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मेरा Hero (भाग-1) - कॉलेज के पहले ही दिन हो गया काण्ड

यह कहनी है एक अनोखी लड़की की जो जितनी प्यारी है उतनी ही खतरनाक अपको लग रहा होगा कैसे तो आप आगे देखते जाईये इनके कारनामे। श्रुति शर्मा जो आगरा मे पली बड़ी माँ पापा की लडली बेटी है। अपने बचपन की दोस्त अंजलि के साथ दिल्ली ग्रेजुयेसन करने आयी है और कॉलेज के नज़दीक के ही PG में ही सिफ्ट हो चुकी हैं । अब इस कॉलेज में आने के बाद श्रुति की जिन्दगी में क्या बदलाव आते है । तो चलिये देखते हैं होता क्या है आगे --

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टन-टन----- अलार्म बजते ही अंजलि उठती है "ओफ्फो आज कॉलेज भी जाना है और ये श्रुति की बच्ची अभी तक सोयी है कल ही सिफ्ट हुये ऊपर से रात भर मूवी देखेगी और अब ध्यान ही नही है की हमे कॉलेज भी जांना है। बोलते हुए अन्जली श्रुति को उठने लगती है- श्रुति उठ जा आज कॉलेज नही जाना क्या 7 बज गए हैं और 9 बजे से कॉलेज है? श्रुति अपने तकिये से मुँह को ढकते हुए कहती है- अरे मेरी प्यारी अंजू थोड़ा और सोने दे बस 5 मिनट तू जा तैयार हो मै आ रही हूँ प्लीज्जज़्ज़ मेरी प्यारी बहना । ठीक है जल्दी उठ जाना- कहते हुए अंजलि बाथरूम मे चली जाती है और फिर तैयार होकर निचे मेस से खाना लाने चली जाती है।
जब 8:30 पर वो ऊपर रुम में नस्ता लेकर आती है तो देखती है श्रुति अभी तक सोयी है - हेय भगवान क्या होगा इस लड़की का? फिर अन्जली कडक आवाज मे बोलती है -" श्रुति बेटा आप अभी तक सोयी है ।" ये आवज सुनते ही मानो जादू हो गया हो श्रुति उठकर बैड पर बैठ जाती है और घबरते हुए बोलती है- ब ब बड़े तऊजी आप ओ तो म मै हा ओ मेरा सपना देखने का मन कर रहा था इसिलिए आँखे बन्द कर रखी थी । इतने पर जोर से हंसने की आवज आती है- हा-हा-हा ।अन्जली हँसते हुये कहती है - "कुछ भी हो श्रुति तू अपने उस कडूस ताऊजी से डरती बहुत है अच्छा चल अब जल्दी से तैयार हो जा और हा नस्ता मैने ला दिया है खा लेना 8:30 बज गए हैं आज हम कॉलेज के पहले दिन ही ना लेट हो जायें ।" " क्या! 8:30 हो गए अंजू तूने पहले क्यूँ नही उठाया।" इतना सुनते ही अन्जली घुर कर श्रुति को देखने लगती है।अच्छा ठीक है मै ही नही उठी तू घूर मत तेरी घुरती हुई नजरे किसी खंजर का कम करती है क्या तू अपनी प्यारी दोस्त को मारना चाहती है? "श्रुति बस भी कर आज कॉलेज का पहला दिन है अगर लेट हो गए तो पहले ही दिन पूरे कॉलेज में क्या इज्जत रह जायेगी अब जा जल्दी। बाथरूम ।

