देखकर बातें बना रहे थे और सोच रहे थे , कि ये कैसी स्टूडेंट है , जिसने अपनी किताब सीधे टीचर की मेज़ पर रख दी । दूसरा सभी स्टूडेंट्स , उस लड़की का चेहरा देखने की भी कोशिश कर रहे थे , पर सभी असफल रहे , क्योंकि आधे चेहरे के सिवा उन्हें कुछ भी देखने नहीं मिल रहा था । लड़की पूरी तरह से , ब्लैक सूट और दुपट्टे से ढकी हुई थी । त्वचा के नाम पर , हाथों की हथेली और आधा चेहरा बस ही दिखाई दे रहा था । कई स्टूडेंट्स ने उसके पहनावे को लेकर अंदाजा लगाया , कि ये मुस्लिम सम्प्रदाय की है , तभी तो इसने पूरा अपने आपको ढका हुआ है । तभी , एक मुस्लिम सम्प्रदाय की लड़की ने अपने दोस्तों से धीमी आवाज़ में कहा, " लेकिन हमारे स्कूल में , ये सब तो एलाऊ है नहीं , क्योंकि ऐसे नियम, नमाज़ अदायगी करने के वक्त फॉलो करने पड़ते हैं हम लड़कियों को , बाकी समय में चेहरा ढकने का कोई रिवाज नहीं है हमारे सम्प्रदाय में " । तभी उसकी बगल वाली लड़की , जो उसकी बेस्ट फ्रेंड थी , उसने भी अपनी दोस्त की तरह दबी आवाज में कहा , " तो फिर ये है कौन और इसने अपने आपको पूरा क्यों ढका हुआ है , और तो और इसने पूरे ब्लैक कपड़े भी पहने हुए हैं । कहीं ये कोई आतंकवादी तो नहीं , क्योंकि आतंकवादी ही अक्सर ब्लैक कपड़ों में होते हैं , ऐसा मैंने टीवी में देखा और सुना है । "

अब वे सभी स्टूडेंट्स ऐसी ही बातें करने लगे , पर अब उनकी बातें कानाफूसी की जगह , शोर में तब्दील हो गई थी । जो मेज के सामने खड़ी लड़की के लिए बर्दास्त कर पाना असम्भव सी प्रतीत हो रहीं थी । उसने तेज़ आवाज़ में सभी से कहा, " शांत रहिए आप सभी " । उसकी तेज़ और कोयल सी मीठी आवाज सुनकर , सभी स्टूडेंट्स शांत हो गए । जब सभी शांत हुए , तो उस लड़की ने एक गहरी सांस ली और फिर सभी से मुखातिब होते हुए कहा ।

लड़की - देखिए... , आप सभी के मन में इस वक्त क्या चल रहा है , ये मैं अच्छे से समझ सकती हूं । लेकिन अगर आप सभी क्लास में शांति बनाएं रखेंगे , तो ही मैं आप सभी को अपना परिचय दूंगी ।

सभी स्टूडेंट्स एक साथ बोले - हम शांत रहेंगे ।

लड़की ने जब सुनिश्चित कर लिया , कि सभी स्टूडेंट्स अब उसकी बात मान रहे हैं , तो उसने अब अपना परिचय देना शुरू किया ।

लड़की - मैं आभा त्रिपाठी , आप सभी की न्यू हिस्ट्री टीचर ।

स्टूडेंट्स उसकी बात सुनकर जोर - जोर से हंसने लगे । न ही उन लोगों ने अपनी सीट से खड़े होकर , आभा को रिस्पेक्ट दी और न ही उससे ढंग से बात की । जिससे आभा को काफी बुरा लग रहा था , साथ ही गुस्सा भी आ रहा था । जबकि उसकी सोच से उलट , सभी स्टूडेंट्स हंसे जा रहे थे । एक बॉय स्टूडेंट , अपनी हंसी कंट्रोल करते हुए बोला ।

लड़का - हमें पागल समझ रखा है क्या तुमने ...???? कोई भी हमारी क्लास में आएगा , मेज पर अपना समान रखेगा और हमारे सामने हमारी टीचर होने का दावा करेगा..., तो क्या हम मान लेंगे , कि वो हमारी टीचर है।

एक लड़की स्टूडेंट - हाइट देखी है अपनी ....??? सिक्स्थ सेवेंथ क्लास में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स के बराबर है । और तो और अपना आधा चेहरा भी ढका हुआ है तुमने , जैसे अगर हम सभी देख लेंगे , तो डर जायेंगे ।

दूसरी लड़की स्टूडेंट - अरे इतनी ही खूबसूरत हो , तो अपना चेहरा छुपाकर क्यों रखा हुआ है , कौन सा हमारी नज़र लग जाएगी तुम्हें ...????

