Aabha - 5 books and stories free download online pdf in Hindi

आभा.…...( जीवन की अग्निपरीक्षा ) - 5





शाम के करीब सात बज रहे थे और आभा का फोन बार - बार रिंग होकर कट रहा था । आभा गहरी नींद में थी । लेकिन फिर फोन की आवाज़ सुनकर, आखिर उसकी नींद खुल ही गई । उसने अपनी आंखें मली और अपनी नज़र दीवाल घड़ी पर घुमाई , तो उसे टाइम का पता चला । वो सोचने लगी कि रोते - रोते कब उसकी आंख लग गई उसे पता ही नहीं चला , और शायद पिछले कुछ घंटों से वह गहरी नींद में ही है । वह बिस्तर से उठी और कबर्ड से कपड़े निकालने लगी , कि उसका फोन फिर से रिंग हुआ । उसने कपड़े निकाल कर अपने एक हाथ में लिए और फिर दूसरे हाथ से कबर्ड बंद कर , फोन की तरफ बढ़ी । उसने फोन को स्क्रीन पर देखा , कॉलर का नाम देखकर उसने फोन नहीं उठाया और उसे इग्नोर कर बाथरूम में चली गई । कुछ मिनटों बाद जब वह दोबारा रूम में आई , तो उसका फोन दोबारा रिंग हुआ । उसने इस बार भी इग्नोर किया । कई बार फोन रिंग हुआ , जब वह अपना करा ठीक कर रही थी तब , लेकिन आभा फोन इग्नोर करती रही । जब फोन का रिंग होना बंद नहीं हुआ , तो तंग आकर आभा ने फोन उठाया और बिस्तर पर बैठते हुए , सामने वाली की आवाज़ सुने बिना ही वह झल्लाकर बोली ।

आभा - चैन नहीं है न आपको...???? कर दी न मां ने मेरी शिकायत आपसे । चैन नहीं है उनको भी , संदेश वाहक बनने का बहुत शौक चढ़ा रहता है उनको । और आप......, आप तो बस उसके कहे अनुसार ही चलिए । वो जो कहती हैं आप मान लेते हैं और बाद में फिर चालू हो जाते हैं मुझे ज्ञान देने के लिए । ऐसा क्यों करते हैं आप लोग मेरे साथ भैया....????

मानव ( आभा का बड़ा भाई ) - गुड़िया......!!!! मैंने तो सिर्फ तेरा हाल - चाल पूछने के लिए फोन किया था । और तेरी भाभी भी कब से तेरे बारे में पूछ रही थी , इस लिए मैं फोन कर रहा था । पर तुम तो फोन ही नहीं उठा रही थी ।

आभा ( मासूमियत से ) - मतलब कि मां ने आपसे कुछ नहीं कहा , जो कुछ भी आज हुआ उसके बारे में...???? ( मानव ने इस बात पर कुछ नहीं कहा , तो आभा को हल्का गुस्सा आ गया ) मतलब कि मैं ठीक ही सोच रही हूं , मां के कहने पर ही फोन किया गया है मुझे .....।

परिधि ( आभा की भाभी ) - गुड़िया , तुम गलत समझ रही हो । हम तो बस तुमसे बात करना चाहते थे , सिर्फ मां का आज के बारे में बताना ही वजह नहीं है , हमारा तुमसे बात करना । हम तो वैसे भी तुमसे बात करना चाहते थे ।

आभा ( गुस्से में ) - फोन स्पीकर पर कर रखा है न आप दोनो ने....!!! ( दोनो कोई जवाब नहीं देते ) मां की बातों को और उनकी शिकायतों को कवर अप मत कीजिए भाभी । आप भी जानती हैं और मैं भी , कि मैं जब गुस्सा होती हूं या फिर आज जैसा कुछ होता है , तो मां हमेशा आप लोगों से मुझे बात कर समझाने के लिए कहती हैं । जैसे मैं 27 साल की लड़की, अनपढ़ हूं । मुझमें में कोई समझ है ही नहीं.....।

मानव ( हल्की ऊंची आवाज़ में ) - ये क्या तरीका है गुड़िया , अपनी भाभी से बात करने का....????

मानव की बात पर , परिधि उसे शांत रहने के लिए कहती है । और इधर आभा को भी अपनी गलती का एहसास होता है , तो वह कहती है ।

आभा - माफ कीजिएगा भाभी....., जो अगर मैंने कुछ ऐसा कह दिया हो जिससे आपको बुरा लगा हो । पर मैं आए दिन ये सब नहीं बर्दास्त कर सकती । अगर ये सब मेरे तक ही सीमित होता , तब भी मुझे मंजूर था । लेकिन ये इंसल्ट मेरे साथ - साथ , मां पापा की भी होती है । नही झेला जाता मुझसे ये सब....।

परिधि - तुम्हें मुझसे माफी मांगने की जरूरत नहीं है गुड़िया । मैं अच्छे से समझ सकती हूं तुम्हारे हालातों को ।

मानव - गुड़िया...., मां गलत तो नहीं कह रही हैं न ....। वो तुम्हारा भला चाहती हैं । और साथ में हम सब भी । हम भी चाहते हैं , कि तुम अपनी जिंदगी में आगे बढ़ो , तुम्हारी जिंदगी में भी खुशियां आएं । और जहां तक रही इन सबकी बात , तो हम लड़की वाले हैं बेटा...., लड़की वालों को ये सब झेलना ही पड़ता है अपने तरफ ।