इधर दुसरी तरफ शिन्घानिया विला में पूरा माहोल गर्म था । सारे नौकर डर से कांप रहे थे एक मेड अपनी बगल वाली मेड से कहती है-"अब पता नही छोटे सर का गुस्सा किसको ले डूबेगा।" दुसरी मेड- 'चुप करो अपना काम करो सिधे से नही तो तुम जानती ही हो क्या होगा सर का गुस्सा हमारे ऊपर ही फुट पड़ेगा।' "मॉम मुझे नही जाना उस कॉलेज मे पढ़ने मुझे अपना ग्रेजुएसन US से करना था मैं यहाँ पर नही पढ़ सकता पर डैड ने तो पहले ही मेरा यहाँ ऐडमिसन करा रखा है ।" - शौर्य चीखते हुये बोला। सरिता जी उसे समझते हुये बोली- 'बेटा तू समझने की कोशिश तो कर तू अगर US चला गया तो तेरे YOUNGEST ENTREPRENEUR OF INDIA के टाइटल का क्या होगा और तेरे उस मैडिकल कंपनी का क्या होगा जिसने तूने इतनी छोटी सी उम्र मे खुन पसीना एक कर के खड़ा किया है ।' शौर्य - 'ओ सब रोहित सम्हाल लेता बस कुछ सालों की तो बात है।' तभी शौर्य के डैड यानी रुद्रप्रताप शिन्घानिया आते हुये बोलते है- ठीक ही तो बोल रही हैं सरिता जी वैसे भी हम दोनो US ही सिफ्ट होने वाले है आखिर वहाँ का बिज़नेस भी तो सम्हालना पड़ेगा ।" "ओह्ह्ह, तो यह बात है आप US सिफ्ट होना चहते है और यहाँ का सारा बिज़नेस मेरे गले बाधना चाहते है तभी तो यहाँ मेरा ऐडमिसन करा रखे है।"
" बस बहुत हुआ, चुप करो ।"- रुद्रप्रताप शिन्घानिया गुस्से से बोलते है। अभी शौर्य कुछ बोलने ही वाला था की उसका फ़ोन बजने लगता है।' हेलो हा रोहित बोलो क्या हुआ बस तुम भी दिमाग खराब करने वाली बात मत करना।
' रोहित- ' अरे सुन तो सही, ओ जो हमारे मेडिकल कंपनी में ड्रग्स के घपले हो रहे थे उनका लिंक दिल्ली नेशनल कॉलेज से मिल रहा है। जिस नम्बर से सारे कीमती ड्रग्स के तस्करी के लिये मोहन को कॉल आते थे उनका लोकेशन कॉलेज मे ही दिखा रहा है और हाँ उस मोहन को पकड़ने की पूरी कोशिश की जा रही है।" 'तो जल्दी से investigation officers को भेजो कॉलेज में ।'- शौर्य ने बोला।रोहित ने समझाते हुये कहा-" देखो अगर हम किसी ऑफिसर को वहा भेजते है तो वह जो भी है alert हो जायेगा और यह भी हो सकता है वो हमसे बच निकले अगर हम बिना उसे पता चले investigate करे तो उसे पकड़ सकते है आखिर वो भी बहुत शातिर ही होगा तभी तो कोई जान नही पाता की इन सब के पीछे कौन है।' शौर्य - 'तो हम क्या करे।' रोहित-" हमे किसी तरह से उस कॉलेज मे जाना होगा। " शौर्य कुछ सोचते हुये पुछ्ता है- वैसे तुमने कॉलेज का क्या नाम बताया था।" ' दिल्ली नेशनल कॉलेज' - उधर फोने की दुसरी तरफ से उत्तर आता है। शौर्य फ़ोन को hold पर रख कर कडक अवाज में अपने डैड से पूछता है- ' आपने किस कॉलेज में मेरा entry करवाया है ।' Delhi national college - उसके डैड उत्तर देते है। शौर्य- Ok fine I'm ready.सरिता जी खुश होते हुये - क्या? तुम कॉलेज जाने के लिये ready हो? शौर्य - "hmmm". शौर्य कॉल को unhold कर के - रोहित be ready हम अपना graduation उसी कॉलेज से करेगे। मेरा addmision हो चुका है वहा पर तुम्हारा भी मै अपने sources से करवा दूँगा । so आज हमारा पहला दिन है उस कॉलेज में।' ok कह कर रोहित फोने कट कर देता है। तभी सामने से sunglasses लगाए जीन्स टॉप पहने purse ताँगे एक बुजुर्ग महिला सिढीयो से उतरती हुये खुश होकर बोलती- " हेय everyone आज मै बहुत बहुत खुश आखिर मेरा शौर्य वापस US जो नही जा रहा इसलिए मैने सोचा है कि क्यू ना मै भी यही रुक जाती हू." क्या माँ आप US नही जाओगी- सरिता जी shock मे बोलती है।" ' no babes i'm not going , और तुम्हारी हिम्मत कैसे हुयी मुझे माँ कहने की मै तुम्हे बूढ़ी दिखती हू क्या? तभी सरिता जी थोड़ा ताना मारते हुये मजाक मे बोलती है - 'नही नही अभी तो आप अठ्रह बरस की कुवरी कली लगती है।' दादी भी सरिता जी का साथ देते हुये कहती है- तो क्या अभी अगर देवानन्द , किशोर कुमार और राज कपूर होते तो पागल आशिको की तरह मेरे पीछे - हाय गर्मी सोंग गाते फिरते।' तभी शौर्य इन सब से चिडहते हुये बोलता है- दादी अब जाओ shopping करने आपको देरी नही हो रही क्या।दादी- ओह्ह my god मेरी bestie मेरा वेट कर रही होगी।' इतना कह कर दादी वहा से चली जाती हैं और शौर्य भी तैयार होकर रोहित को लेकर कॉलेज निकल जाता है ।