एक स्टूडेंट्स लड़का - वैसे भी , हम लड़के यूं ही हर किसी पर नहीं फिसलते । इस लिए अपना चेहरा छुपाने की कोई जरूरत नहीं है तुम्हें ।

दूसरा स्टूडेंट्स लड़का - न ही हाइट है और चेहरा भी आधा छुपाया हुआ है , इसके बावजूद भी तुम खुद को हमारा टीचर बोल रही हो । लक्षण ही नहीं है तुम्हारी पार्सनल्टी में, हमारी टीचर होने के । तुम्हारे झूठ से अच्छा तो यही होगा , कि हम खुद ही हिस्ट्री पढ़ लें ।

स्टूडेंट्स की बातें अब आभा के बर्दास्त से बाहर हो रही थीं । गुस्सा तो उसे आ रहा था , साथ ही अपनी इंसल्ट पर बुरा भी महसूस कर रही थी । लेकिन वो आज ऐसी जगह पर खड़ी थी , जहां स्टूडेंट्स चौथी क्लास के नहीं , बल्कि इलेवंथ क्लास के थे । जिनपर वह न तो चिल्ला सकती थी और न ही उन्हें इस वक्त पनिश कर सकती थी । और स्टूडेंट्स के व्यवहार को देखकर लग रहा था , कि वे शांति से तो आभा की एक भी बात नहीं सुनने वाले । आभा ने अब खुद को संभाला और जैसे ही स्टूडेंट्स से कुछ कहने को हुई , कि तभी क्लास के दरवाजे पर स्कूल की प्रिंसिपल आ गई । प्रिंसिपल मैडम को देखते ही , आभा ने इस वक्त शांत रहना ही उचित समझा , क्योंकि उसे उम्मीद थी, कि मैम अब सब अपने तरीके से संभाल लेंगी । वहीं स्टूडेंट्स ने जैसे ही प्रिंसिपल मैम को देखा , सभी सकपका गए । क्लास में अचानक से शांति पसर गई , वो भी इतनी......, कि एक सुई भी गिरे, तो उसकी आवाज़ सभी के कानों में बराबर पहुंचे । जब प्रिंसिपल मैम आभा के बगल में जाकर खड़ी हुईं और गुस्से से सारे स्टूडेंट्स को उन्होंने घूरा , तो सभी को जैसे होश आया । सभी अपनी - अपनी सीट पर खड़े हो गए और तुरंत सभी ने एक लय में प्रिंसिपल मैम को गुड आफ्टर नून विश किया । इतना बोलकर सभी शांत हो गए और प्रिंसिपल मैम ने सभी को अपनी सीट पर बैठने की इजाजत दी । सभी स्टूडेंट्स शांति का परिचय देते हुए बैठ गए । प्रिंसिपल मैम ने आभा की तरफ मुस्कुराते हुए देखा । प्रिंसिपल मैम के आभा को इस तरह देखने से , सारे स्टूडेंट्स सकते में आ गए । अब सभी को डर था , कि कहीं प्रिंसिपल मैम ने उन सभी स्टूडेंट्स की बातें तो नहीं सुन लीं । और अगर नहीं भी सुनी , तो कहीं आभा उनकी शिकायत प्रिंसिपल मैम से तो नहीं कर देगी....!!! क्योंकि सभी ने एक तरह से आभा का मजाक उड़ाया था और उसकी इंसल्ट भी की थी ।

इन सबके बीच , ये बात अभी भी पहेली बनी हुई थी , कि आभा ने जो सारे स्टूडेंट्स से कहा , वो सच है या फिर झूठ । अब एक और टेंशन स्टूडेंट्स को मन ही मन खाए जा रही थी , कि अगर आभा सच में टीचर हुई , तो वो सारे स्टूडेंट्स के साथ क्या करेगी , और साथ में किस तरह की पनिशमेंट देगी ..........।

क्रमशः