आभा - बाकियों का नहीं पता भैया...., लेकिन पिछले कई सालों से ये सब चल रहा है । चप्पल घिस गईं हैं पापा और मां की , शादी के लिए रिश्ते ढूंढते हुए । इतने पैसे वाले होने के बाद भी उनकी बेटी को एक लड़का पसंद नहीं कर पा रहा । फिर आपको नहीं लगता कि इन सबके बाद , अब आप लोगों को ये रिश्ते वगेरह ढूंढना छोड़ देना चाहिए । मेरी किस्मत में ही शादी करना नहीं लिखा है , तो क्यों आप लोग जबरदस्ती मेरी शादी की रट लगाए बैठे हैं.....??? और हर बार अपनी इंसल्ट करवाकर बैठ जाते हैं ।

मानव - तुम समझ क्यों नहीं रही हो गुडिया...??? तुम्हारी खुशी के लिए ही तो ये सब........।

आभा ( मानव की बात पूरी होने से पहले ही ) - कौन सी किताब में ये लिखा है भैया , कि शादी करने के बाद ही लड़की को खुशी नसीब होती है ....!!!! और भैया , आपसे हमारी असलियत तो छुपी नहीं है ...!!!! कौन लड़का , एक जली हुई लड़की को अपनी पत्नी बनाएगा...???? और सच कहें भैया , तो हमें कोई इंट्रेस्ट नहीं है शादी करने में , हम ऐसे ही ठीक हैं । वैसे भी , किसी शास्त्र में नहीं लिखा है कि लड़कीयां कुंवारी नहीं रह सकती । और दुनिया में हैं भी ऐसी लड़कियां जो कुंवारी है और अपनी जिंदगी में खुश भी । वो अलग बात है कि आप लोग मुझे अब बोझ समझने लगे हैं , इस लिए आप शादी करना चाहते हैं मेरी ।

मानव ( उसे डपटते हुए ) - खबरदार जो दोबारा ऐसी बात कही तो , एक लड़की कभी अपने घर वालों के ऊपर बोझ नहीं होती , बल्कि वो तो घर की वो सोन चिड़िया होती है , जिसके कारण हर किसी के चेहरे पर मुस्कान बनी रहती है ।

आभा ( बिना किसी भाव से ) - पर हम तो कोयल से भी गए गुजरे हो गए हैं भैया......।

परिधि - अरे गुड़िया , ऐसी बातें नहीं करते । कोयल तो काली होती है , लेकिन उसकी मधुर आवाज देखो...., कितनी सुरीली होती है । कोयल अपने टैलेंट से ही दुनिया में प्रसिद्ध है......।

आभा ( बीच में ) - और हम भाभी....., हमारी तो सूरत के आगे सारा टैलेंट गायब हो जाता है । चेहरे की गोराई भी नहीं देखता कोई हमारी । हमारे साथ वो सब हुआ , क्या उसमें हमारी गलती है....???? उसके बाद भी लोग हमें ही भला - बुरा कहते हैं । और अब तो आप सब भी हमें बर्दास्त नहीं कर पा रहे हैं , इस लिए हमारी शादी करवाना चाहते हैं । ये सूरत अब आप लोगों को भी बर्दास्त नहीं होती और अब आप भी लोगों के तानों को नहीं सुन सकते , इस लिए मुझे शादी करके घर से बाहर करना चाहते हैं आप लोग , ताकि आप लोग इस रोज - रोज के सिर दर्द से आजाद हो सकें । आप जो कह रहे हैं मैं सब समझ रही हूं , मां पापा सभी को समझ रही हूं । पर कोई मुझे भी तो समझे....., नहीं चाहती मैं शादी करना । मेरी किस्मत में अगर शादी लिखी होती , तो कब का दामाद मिल चुका होता आपको , लेकिन मेरा नसीब ही भगवान ने फूटा बनाया हुआ है , तो इसमें मेरा क्या खोट....????

आभा की बात सुनकर , मानव और परिधि के पास कोई जवाब नहीं था । कुछ वक्त फोन में शांति पसरी रही , और आभा की आसुओं से भरी सिसकी , मानव और परिधि सुन रहे थे , जिसे सुनकर उन्हें इतनी तकलीफ हो रही थी , जैसे कोई बहुत बड़ी चट्टान उन लोगों के ऊपर गिर गई हो , और वो उसे संभाल न पा रहे हों । आभा उस घर में बोझ नहीं थी , ये सब जानते थे। लेकिन वो इस बात को आभा को कैसे समझाएं , ये उनके लिए बेहद ही मुस्कील था । आभा की शादी करवाके वो लोग उसे सारे तकलीफों से मुक्ति दिलाना चाहते थे , लेकिन आभा को उसकी तकलीफों से मुक्ति मिलने की जगह , उसकी तकलीफें और बढ़ती ही जा रही थी । पता नहीं .... , आभा सच में कभी अपनी तकलीफों से मुक्त हो पाएगी भी या नहीं.....!!!!!

क्रमशः