श्रुति नहाने के बाद बाहर आती है और अन्जली से पूछती है - "बता ना कौनसा ड्रेस पहनूँ ? अंजलि- कोई फैसन शो नहीं हो रहा हैं कॉलेज जा रहे है हम।श्रुति मुह बनाते हुये बोलती है- 'क्या यार कितना डाटाती है मै आ रही हू ड्रेस पहनकर तू नीचे गेट पर मेरा वेट कर।" अन्जली नीचे चली जाती है। लगभग 5 मिनट बाद श्रुति लाल हुडी और काला जीन्स और एक पोनी टेल किये निचे आती है । अन्जली - "अब चल जल्दी 8:55 हो चुका है पता नही कोई टैक्सी मिलेगी भी या नही।" दोनो पैदल ही चल देती है। रास्ते में अंजलि बोलती है- " वैसे आज तू किसी पताके से कम नहीं लग रही कोई भी देख कर लटू हो.... अन्जली पूरा बोल ही पाति की श्रुति बोलती है- वो देख एक कार आ रही है चल लिफ्ट माँगते है।कार के नजदीक आते ही दोनों चिलाते हुये बोलने लगती है - लिफ्ट प्लीज.. कार सामने रुक जाती है लेकिन जब श्रुति थोड़ा आगे जाती है तब तक कार चल जाती है जिससे श्रुति को थोड़ा सा टक्कर लग जाती है- " आऊछछ , पागल कही का उल्लु की आँखे हैं या गधे की दिखता नही है क्या लिफ्ट नही देनी थी तो कम से कम तक्कर तो मत मारते ?" अंजलि- " सच में कितने बत्तमिज लोग है।" ऐसे ही पुरे रास्ते दोनो उस कार चलाने वाले को बुरा- भला कहते हुये कॉलेज पहुँचती है।

कार के अन्दर --- रोहित शौर्य की तरफ देखते हुये- शौर्य तूने उन लडकियो को लिफ्ट क्यू नही दिया कितनी खुबसूरत लग रही थी दोनो। शौर्य ड्राइव करते हुये बोला- मुझे उनमे कोई इंट्रेस्ट नही है। रोहित- 'कम से कम इंसानियत के नाते ही रोक देता कार दोनो कितना जल्दी मे थी। मै रहता तो इतनी सुन्दर लडकियो को पक्का अपनी कार मे बैठा लेता।काश मेरी भी लौटरी लग जाती।' शौर्य उसे घूर कर देखता है तो वह चुप हो जाता है। फिर दोनो ड्राइव कर के कॉलेज पहुंचते हैं ।

इधर ये दोनो भी 9:10 पर कॉलेज पहुँचती है तो देखकर दंग रह जाती हैं । श्रुति मुह बनते हुये- यह क्या गेट तो बन्द हो गया। अंजलि गुस्से से- सब तेरी वजह से हुआ है। श्रुति - गुस्सा क्यू हो रही है मै कुछ करती हूँ ना। इतना कहकर श्रुति watchman के पास पहुच जाती है और गेट के बाहर से ही कहती है - और काका क्या हाल चाल है ? सब ठीक है ना?" Watchman थोडा moody किस्म का व्यक्ति था उसने बोला-' तुमसे क्या मतलब।' श्रुति मन मे बडबडाते हुये बोलती है टकले तेरे से काम नही होता तो इतना अच्छे से नही बोलती और फिर बोलती है- 'वो क्या है ना अंकल हम आज थोड़ा लेट हो गये है तो आप प्लीज हमे अन्दर जाने दिजीये।'
watchman - तो यह बात है तुम जैसे गंदे लोग रात भर पार्टी करते है और सुबह देर से उठते है फिर बोलते है हम लेट हो गए।' इतना सुनते ही श्रुति को गुस्सा आ जाता है और वो बोलती है- अरे वो टक्ले मै कुछ बोल नही रही तो कुछ भी बकता चला जायेगा मै चली जाऊंगी अन्दर वो भी बिना तुम्हारे मदद के समझे।' watchman गुस्से से- मै भी देखता हू कैसे जाती हो अन्दर।'
तभी अन्जली दोनो की बहस सुन कर आती और श्रुति का हाथ खिच कर ले जाती है।श्रुति-टक्ले तुझे देख लुंगी। कहते हुये दुर हो जाती है। अंजलि- पागल है क्या! फालतू की लड़ाई करती रहती है पहले यह सोच अंदर कैसे जाये।' श्रुति कुछ देर सोचने के बाद - idea!।अंजलि-'क्या'। इसपर श्रुति बतती है की कॉलेज के पीछे की दिवार थोड़ी छोटी है जिसपर हम चड़ कर अन्दर जा सकते है। अंजलि थोडा घबराते हुये पुछती है- अगर किसी ने हमे पकड़ लिया तो । श्रुति - chill dear इस बार कुछ भी गड़बर नही होगा।अन्जली ठीक है कहते हुये श्रुति के साथ कॉलेज के पिछे की तरफ चल पड़ती हैं ।

दुसरि तरफ जब शौर्य के पीछे-पीछे रोहित भी कॉलेज पहुंचता हैं तो सारी लड़किया उनपर से अपनी नजर ही नहीं हटा पा रही थी और वही सारे लडके जल भुन कर एक हो रहे थे की कोई लड़की उनको भाव ही नही दे रही है सब उन्ही दोनो को तिरछी नजरो से देख रही थी। जिया- "यार क्या पर्सनालिटी है कितना handsome है ना आगे वाला।" सिया- ' मै तो इसे अपना BF बना लूं ।' जिया- 'भांड मे जा ये तो तेरा जिजा बनेगा।' "चुप करो तुम दोनो, वो तुम दोनो का जिजा बनेगा उसका नाम शौर्य शिन्घानिया है. He is youngest entrepreneur of india. वह मेरे डैड के friend का बेटा है।"-पीछे से मानसी बोलती है। 'वैसे पीछे वाले का क्या नाम है वो भी तो बहुत क्यूट है ना '- बगल से आवाज आती है।

सब बगल मे देखते है तो एक cute सी गोल मटोल लड़की मुँह मे बर्गर खाते हुये उन्हीं की तरह उन दोनो hot boys को देख रही थी। मानसी मुह बनाते हुये थोड़ा attitude मे बोलती है - 'रोहित सिंह । वो शौर्य का बचपन का दोस्त है।' वो क्यूट सी लड़की जिसका नाम अविका था बोलती है- 'ohh achha'. वही फील्ड मे पेड़ के नीचे दो आँखे शौर्य और रोहित को ही घूर रही थी फिर वो पेड़ के पीछे वाला आदमी किसी को कॉल करते हुये बोलता है- ' boss वो दोनो कॉलेज मे आये हैं।' ' कोई बात नही उनके बाप ने जबरदस्ती उन्हे यहाँ भेजा है हमे कोई खतरा नही है उनसे।' इतना कहते ही कॉल के दुसरी तरफ वाला इन्सान कॉल काट देता है।टिया कनिस्का से -एक बार चल कर देख तो दो handsome लड़के आये है। मै तो फ्लैट हो गयी उस आगे वाले के charm पर और पीछे वाला भी किसी prince से कम नही लग रहा है ।' 'shut up , वो शौर्य है।" तू उन्हे जानती है - टिया आश्चर्य से पूछती है। अभी कनिस्का कुछ बोलने ही वाली थी की एक announcement होती- Everybody attention please, आज आपके कॉलेज के फ़र्स्ट डे पर college adminstration आपसे कुछ कहना चाहता है और आपको हमारे special students से मिलवाना चाहता है इसलिये सारे लोग 9:15 pm तक कॉलेज के पीछे वाले special announcement hall मे आ जाये।"
सारे स्टुडेंत्स जाने लगते है वही पर शौर्य अब भी उस लिफ्ट माँगने वाली लाल ड्रेस में लड़की को ही imagine कर पा रहा था।रोहित के बार बार बुलाने पर भी जब शौर्य कुछ नही बोला तो रोहित ने उसका कन्धा हिलते हुये बोला - 'कहा खोया है।'
शौर्य सकपकाते हुये होश मे आया और अपनी चोरी छिपते हुये बोला- चलो hall मे हमे देरी हो रही है।रोहित उसकी बात सुनकर बोलता है - तू भी अजिब है बिल्कुल यही तो मै भी तब से बोल रहा हू।शौर्य उसकी बातो को बिना सुने ही आगे बढ़ जाता है तो रोहित भी उसके पीछे-पीछे hall की तरफ चला जाता है।

जब अंजलि और श्रुति कॉलेज के पीछे वाले दिवार के पास पहुँचती है तो दोनो इससे अंजान रहती है की कॉलेज के सारे लोग उसी तरफ है तभी अंजलि बोलती है- 'अब इसके उस पार कैसे जाये।' 'कैसे क्या जाये तू मुझे थोड़ा ऊपर उठना मै दिवार पर चढ़ कर तुझे भी ऊपर खिच लुंगी।'- श्रुति अपने छोटे से दिमाग को चलते हुये बोलती है। फिर दोनो वैसा ही करने लगती है जब श्रुति ऊपर दिवार पर चढ़ जाती है तो अपना बैलेंस खो देती है और इधर सारे स्टूडेंट्स hall मे आ चुके थे फिर ऐडमिनिस्ट्रेशन हेड बोलते है- Good morning every on... eee... तभी धड़ाम की अवाज के साथ ठीक हेड के पीछे श्रुति गिरती है।

क्रमश:

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